Wednesday, 27 March 2019

hanumanहनुमान भक्तों के लिए अपने कार्यो की सिद्धि के लिए कोनसी फोटो by...

चाणक्य नीति -- सफलता पाने के लिए ये 3 काम जरूर करने चाहिए

चाणक्य नीति -- सफलता पाने के लिए ये 3 काम जरूर करने चाहिए


Image result for chanakya nitiचाणक्य नीति में सुखी और श्रेष्ठ जीवन के लिए कई बातें बताई गई हैं। इनके साथ ही चाणक्य नीति ग्रंथ में सफल होने के लिए कई तरह की नीतियां भी बताई गई हैं। आज भी इन नीतियों को ध्यान में रखकर काम किए जाए तो कई परेशानियों से बचा जा सकता हैं। वहीं जॉब, बिजनेस या अन्य मामलों में सफलता भी मिलती है। चाणक्य नीति के तेरहवें अध्याय के 19 वें श्लोक से समझा जा सकता है कि सफलता के लिए किन चीजों में हमें संतोष रखना चाहिए और किन चीजों से कभी भी संतुष्ट नहीं होना चाहिए।
  • चाणक्य नीति का श्लोक
सन्तोषस्त्रिषु कर्तव्य: स्वदारे भोजने धने ।
त्रिषु चैव न कर्तव्योऽध्ययने  तपदानयो : ।।
  • चाणक्य नीति में कहा है कि सफलता और तरक्की पाने के लिए इन तीन मामलों में संतुष्ट नहीं होना चाहिए

 1.अध्ययन

अध्ययन यानी कोई भी चीज सीखने और पढ़ने से ज्ञान मिलता है। मनुष्य को चाहे कितना ही ज्ञान क्यों न मिल जाए, वह कभी भी संपूर्ण नहीं होता है। हमेशा सीखते रहने की इच्छा जिस इंसान में होती है वो हर जगह सफल होता है। व्यक्ति को हमेशा ही नया ज्ञान पाने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें जितना ज्यादा ज्ञान मिलता है, हमारा चरित्र उतना ही अच्छा बनता है। सही ज्ञान से जीवन की किसी भी परेशानी का हल निकाला जा सकता है। इसीलिए व्यक्ति कितना ही अध्ययन कर ले, उसे कभी भी संतुष्ट नहीं होना चाहिए।
2. जप
मंत्र जप यानी तरक्की करने के लिए बार-बार अपने लक्ष्य का जप करना चाहिए। जप करने का मतलब अपने लक्ष्य के बारे में सोचना चाहिए। इससे दिल और दिमाग में अपने लक्ष्य को पाने की इच्छाएं बनती रहती हैं और मजबूत भी होती रहती हैं। जिससे सफल होने में मदद मिलती है। लक्ष्य के बारे में बार-बार सोचने से उस तक पहुंचने के तरीके दिमाग में आते हैं। जिससे जल्दी ही सफलता मिल जाती है।
3. दान
शास्त्रों में कुछ काम हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य बताए गए हैं, दान भी उन्हीं में से एक है। दान यानी दूसरों का भला करना चाहिए। कभी मुश्किल समय आ भी जाए तो इसके प्रभाव से अन्य लोग बिना मांगे ही मदद कर देते हैं। हम कितना ही दान करें, कभी भी उसका हिसाब-किताब नहीं करना चाहिए। हमें कभी भी दान से संतुष्ट नहीं होना चाहिए, जहां भी मौका मिले पवित्र भावनाओं के साथ दान करते रहना चाहिए।

