Wednesday, 30 September 2020
Tuesday, 29 September 2020
Monday, 28 September 2020
Sunday, 27 September 2020
Saturday, 26 September 2020
Friday, 25 September 2020
Tuesday, 22 September 2020
Sunday, 20 September 2020
Friday, 18 September 2020
Thursday, 17 September 2020
Wednesday, 16 September 2020
Monday, 14 September 2020
Sunday, 13 September 2020
Saturday, 12 September 2020
Friday, 11 September 2020
Thursday, 10 September 2020
Astrology& shear market /stockmarket Today Nifti Reoprt
Astrology& shear market /stockmarket Today Nifti Reoprt
vyapar bhavishy
11-09-2020 Today nifti Report
9 se 10:15 up/down up,
10:15to 10:45 down
11:00/1:00 up/down up,
1:15to 1:45 down ,
2:00to2:45 up
2:00to3:30 low/ up |
any report call +http://91-7697961597 www.muktajyotish.com
Wednesday, 9 September 2020
Tuesday, 8 September 2020
Monday, 7 September 2020
Shear Market & Astrology/ stock market Prediction /2020 Septmber 1th to 30
Shear Market & Astrology/ stock market Prediction /2020 Septmber 1th to 30
1se 30 सितंबर 2020 danik teji mandi
तारीख 2 बाजार में घटवाड़ चलती रहे
तारीख 3
गेहूं जौ चना मूंग धातुओं में मंदी
तारीख 4
चांदी में मंदी
तारीख 5
बाजार में उतार-चढ़ाव के योग बने
तारीख 6
बाजार सामान्य रहे
तारीख 7
चांदी में मंदी अनाज आदि में तेजी
तारिक
8 पहले मंदी बाद में तेजी के योग बने
तारीख 9
चांदी में मंदी गेहूं चना अलसी उड़द तिल मूंगफली में तेजी
तारीख 10
कपास गेहूं चना गुड़ में तेजी
तारीख 12
मूंगफली के भाव सामान्य रहे
तारीख 13
बाजार सामान्य रहे
तारीख 14
कपास मूंगफली गेहूं सोना चांदी आदि में घट बढ़ चले
तारीख 15
चांदी अनाज आदि में मंदी बाद में साधारण तेजी
तारीख 16
सोना चांदी सभी धातुओं में तेजी
तारीख 17
राई सरसों जीरा धनिया धातुओं में तेजी
तारीख 18नशीले
पदार्थों में घटवाड़ धातुओं में मंदिर
तारीख 19
बाजार में तेजी के योग बने
तारीख 20
बाजार सामान्य रहे
तारीख 21
धातु में मंदी का प्रभाव रहे
तारीख 22
बाजार में मंदी ह
तारीख 23
चांदी में मंदी तिल तेल के भाव में घट बढ़ चले
तारीख 24
धातु वस्त्र सूट आदि में मंदी
तारीख 25
धातुओं में घटवा गेहूं चना में मंदी
तारीख 26
अनाज गुण फलों में मंदी
तारीख 27
बाजार सामान्य रहे
तारीख 28
तिल तेल सरसों मूंगफली में तेजी
तारीख 29
बाजार में साधारण तेजी बाद में मंदी
तारीख 30
गेहूं चना मूंग धातुओं में मंदी
नोट -- गणन ज्योतिष पर आधारित है व्यापारी वर्ग बाजार का रुख देख कर कार्य करे तेजी मंदी की देनिक रिपोर्ट विशेष चांस के साथ प्राप्त करे #सोने #चाँदी #कापर #क्रूड #निफ्टी संपर्क करे +91-7697961597
Saturday, 5 September 2020
Thursday, 3 September 2020
Wednesday, 2 September 2020
पंचदेव आखिर क्यों पूजे जाते हैं- गणेश, सूर्य, विष्णु, शिव और दुर्गा?
पंचदेव आखिर क्यों पूजे जाते हैं- गणेश, सूर्य, विष्णु, शिव और दुर्गा?
हिंदू धर्म शास्त्रों में वैदिक काल से पंचदेव की पूजा करना अनिवार्यतः बताया गया है। इनमें गणेश, सूर्य, विष्णु,शिव और दुर्गा ये पांच देव पूजने का विधान है। इन्हें पंचायतन कहा जाता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक गृहस्थ के पूजागृह में इन पांच देवों के विग्रह (मूर्ति) होना अनिवार्य है। लेकिन अक्सर देखने को आता है कि लोग पंचदेव की पूजा तो करते हैं, लेकिन वे उनकी पूजा का सही क्रम नहीं जानते। इन पांच देवों के विग्रहों को अपने ईष्ट देव के अनुसार सिंहासन में स्थापित करने का एक निश्चित क्रम है। किस देव का पंचायतन सिंहासन में किस प्रकार रखा जाता है।
गणेश पंचायतन: यदि आपके ईष्ट देव गणेश हैं तो आप अपने पूजागृह में गणेश पंचायतन की स्थापना करें। इसके लिए आप सिंहासन के ईशान कोण में विष्णु, आग्नेय कोण में शिव, मध्य में गणेश, नैर्ऋत्य कोण में सूर्य एवं वायव्य कोण में देवी विग्रह को स्थापित करें।
शिव पंचायतन: यदि आपके ईष्ट देवता शिव हैं तो आप अपने पूजागृह में शिव पंचायतन की स्थापना करें। इसके लिए आप सिंहासन के ईशान कोण में विष्णु, आग्नेय कोण में सूर्य, मध्य में शिव, नैर्ऋत्य कोण में गणेश एवं वायव्य कोण में देवी विग्रह को स्थापित करें।
क्यों जरूरी है पंचदेव पूजा: पंच देव की पूजा का निर्देश हमारे वेदों में मिलता है। गणेश, सूर्य, विष्णु, शिव और दुर्गा इन पांच देवों की पूजा का नियम इसलिए बनाया गया है, क्योंकि यही पंाच देव प्रत्येक मनुष्य को जीवित अवस्था में और मृत्यु के बाद मोक्ष प्रदान करते हैं। इनमें गणेश तो हमारे प्रथम पूज्य देवता हैं ही। गणेश की पूजा से ज्ञान, बुद्धि, विवेक की प्राप्ति होती है। जीवन के लिए स्वस्थ रहना आवश्यक है और सूर्य की पूजा से मनुष्य को आरोग्यता प्राप्त होती है। विष्णु की पूजा से धन, संपदा और सत्गुणों की प्राप्ति होती है। दुर्गा साहस और बल प्रदान करती है। और शिव की पूजा से इस लोक और परलोक में मनुष्य शत्रुओं पर विजय प्राप्त करके मोक्ष प्राप्त करता है।