Wednesday, 8 May 2019

हस्ताक्षर बता देते है की आप जन्म कुंडली मे किस ग्रह से प्राभवित है


हस्ताक्षर  बता देते है की आप  जन्म कुंडली मे   किस ग्रह से प्राभवित है

एक व्यक्ति की जन्म कुंडली उसके बारे में विभिन्न परिभाषाएं देती है। किसी विशेष व्यक्ति की जन्म कुंडली को परिभाषित करने के लिए एक ज्योतिषी ब्रह्मांड में उपस्थित नौ ग्रहों का सहारा लेता है। मान्यता है कि इन ग्रहों का संबंध व्यक्ति की लिखावट, लेखन शैली एवं हस्तलिखित अक्षरों से भी होता है।

नौ ग्रह

इसीलिए इन ग्रहों का इस्तेमाल हस्ताक्षर के संदर्भ में व्यक्ति के व्यक्तित्व पर रोशनी डालने के लिए किया जाता है। तो आइए जानें कि आपका हस्ताक्षर ब्रह्मांड में मौजूद किस ग्रह से मिलकर आपके चरित्र को दर्शाता है और इसका आप पर क्या प्रभाव पड़ता है।

सूर्य ग्रह

नौ ग्रहों में सबसे पहला और सबसे श्रेष्ठ माना जाने वाला ग्रह है, ‘सूर्य ग्रह’। यदि आपके हस्ताक्षर सरल, सीधे एवं स्पष्ट होते हैं, तो आपका सम्बन्ध ब्रह्मांड में मौजूद सूर्य ग्रह से है। यह ग्रह आपको स्वभाव में सरल तथा विशाल हृदय वाला बनाता है।

सूर्य ग्रह कितना प्रभावी?

ब्रह्मांड में मौजूद सभी ग्रहों में से सूर्य ग्रह अत्यंत सम्मानित माना जाता है। ठीक इसी प्रकार से सूर्य ग्रह जिसकी कुंडली में सूर्य ग्रह सकारात्मक दृष्टि से विराजमान हों, उसे संसार में हर किसी से सम्मान ही हासिल होता है। ऐसे लोग समाज में प्रतिष्ठित पद प्राप्त करते हैं।

चंद्र ग्रह

यदि आप अपने हस्ताक्षर करते समय नाम लिखने के बाद अंत में एक बिंदु या फिर कोई खास चिन्ह लगाते हैं, तो आपके हस्ताक्षर चंद्रमा की प्रवृत्ति वाले हैं। ऐसे लोग रचनात्मक होते हैं। उन्हें सजावट से बेहद प्रेम होता है। किंतु इनके स्वभाव की अच्छी-बुरी बातें इस बात पर निर्भर करती हैं कि इनकी जन्म कुंडली का चन्द्रमा शुभ स्थिति में है या अशुभ।

चंद्र ग्रह शुभ या अशुभ?

यदि शुभ है तो ऐसे ब्यक्ति कुशल स्वभाव के होते हैं। किसी भी कार्य को आरंभ करने के बाद बीच में छोड़ना इनकी आदत नहीं है। किंतु यदि चंद्रमा अशुभ ग्रहों के साथ उपस्थित है तो जातक हस्ताक्षर के नीचे बिंदु नहीं, बल्कि दो लाइनें खींचता है। ये चिह्न उसके मन में असुरक्षा की भावना उत्पन्न करते हैं। इससे उसकी सोच सकारात्मक से नकारात्मक दृष्टि में तब्दील हो जाती है

मंगल ग्रह

तीसरा ग्रह है ‘मंगल ग्रह’। यदि जातक हस्ताक्षर करते समय पूरा नाम लिखने के बाद नीचे एक लम्बी लाइन खींचता है, तो उसका हस्ताक्षर मंगल ग्रह से सम्बन्ध रखता है। मंगल ग्रह ऐसे लोगों के स्वभाव पर गहरा असर करता है।


अगर यह ग्रह उनकी जन्म कुंडली में शुभ स्थान पर विराजमान है तो वह बलवान और साहसी चरित्र को अपनाते हैं। किंतु अगर यह ग्रह अपने स्थान से भटक कर जन्म कुंडली में बुरा प्रकोप ला रहा है, तो ऐसा जातक जल्द ही क्रोधित हो जाता है। इनमें अत्यधिक आत्मनिर्भरता आमतौर पर देखी जा सकती है।

