Wednesday, 31 July 2019
Tuesday, 30 July 2019
Wednesday, 24 July 2019
25 जुलाईको जन्मे व्यक्तियों को कैसा रहेगा वर्ष2019-2020
25 जुलाईको जन्मे व्यक्तियों को कैसा रहेगा वर्ष2019-2020
astrology-horoscope-birthday-25-julyयह वर्ष सफलता और उन्नति दायक रहेगा। परिवार में खुशी मनाने के कई अवसर प्राप्त होंगे। मांगलिक कार्य का आयोजन होगा। विवाहित व्यक्तियों के दांपत्य जीवन में प्रेम और सहयोग की भावना बढ़ेगी। संतान सुख मिल सकता है।
दिनांक 25 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 7 होगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अपने आप में कई विशेषता लिए होते हैं। यह अंक वरूण ग्रह से संचालित होता है। आप खुले दिल के व्यक्ति हैं। आपकी प्रवृत्ति जल की तरह होती है। जिस तरह जल अपनी राह स्वयं बना लेता है वैसे ही आप भी तमाम बाधाओं को पार कर अपनी मंजिल पाने में कामयाब होते हैं। आप पैनी नजर के होते हैं। किसी के मन की बात तुरंत समझने की आपमें दक्षता होती है। शुभ दिनांक : 7,16, 25
शुभ अंक : 7, 16,25
ईष्टदेव : भगवान शिव तथा विष्णु
शुभ रंग : सफेद, पिंक, जामुनी,
कैसा रहेगा यह वर्ष
आपके कार्य में तेजी का वातावरण रहेगा। आपको प्रत्येक कार्य में जुटकर ही सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। अधिकारी वर्ग का सहयोग मिलेगा। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए समय सुखकर रहेगा। नवीन कार्य-योजना शुरू करने से पहले केसर का लंबा तिलक लगाएं व मंदिर में पताका चढ़ाएं।लंबे समय से मन में दबी कोई इच्छा पूरी होगी। आर्थिक लाभ के अवसर समय-समय पर मिलते रहेंगे। स्थायी संपत्ति में वृद्घि होगी। नौकरी में स्थिति बेहतर होगी, पद-प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा। शिक्षा, न्याय, बैंकिंग आदि क्षेत्रों में सेवारत जातकों को अनुकूल स्थानांतरण या प्रमोशन का लाभ मिलेगा।
व्यवसायी कारोबार का विस्तार एवं पुराने कारोबार को नया रूप दे सकते हैं। छात्रों को परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। इंजीनियरिंग, शिक्षण क्षेत्र, वकालत, बैंकिंग, विज्ञापन, पुलिस आदि क्षेत्रों में करियर बनाने के अवसर मिलेंगे।
- जीवन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित भविष्यवाणियां। जन्म कुंडली के आधार पर उस व्यक्ति के जीवन में घटने वाली घटनाओं के बारे में भविष्यवाणी की जाती है। mo.+91-7697961597
Sunday, 21 July 2019
Wednesday, 17 July 2019
संत कबीर-- पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेलहोना जरूरी
संत कबीर-- पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेलहोना जरूरी
संत कबीर के कई ऐसे प्रसंग हैं, जिनसे सुखी जीवन के सूत्र सीख सकते हैं। उनका एक ऐसा ही प्रसंग...
