मुकेश अंबानी की जन्म कुंडली का विश्लेषण
Mukesh Ambani horoscope
मुकेश अंबानी की जन्म कुंडली का विश्लेषण
मैं आपको मुकेश अंबानी की कुंडली के बारे में विश्लेषण करूंगी जो है वर्तमान में जाने माने उद्योगपति और धन कुबेर माने जाते हैं जाताक का जन्मअमनदीप में 1957 को हुआ था किस ग्रह के अनुसार पढ़ाई तो जातक का जो पंचमेश था वहशनि है और शनि द्वितीय स्थान में बैठा हुआ है साथ में मंगल की दृष्टि है और गुरु की पंचम में दृष्टि है तो ऐसी स्थिति में अच्छी और पूर्ण विद्या की प्राप्ति होती है और मंगल शनि का योग है यांत्रिक विद्या प्रदान करता है लेकिन साथ ही गुरु की दृष्टि में गुरु की दृष्टि रहने के कारण से जातक व्यापार वाणिज्य क्षेत्रों में भी रुचि रखने वाला हो जाता है तो जातक ने एमबीए किया पराक्रम स्थान है पराक्रम स्थान का स्वामी है वह गुरु है औरलाभ में बैठा है जब पराक्रम का स्वामी लाभ में बैठ जाता है तो अनेक प्रकार से लाभ कराने वाला हो जाता है लेकिन गुरु की दृष्टि पंचम स्थान पर भी पड़ रही है पराक्रम स्थान परचंद्र बैठा हुआ है और जातक की राशि जो है वह धनु है और धनु राशि में वर्तमान में साढ़े सातीचल रही है कार्यो विघन देती है सप्तम स्थान जो रहता है वह व्यापार का रहता है विवाह का रहता है इस प्रकार से यदि हम इन सब चीजों का विवरण देखेंगे तो मैं आपको यहां पर बतला रही हूं कि विदेशी व्यापार की योग कैसे बन जाते हैं तो जातक की कुंडली मेंचर राशि में ग्रह है और लग्न राशि भाग्य राशि दोनों चर में है तो ऐसी स्थिति में विदेशी कार व्यापार के योग बन जाते हैं बुध भाग्य स्थान का स्वामी सप्तम स्थान में बैठा हुआ है विकास क्षेत्र व्यापारी काम करता है और क्षेत्र से संबंधित है और राहु की दृष्टि है इस प्रकार से जो अनेक प्रकार के हैं और कार्य क्षेत्र कारोबार फैला हुए हैं राहू यांत्रिक क्षेत्र सफलता देता है जैसे ग्रह बैठे हुए हैं उसी प्रकार की महादशा चल रही है तो ऐसे करने से जातक को अपने जीवन में सफलताओं का अंबार लग जाता है राहु की महादशा जिसने 2004 से लेकर के 20 19 तक चल रही है आने वाली जो महादशा होगी वह गुरु के रहेंगे तो गुरु की महादशा में जातक का नाम आदि कार्य और वृद्धि होगी मैं आपको जानता की जन्म कुंडली में शुभ योग पड़े हैं उनका यहां पर वर्णन करते हो तो जातक की जो जन्म कुंडली है इसमें सर्वप्रथम प्रयोग बने हुए हैं आने के योग बने हैं जिनका मैं आपको अनफा योग हैपर्वत योग जो पराक्रम से अपने भाग्य का निर्माता स्वयं होता है तो ऐसी स्थिति में यशस्वी तेजस्वी और अनेक प्रकार के कार्यों से में सफलता प्राप्त करने वाला हो जाता है भारतीयोग है विश्वविख्यात बनाता है और गुणवान बनाता है और स्त्री पुत्र मान से युक्त बनाता है विश्व में प्रसिद्ध बना देता है जातक का जो व्यापार क्षेत्र है वह सबसे बलवान बना हुआ है और जातक की कुंडली में जो का कार्यक्षेत्र ग्रह है जनता से संबंधित जुड़े कार्य क्षेत्र से जातक को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्रों के कार्य के द्वारा ही लाभ प्राप्त हो रहा है और अनेक करोड़ों लोग जो है इस कार्य में लगे हुए हैं हम सभी जानते हैं जातक की कुंडली में शुभ योग बने हुए हैं जिन्होंने अपने ग्रहों की दशा अंतर्दशा में फल प्रदान किए इसी के कारण से जातक जो है आज सर्वश्रेष्ठ धनवान बने हुए हैं और धन कुबेर कहलाए जाते हैं
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