Wednesday, 12 June 2013

shree yantr

                         shree  yantr 

           ,श्रीयंत्र ओर आपकी समर्द्धधी 









सर्वाधिक लोकप्रिय प्राचीन यन्त्र है,इसकी अधिष्टात्री देवी स्वयं श्रीविद्या अर्थात त्रिपुर सुन्दरी हैं,और उनके ही रूप में इस यन्त्र की मान्यता है।
यह बेहद शक्तिशाली ललितादेवी का पूजा च क्र है,इसको त्रैलोक्य मोहन अर्थात तीनों लोकों का मोहन यन्त्र भी कहते है। यह सर्व रक्षाकर सर्वव्याधिनिवारक सर्वकष्टनाशक होने के कारण यह सर्वसिद्धिप्रद सर्वार्थ साधक सर्वसौभाग्यदायक माना जाता है। इसे गंगाजल और दूध से स्वच्छ करने के बाद पूजा स्थान या व्यापारिक स्थान तथा अन्य शुद्ध स्थान पर रखा जाता है। इसकी पूजा पूरब की तरफ़ मुंह करके की जाती है,श्रीयंत्र का सीधा मतलब है,लक्ष्मी यंत्र जो धनागम के लिये जरूरी है। इसके मध्य भाग में बिन्दु व छोटे बडे मुख्य नौ त्रिकोण से बने ४३ त्रिकोण दो कमल दल भूपुर एक चतुरस ४३ कोणों से निर्मित उन्नत श्रंग के सद्रश्य मेरु प्रुष्ठीय श्रीयंत्र अलौकिक शक्ति व चमत्कारों से परिपूर्ण गुप्त शक्तियों का प्रजनन केन्द्र बिद्नु कहा गया है। जिस प्रकार से सब कवचों से चन्डी कवच सर्वश्रेष्ठ कहा गया है,उसी प्रकार से सभी देवी देवताओं के यंत्रों में श्रीदेवी का यंत्र सर्वश्रेष्ठ कहा गया है। इसी कारण से इसे यंत्रराज की उपाधि दी गयी है। इसे यन्त्रशिरोमणि भी कहा जाता है। दीपावली धनतेरस बसन्त पंचमी अथवा पौष मास की संक्रान्ति के दिन यदि रविवार हो तो इस यंत्र का निर्माण व पूजन विशेष फ़लदायी माना गया है,|
आप हमारे केंद्र से सभी प्रकार पूजित यंत्र एवम श्री यंत्र प्राप्तकरे  ओर सुख वैभव धन सम्रद्धि को व्यापार को कार्यो को तरक्की  पर ले जाबे |

मो 76 97 96 15 97 |

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