Thursday, 27 October 2016

भगवन धन्वन्तरि पूजन विधि


 भगवन धन्वन्तरि पूजन विधि

bhagban dhanvantri pujan vidhi 


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Dhanteras Puja Vidhi -how to do puja on Dhanteras toget good health prosperity

Dhanteras Puja Vidhi -how to do puja on Dhanteras toget good health prosperity

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Diwali Festival starts on Dhanteras. Lakshmi puja starts on this day.
I am sharing with you how to do Yama Deepdan, Dhanwantari puja and Lakshmi puja on Dhanteras.

Dhanteras Puja Vidhi Step 1 – Light Earthen Lamp For Lord Yama (Yama deepak)
1. Take a small wooden slab with small legs (पट्टा).
2. Make a swastik with roli on it.
3. Now put an earthen lamp on it and light the earthen lamp.
4. Now take a cowry shell with hole and put it into earthen lamp.
5. Shower water (Gangajal or pure water) around lamp 3 times.
6. Put tilak of roli on lamp. Then put raw whole rice on tilak.
7. Offer some sugar to it. (Just put some sugar in the lamp).
8. Put 1 rupee coin in it.
9. Now offer some flowers to lamp.
10. Do pranam to earthen lamp.
11. Offer tilak to family members.
12. Now place this lamp outside main gate of your house. Place it on right side of door. It’s flame must face towards south direction.
Dhanteras Puja Vidhi Step 2 – How to Do Ganesh Lakshmi Puja on Dhanteras
After Dhanwantari puja you must do panchopchar puja of Lord Ganesh and Goddess Lakshmi.
1. Ganesh Panchopchar puja : First do puja of Ganesh ji.

Show earthen lamp to him.
Offer dhoop to him.
Offer scent to Lord Ganesha.
Offer flowers in his lotus feet.
Offer sweets (naivedya) to Lord Ganesh.
2. Lakshmi Panchopchar Puja : Do panchopchar puja of Goddess Lakshmi same as you did of Lord Ganesh.
Watch this video to see how to do panchopchar puja of Lord Ganesh and Goddess Lakshmi :
Dhanteras Puja Vidhi Step 3 – How to Do Dhanwantari Puja
After lighting earthen lamp for Lord Yama do dhanwantari puja at your home.
1. Sit in your puja room.
2. Recite Dhanwantari Mantra at least 108 times. Dhanwantari mantra is : “Om Dhan Dhanvantaraye Namah” “ॐ धं धन्वन्तरये नमः“.
3. Say after the end of recitation, “O Lord Dhanwantari! I offer this recitation in your lotus feet. Please give us good health.”
Dhanteras Puja Muhurat on
28 october 2016 5: 35 pm to 6 : 20 pm 
Wish you a very Happy Dhanteras.