Tuesday, 19 March 2019

होली के अचूक टोटके जो दे धन शांति सफलता


 होली के अचूक टोटके  जो दे धन शांति सफलता 

holi ke achuk totke jo de dhan shanti saphlta 

Image result for holi ke totkeधन prapti  का उपाय
होली की रात चंद्रमा के उदय होने के बाद अपने घर की छत पर या खुली जगह, जहां से चांद नजर आए, वहां खड़े हो जाएं। फिर चंद्रमा का स्मरण करते हुए चांदी की प्लेट में सूखे छुहारे तथा कुछ मखाने रखकर शुद्ध घी के दीपक के साथ धूप एवं अगरबत्ती अर्पित करें। अब दूध से चंद्रमा को अर्घ्य दें।
अर्घ्य के बाद सफेद मिठाई तथा केसर मिश्रित साबूदाने की खीर अर्पित करें। चंद्रमा से समृद्धि प्रदान करने का निवेदन करें। बाद में प्रसाद और मखानों को बच्चों में बांट दें। फिर लगातार आने वाली प्रत्येक पूर्णिमा की रात चंद्रमा को दूध का अर्घ्य दें। कुछ ही दिनों में आप महसूस करेंगे कि आर्थिक संकट दूर होकर समृद्धि निरंतर बढ़ रही है।
ग्रहों की शांति के लिए उपाय
होली की रात उत्तर दिशा में  पटिए पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर मूंग, चने की दाल, चावल, गेहूं, मसूर, काले उड़द एवं तिल की ढेरी बनाएं। अब उस पर नवग्रह यंत्र स्थापित करें। उस पर केसर का तिलक करें, घी का दीपक लगाएं एवं नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। जाप स्फटिक की माला से करें। जाप पूरा होने पर यंत्र को पूजा स्थान पर स्थापित करें, ग्रह अनुकूल होने लगेंगे।
मंत्र- ब्रह्मा मुरारी स्त्रीपुरान्तकारी भानु शशि भूमि-सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव: सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।
व्यापार में सक्सेस पाने का उपाय
एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में गेहूं के आसन पर स्थापित करें और सिंदूर का तिलक करें। अब मूंगे की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। 21 माला जाप होने पर इस पोटली को दुकान में ऐसे स्थान पर टांग दें, जहां ग्राहकों की नजर इस पर पड़ती रहे। इससे व्यापार में सफलता मिलने के योग बन सकते हैं।

Monday, 18 March 2019

व्यापार भविष्य देनिक तेजी मंदी2019


व्यापार  भविष्य देनिक तेजी मंदी2019 vyapar bhavishy teji mandi 2019 march


 फरवरी 2019 

 तारीख 1 को सोना चांदी रुई वस्त्रों में मंदी
 तारीख 2 को धातुओं  गुड खांड में मंदी
तारीख 3 बाजार सामान्य रहे
 तारीख 4 अनाजों में तेजी सरसों सोना चांदी में मंदी
 तारीख 5 ज्वार बाजरा मूंग चना चना गुड़ में तेजी
 तारीख 6 धातु और वस्त्र च** खंड में मंदी
तारीख 7 सोना चांदी धातुएं सामान्य रहे तेल तिलहनों में मंदी
 तारीख8 गेहूं जो चना गेहूं मुंग  मोठ  सोना चांदी  मे  मंदी
 तारीख 9 धातुओं में मंदी कपासन बिनौला में मंदी
 तारीख 10 बाजार सामान्य रहे
 तारीख 11  धान्य में तेजी धातुओं में मंदी
 तारीख 12 चना अलसी तेल मूंगफली उड़द में तेजी
 तारीख 13 चांदी  रुई में  एवं सफेद वस्तुओं में घट बढ़ चले
 तारीख 14 गेहूं कपास गुड़ चना में तेजी
 तारीख 15 बाजार में पहले तेजी फिर मंदी
तारीख 16 सोना चांदी गुण नमक खार लोहा तांबा में तेजी
 तारीख 17 बाजार सामान्य रहे
 तारीख 18 धातु गुड  रूई कपास मूंगफली गेहूं में घट बढ़
 तारीख 19 धातुओं में मंदी बाद में तेजी
 तारीख 20 सोना चांदी रुई आदि में तेजी
 तारीख 21  धातुओं में मंदी
 तारीख 22 धातुओं में मंदी तिलहन में तेजी
 तारीख 23 गेहूं कपास उड़द मूंग चना में तेजी
 तारीख 24 बाजार सामान्य रहे
 तारीख 25 सरसों तेल तेल में मंदी सोना चांदी में गिरावट
 तारीख 26 धातुओं में मंदी बाजार में घट बढ़ चले
 तारीख 27 सफेद वस्तुओं में मंदी
 तारीख 28   गुड खांड धान्य सामान्य रहे सोना चांदी मेंघट बढ़ चले


