Thursday, 3 October 2013

pittr moksh amavasya

pittr   moksh   amavasya


 श्राद्ध पक्ष{पित्रपक्ष}  अमावस्या को  पूजन कर पितरो को प्रसन्न करे 





 अमावस्या श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता , अत: इसका काफी महत्व बताया गया है। यदि किसी व्यक्ति ने पूरे श्राद्ध पक्ष में श्राद्ध नहीं किए हैं तो वे केवल अमावस्या के दिन यहां बता जा रहे उपाय करके भी पितृ देवताओं को प्रसन्न कर सकते है |शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष की अमावस्या पर पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन किया जाना चाहिए। यदि आपके पितृ देवता प्रसन्न नहीं होंगे तो आपको अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त नहीं हो सकती है। पितरों की कृपा के बिना कड़ी मेहनत करने के बाद भी उचित प्रतिफल प्राप्त नहीं होता है और कार्यों में बाधाएं बढ़ जाती हैं।
ऐसा माना जाता है पितरों को तृप्त करने से हमें सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं और सभी बिगड़े कार्य बन जाते हैं

 यह उपाय करें। उपाय के अनुसार सबसे पहले मुख्य दरवाजे के बाहर साफ-सफाई करें। पूजन की थाली सजाएं। थाली में पूजन सामग्री के साथ ही गुड़ और घी भी विशेष रूप से रखें।
इसके बाद दरवाजे के दोनों ओर एक-एक बड़ा दीपक रखें। उसमें गाय के गोबर से बने कंडें जलाएं, दोनों दीपों का पूजन करें। पूजन के बाद पितर देवताओं को याद करें और दोनों दीपों में सुलगते हुए कंडों पर गुड़-घी एक साथ मिलाकर पांच बार डाल दें। इससे पितृ तृप्त होते हैं। ध्यान रखें धूप देने से पहले कंडों से धुआं निकलना बंद हो जाना चाहिए। इस उपाय से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। इस दौरान पितृ देवताओं के मंत्रों का जप भी किया जा सकता है।
आप किसी पीपल के वृक्ष के समीप जाएं और अपने साथ जनेऊ और संपूर्ण पूजन सामग्री लेकर जाएं। पीपल की पूजा करें और जनेऊ अर्पित करें। इसके साथ ही भगवान श्रीहरि के मंत्रों का जप करें या भगवान विष्णु का ध्यान करें।
इसके बाद पीपल की परिक्रमा करते हुए ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जप करें। इस उपाय पितर देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है।

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