Saturday, 28 June 2014

noukri vyapar karobar me trkki ke liye kre ---budh upasana

नौकरी  व्यापार कारोबार में तरक्की के लिए करे ---->बुध उपासना 


noukri vyapar karobar me trkki ke liye kre ---budh upasana 












क्या आपका मन किसी काम में नहीं लगता? क्या बार- बार किसी काम को करने से हतोत्साहित हो जाते हैं? या फिर व्यापार को लेकर आप हमेशा असंतुष्ठ रहते हैं?
तो इन समस्याओं के छुटकारा पाने के लिए बुधवार का व्रत कर सकते हैं। यह व्रत स्त्री-पुरुष दोनों के लिए ही कल्याणकरी होता है।
सर्वप्रथम नित्यकर्मों से मुक्त होकर बुध देवता के मंत्र से बुध ॐ बुं बुधाय नम: मन्त्र से ध्यान कर बुध का चित्र या बुध का यंत्र हरे वस्त्र  में स्थापित करना चाहिए। उनपर बेलपत्र, अक्षत, धूप और दीप जलाकर विधिवत पूजा करनी चाहिए। व्रत में हरी वस्तुओं का उपयोग करना  चाहिए। मूंग का हलवा, हरे फल, छोटी इलाइची का विशेष महत्व है। बुध का यंत्र प्राणप्रतिषठत होना चाहिए|
बुधवार का व्रत को विशाखा नक्षत्र में बुधवार के दिन से आरंभ करना चाहिए, जिसे 31 या 21 सप्ताह तक करना चाहिए। इस योग के नहीं मिलने की स्थिति में इस व्रत को किसी भी माह में शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से किया जा सकता है। ब्राह्मणों को भोजन करवाकर यथाशक्ति दान देना चाहिए। 
बुध कबच ,स्तोत्र कथा दान    एवम मन्त्र 108 बार जप करना चाहिए|



 बुधवार व्रत कथा : एक समय एक व्यक्ति अपनी पत्नी को विदा करवाने के लिए अपनी ससुराल गया। वहां पर कुछ दिन रहने के पश्चात् सास-ससुर से विदा करने के लिए कहा। किंतु सब ने कहा कि आज बुधवार का दिन है आज के दिन गमन नहीं करते हैं। वह व्यक्ति किसी प्रकार न माना और हठधर्मी करके बुधवार के दिन ही पत्नी को विदा कराकर अपने नगर को चल पड़ा। राह में उसकी पत्नी को प्यास लगी तो उसने अपने पति से कहा कि मुझे बहुत जोर से प्यास लगी हो तब वह व्यक्ति लोटा लेकर रथ से उतरकर जल लेने चला गया। जैसे ही वह व्यक्ति पानी लेकर अपनी पत्नी के निकट आया तो वह यह देखकर आश्चर्य से चकित रह गया कि ठीक अपनी ही जैसी सूरत तथा वैसी ही वेश-भूषा में एक व्यक्ति उसकी पत्नी के साथ रथ में बैठा हुआ है। उसने क्रोध से कहा कि तू कौन है जो मेरी पत्नी के निकट बैठा हुआ है। दूसरा व्यक्ति बोला यह मेरी पत्नी है। मैं अभी-अभी ससुराल से विदा कराकर ला रहा हूं। वे दोनों व्यक्ति परस्पर झगड़ने लगे। तभी राज्य के सिपाही आकर लौटे वाले व्यक्ति को पकड़ने लगे। स्त्री से पूछा, तुम्हारा असली पति कौन-सा है? तब पत्नी शांत ही रही, क्योंकि दोनों एक जैसे थे, वह किसे अपना असली पति कहे। वह व्यक्ति ईश्वर से प्रार्थना करता हुआ बोला-हे परमेश्वर, यह क्या लीला है कि सच्चा झूठा बन रहा है। तभी आकाशवाणी हुई कि मूर्ख आज बुधवार के दिन तुझे गमन नहीं करना था। तूने किसी की बात नहीं मानी। यह सब लीला बुधदेव भगवान् की है। उस व्यक्ति ने बुधदेव से प्रार्थना की और अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी। तब बुधदेव जी प्रसन्न हो आशीर्वाद देकर अंतर्ध्यान हो गए। वह अपनी स्त्री को लेकर घर आया तथा बुधवार का व्रत वे दोनों पति-पत्नी नियमपूर्वक करने लगे। जो व्यक्ति इस कथा को श्रवण करता तथा सुनता है उसको बुधवार के दिन यात्रा करने का कोई दोष नहीं लगता, उसको सर्व प्रकार से सुखों की प्राप्ति होती है।