 मार्च2019 

 तारीख 1 सूत  सरसों  ति ल तेल कपड़े में मंदी
 तारीख 2 सोना चांदी तांबा लोहा पीतल रु ई  में घट-बढ़
तारीख 3 धान्य गुड फलों में मंदी
 तारीख 4 धातुओं में तेजी खंड में मंदी

 तारीख 5 तिल तेल सरसों मूंगफली में तेजी
 तारीख 6 गुड सन सूत  रुई सोना चांदी में मंदी बाजार में उतार चढ़ाव बना रहे
तारीख 7 गेहूं जो चना गुड़ मोठ  सोना-चांदी में मंदी
 तारीख 8 सोना चांदी रुई सूत में मंदी
 तारीख 9 बाजार में  मंदी रहे
 तारीख 10 बाजार सामान्य रहे
तारीख 11 चांदी गेहूं जो चना तेल मूंगफली में तेजी
 तारीख 12 सोना चांदी में मंदी रु ई तेल मूंगफली में तेजी
 तारीख 13 गेहूं चना गुड़ कपास में तेजी
 तारीख 14 सोना चांदी सरसों मूंगफली में तेजी
 तारीख 15 धातुओं एवं धान्य में तेजी
 तारीख 16 गेहूं चना जो उड़द सोना चांदी में मंदी
 तारीख 17 बाजार सामान्य रहे
 तारीख 18 सोना चांदी रुई में तेजी
 तारीख 19 सोना चांदी में घट बढ़के बाद तेजी
 तारीख 20 चना जो गेहूं  गुड में मंदी
तारीख 21 किराने की वस्तुओं में तेजी
तारीख 22 बाजार सामान्य बना रहे
 तारीख 23 बाजार के रूप में असामान्य परिवर्तन हो
 तारीख 24 बाजार सामान्य रहे
 तारीख 25 सोना-चांदी रुई कपास सरसों में मंदी
 तारीख 26 धातुओं में मंदी अनाजों में घट घट बढ़ चले
 तारीख 27 तिल तेल सरसों सोना चांदी लोहा में मंदी बाद में तेजी
तारीख 28 पीतल  गुडखंड सोना में मंदीबाजार की चाल बदले
 तारीख 29अनाजों फलों सारी पदार्थों में मंदी
 तारीख 30 बाजार में मंदी रहे
  तारीख 31बाजार सामान्य रहे
 अन्य सभी वस्तु की तेजी मंदी के लिए संपर्क करे   mo.+91-7697961597

Manohar Parrikarमनोहर पर्रिक जी को किन ग्रहो दिया उच्चपद और किस ग्रह न...

Saturday, 16 March 2019

कौन-सा रत्न किस राशि या ग्रह के लिए लाभ या हानी कारक जाने

कौन-सा रत्न किस राशि या ग्रह के लिए लाभ या हानी कारक जाने
gemstone


1. मूंगा - मंगल की राशि मेष और वृश्‍चिक वालों के लिए मूंगा पहने की सलाह दी जाती है। मूंगा धारण करने से साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। पुलिस, आर्मी, डॉक्टर, प्रॉपर्टी का काम करने वाले, हथियार निर्माण करने वाले, सर्जन, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर इंजीनियर आदि लोगों को मूंगा पहनने से विशेष लाभ होता है। रक्त संबंधी रोग, मिर्गी तथा पीलिया में भी लाभदायक माना गया है।

लेकिन इसके नुकसान भी हो सकते हैं। यदि कुंडली के अनुसार मूंगा नहीं पहना है, तो यह नुकसान भी कर सकता है। इससे दुर्घटना भी हो सकती है। कहते हैं कि इसका भार जीवनसाथी पर रहता है। इससे पारिवारिक कलह, कुटुम्ब से मनमुटाव और वाणी में दोष भी उत्‍पन्‍न हो सकता है। शनि और मंगल की युति कहीं भी हो तो मूंगा नहीं पहनना चाहिए।

