Wednesday, 2 January 2013

मंगल दोष

मंगल जब वर    या  कन्या की कुंडली में 1, ४ ७,८,१२,वे स्थान पर होता है  तब मंगल दोष होता है अर्थात वर कि  कुंडली मै  स्त्री हन्ता योग एवं कन्या कि   कुंडली मै वर हन्ता योग बनता ह
मंगल के समान शनि  दोष  पर भी विचार करना  चाहिए यदि कन्या कि  कुंडली मै लग्न से अष्टम भाव मे शनि या  अन्य कोई पाप ग्रह बैठा हो और विशेष कर नीच या शत्रु ग्रहहो   या नीच वर्ग का हो तो पति  के लिए  अनिष्ट कारी होता है |यदि वर  कि कुंडली मै दुतीय सप्तम  स्थानो मै पाप ग्रह होतो भी स्त्री हंता योग बनता हैयदि  कन्या कि  कुंडली मै मंगलदोष या शनि दोष होतो उसका विवाह मंगल दोष या शनि दोष वाले वर के साथ[सभी मिलान ठीकहोतो ]  कियाजा सकता है |
          

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