दीपावली के चमत्कारी टोटके

diwali ke chamatkari totke 

दीपावली के चमत्कारी टोटके 

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दीपावली के दिन 3 अभिमंत्रित गोमती चक्र, 3 पीली कौडिय़ां और 3 हल्दी गांठों को एक पीले कपड़ें में बांधें। इसके बाद इस पोटली को तिजोरी में रखें। धन लाभ के योग बनने लगेंगे।                                     - महालक्ष्मी के मंत्र: ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद्‌ श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: इस मंत्र का जप करें। मंत्र जप के लिए कमल के गट्टे की माला का उपयोग करें। दीपावली पर कम से कम 108 बार इस मंत्र का जप करें।                                                                  - दीपावली पर श्रीयंत्र के सामने अगरबत्ती व दीपक लगाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें। फिर श्रीयंत्र का पूजन करें और कमलगट्टे की माला से महालक्ष्मी के मंत्र: ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद्‌ श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का जप करें।                                                                                               - किसी भी मंदिर में झाड़ू का दान करें। यदि आपके घर के आसपास कहीं महालक्ष्मी का मंदिर हो तो वहां गुलाब की सुगंध वाली अगरबत्ती का दान करें।                                                                   - यदि धन संबंधियों परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो किसी भी श्रेष्ठ मुहूर्त में हनुमानजी का यह उपाय करें। उपाय के अनुसार किसी पीपल के वृक्ष का एक पत्ता तोड़ें। उस पत्ते पर कुमकुम या चंदन से श्रीराम का नाम लिखें। इसके बाद पत्ते पर मिठाई रखें और यह हनुमानजी को अर्पित करें। इस उपाय से भी धन लाभ होता है।                                                                                           - घर के मुख्य द्वार पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। द्वार के दोनों ओर कुमकुम से ही शुभ-लाभ लिखें। -दीपावली के दिन श्वेतार्क गणेश की प्रतिमा घर में लाएंगे तो हमेशा बरकत बनी रहेगी। परिवार के सदस्यों को पैसों की कमी नहीं आएगी।                                      - दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में हल्दी की गांठ भी रखें। पूजन पूर्ण होने पर हल्दी की गांठ को घर में उस स्थान पर रखें, जहां धन रखा जाता है।                                                                                      - महालक्ष्मी के चरण चिह्न से आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो सकती है और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। ज्योतिष के अनुसार लक्ष्मी के चरण चिह्न से अशुभ ग्रहों का बुरा प्रभाव भी कम होता है। इसके अलावा हमारे घर पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती। सभी सदस्यों में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।                                                                                                         - यदि संभव हो सके तो इस दिन किसी तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं। शास्त्रों के अनुसार इस पुण्य कर्म से बड़े-बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं।                                   - घर में स्थित तुलसी के पौधे के पास दीपावली की रात में दीपक जलाएं। तुलसी को वस्त्र अर्पित करें।                                           -स्फटिक से बना श्रीयंत्र दीपावली के दिन बाजार से खरीदकर लाएं। श्रीयंत्र को लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रखें। कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी।                                                 -दीपावली पर सुबह-सुबह शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। जल में यदि केसर भी डालेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा।                                               - महालक्ष्मी के ऐसे चित्र का पूजन करें, जिसमें लक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु के पैरों के पास बैठी हैं। ऐसे चित्र का पूजन करने पर देवी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं।                                                            - लक्ष्मी पूजन में सुपारी रखें। सुपारी पर लाल धागा लपेटकर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि पूजन सामग्री से पूजा करें और पूजन के बाद इस सुपारी को तिजोरी में रखें।
दिवाली में पूजित की जाने बाली सामग्री श्री यंत्र कुबेर यंत्र कनक धारा यंत्र आदि उपलब्ध है |  संपर्क करे  +917697961597

dhanterash puja muhutr 28 october 2016

धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्तdhanterash puja muhutr 28 october 2016

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इस बार धनतेरस पूजा के लिए 28 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 35 मिनट से 6 बजकर 20 मिनट तक मुहूर्त है। यह मुहूर्त 45 मिनट का है। वहीं इस दिन प्रदोष काल 5 बजकर 35 मिनट से 8 बजकर 11 मिनट तक हैं। त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 27 अक्टूबर 2016 को शाम 4बजकर 15 मिनट से हो जाएगी। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल के दौरान होना चाहिए। प्रदोष काल की अवधि 2 घंटे 24 मिनट की है।

Friday, 14 October 2016

करवा चौथ का व्रत किस प्रकार से करें जिससे प्राप्ति हो शुभ फल की प्राप्ति



करवा चौथ का व्रत किस प्रकार से करें जिससे  प्राप्ति हो शुभ फल  की प्राप्ति 

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हिंदू धर्म शास्त्रों में सुहागिनों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार करवा चौथ है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती है। यह व्रत कार्तिक कृष्ण की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। यदि दो दिन की चंद्रोदय व्यापिनी हो या दोनों ही दिन, न हो तो ‘मातृविद्धा प्रशस्यते’ के अनुसार पूर्वविद्धा लेना चाहिए। अपने पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनें यह व्रत करती है। सनातन पद्धति में करवा चौथ सुहागिनों का महत्वपूर्ण त्योहार माना गया है। इस पर्व पर महिलाएं हाथों में मेहंदी रचाकर, चूड़ी पहन व सोलह श्रृंगार कर अपने पति की पूजा कर व्रत का पारायण करती हैं। स्त्रियां इस व्रत को पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं।

करवा चौथ व्रत विधि : -व्रत के दिन प्रातः स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें- 'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्रीप्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।' विवाहित स्त्री पूरे दिन निर्जला (बिना पानी के) रहें।दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। इसे वर कहते हैं। चित्रित करने की कला को करवा धरना कहा जाता है। आठ पूरियों की अठावरी बनाएं। हलुआ बनाएं। पक्के पकवान बनाएं। पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं। गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें। जल से भरा हुआ लोटा रखें। वायना (भेंट) देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा रखें। रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं। गौरी-गणेश और चित्रित करवा की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें।

'नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्‌। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥' करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें। रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें।

Friday, 7 October 2016

12 बातें, जिनके मानने पर आपकी किस्मत चमक जाएगी।


12 बातें, जिनके मानने पर आपकी किस्मत चमक जाएगी।

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(1) सूर्यास्त के समय किसी को भी दूध, दही या प्याज नहीं दें। इससे घर की सुख-समृद्धि समाप्त जाती है।