2. ओपल या हीरा- शुक्र की राशि वृषभ और तुला वालों के लिए हीरा पहनने की सलाह दी जाती है। हीरा मालामाल भी कर सकता है और कंगाल भी। इसे पहनने से रूप, सौंदर्य, यश व प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। कहते हैं कि यह मधुमेह रोग में लाभदायक है।
 तीसरे,  और आठवें स्थान पर शुक्र हो तो हीरा नहीं पहनना चाहिए। इसके अलावा टूटा-फूटा हीरा भी नुकसानदायक होता है। कुंडली में शुक्र, मंगल या गुरु की राशि में बैठा हो या इनमें से किसी एक से दृष्ट हो या इनकी राशियों से स्थान परिवर्तन हो तो हीरा मारकेश की भांति बर्ताव करता है और वह आत्महत्या या पाप की ओर अग्रसर करता है।


3. पन्ना- बुध की राशि मिथुन और कन्या राशि वालों के लिए पन्ना पहनने की सलाह दी जाती है। पन्ना धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। हाजमा अच्‍छा करने के लिए भी इसे धारण करते हैं। नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए भी इसे धारण करने की सलाह दी जाती है।
 बुध तीसरे या 12वें हो तो पन्ना नहीं पहनना चाहिए।  6, 8, 12 का बुध स्वामी हो तो पन्ना पहनने से अचानक नुकसान, यदि बुध की महादशा चल रही है और बुध 8वें या 12वें भाव में बैठा है तो भी पन्ना धारण करने से समस्या उत्पन्न हो सकती है।


4. मोती- चंद्र की राशि कर्क और गुरु की राशि मीन राशि वालों के लिए मोती पहनने की सलाह दी जाती है। इसके पहनने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। मन की बेचैनी मिट जाती है। इसे धारण करने पर सर्दी-जुकाम में फायदा, भयमुक्त जीवन और सुख बढ़ता है।

 शुक्र, बुध, शनि की राशियों वालों को भी मोती धारण नहीं करना चाहिए। अत्यधिक भावुक लोगों और क्रोधी लोगों को मोती नहीं पहनना चाहिए।

5. माणिक- सूर्य की राशि सिंह राशि वालों के लिए लिए माणिक पहनने की सलाह दी जाती है। माणिक या माणिक्य से राजकीय और प्रशासनिक कार्यों में सफलता मिलती है। यदि इसका लाभ हो रहा है तो आपके चेहरे पर चमक आ जाएगी अन्यथा सिरदर्द होगा और पारिवारिक समस्या भी बढ़ जाएगी। अपयश झेलना पड़ सकता है।

6. पुखराज- बृहस्पति या गुरु की राशि धनु और मीन राशि वालों के लिए पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है। पुखराज धारण करने से प्रसिद्धि मिलती है। प्रसिद्धि से मान-सम्मान बढ़ता है। शिक्षा और करियर में यह लाभदायक है। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वाले लोग यदि पुखराज पहनते हैं तो संतान, विद्या, धन और यश में सफलता मिलती है।
 धनु लग्न में यदि गुरु लग्न में है तो पुखराज या सोना केवल गले में ही धारण करना चाहिए, हाथों में नहीं।  लेकिन ज्योतिष के अनुसार यदि जन्म पत्रिका नहीं दिखाई है और मन से ही पुखराज धारण किया है तो नुकसान भी पहुंचा सकता है। वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वालों को पुखराज नहीं पहनना चाहिए।

7. नीलम- शनि की राशि कुंभ और मकर राशि वालों के लिए नीलम पहनने की सलाह दी जाती है। शनि लग्न, पंचम या 11वें स्थान पर हो तो नीलम नहीं। नीलम आसमान पर उठाता है और खाक में मिला भी देता है। इसीलिए कुंडली की जांच करने के बाद नीलम पहनें। यह व्यक्ति में दूरदृष्टि, कार्यकुशलता और ज्ञान को बढ़ाता है।

