Sunday, 30 August 2020
Saturday, 29 August 2020
Friday, 28 August 2020
Thursday, 27 August 2020
Wednesday, 26 August 2020
Pitru Paksha 2020- Pitru Paksha Mein Kya Kare Kya Na Kare
Pitru Paksha 2020- Pitru Paksha Mein Kya Kare Kya Na Kare
पितृ पक्ष में क्या करें और क्या न करें
Pitru Paksha 2020 Mein Kab Hai :
पितृ पक्ष 1 सितंबर 2020 (Pitru Paksha 1 September 2020) से प्रारंभ हो रहे है। यह वह समय होता है जब हम पित्तरों का तर्पण और उनका श्राद्ध करते हैं। पितृ पक्ष में क्या करें और क्या न करें।
पितृ पक्ष में क्या करें
1.पितृ पक्ष में पित्तरों का तर्पण और उनका श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। क्योंकि इस समय पर पित्तर धरती पर उपस्थित होते हैं।
2. इस समय में आपको अपने घर की अच्छी तरह से सफाई अवश्य करनी चाहिए।
3. पित्तरों का श्राद्ध उनकी मृत्यु तिथि पर ही करना चाहिए।
Monday, 24 August 2020
shear market astrology 25 अगस्त2020 सोने की तेजी मंदी
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25 अगस्त सोने की तेजी मंदी shear market astrology --क्या लाइन बदलगी सोने मे सोने मे परिवर्तन लाइन
Sunday, 23 August 2020
Saturday, 22 August 2020
Wednesday, 19 August 2020
Tuesday, 18 August 2020
Sunday, 16 August 2020
Thursday, 13 August 2020
Wednesday, 12 August 2020
Monday, 10 August 2020
shear market vyapar bhavishy Today gold Report आज गोल्ड मे क्या हो सकता है
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आज गोल्ड मे क्या हो सकता है
date 11-8-2020 ko
सोने मे सुबह साधारण तेजी
सोने मे दोपहर से शाम तक घट -बढ़ चले
सोने मे रात मे घट -बढ़ साधारण तेजी
ज्योतिष गणन पर आधारित व्यापारी वर्ग स्व विवेक से कार्य करे
नोट -स्पेशल चांस के साथ देनिक रिपोर्ट सोना ,चाँदी निफ्टी आदि मे प्राप्त करे
mo91-7697961597
#TheLatest#GoldNews teji mandi report today
Friday, 7 August 2020
Wednesday, 5 August 2020
Saturday, 1 August 2020
Raksha Bandhan 2020 Muhurat
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
राखी बांधने का मुहूर्त- 09:27:30 से 21:11:21 तक।
रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त- 13:45:16 से 16:23:16 तक।
रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त- 19:01:15 से 21:11:21 तक।
मुहूर्त अवधि: 11 घंटे 43 मिनट।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिशुपाल राजा का वध करते समय भगवान श्री कृष्ण के बाएं हाथ से खून बहने लगा, तो द्रोपदी ने तत्काल अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनके हाथ की अंगुली पर बांध दिया। कहा जाता है कि तभी से भगवान कृष्ण द्रोपदी को अपनी बहन मानने लगे और सालों के बाद जब पांडवों ने द्रोपदी को जुए में हरा दिया और भरी सभा में जब दुशासन द्रोपदी का चीरहरण करने लगा तो भगवान कृष्ण ने भाई का फर्ज निभाते हुए उसकी लाज बचाई थी।
मान्यता है कि तभी से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाने लगा, जो आज भी जारी है। श्रावण मास की पूर्णिमा को भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण की बहन ने भद्रा में उसे रक्षा सूत्र बांधा था, जिससे रावण का सर्वनाश हो गया था।