Tuesday, 25 February 2014

shivastak



shivastak
                                           शिवाष्टक
                          जय शिव

                                                                                                                                                                             भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि (27 फरवरी, गुरुवार) के दिन यदि शिवाष्टक का जप किया जाए 
तो विशेष फल मिलता है। शिवाष्टक इस प्रकार है-



शिवाष्टक
महाशिवरात्रि पर करें शिवाष्टक का जप, बरसेगी शिव की कृपाजय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणा-कर करतार हरे,
जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशि, सुख-सार हरे
जय शशि-शेखर, जय डमरू-धर जय-जय प्रेमागार हरे,
जय त्रिपुरारी, जय मदहारी, अमित अनन्त अपार हरे,
निर्गुण जय जय, सगुण अनामय, निराकार साकार हरे।
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
जय रामेश्वर, जय नागेश्वर वैद्यनाथ, केदार हरे,
मल्लिकार्जुन, सोमनाथ, जय, महाकाल ओंकार हरे,
त्र्र्यम्बकेश्वर, जय घुश्मेश्वर भीमेश्वर जगतार हरे,
काशी-पति, श्री विश्वनाथ जय मंगलमय अघहार हरे,
नील-कण्ठ जय, भूतनाथ जय, मृत्युंजय अविकार हरे।
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
जय महेश जय जय भवेश, जय आदिदेव महादेव विभो,
किस मुख से हे गुरातीत प्रभु! तव अपार गुण वर्णन हो,
जय भवकार, तारक, हारक पातक-दारक शिव शम्भो,
दीन दु:ख हर सर्व सुखाकर, प्रेम सुधाधर दया करो,
पार लगा दो भव सागर से, बनकर कर्णाधार हरे।
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
जय मन भावन, जय अति पावन, शोक नशावन,
विपद विदारन, अधम उबारन, सत्य सनातन शिव शम्भो,
सहज वचन हर जलज नयनवर धवल-वरन-तन शिव शम्भो,
मदन-कदन-कर पाप हरन-हर, चरन-मनन, धन शिव शम्भो,
विवसन, विश्वरूप, प्रलयंकर, जग के मूलाधार हरे।
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
भोलानाथ कृपालु दयामय, औढरदानी शिव योगी,
सरल हृदय, अतिकरुणा सागर, अकथ-कहानी शिव योगी,
निमिष में देते हैं, नवनिधि मन मानी शिव योगी,
भक्तों पर सर्वस्व लुटाकर, बने मसानी शिव योगी,
स्वयम् अकिंचन, जनमनरंजन पर शिव परम उदार हरे।
पार्वती पति हर-हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे॥
 
 



Thursday, 20 February 2014

teji aur mandi



teji aur mandi


सोना ,चाँदी ,रुई सूत,में तेजी और तेल तिल में मंदी 21-2-2014
 

 by --muktajyotish samadhan kendr 



mo.-----+917697961597

Tuesday, 18 February 2014

chanakya niti


                           यदि ध्यान नहीं रखी ये बातें तो 

                किसी भी व्यक्ति का जीवन चौपट हो सकता है,








आचार्य चाणक्य कहते हैं कि...
अनालोच्य व्ययं कर्ता अनाथ: कलहप्रिय:।
आतुर: सर्वक्षत्रेषु नर: शीघ्रं विनश्यति।।
इस श्लोक में बताया गया है कि कौन-कौन सी बातें व्यक्ति को चौपट कर सकती हैं...
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो लोग बिना सोच-विचार किए खर्च करते हैं वे बहुत ही जल्द चौपट हो जाते हैं। अनावश्यक रूप से किसी भी प्रकार का खर्च नहीं करना चाहिए। व्यर्थ खर्च करने वाला यदि कोई राजा-महाराजा भी हो तो वह भी चौपट हो जाता है।
जिन बच्चों के माता-पिता कम उम्र में ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं, जो बच्चे अनाथ होते हैं, उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है। अनाथ लोग भी बहुत ही जल्द चौपट हो जाते हैं।