यह बहुत जल्दी से व्यक्ति को प्रसिद्ध कर देता है। लेकिन यदि नीलम सूट नहीं हो रहा है तो इसके शुरुआती लक्षणों में अकारण ही हाथ-पैरों में जबर्दस्त दर्द रहने लगेगा, बुद्धि विपरीत हो जाएगी, धीरे-धीरे संघर्ष बढ़ने लगेगा और व्यक्ति जिंदगी में खुद के ही बुने हुए जाल में उलझ मरेगा।

8. गोमेद- राहु के लिए गोमेद पहनने की सलाह दी जाती है। गोमेद धारण करने से नेतृत्व क्षमता का इजाफा होता है। कहते हैं कि गोमेद काले जादू से रक्षा करता है। अचानक लाभ पहुंचाता है और अचानक होने वाले नुकसान से भी रक्षा करता है। राहु 12वें, 11वें, 5वें, 8वें या 9वें स्थान पर हो तो गोमेद नहीं पहनना चाहिए वर्ना नुकसान होगा। लेकिन ज्योतिषानुसार दोषयुक्त गोमेद के नुकसान हो सकते हैं। इससे पेट के रोग, आर्थिक नुकसान, पुत्र को नुकसान, व्यापार हानि, रक्त विकार के अलावा कहते हैं कि आकस्मिक मृत्यु तक हो जाती है।

9. लहसुनिया- केतु के लिए लहसुनिया पहनने की सलाह दी जाती है। इसे संस्कृत में वैदुर्य कहते हैं। व्यापार और कार्य में लहसुनिया पहनने से फायदा मिलता है। यह किसी की नजर नहीं लगने देता है।

Monday, 11 March 2019

नवग्रह रत्न अंगूठी और लॉकेट भी भाग्य बढ़ाने की ताकत रखते है

नवग्रह रत्न अंगूठी और  लॉकेट भी भाग्य बढ़ाने की ताकत रखते है 

NavGrah Locket , pendant, Ring 


Image result for navgrah stone locketImage result for नवग्रह रत्न अंगूठी और लॉकेटनव ग्रहों का हमारे जीवन से ब हुत ग हरा संबंध है। ग्रहों की अनुकूलता एवं प्रतिकूलता प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में घटित होती रहती है। परंतु जब ग्रह प्रतिकूल होते हैं। तब व्यक्ति निराश हो जाता है।ऐसी परिस्थितियों में इन ग्रहों के अशुभ प्रभावों के शमन का उपाय करने से लाभ प्राप्त होता है। नवरत्न अंगूठी एवं लाॅकेट: यह अंगूठी तथा लाॅकेट नवग्रहों के नवरत्न से जड़ित होते हैं। यदि कुंडली में अधिक ग्रह कमजोर हों, अथवा जीवन में परिश्रम करने पर भी उस अनुपात में फल न मिलता हो, तो नवग्रह रत्न अंगूठी को दायें हाथ की अनामिका में रविवार या गुरुवार की सुबह धारण करें। यदि अंगूठी धारण न करना चाहें तो नवरत्न लाॅकेट धारण कर सकते हैं। इसे धारण करने से जीवन में ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और लाभ एवं उन्नति के मार्ग खुलते हैं
जप मंत्र: ब्रह्मा मुरारिस्त्रिापुरान्तकारी भानुःशशी भूमिसुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्रः शनिराहुकेतवः सर्वेग्रहाः शान्तिकरा भवन्तु। सर्वे ग्रहाः शान्तिकरा भवन्तु। 
इस मंत्र से पूजित करना चा हिये  यह अंगूठी एवं लॉकेट ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने तथा उनकी अनुकूलता प्राप्त करने के लिए धारण की जाते है। यदि व्यापार में घाटे की स्थिति अधिक रहती हो, कार्य में मन न लगता हो, उत्साह में कमी हो, तो यह अंगूठी या लॉकेट जरुर धारण करें, लाभ मिलेगा। इसे मान सम्मान, यश आदि की प्राप्ति के लिए भी धारण किया जाता है। और साथ ही नित्य नवग्रह मंत्र का 11 या 21 बार जप करें शुभ फल की प्राप्ति होगी। इस अंगूठी या लॉकेट के प्रभाव से नव ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं तथा शुभ फलों में वृद्धि होती है। इस तरह इस अंगूठी एवं लॉकेट के धारण करने से जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है। 
नोट --अंगूठी एवं लॉकेट अभिमन्त्रित आप प्राप्तकर सकते है mo +91-7697961597