(2) महीने में एक बार अपने ऑफिस में कुछ न कुछ मिठाई अवश्य ले जानी चाहिए। इसे अपने साथियों तथा अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर खाना चाहिए, इससे ऑफिस में तरक्की का मार्ग खुलता है।
(3) रसोई में रात को झूठे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए, अधिक इमरजेन्सी में पानी से साफ करके रख देवें। इससे धन की हानि होने से बचेगी।
(4) घर के मेन दरवाजे पर कभी भी कूड़ादान नहीं रखना चाहिए। इससे पड़ौसियों से दुश्मनी हो जाती है।
(5) घर में सुबह के समय कुछ देर के धार्मिक भजन या मंत्र आदि का उच्चारण करना चाहिए। यदि स्वयं के द्वारा जप संभव नहीं हो तो मोबाइल, डीवीडी प्लेयर आदि में मंत्र की ऑडियो सीडी चला दें। इससे घर में आने वाले संकट टलते हैं।
(6) महीने में एक बार घर में मिश्री युक्त खीर बनानी चाहिए तथा परिवार सहित खानी चाहिए। इससे घर की दरिद्रता दूर होकर मां लक्ष्मी का वास होता है।

(7) बिस्तर पर बैठ कर कभी भी खाना नहीं खाना चाहिए। इससे घर में अशांति फैलती है तथा घर में रहने वालों पर कर्जा आता है।
(8) जब भी फल खाएं तो उनके छिलके कूड़ेदान में फेंकने के बजाय फेंकने चाहिए। सबसे उत्तम यह है कि किसी गाय अथवा अन्य जानवर को खाने के लिए दे दिए जाएं। इससे तुरन्त धनलाभ होने लगता है।
(9) रात को सोने से पहले घर की रसोई में एक बाल्टी पानी से भरकर रख दें। इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है। इसी तरह यदि रात को बाथरूम में बाल्टी में पानी भरकर रखेंगे तो जीवन में उन्नति के रास्ते अपने आप खुलते चले जाएंगे।
(10) कभी भी अपने घर में मकड़ी के जाले तथा अन्य धूल-मिट्टी जमा नहीं होने दें, वरना घरवालों के भाग्य पर जाले लगने लगते हैं और बनते हुए काम भी बिगड़ने शुरू हो जाते हैं।
आरती, पूजा का दीपक, पूजा स्थान पर लौ आदि को कभी भी मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं। साथ ही घर के मंदिर में धूप, अगरबत्ती, हवन सामग्री आदि (आग्नेय दिशा) दक्षिण पूर्व में रखें।
(11) घर में सप्ताह में कम से कम एक बार अवश्य ही समुद्री नमक (सेंधा नमक) से घर पोछा लगाना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
(12) घर में बने पूजा स्थल में सदैव जल का एक कलश (या कोई छोटा पात्र) भरकर रखें जोकि मंदिर के ईशान कोण में हो तो घर में रहने वालों के लिए शुभ होता है।

Thursday, 6 October 2016

दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करे


दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करे 

durga saptshti ka path kaise kre 


Image result for durgaदुर्गा सप्तशती का विधिपूर्वक किया गया पाठ जीवन में अन्न, धन, वस्त्र, यश, शौर्य, शांति और मनवांछित फल प्रदान करता है। विशेषकर, नवरात्र में पहले दिन कलश स्थापना के बाद दुर्गा सप्तशती के तेरह अध्यायों का पाठ करने का विधान है। रहस्याध्याय के अनुसार, जिस मनुष्य को एक दिन में पूरे पाठ करने का अवसर न मिले, तो वह एक दिन केवल मध्यम चरित्र का तथा दूसरे दिन शेष दो चरित्रों का पाठ कर सकता है।प्रतिदिन पाठ करने वाले मनुष्य एक दिन में पूरा पाठ न कर पाएं, तो वे एक, दो, एक, चार, दो, एक और दो अध्यायों के क्रम से सात दिनों में पाठ पूरा कर सकते हैं। संपूर्ण दुर्गासप्तशती का पाठ न करने वाले मनुष्य देवी कवच, अर्गलास्तोत्र, कीलकम का पाठ करके देवी सूक्तम पढ़ सकते हैं।

लेकिन नवरात्र में दुर्गा कवच प्रत्येक देवी भक्त को पढ़ना चाहिए। समय का अभाव हो, तो केवल सूक्तम से भी भगवती की आराधना करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। देवी सूक्तम से पहले अगर सातवां अध्याय पढ़ लिया जाए, तो अधिक लाभकारी रहता है।