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Wednesday, 13 March 2013

AMITABH BACHCHAN KI KUNDLI ME RAJYOG [AK VISHLESAN]




                     AMITABH BACHCHAN KI KUNDLI ME RAJYOG [AK VISHLESAN]
अमिताभ  बच्चन कि कुंडली  में राजयोग  [एक विशलेषण]   

जातक का नाम ---अमिताभबच्चन
जन्म समय ------16 :००
जन्म स्थान ------इलाहाबाद
                                                   जन्म कुंडली

  
  
                                                                                                                                                 
वर्तमान में केतु महादशा चलरही है |जो   कुछ कष्ट  व तनाव आदि देती है |
एक विशलेषण--------जातकका  जन्म कुभ लग्न  में हुआ   शनि कि लग्न पर पूर्ण दृष्टि है अत: लम्बा कद आकर्षक व्यक्तित्वका धनी बनता  है चतुर्थ  स्थान  में शनि  जनता में  प्रसिद्धी दिलाता है जोकरोड़ो  दिल  पर राज कर  रहे है  लेकिन शनि कठिन परिश्रम  व सघर्ष  के बाद ऊचाईयो  पर पहुँचाता है |
धन स्थान  का स्वामी गुरु उच्च  राशी में  षष्ठ भाव  में एवम धन भाव को पूर्ण दृष्टि  से देख रहा है  जो बहुत धनवान प्रसिद्धी कीर्ति ऐश्वर्य  सम्मानित  बनाता है |
विधा स्थान  का  स्वामी अष्टम में  रहने से गुप्त ज्ञान  कला से लाभ दिलाता है बुध महादशा में फल घटित व शुभ करी |
अष्टम में चार ग्रहराजयोग  का निमार्ण  कर रहे है सभी  जानते है वैसे  तो जातक  कि कुंडली में  अनेक शुभ योग  बने है कुछ प्रमुख जो सत्य हुए का  वर्णन प्रस्तुत है |

केदार योग ------------
गजकेशरी योग --------चन्द्र से  केंद्र में  उच्चराशी का गुरु --->जातक तेजस्वी धन धान्यसे युक्त  मेधावी गुणी  राज प्रिय होता है  जातक केसरी  [शेर ] कि तरह अपने शत्रु वर्गो को नष्ट कर देता है ऐसा जातक सभा औ में प्रोढ़ [जिसका वाणीपर  अधिकार हो मन्त्र  मुग्ध वाणी तीव्र बुधि  महान यश प्राप्त करने वाला अपने स्वाभिक तेज से ही ओरो को जितने वाला मनों अनुकूलकार्य  करने वाला तथा सम्मानित  पद ओर धन वान  प्रबल आदर्श  वादी  आध्यात्मिक ता  में रुचि होती है |
अनफा योग ----------------जातक गंधर्व[गान  नृत्य  कला ]  विधा में लेखन में चतुर भाषण  में निपुण राज्य से आदर व सत्कार पाने वाला सुंदर शरीर वाला ओर प्रसिद्ध कार्य कर्ता होता है |
सफल अमल  कीर्ति योग ----------
काहल योग -----------जातक ओजस्वी  सम्पदा से युक्त अपने क्षेत्र  का प्रमुख होता है |
राजयोग ----------सर्वोच्चपद व सम्मानित |
सरल योग ---------अतुल सम्पदा देता है |
महा दीर्घायु योग ---------त्रिकोण में  कोई पाप  ग्रह  न हो  शुभ ग्रहओ से केंद्र विहीन हो अष्टम में पाप ग्रह हो तो यह योग होता है |[ग्रथजातक परिजात]
जातक को उत्तम   आयु और  दिव्य बनाता  है |
muktajyotishs@gmail.com

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