Friday, 8 March 2019

इन खास पेड़ों की जड़ रखती है किस्मत बदलने की ताकत by muktajyotishs

राहू ग्रह की पीड़ा से मुक्ति के सरल उपाय


राहू ग्रह की पीड़ा से मुक्ति  के सरल उपाय 

the-bad-effect-of-planet-remedies

राहु कुण्डली में अशुभ स्थिति में बैठा हो तो क्या उपाय किए जाएं ताकि भावी या चल रही समस्याओं का निराकरण हो सके:
1.   ॐ रां राहवे नमः प्रतिदिन एक माला जपें।
2.   नौ रत्ती का गोमेद पंचधातु अथवा लोहे की अंगूठी में जड़वा लें। शनिवार को राहु के बीज मन्त्र द्वारा अंगूठी अभिमंत्रित करके दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें।
राहू बीज मंत्र --- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: (108 बार)नीली हकीक माला से 
3.   दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
4.   पक्षियों को प्रतिदिन बाजरा खिलाएं।
5.   सप्तधान्य का दान समय-समय पर करते रहें।
6.   एक नारियल ग्यारह साबुत बादाम काले वस्त्र में बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें।
7.   शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।
8.   अपने घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल अवश्य लगाएं।
9.   तामसिक आहार व मदिरापान बिल्कुल न करें।

Thursday, 7 March 2019

सर्वोत्त्म हिन्दी पंचांग 2019 तेजी मंदी 2019 teji mandi riport

सर्वोत्त्म हिन्दी पंचांग 2019 तेजी मंदी vyapar bhavishy 2019 teji mandi riport 

 सर्वोत्त्म हिन्दी पंचांग 2019 तेजी मंदी के साथ मात्र 150रु मे प्राप्त करे -----12 महीनों की तेजी मंदी चक्र दिया गया है कॉल करे 
mo.+91-7697961597
www.muktajyotish.com

Tuesday, 5 March 2019

Visa passport videsh Problems in foreign travel वीजा पासपोर्ट विदेश जाने...

केमद्रुम योग कुंडली मे है तो सभी दुखो का कारण और उपाय

केमद्रुम योग कुंडली मे है तो सभी दुखो का कारण और उपाय 

Kemdrum yoga

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केमद्रुम योग, चंद्रमा द्वारा निर्मित एक महत्वपूर्ण योग है। चंद्रमा से द्वितीय और द्वादश स्थान में किसी भी ग्रह के न होने पर केमद्रुम योग बनता है। इसके अलावा यदि चंद्र किसी ग्रह के साथ युति में न हो या चंद्रमा पर किसी अन्य शुभ ग्रह की दृष्टि न पड़ रही हो तो भी केमद्रुम योग का निर्माण होता है। ध्यान रहे इस योग के निर्माण में छाया ग्रह कहे जाने वाले राहु-केतु की गणना नहीं की जाती है।
माना जाता है कि यह योग ज्यादा अनिष्टकारी नहीं होता। इस योग में व्यक्ति को सदैव अशुभ प्रभाव ही नहीं मिलते अपितु इस योग में व्यक्ति को जीवन में आ रही परेशानियों से संघर्ष करने और जूझने की क्षमता एवं शक्ति भी मिलती है।

प्रभावित जातक

केमद्रुम योग से प्रभावित जातक स्त्री , अन्न , घर, वस्त्रृ और परिवार से विहीन हो जाता है। ये गरीब होते हैं। इनका कोई भी आय का साधन नहीं होता। यह जातक अपने पूरे जीवन इधर-उधर भटकते रहते हैं। यह अल्पबुद्धि, मलिन वस्त्र धारण करने वाले और नीच प्रवृत्ति के व्यक्ति होते हैं।