 दान की वस्तुएं : स्वर्ण, कान्स्य, स्टेशनरी का सामान, हरे वस्त्र, हरी सब्जियां, मूंग, तोता, घी, हरे रंग का पत्थर, पन्ना, केला व हरी वस्तुएं। 

Wednesday, 25 June 2014

janiye devi -devtaao ko shahdvhdhene se hoti hai dhan vrdhi


जानिए देवी-देवताओं को शहदचढ़ाने से होती है धन वृद्धि -->

janiye devi -devtaao ko shahdvhdhene se hoti hai dhan vrdhi

                                                                                                                                                                                      देवी-देवताओं के पूजन में कई प्रकार की विशेष सामग्रियों का उपयोग किया जाता है।

 इन चीजों में शहद का भी महत्वपूर्ण स्थान है।  

ऐसा माना जाता है कि देवी-देवताओं को शहद चढ़ाने से अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 
भगवान को शहद चढ़ाते समय यही भाव होने चाहिए कि हम भी शहद की तरह पवित्र और पुण्य कर्म करते रहे। हमारा चरित्र और व्यवहार भी शहद की तरह हो जाए। जिस प्रकार शहद पानी में आसानी से घुलता नहीं है और अपने गुणों को कम नहीं होने देता है। ठीक इसी प्रकार हमारा स्वभाव भी वैसा ही हो जाए, ताकि हम संसार में रहते हुए भी सांसारिक बुराइयों से बचे रहें।

 

गणेशजी पर शिव लिंग पर ,लक्ष्मी जीपर प्रात:काल 4 से 6 बीच समय में नित्य क्रिया स्नान के बाद पूजन में  यदि शहद से अभिषेक करे पवित्र मन से देव अनुरूप मन्त्र बोलते हुआ तो धन की   वृद्धि होती है |  


Saturday, 21 June 2014

ज्योतिष और आपका व्यवसाय jyotish aur aapka vyavsay

ज्योतिष और आपका व्यवसाय
jyotish aur aapka vyavsay

यदि आप अपनी जन्म कुंडली  से व्यवसाय और नोकरी जानना चहेत है आप व्यवसायनिश्चत नहीं है आपको व्यवसायमें अनेक संकटों का सामना करना पड़ रहा है जान सकते कोन सा कार्य सबसे अधिक लाभकारी रहेगा |यदि  आप नोकरी करना चहते है तो आप जन्म कुंडली से जान सकते है की योग है की नहीं |

ज्योतिष एक चमत्कारी शास्त्र है हमारे ऋषि मुनियों ने ज्योतिष शास्त्र में सभी समस्यायो के बारे में ग्रह नक्षत्र के आधार पर यदि आपको सही गणना करना आताहै तो आप अपने सम्पूर्ण जीवन की सही जान करी प्रप्ताकर सकते है यह व्यवस्था प्रचीन कल से चली आ रही है |

आप नोकरी और व्यवसाय की सही जानकरी प्रप्ता कर अपने जीवन से इस समस्या को दूर करे और तरक्की की राह पर आगे बढ़े |
      सम्पर्क ---->मुक्ता ज्योतिष समाधान केंद्र {अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त ,सहसंपदक " श्री   सर्वोत्तम हिन्दीपंचांग " |

mo.-->917697961597  e -mail  -- muktajyotishs@gmail.com