Friday, 30 August 2019
Thursday, 29 August 2019
Wednesday, 28 August 2019
ओपल रत्न पहनने के फायदे
ओपल रत्न पहनने के फायदे
Opal Stone
रत्न हमारे जीवन की दिशा और दशा दोनों में जबरदस्त परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं। कोई भी रत्न धारण करने से पहले यह जान लेना चाहिए कि कौन सा रत्न, किस व्यक्ति को धारण करना चाहिए। अन्यथा गलत रत्न धारण करने से लाभ के स्थान पर नुकसान होने की संभावनाएं भी बन सकती हैं। यहां भी ध्यान देने योग्य बात यह कि सभी रत्न अपने धारक के लिए नुकसान का कारण नहीं बनते हैं।ओपल रत्न किस राशि के व्यक्तियों को धारण करना चाहिए और धारण करते समय कौन से नियमों का पालन करना चाहिए-ओपल रत्न बहुत सुंदर रत्नों की श्रेणी में आता हैं। इसे शुक्र ग्रह के सभी फल प्राप्त करने के लिए विशेष रुप से धारण किया जाता हैं। ओपल शुक्र ग्रह का उपरत्न हैं। तथा यह हीरा रत्न का सब्स्टिटूड हैं। यह माना जाता है कि अपने सौंदर्य और अद्भुत आभा के लिए जाना जाने वाला यह रत्न अपने धारक को प्यार और ढ़ेर सारी खुशियां देने का कार्य करता हैं। यह रत्न कई रंगों में पाया जाता हैं। अपनी खूबसुरत आभा के कारण यह रत्न सबको अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
- सौंदर्य प्रसाधनों से जुड़ा व्यापार या व्यवसाय कर रहें व्यक्तियों को ओपल रत्न धारण करने से लाभ बेहतर होते हैं।
- दूध और दूध से बनी वस्तुओं जैसे- डेयरी उत्पादों, मिठाई और इसी प्रकार के व्यवसायों में कार्यरत व्यक्तियों को ओपल रत्न धारण करने से लाभ होता हैं।
- प्रेम संबंधों में सफलता पाने के लिए भी ओपल रत्न धारण किया जाता हैं।
- कला जगत, कलात्मक कॄतियों के निर्माता, रचनात्मक विषयों से जुड़े व्यक्तियों का रत्न धारण करना शुभ और अनुकूल फलदायक साबित होता हैं।
- चिकित्सा क्षेत्र में ओपल का उपयोग हार्मोनल स्त्राव को संतुलित करने के लिए किया जाता हैं।
- यह माना जाता है कि यह रत्न अपने धारक की भावनाओं को दर्शाता हैं। इसमें किसी भी प्रकार का कोई असंतुलन होने पर यह भावनाओं को संतुलित करने का कार्य भी करता हैं।
- सबसे अच्छी बात यह है कि ओपल रत्न को वफादारी, सच्चाई और सहजता का प्रतीक रत्न हैं। मन की चंचलता में स्थिरता लाने का कार्य यह करता हैं।
- अपनी मनमोहक छ्टा से यह व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति को बेहतर करता हैं और जीवन में शांति लाता हैं।
- नेत्र चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता हैं।
- दांपत्य जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या चल रही हों तो ओपल रत्न धारण करने से वैवाहिक जीवन के सु्खों में बढ़ोतरी होती हैं।
- धन की देवी लक्ष्मी जी की शुभता प्राप्ति के लिए भी ओपल रत्न को धारण किया जा सकता हैं।
- यह रत्न अपने धारक को सुख-शांति और सहजता देता हैं।
- यदि कुंडली में शुक्र रत्न बलवान हों, शुभ भावों का स्वामी होकर, शुभ भाव में स्थित हों तो यह रत्न धारण करना धारक को स्वास्थ्य, संतान और भाग्य सभी कुछ दे सकता हैं।
- ओपल रत्न वॄषभ राशि / वृषभ लग्न, तुला राशि/ तुला लग्न और मिथुन लग्न, कन्या लग्न, मकर लग्न और कुम्भ लग्न वालों को विशेष रुप से ओपल रत्न धारण करना चाहिए। कुम्भ लग्न और कन्या लग्न वालों के लिए तो यह भाग्य रत्न होता हैं।
- call +91-7697961597
Friday, 23 August 2019
Thursday, 22 August 2019
Sunday, 18 August 2019
फंसा हुआ धन पाने के टोटके
फंसा हुआ धन पाने के टोटके
phsa huye dhan pane ke totke
- शनिवार को दक्षिण दिशा की ओर मुँह कर हनुमान जी की प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीया जलाएँ। उस दीये पर सरसों के कुछ दाने, 2 लौंग और एक कपूर डालें। अब तीन बार बजरंग बाण का पाठ करें। फिर हनुमान जी से रुका हुआ धन पाने की प्रार्थना करें। अब दीपक में से 2 चम्मच तेल निकालें और उसका काजल बनाएं। अब किसी मुलायम वस्त्र पर उस व्यक्ति का नाम लिखें जिसको आपने धन दिया है। अब इस कपड़े की बत्ती बनाएं। अब आटे के दीपक में तिल का तेल डाल कर इस बत्ती को पुनः हनुमान जी के सामने जलाएँ और दोबारा 5 बार बजरंग बाण का पाठ करें। फंसा हुआ धन आपको वापस मिल जाएगा।