प्रभाव

केमद्रुम योग के बनने पर संघर्ष और अभाव से ग्रस्त जीवन व्यतीत करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को दुर्भाग्य का सूचक कहा गया है। लेकिन यह तथ्य‍ पूरी तरह सत्य नहीं है। केमद्रुम योग में जातक को अपने कार्यक्षेत्र में सफलता के साथ-साथ मान-सम्मान भी प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि कुछ विशेष योगों के बनने पर केमद्रुम योग भंग होकर राजयोग में परिवर्तित हो जाता है।

नुकसान

केमद्रुम योग के कारण जातक निर्धन बनता है एवं उसे अपना पूरा जीवन दुख में भोगना पड़ता है। केमद्रुम योग का मुख्य प्रभाव यह है कि इसके कारण जातक की आर्थिक स्थिति बदतर हो जाती है। उसकी आय के सभी साधन बंद हो जाते हैं। जातक के मन में भटकाव और असंतुष्टि की स्थिति बनी रहती है। यह व्यक्ति कभी आत्मनिर्भर नहीं बन पाते। इस योग में जातक को पारिवारिक सुख प्राप्त नहीं होता एवं संतान से कष्ट मिलता है। इस योग के प्रभाव में जातक की दीर्घायु होती हैं।

केमद्रुम योग का भंग होना

कुण्डली में लग्न से केन्द्र स्थान में चन्द्रमा या कोई अन्य ग्रह हो तो केमद्रुम योग भंग हो जाता है। इसके अलावा कुण्डली में कुछ अन्य स्थितियां बनने पर भी यह योग भंग होता है जैसे जब चंद्रमा ग्रह सभी ग्रहों से दृष्ट हो या शुभ स्थान में चंद्रमा हो अथवा चंद्रमा शुभ ग्रहों से युक्त हो एवं पूर्ण चंद्रमा लग्न स्थिति में हो या दसवें भाव में चंद्रमा ऊंचे स्थांन पर बैठा हो या केन्द्र स्थान में चंद्रमा पूर्ण बली हो या कुंडली में सुनफा- अनफा योग तथा दुरुधरा योग बन रहा हो तो ऐसी स्थिति में केमद्रुम योग भंग हो जाता है। केमुद्रम योग के भंग होने पर जातक इसके दुष्प्रभाव से मुक्त हो जाता है।

उपाय

  • इस योग के प्रभाव को कम करने के लिए सोमवार की पूर्णिमा अथवा सोमवार को चित्रा नक्षत्र के दौरान लगातार चार वर्ष तक पूर्णमासी का व्रत रखना चाहिए।
  • किसी भी सोमवार को भगवान शिव के मंदिर जाकर पवित्र शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाने एवं पूजन करने से लाभ होता है। इसके साथ ही भगवान शंकर और माता पार्वती का भी पूजन करें।
  • भगवान शिव की आराधना से इस योग के अशुभ प्रभाव को कम करने में काफी मदद मिलती है। रूद्राक्ष की माला से शिवपंचाक्षरी मंत्र " ऊँ नम: शिवाय" का जाप करें।
  • अपने घर में दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करें और नियमित रूप से श्रीसूक्त का पाठ करें। इस शंख में जल भरकर देवी लक्ष्मी की मूर्ति पर चढ़ाएं एवं चांदी के श्रीयंत्र में मोती धारण करें। इस मोती को हमेशा अपने पास ही रखें।
  • चद्रमा से संबंधित वस्‍तुओं का दान करें जैसे, दूध, दही, आईसक्रीम, चावल, पानी आदि।
  • चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें।
  • रोज़ाना श्रीसूक्‍त का पठ करें।
  • पूजा स्‍थल पर गंगा जल अवश्‍य ही रखें।
  • चांदी का श्रीयंत्र मोती के साथ धारण करें।
  • रुद्राक्ष की माला पहनें।