बुध ग्रह

यदि हस्ताक्षर स्पष्ट एवं गोलाकार बिंदु के रूप में हों तो ऐसे जातक बुध ग्रह से सम्बन्धित होते हैं। ऐसे लोग अच्छे चिंतक, विचारक, लेखक एवं सम्पादक होते हैं। इनमें ज्ञान हासिल करने एवं साथ ही लोगों में बांटने का अति उल्लास देखा जाता है।


यह लोग भावनात्मक होते हैं। त्याग एवं परोपकार की भावना इनमें कूट-कूट कर भरी रहती है। जीवन में यदि सबसे ज्यादा इनके लिए कुछ महत्वपूर्ण है तो वह है लक्ष्य प्राप्ति, और इसमें सफल होने के लिए यह कुछ भी कर सकते हैं।

गुरु ग्रह

यदि हस्ताक्षर करने वाला व्यक्ति अपने नाम का पहला अक्षर बड़ा और फिर बाकी उससे छोटे-छोटे बनाता है तो वह गुरु ग्रह से सम्बन्ध रखता है। ऐसे लोग अपने हस्ताक्षर को नीचे से ऊपर की ओर करते हैं, यानी कि एक तिरछी लाइन में, लेकिन किसी भी प्रकार की लाइन का इस्तेमाल नहीं करते।


इनके हस्ताक्षर के मुताबिक यह लोग बुद्धिमान एवं दार्शनिक होते हैं। ईश्वर में इनकी आस्था की कोई सीमा नहीं होती, किंतु अगर इनकी जन्म कुंडली में गुरु ग्रह का नकारात्मक प्रभाव चल रहा है तो यह उनमें पनप रही ईश्वरीय भावना को भी काटता है।

शुक्र ग्रह

सुंदर, कलात्मक एवं हस्ताक्षर के नीचे एक गोलाकार स्वरूप लिए हुए एक छोटी पंक्ति बनाने वाले जातक शुक्र ग्रह से जुड़े होते हैं। ग्रहों के अनुसार ऐसे व्यक्ति मीडिया, फिल्मी दुनिया, वस्त्र उद्योग एवं इसी प्रकार के कलात्मक क्षेत्रों में अत्यंत रुचि रखते हैं।


शुक्र ग्रह ऐसे लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है, किंतु हमेशा सकारात्मक तरीके से ही। ऐसे जातकों का पारिवारिक जीवन भी पूर्ण रूप से सुखी होता है। इन्हें अपने जीवन में बहुत कम समय पर मुश्किलें देखनी पड़ती हैं। यह लोग प्रत्येक प्रकार की सुख-सुविधा एवं भोग-विलास से युक्त होते हैं।

शनि ग्रह

शनि ग्रह से सम्बन्ध रखने वाले जातक अपने हस्ताक्षर करने के बाद उसके नीचे दो रेखाएं जरूर खींचते हैं। ऐसे लोग बेहद परिश्रमी होते हैं। किसी भी कार्य की गहराई में जाना इन्हें अत्यंत भाता है। विभिन्न प्रकार के शोध करने में भी रुचि रखते हैं ऐसे जातक।

राहु-केतु

कुछ लोगों को हस्ताक्षर करने के बाद अंत में किसी भी प्रकार का चिन्ह (-) लगाने की आदत होती है। इसके फलस्वरूप ऐसे जातकों पर राहु-केतु ग्रहों का पूर्ण प्रभाव होता है। ऐसे हस्ताक्षरों में लयबद्धता की कमी होती है। ऐसे जातकों के संदर्भ में एक बात और भी देखी गई है कि यह हस्ताक्षर काफी तेजी से खत्म करते हैं।


अपने हाथ में पेन पकड़ने के बाद एक पल में ही यह हवा की गति से अपना हस्ताक्षर समाप्त कर लेते हैं। इनका यह स्वभाव इनकी मानसिक तीव्रता को दर्शाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु ग्रह से प्रभावित जातकों को अपने रहस्यों को अपने तक सीमित रखना चाहिए। अन्यथा यह उनके लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।

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