Monday, 27 July 2015

chaturmas me kre---shree laxmi ji ko prshnn

चातुर्मास में करे------ श्री लक्ष्मी जी को प्रशन्न 

chaturmas me kre---shree laxmi ji ko prshnn 


22 नवंबर तक ये चीजें न खाएं, लक्ष्मी के लिए मंत्र का जप करें
हिन्दी पंचांग के अनुसार -- चातुर्मास यानी चार माह का समय स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होता है। इन दिनों में गुड़, तेल, दही के साथ चावल, मूली, बैंगन, हरी सब्जियां आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। पुरानी मान्यता है कि चातुर्मास में खान-पान और रहन-सहन में बदलाव करना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लक्ष्मी कृपा पाना चाहते हैं तो इस समय में भगवान विष्णु के मंत्र का जप करना चाहिए। 
यदि आप चाहे तो के नामों से फूल तुलसी पत्र  भी अर्पण  कर सकते हैं।                                                                     हिन्दी पंचांग के अनुसार ये हैं चौमासे के चार माह- श्रावण, भाद्रपद, आश्विन तथा कार्तिक।

 शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान विष्णु हर साल करीब चार माह के लिए शेषनाग की शय्या पर शयन करते हैं। इस सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु ही हैं और इनकी पूजा से देवी लक्ष्मी के साथ ही सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो जाती है। इस चातुर्मास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि इस समय में श्रीहरि शयन करते हैं।
चातुर्मास में क्यों नहीं किए जाते हैं मांगलिक कार्य
मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा, यज्ञ-हवन, किसी भी प्रकार के संस्कार आदि। इन सभी कार्यों में भगवान श्रीहरि की उपस्थिति अनिवार्य होती है। चातुर्मास में भगवान विष्णु शयन करते हैं और वे इन कार्यों में उपस्थित नहीं होते हैं। इसी वजह से चातुर्मास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
चातुर्मास की विशेषता है कि इसे साधना के लिए श्रेष्ठ समय माना जाता है|


 श्रीहरि भगवान विष्णु  माता लक्ष्मी को प्रशन्न करने का मन्त्र ------ॐ श्री लक्ष्मी नारायण भ्याम नम:  | इसमन्त्र का 108 बार ब्रहम मुहूर्त में जाप करने से लक्ष्मी की प्राप्ती होती है मनो कामनाओं की पूर्ति होती है| 

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