Thursday, 24 October 2013

DIWALI ME KARE CHMATKARI ___KARYA SADHAK PRYOG

दिवाली  में करे  चमत्कारी  ----कार्य  साधक  प्रयोग 

DIWALI  ME KARE  CHMATKARI  ___KARYA  SADHAK  PRYOG



यदि  आपका व्यापार न चले  धन संचय  में  बाधा कार्यो  में  बाधा तो  दिवाली  की रात में  लक्ष्मी  पूजन के  बाद  निम्न लक्ष्मी गायत्री  मन्त्र  का 1008  बार जप करे  तो मनोअनुकुल  सफलता  प्राप्त  होती है एवम  साथ में श्री गणेश  मन्त्र   का भी  100 8 जाप करे |
                                              
                                                 ॐ  गं  गणपतये  नम:  



ऊँ महालक्ष्म्यै विद्महे।
विष्णुप्रियायै धीमहि।
तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।।
 








Monday, 21 October 2013

chandi me teji mandi ka chkr 21 -10-2013

chandi me teji mandi  ka chkr 21 -10-2013


चाँदी में तेजी  मंदी  का 21 अक्तूबर 20 13  को 10 :00 से 11;00  तक का चक्र 
10से 10 :35  तेजी ,  10:35 से1:00 मंदी ,1:13 से 1:30 तेजी ,2:15 से 4:15 तेजी ,4:15 से 5:15 तक मंदी 6 :15 से 7 :25तेजी ,7:15 से 9:00 मंदी ,9से 11 तक तेजी की सम्भावना रहेगी |इस प्रकारकिसी  भी वस्तु की तेजी मंदी जान सकते है |
by--muktajyotishs@gmail.com   mo. +917697961597  

Wednesday, 16 October 2013

diwali pujan muhurt 3-11-2013

diwali  pujan  muhurt  3-11-2013
दीवाली पूजन  मुहूर्त  3-11 -20 13




प्रदोष काल --->  शाम 5:30  से 7:30 मिनिट तक प्रदोष काल है इस समय पूजा  आति उतम रहती है  इस वर्ष                   
                         अमावस्याशाम   6:18 मिनिट तक है | भक्त जनसुविधानुसार पूजन करकेलाभउठावें|



स्थिर  लग्न के मुहूर्त

कुम्भ लग्न  ------1:41 दिन से 3:9 मी .दिन तक 


वृष लग्न ---------6:10 शाम से 8:६मि . रात्रितक 


सिंह लग्न ---------1:39रात्रि  से 2:57रात्रि  तक 


इन मुहूर्त  में पूजन कर धर्म लाभ उठावे |


by  --- muktajyotishs@gmail.com

dhan banane aur rog naashk pryog


धनवान बनाने एवम रोग नाशक प्रयोग -->करे एक लोटा जल का प्रयोग  जाने कैसे -->
dhan banane  aur  rog  naashk  pryog
रोज सुबह पानी से करें ये उपाय, कुछ ही दिनों में हो जाएंगे मालामाल


                                                                                                        घर में तरक्की एवम समर्धि के लिए 

घर में जो भी महिला सुबह जल्दी उठती हो उसे यह उपाय करना चाहिए। उपाय के लिए स्त्री को सुबह जल्दी उठना है और घर के मुख्य द्वार पर प्रतिदिन तांबे के लौटे से जल छिड़कना है। यह छोटा सा उपाय है लेकिन बहुत कारगर है। जिन घरों में यह उपाय किया जाता है उन्हें महादेवी की कृपा प्राप्त होजाती  है सभी प्रकार के पूजन कार्य में तांबे के लौटे के उपयोग की अनिवार्यता बताई गई है। तांबे की धातु को पवित्र माना जाता है। इसके साथ ही तांबे के लौटे में रखा पानी भी औषधीय गुण वाला हो जाता है। तांबे के लौटे से पानी पीने पर त्वचा संबंधी रोगों का नाश होता है 
 इसके साथ पेट से संबंधित रोग जैसे कब्ज, गैस आदि भी राहत मिलती है।
ऐसा माना जाता है कि सुबह-सुबह महालक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण पर निकलती हैं। इस दौरान जिन घरों में साफ-सफाई और पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है वहां लक्ष्मी निवास करती हैं।
तांबे के लौटे से मुख्य द्वार पर पानी छिड़कने से घर के आसपास का वातावरण पवित्र हो जाता है। नकारात्मकता नष्ट हो जाती है। पवित्र वातावरण घरों में ही सुख-समृद्धि और धन का वास होता है। ऐसे घर में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी प्राप्त होते है|

Tuesday, 15 October 2013

teji mandi

teji  mandi


til tel me teji 15-10-2013
sona mung joo me mandi 16-10-2013
chandi sut sun me mandi 17-10-2013

Thursday, 3 October 2013

pittr moksh amavasya

pittr   moksh   amavasya


 श्राद्ध पक्ष{पित्रपक्ष}  अमावस्या को  पूजन कर पितरो को प्रसन्न करे 





 अमावस्या श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता , अत: इसका काफी महत्व बताया गया है। यदि किसी व्यक्ति ने पूरे श्राद्ध पक्ष में श्राद्ध नहीं किए हैं तो वे केवल अमावस्या के दिन यहां बता जा रहे उपाय करके भी पितृ देवताओं को प्रसन्न कर सकते है |शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष की अमावस्या पर पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन किया जाना चाहिए। यदि आपके पितृ देवता प्रसन्न नहीं होंगे तो आपको अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त नहीं हो सकती है। पितरों की कृपा के बिना कड़ी मेहनत करने के बाद भी उचित प्रतिफल प्राप्त नहीं होता है और कार्यों में बाधाएं बढ़ जाती हैं।
ऐसा माना जाता है पितरों को तृप्त करने से हमें सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं और सभी बिगड़े कार्य बन जाते हैं

 यह उपाय करें। उपाय के अनुसार सबसे पहले मुख्य दरवाजे के बाहर साफ-सफाई करें। पूजन की थाली सजाएं। थाली में पूजन सामग्री के साथ ही गुड़ और घी भी विशेष रूप से रखें।
इसके बाद दरवाजे के दोनों ओर एक-एक बड़ा दीपक रखें। उसमें गाय के गोबर से बने कंडें जलाएं, दोनों दीपों का पूजन करें। पूजन के बाद पितर देवताओं को याद करें और दोनों दीपों में सुलगते हुए कंडों पर गुड़-घी एक साथ मिलाकर पांच बार डाल दें। इससे पितृ तृप्त होते हैं। ध्यान रखें धूप देने से पहले कंडों से धुआं निकलना बंद हो जाना चाहिए। इस उपाय से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। इस दौरान पितृ देवताओं के मंत्रों का जप भी किया जा सकता है।
आप किसी पीपल के वृक्ष के समीप जाएं और अपने साथ जनेऊ और संपूर्ण पूजन सामग्री लेकर जाएं। पीपल की पूजा करें और जनेऊ अर्पित करें। इसके साथ ही भगवान श्रीहरि के मंत्रों का जप करें या भगवान विष्णु का ध्यान करें।
इसके बाद पीपल की परिक्रमा करते हुए ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जप करें। इस उपाय पितर देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है।