Sunday, 11 April 2021

नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये 6 काम, नाराज हो सकती हैं माता

 

नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये 6 काम,   नाराज हो सकती हैं माता

नवरात्रि के पवित्र दिनों में नौ दिनों तक माता रानी की उपासना की जाती है। इन दिनों में मां को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन व्रत व पूजा अनुष्ठान करते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों मां के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करने से घर में सुख शांति बनी रहती है और मां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। नवरात्रि के नौ दिन तक व्रत रखने को लेकर कुछ नियम व धार्मिक मान्यताएं भी हैं जिनका पालन किया जाना आवश्यक होता है। नियमों के विपरीत करने पर देवी माता रुष्ठ हो सकती हैं। शास्त्रों के अनुसार अगर इन नियमों का पालन करने माता रानी की कृपा मिलती है और मनोकामना पूरी होती है। जाने किन नियमों का पालन करना जरूरी है-
नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये छह काम

1- लहसुन प्याज का सेवन न करें
नवरात्रि के पावन दिनों में सात्विकता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आहार, व्यवहार और विचार में आपके सात्विकता होना जरूरी है तभी नवरात्रि के व्रत कापूरा लाभ मिल सकेगा। आप इन दिनों प्याज लहसुन और मांस मदिरा का सेवन ना करें। नवरात्रि के नौ दिनों तक पूर्ण सात्विक आहार लेना चाहिए।

2- काम वासना पर काबू रखें-
नवरात्रि के दिनों में काम भावना पर नियंत्रण रखना अतिआवश्यक हैं। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। मां की पूजा अर्चना साफ मन से करने से ही मां प्रसन्न होती है 
 3-भारतीय परंपरा में कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना गया है। यही कारण है कि नवरात्रि में कन्या पूजन या कंजका पूजन कर लोग पुण्य की प्राप्ति करते हैं। माना जाता है नवरातों दौरान किसी भी कन्या या महिला के प्रति असम्मान का भाव न आने दें। शास्त्रों में यहां तक कहा गया है कि यत्र नार्यास्तु पूजयंते रमंते तत्र देवता। किसी भी कन्या का अपमान होने पर मां दुर्गा नाराज हो सकती हैं।

4- घर अकेला न छोड़ें
यदि आपने घर में कलश स्थापना की है या माता की चौकी या अखंड ज्योति लगा रखी है तो घर खाली ना छोड़े। यानी घर में किसी न किसी का होना बहुत जरूरी है। साथ व्रत के दिनों में दिन में सोना भी मना है।

5- कलह से दूर रहें-
नवरात्रि के दिनों में बहुते स लोग व्रत में होते हैं ऐसे मे कलह करने से बचना चाहिए। क्योंकि कलह से व्रतधारी की आत्मा को दुख पहुंचता है जिससे देवी मां रुष्ठ हो सकती हैं। ऐसे में कोशिश करें कि हर प्रकार के वाद विवाद से दूर रहें। श्रीराम चरित मानस में भी ऐसा कहा गया है कि "जहां सुमति तहां संपति नाना। जहां कुमति तहां विपति निदाना।।" लड़ाई झगड़े वाले घर में लक्ष्मी नहीं ठहरतीं।

6- धार्मिक बातों में मन लगाएं
माना जाता है कि व्रत करने वाले को नवरात्रि नौ दिनों तक अपना समय फिज्यूल की बातों में न लगाकर धार्मिक ग्रंथों का अध्यन करना चाहिए। इन दिनों दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तसती का पाठ कर सकते हैं।

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