जो लोग बिना वजह हर किसी से झगड़ा करते हैं, उन्हें समाज में अपमान ही झेलना पड़ता है। झगड़ा करने वाले लोगों को कोई पसंद नहीं करता है। ऐसे लोगों से समाज में कोई भी किसी भी प्रकार का व्यवहार नहीं रखता है, अत:  ये लोग भी चौपट हो जाते हैं।
सबसे ज्यादा बुरी हालत उन पुरुषों की होती है जो बहुत सी स्त्रियों के लिए बेचैन रहते हैं। बहुत सी स्त्रियों के आगे-पीछे चक्कर लगाते हैं। ऐसे लोग बहुत ही जल्द चौपट हो जाते हैं। ठीक इसी प्रकार यदि कोई स्त्री किसी पर-पुरुष के साथ अनैतिक संबंध रखती है तो वह भी बर्बाद हो जाती हैआचार्य चाणक्य कहते हैं, यदि सोता हुआ सांप दिखाई दे तो उसे छेड़ना नहीं चाहिए। दूर से निकल जाना चाहिए। अन्यथा जीवन पर मौत का संकट गहरा सकता है। सांप के डंसने के बाद व्यक्ति का बचना काफी मुश्किल हो जाता है। अत: सोते हुए सांप को जगाना नहीं चाहिए।
किसी राजा को नींद से जगाने का दु:साहस नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर राजा का क्रोध झेलना पड़ सकता है। यदि कोई शेर या जंगली जानवर सो रहा है तो उससे भी दूर से ही निकल जाना चाहिए। अन्यथा प्राणों का संकट खड़ा हो सकता है।
यदि कोई सुअर सो रहा हो तो उसे भी नहीं जगाना चाहिए। अन्यथा वह उठते ही हर जगह गंदगी फैला देगा। इसके अलावा यदि कोई छोटा बच्चा सो रहा है तो उसे भी न उठाएं। अन्यथा उसे चुप कराना बहुत मुश्किल होगा। यदि आप किसी के घर जाएं और उनका कुत्ता सो रहा है तो उसे जगाने से भूल न करें। वह आपको काट सकता है। यदि किसी सोते हुए मूर्ख व्यक्ति को जगा दिया तो उसे समझाना लगभग असंभव ही है। अत: उसे भी नींद से जगाना नहीं चाहिए।

Thursday, 13 February 2014

vastu shastr aur ghar ki window


वास्तु शास्त्र औरघर की खिड़कियां

vastu shastr aur ghar ki       window


जब आप अपने घर की खिड़कियों को वास्तु शास्त्र के नियमो  से बनवाएंगे। तो  घर की खिड़कियां, घर के भीतर कई तरह की ऊर्जा को अंदर लाती हैं। ऐसे में जरूरत यह है कि घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ नियमो ध्यान में रखे तो जीवन को भी खुशहाल बना सकते हैं------- खिड़कियां 
   खिड़कियां अंदर की ओर खुलनी चाहिए।
. घर में खिड़कियां का मुख्य लक्ष्य, भवन में शुद्ध वायु के निरंतर प्रवाह के लिए होता है।
 खिड़कियां द्वार के समक्ष होनी चाहिए ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण हो सके, इससे घर में सुख-शांति रहती है।
. खिड़कियों का निर्माण संधि भाग में नहीं होना चाहिए।
.पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर खिड़कियों का निर्माण शुभ होता है।
. उत्तर दिशा में अधिक खिड़कियां परिवार में धन-धान्य की वृद्धि करती हैं। लक्ष्मी कुबेर की कृपादृष्टि बनी रहती 