- चर्चित प्रसंग के अनुसार संत कबीर रोज प्रवचन देते थे, आसपास के गांवों के कई लोग उनकी बातें सुनने आते थे। एक दिन प्रवचन खत्म होने के बाद एक व्यक्ति ने कबीर से पूछा कि मेरी पत्नी से मेरा रोज झगड़ा होता है। मेरी ये समस्या कैसे दूर हो सकती है? कबीर थोड़ी देर चुप रहे, फिर उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि लालटेन जलाकर लाओ। पत्नी ने ऐसा ही किया। वह आदमी सोचने लगा कि दोपहर का समय है, अभी कबीरजी ने लालटेन क्यों मंगाई है? थोड़ी देर बाद कबीर ने अपनी पत्नी से कहा कि कुछ मीठा दे जाना। इस बार उनकी पत्नी मीठे के बजाय नमकीन देकर चली गई।
- कबीर ने उस व्यक्ति से पूछा कि आपको अपनी परेशानी का हल मिला या नहीं? वह व्यक्ति बोला की गुरुजी मेरी समझ में कुछ नहीं आया, आपने तो अभी तक कुछ बताया ही नहीं है। कबीर ने कहा कि जब मैंने मेरी पत्नी से लालटेन मंगवाई तो वो ये बोल सकती थी कि इतनी दोपहर में लालटेन की क्या जरूरत है? लेकिन उसने ऐसा नहीं पूछा। उसने सोचा कि जरूर किसी काम के लिए लालटेन मंगवाई होगी। इसीलिए वह चुपचाप देकर चली गई।
- कुछ देर बाद मैंने मेरी पत्नी से मीठा मंगवाया तो नमकीन देकर चली गई। हो सकता है घर में कुछ मीठा न हो, ये सोचकर मैं चुप रहा। कबीर ने कहा कि पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल होना बहुत जरूरी है। दोनों को एक-दूसरे की भावनाएं समझनी चाहिए। हालात के अनुसार व्यवहार करना चाहिए और वाद-विवाद से बचना चाहिए। वह व्यक्ति समझ गया कि कबीर ने ये सब उसे समझाने के लिए किया था।
- कबीर ने कहा कि अगर पति से कोई गलती हो तो पत्नी उसे सही कर दे और अगर पत्नी से कोई गलती हो जाए तो पति को उसे ठीक कर देना चाहिए। यही सुखी, शांत और सफल जीवन का सूत्र है। इस बात का ध्यान रखने वाले पति-पत्नी हमेशा प्रसन्न रहते हैं।
Tuesday, 16 July 2019
Lunar Eclipse 2019:16जुलाई चंद्र ग्रहण ग्रहण के समय क्या करें क्या न करें
Lunar Eclipse 2019:16जुलाई चंद्र ग्रहण ग्रहण के समय क्या करें क्या न करें
चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। सूतक काल दोपहर 4.30 बजे से शुरू हो जाएगा, जो कि 17 जुलाई की सुबह 4.30 बजे तक रहेगा।
- सूतक से पहले करें पूजा-पाठ
16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा होने से इस दिन विशेष पूजा-पाठ करने की परंपरा है। इस दिन अपने गुरु की पूजा की जाती है। इस दिन पूजन दोपहर 4.30 बजे से पहले ही करना होगा। उसके बाद सूतक काल शुरु हो जाने से पूजा-पाठ नहीं हो सकेगी।
- ग्रहण के समय क्या करें
ग्रहण के समय मंत्र जाप करना चाहिए। इस दौरान पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए। ग्रहण समाप्ति के बाद पूरे घर की सफाई करनी चाहिए। ग्रहण से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए। इससे खाने पर ग्रहण की नकारात्मक किरणों का असर नहीं होता है।
- गुरु पूर्णिमा पर करें गुरु का पूजन
गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का पूजन करना चाहिए। इस दिन महाभारत के रचियता वेद व्यास की जयंती भी मनाई जाती है। पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा करें। भगवान सत्यनारायण की कथा करें। ये पूजा-पाठ दोपहर 4.30 बजे से पहले ही कर लेना चाहिए