- 2 राजा कौड़ी (यह किसी भी पूजा की दुकान पर मिल जाएगी) उस व्यक्ति के घर के सामने डाल दें जिसको आपने धन दिया है। इस टोटके से वह आपको आपके पैसे वापस कर देगा। यह फंसा हुआ धन पाने का आसान उपाय है।
- ऐसा माना जाता है कि पीली कौड़ी माँ लक्ष्मी जी का प्रतिनिधित्व करती है। इसलिए पाँच पीली कौड़ी पूजा के स्थान पर रख दें। इससे आपका फंसा हुआ धन वापस आने लगेगा।
- शुक्रवार के दिन कपूर जलाकर उसका काजल बना लें। अब एक भोजपत्र पर उस व्यक्ति का नाम लिखें जिसको आपने पैसा दिया है। अब इस भोजपत्र पर सात बार थपकी देकर इसे अपनी तिजोरी में दबाकर रख लें। इस उपाय से आपका रुका हुआ धन वापस आने लगेगा।
- 11 लौंग, 11 साबुत नमक की डली को नीले कपड़े में बांध दें और उस व्यक्ति का ध्यान करते हुए रात्रि 10 बजे के आस-पास किसी चौराहे पर जाकर चुपचाप इसे रख कर आ जाए। ऐसा करने से दिया हुआ धन वापिस मिलने लगेगा। यह फंसा हुआ धन प्राप्ति का सरल उपाय है।
- मंगल एवं बुधवार को क़र्ज़ का लेनदेन न करें। शास्त्रों में ऐसा कहा जाता है कि मंगलवार को कभी क़र्ज़ नहीं लेना चाहिए। इस दिन क़र्ज़ लेने वाला व्यक्ति हमेशा क़र्ज़ के बोझ तले दबा रहता है। वहीं बुधवार के दिन कभी उधार नहीं देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दी गई उधारी के वापस आने के योग कम होते हैं।
Friday, 9 August 2019
Thursday, 8 August 2019
हल्दी गणेश & kali haldi ganrsh prapt kre
हल्दी गणेश & kali haldi ganrsh prapt kre
इस रूप में गणेश जी की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। हल्दी गणेश की स्थापना से आपको गणेश जी के साथ-साथ बृहस्पति देव का भी आशीर्वाद मिलता है।
हल्दी गणेश के लाभ
- भगवान गणेश तो मंगल का प्रतीक हैं। इनकी उपस्थिति में आपका हर कार्य सफलता से संपन्न होगा और भगवान गणेश के आशीर्वाद से आपके सभी कष्ट दूर होंगे।
- गणेश जी की मूर्ति का हल्दी के साथ होना भगवान गणेश की कृपा को दोगुना कर देता है।
- किसी शुभ कार्य के लिए जाते समय अपने साथ हल्दी गणेश अवश्य रखें। आपको निश्चित ही अपने कार्य में सफलता मिलेगी।
कैसे करें प्रयोग
हल्दी गणेश का विधिपूर्वक पूजन कर अपनी तिजोरी या मंदिर में स्थापित करें। नियमित रूप से रोज इसे धूप-दीप और नैवेद्य दें।
mo..+91-7697961597
Wednesday, 7 August 2019
Tuesday, 6 August 2019
Sunday, 4 August 2019
Saturday, 3 August 2019
कुंडली मे ग्रहो की जाप शांति दान से ग्रह जनित पीड़ा दूर करें
कुंडली मे ग्रहो की जाप शांति दान से ग्रह जनित पीड़ा दूर करेंkundli me grho ki jap shanti dan se grh janit pida dur kre
कुंडली
मे ग्रह यदि अधिक कष्ट दे रहे है तो
ग्रहो की जाप शांति दान से ग्रह जनित पीड़ा दूर होती है ग्रह जातक के पूर्व कृत कर्म के आधार पर रोग, शोक, और सुख, ऐश्वर्य का भी प्रबंध करते हैं।
पीड़ित जातक को चाहिए कि वह पीड़ित ग्रह के दंड को पहचान कर उक्त ग्रह की अनुकूलता हेतु उक्त ग्रह का रत्न धारण करें और संबंधित ग्रह के मंत्र को जपें तो जातक सुखी बन सकता है। साथ में जातक संबंधित ग्रह के क्षेत्र का दान और उस ग्रह के रत्न की माला से जप करें तो जातक प्रसन्न व संपन्न होगा।
क्र./ ग्रह/रत्न/धातु/अन्न/वस्त्र/माला/मंत्र/समय/जप-संख्या
1 सूर्य-माणिक्य-ताम्र-गेहूं-लाल-रक्तमणि-ओम ह्राँ हीं सः सूर्याय नमः-सूर्योदय-7000
2 चंद्र-मोती-चांदी-चावल-श्वेत मोती-ओम श्राँ श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः-संध्या-11000
3 मंगल-मूंगा-ताम्र-मसूर-लाल-मूंगा-ओम क्राँ क्रीं क्रों सः भौमाय नमः-2 घटी-10000
4 बुध-पन्ना-कांसा-मूंग-हरा-हरिल-ओम ब्राँ ब्रीं ब्रों सः बुधाय नमः-5 घटी-9000
5 गुरु-पुखराज-सोना-चनादाल-पीला-हल्दी पीली-ओम ग्राँ ग्रीं ग्रों सः गुरुवै नमः-संध्या-19000
6 शुक्र-हीरा-चांदी-चावल-श्वेत स्फटिक-ओम द्राँ द्रीं द्रों सः शुक्राय नमः-सूर्योदय-16000
7 शनि-नीलम-लोहा-उड़ददाल-काला-नीलमणि-ओम प्राँ प्रीं प्रों सः शनैश्चराय नमः-संध्या-23000
8 राहु-गोमेद-सीसा-तिल-नीला-कृष्णा-ओम भ्राँ भ्रीं भ्रों सः राहवे नमः-रात्रि-18000
9 केतु-लहसुनिया-लोहा-तिल-ध्रूमवर्ण-नौरंगी-ओम स्राँ स्रीं स्रों सः केतवे नमः-रात्रि-17000
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