Monday, 28 July 2014

Til se bhvish vichar


Til se bhvish vichar

तिल से भविष्य विचार 



तिल सुंदरता का प्रतीक ही नहीं होते हैं बल्कि ये व्यक्ति के भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं का संकेत भी देते हैं। तिल के अध्ययन से जातक के भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है।
पुरुष के शरीर पर दाहिनी ओर तिल होना शुभ एवं लाभकारी माना गया है जबकि महिलाओं के बायीं तरफ वाले तिलशुभ एवं लाभकारी माना गया है |                                                                                 ललाट पर तिल- ललाट के मध्य भाग में तिल निर्मल प्रेम की निशानी है। ललाट के दाहिने तरफ का तिल किसी विषय विशेष में निपुणता, किंतु बायीं तरफ का तिल फिजूलखर्ची का प्रतीक होता है।
भौंहों पर तिल- यदि दोनों भौहों पर तिल हो तो जातक अकसर यात्रा करता रहता है। दाहिनी पर तिल सुखमय और बायीं पर तिल दुखमय दांपत्य जीवन का संकेत देता है।                                                                                                                                                                   आंख की पुतली पर तिल- दायीं पुतली पर तिल हो तो व्यक्ति के विचार उच्च होते हैं। बायीं पुतली पर तिल वालों के विचार ठीक नहीं होते हैं। पुतली पर तिल वाले लोग सामान्यत: भावुक होते हैं।
  • पलकों पर तिल- आंख की पलकों पर तिल हो तो जातक संवेदनशील होता है। दायीं पलक पर तिल वाले बायीं वालों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं।
  • आंख पर तिल- दायीं आंख पर तिल स्त्री से मेल होने का एवं बायीं आंख पर तिल स्त्री से अनबन होने का आभास देता है।
  • कान पर तिल- कान पर तिल व्यक्ति के अल्पायु होने का संकेत देता है।
  • नाक पर तिल- नाक पर तिल हो तो व्यक्ति प्रतिभासंपन्न और सुखी होता है। महिलाओं की नाक पर तिल उनके सौभाग्यशाली होने का सूचक है।
  • होंठ पर तिल- होंठ पर तिल वाले व्यक्ति बहुत प्रेमी हृदय होते हैं। यदि तिल होंठ के नीचे हो तो गरीबी छाई रहती है।
  • मुंह पर तिल- मुखमंडल के आसपास का तिल स्त्री तथा पुरुष दोनों के सुखी संपन्न एवं सज्जन होने के सूचक होते हैं। मुंह पर तिल व्यक्ति को भाग्य का धनी बनाता है। उसका जीवनसाथी सज्जन होता है।
  • गाल पर तिल- गाल पर लाल तिल शुभ फल देता है। बाएं गाल पर कृष्ण वर्ण तिल व्यक्ति को निर्धन, किंतु दाएं गाल पर धनी बनाता है।
  • जबड़े पर तिल- जबड़े पर तिल हो तो स्वास्थ्य की अनुकूलता और प्रतिकूलता निरंतर बनी रहती है।
  • ठोड़ी पर तिल- जिस स्त्री की ठोड़ी पर तिल होता है, उसमें मिलनसारिता की कमी होती है।
  • कंधों पर तिल- दाएं कंधे पर तिल का होना दृढ़ता तथा बाएं कंधे पर तिल का होना तुनकमिजाजी का सूचक होता है।
  • दाहिनी भुजा पर तिल- ऐसे तिल वाला जातक प्रतिष्ठित व बुद्धिमान होता है। लोग उसका आदर करते हैं।
  • बायीं भुजा पर तिल- बायीं भुजा पर तिल हो तो व्यक्ति झगड़ालू होता है। उसका सर्वत्र निरादर होता है। उसकी बुद्धि कुत्सित होती है।
  • कोहनी पर तिल- कोहनी पर तिल का पाया जाना विद्वत्ता का सूचक है।
  • हाथों पर तिल- जिसके हाथों पर तिल होते हैं वह चालाक होता है। गुरु क्षेत्र में तिल हो तो सन्मार्गी होता है। दायीं हथेली पर तिल हो तो बलवान और दायीं हथेली के पृष्ठ भाग में हो तो धनवान होता है। बायीं हथेली पर तिल हो तो जातक खर्चीला तथा बायीं हथेली के पृष्ठ भाग पर तिल हो तो कंजूस होता है।अंगूठे पर तिल- अंगूठे पर तिल हो तो व्यक्ति कार्यकुशल, व्यवहार कुशल तथा न्यायप्रिय होता है।
  • तर्जनी पर तिल- जिसकी तर्जनी पर तिल हो, वह विद्यावान, गुणवान और धनवान किंतु शत्रुओं से पीड़ित होता है।
  • मध्यमा पर तिल- मध्यमा पर तिल उत्तम फलदायी होता है। व्यक्ति सुखी होता है। उसका जीवन शांतिपूर्ण होता है।
  • अनामिका पर तिल- जिसकी अनामिका पर तिल हो तो वह ज्ञानी, यशस्वी, धनी और पराक्रमी होता है।
  • कनिष्ठा पर तिल- कनिष्ठा पर तिल हो तो वह व्यक्ति संपत्तिवान होता है, किंतु उसका जीवन दुखमय होता है।
  • गले पर तिल- गले पर तिल वाला जातक आरामतलब होता है। गले पर सामने की ओर तिल हो तो जातक के घर मित्रों का जमावड़ा लगा रहता है। मित्र सच्चे होते हैं। गले के पृष्ठ भाग पर तिल होने पर जातक कर्मठ होता है।
  • छाती पर तिल- छाती पर दाहिनी ओर तिल का होना शुभ होता है। ऐसी स्त्री अनुरागिनी होती है। पुरुष भाग्यशाली होते हैं। छाती पर बायीं ओर तिल रहने से भार्या पक्ष की ओर से असहयोग की संभावना बनी रहती है। छाती के मध्य का तिल सुखी जीवन दर्शाता है। यदि किसी स्त्री के हृदय पर तिल हो तो वह सौभाग्यवती होती है।
  • कमर पर तिल- यदि किसी व्यक्ति की कमर पर तिल होता है तो उस व्यक्ति की जिंदगी सदा परेशानियों से घिरी रहती है।
  • पीठ पर तिल- पीठ पर तिल हो तो जातक भौतिकवादी, महत्वाकांक्षी एवं रोमांटिक हो सकता है। वह भ्रमणशील भी हो सकता है। ऐसे लोग धनोपार्जन भी खूब करते हैं और खर्च भी खुलकर करते हैं। वायु तत्व के होने के कारण ये धन संचय नहीं कर पाते।
  • पेट पर तिल- पेट पर तिल हो तो व्यक्ति चटोरा होता है। ऐसा व्यक्ति भोजन का शौकीन व मिष्ठान्न प्रेमी होता है। उसे दूसरों को खिलाने की इच्छा कम रहती है।
  • घुटनों पर तिल- दाहिने घुटने पर तिल होने से गृहस्थ जीवन सुखमय और बायें पर होने से दांपत्य जीवन दुखमय होता है।
  • पैरों पर तिल- पैरों पर तिल हो तो जीवन में भटकाव रहता है। ऐसा व्यक्ति यात्राओं का शौकीन होता है। दाएं पैर पर तिल हो तो उद्देश्यपूर्ण यात्राएं और बाएं पर हो तो बेकार की यात्राएं होती हैं।


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