- सभी 12 राशियों पर ग्रहण का असर
मेष राशि
इस राशि के लिए ग्रहण के योग शुभ रहने वाला है। इन लोगों को सफलता के साथ ही मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। धन लाभ मिलने की संभावनाएं हैं।
वृषभ राशि
आपके लिए समय कष्टदायी रहेगा। सावधान रहकर काम करना होगा, क्योंकि धन हानि हो सकती है।
मिथुन राशि
इनके लिए दुखद समय रहेगा। काम समय पर पूरे नहीं होंगे। बाधाएं आएंगी। धैर्य रखें।
कर्क राशि
कर्क राशि के लिए उत्तम समय रहेगा। काम जल्दी पूरे होंगे और आशा के अनुरूप फल भी मिलेंगे। सुखद वातावरण रहेगा।
सिंह राशि
तनाव बढ़ सकता है। बाधाओं की वजह से किसी काम में मन नहीं लगेगा। मन शांत रखें। कुछ दिन बाद समय पक्ष का हो जाएगा।
कन्या राशि
चिंताएं बढ़ सकती हैं। नौकरी में अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलने से मन उदास रहेगा। बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं।
तुला राशि
लाभदायक समय रहेगा। सोचे हुए काम समय पर पूरे कर पाएंगे। अविवाहितों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं।
वृश्चिक राशि
आपके लिए सावधान रहने का समय है। थोड़ी लापरवाही भी बड़ी हानि करवा सकती है।
धनु राशि
सतर्कता रखनी होगी। कोई करीबी व्यक्ति धोखा दे सकता है। नौकरी में नुकसान होने के योग बन रहे हैं।
मकर राशि
आपको इस समय संघर्ष करना होगा। पुरानी योजनाएं विफल हो सकती हैं। किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें।
कुंभ राशि
इस राशि के लिए समय शुभ रहने वाला है। तरक्की मिल सकती है। कार्य समय पर पूरे हो जाएंगे और वर्चस्व बढ़ेगा।
मीन राशि
आपको लंबी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है। इस यात्रा से लाभ मिलेगा। भविष्य को लेकर प्रसन्न रहेंगे।
इस राशि के लिए ग्रहण के योग शुभ रहने वाला है। इन लोगों को सफलता के साथ ही मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। धन लाभ मिलने की संभावनाएं हैं।
वृषभ राशि
आपके लिए समय कष्टदायी रहेगा। सावधान रहकर काम करना होगा, क्योंकि धन हानि हो सकती है।
मिथुन राशि
इनके लिए दुखद समय रहेगा। काम समय पर पूरे नहीं होंगे। बाधाएं आएंगी। धैर्य रखें।
कर्क राशि
कर्क राशि के लिए उत्तम समय रहेगा। काम जल्दी पूरे होंगे और आशा के अनुरूप फल भी मिलेंगे। सुखद वातावरण रहेगा।
सिंह राशि
तनाव बढ़ सकता है। बाधाओं की वजह से किसी काम में मन नहीं लगेगा। मन शांत रखें। कुछ दिन बाद समय पक्ष का हो जाएगा।
कन्या राशि
चिंताएं बढ़ सकती हैं। नौकरी में अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलने से मन उदास रहेगा। बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं।
तुला राशि
लाभदायक समय रहेगा। सोचे हुए काम समय पर पूरे कर पाएंगे। अविवाहितों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं।
वृश्चिक राशि
आपके लिए सावधान रहने का समय है। थोड़ी लापरवाही भी बड़ी हानि करवा सकती है।
धनु राशि
सतर्कता रखनी होगी। कोई करीबी व्यक्ति धोखा दे सकता है। नौकरी में नुकसान होने के योग बन रहे हैं।
मकर राशि
