वैशाख मास में जलदान महा दान--- जाने कैसे vaishaakh mas me jaldan mahadan -jane kaise
(स्कंदपुराण, वै. वै. मा. 2/1)न माधवसमो मासों न कृतेन युगं समम्।
न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।।अर्थात वैशाख के समान कोई महीना नहीं है, सत्ययुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार स्वयं ब्रह्माजी ने वैशाख को सब मासोंं से उत्तम मास बताया है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला इसके समान दूसरा कोई मास नहीं है। जो वैशाख मास में सूर्योदय से पहले स्नान करता है, उससे भगवान विष्णु विशेष स्नेह करते हैं। सभी दानों से जो पुण्य होता है और सब तीर्थों में जो फल मिलता है, उसी को मनुष्य वैशाख मास में केवल जलदान करके प्राप्त कर लेता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार जो इस मास में जलदान महा दान । जो मनुष्य इस मास में प्याऊ लगाता है, वह विष्णु लोक में स्थान पाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि जिसने वैशाख मास में प्याऊ लगाया , उसने ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवताओं को संतुष्ट कर लिया।
वैशाख मास में इंसान,पशुओं पक्षीओ आदि सभी के लिए जल दान की व्यवस्था करना चहिये
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