अपने जन्म नक्षत्र के वृक्षों को लगाओ और जीवन मे सफलता पाओ
apne janm nakstr ka vrksh lagao saphlta paaao
किसी व्यक्ति के जन्म के समय, चंद्रमा धरती से जिस नक्षत्र की सीध में रहता है, वह उस व्यक्ति का जन्म-नक्षत्र कहलाता है। इस प्रकार अपने जन्म-नक्षत्र जानकर उस वृक्ष को पहचानिए जिसका सेवन आपके लिए वर्जित है। अत: जन्म-नक्षत्र से संबंधित वृक्ष का सेवन नहीं, सेवा करनी चाहिए।पने जन्म-नक्षत्र के पौधे घर में लगाकर उसे सींचे। ऐसा करना आपके हित में होगा। इससे आप निरोगी, स्वस्थ और संपन्न रहेंगे, साथ ही दीर्घायु भी।
अपने जन्म नक्षत्र के वृक्षों को बढ़ाने और पालन करने से आयु आदि की वृद्धि होती है। क्रम नक्षत्र देवता वृक्षों के नाम 1. अश्विनी अश्विनी कुचिला 2. भरणी यम आंवला 3. कृत्तिका अग्नि गूलर 4. रोहिणी ब्रह्म जामुन 5. मृगशिरा सोम खैर 6. आद्र्रा रुद्र शीशम 7. पुनर्वसु अदिति बांस 8. पुष्य गुरु पीपल 9. आश्लेषा सर्प नागकेसर 10. मघा पितर बरगद 11. पू. फाल्गुनी भग ढाक 12. उ. फाल्गुनी अर्यमा पाकड़ 13. हस्त सविता रीठा 14. चित्रा त्वष्टा बेल 15. स्वाति वायु अर्जुन 16. विशाखा इन्द्राग्नि विकंकत 17. अनुराधा मित्र मौलश्री 18. ज्येष्ठा इन्द्र चीड़ 19. मूल निऋति साल 20. पूर्वाषाढ़ा अप (जल) जलवेतस 21. उत्तराषाढ़ा विश्वेदेव कटहल 22. श्रवण विष्णु मदार 23. धनिष्ठा वसु शमी 24. शतभिषा वरुण कदंब 25. पू. भाद्रपद अजैकपद आम 26. उ. भाद्रपद अहिर्बुध्न्य नीम 27. रेवती पूषा महुआ
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