आपको इस समय संघर्ष करना होगा। पुरानी योजनाएं विफल हो सकती हैं। किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें।
कुंभ राशि
इस राशि के लिए समय शुभ रहने वाला है। तरक्की मिल सकती है। कार्य समय पर पूरे हो जाएंगे और वर्चस्व बढ़ेगा।
मीन राशि
आपको लंबी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है। इस यात्रा से लाभ मिलेगा। भविष्य को लेकर प्रसन्न रहेंगे।
Monday, 15 July 2019
Saturday, 13 July 2019
स्फटिक शिवलिंग नाम ,पैसा ,प्रसिद्धि सब कुछ [अभिमंत्रित]
स्फटिक शिवलिंग नाम ,पैसा ,प्रसिद्धि सब कुछ [अभिमंत्रित]
sphatik shivling
स्फटिक शिवलिंग की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है।
इस शिवलिंग की अपने घर में पूजा, प्रतिष्ठा करके नित्य गंगाजल अथवा पंचामृत से अभिषेक करके चंदन, पुष्प, विल्वपत्र आदि से पूजन करने से भगवान शिव की विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है।
इनकी अनुकंपा से आयु, आरोग्यता, धन, संपत्ति, यश, मान, प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
इस शिवलिंग की अपने घर में पूजा, प्रतिष्ठा करके नित्य गंगाजल अथवा पंचामृत से अभिषेक करके चंदन, पुष्प, विल्वपत्र आदि से पूजन करने से भगवान शिव की विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है।
इनकी अनुकंपा से आयु, आरोग्यता, धन, संपत्ति, यश, मान, प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
स्फटिक को हीरे का उपरत्न कहा जाता है।
स्फटिक को कांचमणि, बिल्लोर, बर्फ का पत्थर तथा अंग्रेजी में रॉक क्रिस्टल कहते हैं।
यह एक पारदर्शी रत्न है।
स्फटिक बर्फ के पहाड़ों पर बर्फ के नीचे टुकड़े के रूप में पाया जाता है।
इसे शीत वीर्य मणि माना गया है।
यह बर्फ के समान पारदर्शी और सफेद होता है।
स्फटिक को कांचमणि, बिल्लोर, बर्फ का पत्थर तथा अंग्रेजी में रॉक क्रिस्टल कहते हैं।
यह एक पारदर्शी रत्न है।
स्फटिक बर्फ के पहाड़ों पर बर्फ के नीचे टुकड़े के रूप में पाया जाता है।
इसे शीत वीर्य मणि माना गया है।
यह बर्फ के समान पारदर्शी और सफेद होता है।
स्फटिक शिवलिंग भी सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है ,
यह शिवलिंग घर से हर प्रकार की नकारात्मकता को दूर करता है।
जिस घर में यह शिवलिंग स्थापित कर दिया जाता है वहाँ सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है।
यह शिवलिंग घर से हर प्रकार की नकारात्मकता को दूर करता है।
जिस घर में यह शिवलिंग स्थापित कर दिया जाता है वहाँ सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है।
स्फटिक शिवलिंग चमत्कारिक शिवलिंग का ही एक स्वरूप है। जिन लोगों के घर में हमेशा कलह मची रहती हो उन्हें स्फटिक शिवलिंग की आराधना करनी चाहिए।
पूरे सावन के महीने इसका नियमित रूप से अभिषेक करने से घर से कई तरह के वास्तुदोष दूर होते हैं।
जिस घर में ये शिवलिंग स्थापित करके एक महीने तक नियमित रूप से पंचामृत द्वारा अभिषेक किया जाता है , वहां धन का अभाव नहीं रहता तथा आरोग्य रहता है।
इसके प्रभाव से शिक्षा मे उन्नति होगी, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलती है।
