Thursday, 25 July 2013

गरुड़ पुराण में मत्यु प्रकार





                                                 गरुड़ पुराण  में मत्यु   प्रकार 



किसकी मौत कैसे होगी? इन 3 बातों से फौरन चल जाता है













हिन्दू धर्मग्रंथ गरुड़ पुराण में जीवन में किए अच्छे-बुरे कामों के मुताबिक मृत्यु के वक्त कैसे हालात बनते हैं? के बारे में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं बताया है। जानिए किस काम से कैसी मौत मिलती है?
 
- जो लोग सत्य बोलते हैं, ईश्वर में आस्था और विश्वास रखते हैं, विश्वासघाती नहीं होते, उनकी मृत्यु सुखद होती है। जो लोग दूसरों को आसक्ति, मोह का उपदेश देते हैं, अविद्या या अज्ञानता, द्वेष या स्वार्थ, लोभ की भावना फैलाते हैं, वे मृत्यु के समय बहुत ही कष्ट उठाते हैं। झूठ बोलने वाला, झूठी गवाही देने वाला, भरोसा तोडऩे वाला, शास्त्र व वेदों की बुराई करने वालों की दुर्गति सबसे ज्यादा होती है। उनकी बेहोशी में मृत्यु हो जाती है। 
यही नहीं ऐसे लोगों को लेने के लिए भयानक रूप और गंध वाले यमदूत आते हैं, जिसे देखकर जीव कांपने लगता है। तब वह माता-पिता व पुत्र को याद कर रोता है।
ऐसी हालात में वह चाहकर भी मुंह से साफ नहीं बोल पाता। उसकी आंखे घूमने लगती है। मुंह का पानी सूख जाता है, सांस बढ़ जाती है और अंत में कष्ट से दु:खी होकर प्राण त्याग देता है। मृत्यु को प्राप्त होते ही उसका शरीर सभी के लिए न छूने लायक और घृणा करने वाला बन जाता है।

जो लोग दूसरों को आसक्ति, मोह का उपदेश देते हैं, अविद्या या अज्ञानता, द्वेष या स्वार्थ, लोभ की भावना फैलाते हैं, वे मृत्यु के समय बहुत ही कष्ट उठाते हैं। 















जो लोग दूसरों को आसक्ति, मोह का उपदेश देते हैं, अविद्या या अज्ञानता, द्वेष या स्वार्थ, लोभ की भावना फैलाते हैं, वे मृत्यु के समय बहुत ही कष्ट उठाते हैं। 

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