जो भी व्यक्ति इसे स्थापित करता है उसके जीवन में नाम ,पैसा ,प्रसिद्धि सब कुछ प्राप्त होता है।
जिस घर में ये शिवलिंग स्थापित करके एक महीने तक नियमित रूप से पंचामृत द्वारा अभिषेक किया जाता है , वहां धन का अभाव नहीं रहता तथा आरोग्य रहता है।
इसके प्रभाव से शिक्षा मे उन्नति होगी, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलती है।
जो भी व्यक्ति इसे स्थापित करता है उसके जीवन में नाम ,पैसा ,प्रसिद्धि सब कुछ प्राप्त होता है।
- स्फटिक शिवलिंग की ऊर्जा में इतनी शक्ति होती है कि मात्र इसे घर में रखने से ही आपका पूरा घर शुद्ध हो जाता है।
- जो भी व्यक्ति अपने घर या ऑफिस के पूजन स्थल में स्फटिक शिवलिंग की स्थापना करता है उसे जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती।
स्फटिक का 5 अंगुल से लेकर 11 अंगुल तक का शिवलिंग शुभ माना गया है।
” ॐ ह्रौं वं शिवाय सशक्तिकाय नम: ”
अभिषेक के पश्चात उक्त मंत्र का जप करें।
अभिषेक के पश्चात उक्त मंत्र का जप करें।
ध्यान मे रखने योग्य बात है –
“ मृत्तिका भूतो वा लिंगम हिम खंडं प्रति भूयताम. नाभिषेको कान्चंरूपम रजत नवनीतम खलु ”
“ मृत्तिका भूतो वा लिंगम हिम खंडं प्रति भूयताम. नाभिषेको कान्चंरूपम रजत नवनीतम खलु ”
अर्थात सफ़ेद पत्थर के शिवलिंग पर सिन्दूर,
स्फटिक के शिवलिंग पर घी,
काले पत्थर अर्थात ग्रेनाईट के शिवलिंग पर हल्दी और
अष्ट धातु के शिव लिंग पर रक्त नहीं चढ़ाना चाहिए।
स्फटिक के शिवलिंग पर घी,
काले पत्थर अर्थात ग्रेनाईट के शिवलिंग पर हल्दी और
अष्ट धातु के शिव लिंग पर रक्त नहीं चढ़ाना चाहिए।
स्फटिक शिवलिंग प्राप्त कर सकते हैं स्फटिक शिवलिंग मंत्रों से अभिमंत्रित कर आपके पास भेजा जाएगा।
mo.+91-7697961597 पर call कर प्राप्त कर सकते हैं।
!! ॐ नमः शिवाय !!
vastu tips-- बैठक रूम में न लगाएं ye चित्र
vastu tips-- बैठक रूम में न लगाएं ye चित्र
ये चित्र ना लगाएं:
*बैठक रूम में कभी भी नकारात्मक चित्र न लगाएं, जैसे ताजमहल, महाभारत या किसी कांटेदार पौधे का चित्र।
*जंगली वह हिंसक जानवर, रोते हुए बच्चे, युद्ध के दृश्य, कटे पेड़ या ठूंठ आदि के चित्र भी बैठक रूमन में कभी भी रेगिस्तान, बर्फिले क्षेत्र, सूखा या न समझ में आने वाली पेंटिग भी न लगाएं।
*किसी नेता, अभिनेता, अभिनेत्री, कार, बाइक, मॉडल चित्र भी न लगाएं।
*बैठक रूप में खुद का बड़ा-सा पोस्टर भी ना लगाएं। लगाना ही हो तो पूरे परिवार के साथ लगाएं।
ये चित्र लगाएं:
*कहीं किसी कोने में धन के ढेर का एक छोटा-सा चित्र भी लगा सकते हैं।
*गृह कलह या वैचारिक मतभेद से बचने के लिए हंसते-मुस्कुराते संयुक्त परिवार का चित्र लगाएं।
*खुद के ही परिवार के सदस्यों का प्रसन्नचित मुद्रा में दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में एक तस्वीर लगाएं।
*समुद्र किनारे दौड़ते हुए 7 घोड़ों की तस्वीर लगाने के लिए पूर्व दिशा को शुभ माना गया है।
*घोड़ों की तस्वीर न लगाना चाहें तो आप तैरती हुए मछलियों के चित्र भी लगा सकते हैं।
*बैठक रूम में घर के मुखिया की सीट के पीछे हरेभरे सुंदर पहाड़ या उड़ते हुए पक्षी का चित्र लगा सकते। ऐसी तस्वीरों से अत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है।
* पूर्वी दिशा को उगते हुए सूरज, फलों और फूलों की कुछ चित्रों द्वारा सजाया जा सकता है। यदि देवताओं के चित्र लगाना ही चाहते हैं तो पूर्वोत्तर दिशा सर्वोत्तम है।
अत: यह ध्यान देना जरूरी है कि हम बैठक रूप में किसी तरह के चित्र लगा रहे हैं। यदि आप नकारात्मक चित्र लगाएंगे तो मन और मस्तिष्क में भी नकारात्मकता फैल जाएगी जो कि जिंदगी को बर्बादी के रास्ते पर भी ले जा सकती है
Saturday, 6 July 2019
Friday, 5 July 2019
Thursday, 4 July 2019
कलियुग का अंत कब-----कलियुग की हैरान कर देनी वाली बातें
कलियुग का अंत कब-----कलियुग की हैरान कर देनी वाली बातें
kalyug ka ant kab hone wala hai
इस पृथ्वी पर चार युग हैं। सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग। यह हिंदू धर्म का मत है। वर्तमान समय में कलयुग चल रहा है। कलयुग यानी यदि आप कोई भी कुकर्म करते हैं तो इसका फल यहीं मिलता है। लेकिन कल्कि पुराण में कलियुग के बारे में और भी रोचक बातें बताई गईं हैं।
कलियुग की हैरान कर देनी वाली बातें
- कलियुग के अंत में मनुष्य की आयु महज 12 वर्ष और शरीर मात्र 4 इंच का रह जाएगा।
- ब्रह्मपुराण में उल्लेखित है कि कलियुग की अवधि, 10 हजार साल है। इस दौरान, मानव जाति का पतन होगा, लोगों में द्धेष और दुर्भावना बढ़ेगी। इस अंत करने के लिए भगवान विष्णु कल्कि का रूप धारण करेंगे।
- कलियुग में नदियां सूख जाएंगी। पत्नियों को अपने पतियों से अनुराग कम हो जाएगा।
- अन्याय से धन हासिल करने वाले लोगों में बढ़ोत्तरी होगी। लोग धन के लोभ में किसी की हत्या करने में भी संकोच नहीं करेंगे।
- कलियुग के पांच हजार साल बाद गंगा नदी सूख जाएगी और पुन: वैकुण्ठ धाम लौट जाएगीं। जब कलियुग के दस हजार वर्ष हो जाएंगे तब सभी देवी-देवता पृथ्वी छोड़कर अपने धाम लौट जाएंगे। मनुष्य पूजन-कर्मकांड, व्रत-उपवास और सभी धार्मिक काम करना बंद कर देंगे।
- एक समय ऐसा आएगा, जब जमीन से अन्न उपजना बंद हो जाएगा। पेड़ों पर फल नहीं लगेंगे। धीरे-धीरे ये सारी चीजें विलुप्त हो जाएंगी। गाय दूध देना बंद कर देगी।
- कलियुग में समाज हिंसक हो जाएगा। जो लोग बलवान होंगे उनका ही राज चलेगा। मानवता नष्ट हो जाएगी। रिश्ते खत्म हो जाएंगे। एक भाई दूसरे भाई का ही शत्रु हो जाएगा।
- कलियुग में ऐसा समय आएगा जब स्त्री और पुरुष, दोनों ही अधर्मी हो जाएंगी। स्त्रियां पतिव्रत धर्म का पालन करना बंद कर देगी और पुरुष भी ऐसा ही करेंगे।
- जब आतंक अपनी चरम सीमा में होगा तो भगवान विष्णु का कल्कि अवतार लेंगे। यह अवतार विष्णुयशा नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेगा। भगवान कल्कि बहुत ऊंचे घोड़े पर चढ़कर अपनी विशाल तलवार से सभी अधर्मियों का नाश करेंगे।
- भगवान कल्कि केवल तीन दिनों में पृथ्वी से समस्त अधर्मियों का नाश कर देंगे। और फिर अंत में कलियुग में अंतिम समय में बहुत मोटी धारा से लगातार वर्षा होगी, जिससे चारों ओर पानी ही पानी हो जाएगा। समस्त पृथ्वी पर जल हो जाएगा और प्राणियों का अंत हो जाएगा। इसके बाद एक साथ बारह सूर्य उदय होंगे और उनके तेज से पृथ्वी सूख जाएगी।
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