है|
भवन के दक्षिण  दिशा में खिड़कियां नही रहना चाहिए|  

Wednesday, 12 February 2014

चाणक्य नीति




स्त्री करती है ये काम तो होती है बदनाम, पुरुष करे तो होता है नाम




चाणक्य  नीति



स्त्री करती है ये काम तो होती है बदनाम, पुरुष करे तो होता है नाम



आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-
भ्रमन्सम्पूज्यते राजा भ्रमन्सम्पूज्यते द्विज:।
भ्रमन्संपूज्यते योगी स्त्री भ्रमन्ती विनाश्यति।।
इस श्लोक में आचार्य कहते हैं कि यदि कोई राजा अपने राज्य में भ्रमण करता है तो उसे मान-सम्मान प्राप्त होता है। राजा भ्रमण करके ही प्रजा के दुख और दर्द को जान सकता है। प्रजा के दुख जानने के बाद जो राजा उनका निवारण करता है, वह पूजनीय हो जाता है।
यदि कोई स्त्री हमेशा भ्रमण करती रहती है तो उसे समाज में सम्मान की प्राप्ति नहीं होती है। चाणक्य ने लगातार भ्रमण करने वाली स्त्री के विषय में बताया है कि ऐसी स्त्रियां धर्म से विचलित हो जाती हैं।
जो ब्राह्मण, ज्ञानी या योगी पुरुष इधर-उधर भ्रमण करते हुए शास्त्रों का ज्ञान बांटता है, उसे समाज में मान-सम्मान मिलता है। एक स्थान पर रुका हुआ ब्राह्मण या ज्ञानी प्रसिद्धि प्राप्त नहीं कर सकता है। किसी भी ज्ञानी के लिए जरूरी है कि वह अपना ज्ञान लोगों में बांटे, तभी उसका जीवन सार्थक हो सकता है। यदि कोई स्त्री ज्ञानी हो तो वह भ्रमण करके अपने ज्ञान का प्रसार कर सकती है। इसमें कोई दोष नहीं है।
स्त्रियों के संबंध में आचार्य ने बताया है कि लगातार इधर-उधर व्यर्थ ही, किसी अच्छे उद्देश्य के बिना घुमने वाली स्त्री के कारण उसके परिवार को भी समाज में नीचा देखना पड़ता है। समाज ऐसी स्त्रियों को सम्मान नहीं देता है। अत: महिलाओं को इस संबंध में विशेष ध्यान रखना चाहिए।
गुणैरुत्तमतां यान्ति नोच्चैरासनसंस्थिता:।
प्रसादशिखरस्थोऽपि किं काक: गरुडायते।।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति अपने गुणों से ही महान बन सकता है। जिस व्यक्ति में कोई गुण नहीं है, वह कभी महान नहीं हो सकता है। सिर्फ किसी ऊंचे स्थान पर बैठ जाने से व्यक्ति पूजनीय और सम्मानीय नहीं सकता है।
यदि कोई कौआ किसी ऊंचे भवन पर बैठ जाए तो वह गरुड़ नहीं बन सकता है। ठीक इसी प्रकार मूर्ख और गुणहीन व्यक्ति महान नहीं हो सकता है।





अतिक्लेशेन ये अर्था धर्मस्याऽतिक्रमेण तु।
शत्रूणां प्रणिपातेन ते ह्यर्था न भवन्तु मे।।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने धन के संबंध में महत्वपूर्ण नीति बताई है। वे कहते हैं कि यदि किसी धन को प्राप्त करने में असहनीय तकलीफ उठानी पड़े, धर्म का मार्ग छोड़नी पड़े, शत्रुओं के सामने नीचा देखना पड़े तो ऐसा धन व्यर्थ है। इस प्रकार के धन का मोह नहीं करना चाहिए।
दूसरों से गाली सुनकर भी स्वयं उन्हें गाली न दें। क्षमा करने वालों का रोका हुआ क्रोध ही गाली देने वाले को जला डालता है और उसके पुण्य को भी ले लेता है।
रूखी वाणी और कठोर स्वभाव वाला जो व्यक्ति दूसरों के मर्म पर चोट करता है और कष्ट देता है, ऐसे मनुष्य को समझना चाहिए कि वह मृत्यु समान जीवन को ढो रहा है
जैसे कपड़ों को जिस रंग में रंगा जाए वे उसी रंग के हो जाते हैं, वैसे ही सज्जन पुरुष भी चोर या तपस्वी में से जिनकी सेवा करते हैं, उन पर उन्हीं का रंग चढ़ जाता है।
मनुष्य जिन विषयों से मन को हटाता जाता है, उन विषयों से उसकी मुक्ति होती जाती है। इस तरह यदि वह इन सब विषयों की ओर से निवृत हो जाए
तो उसे कभी दुख नहीं होगा

जो स्वयं न किसी से जीता जाता है और न किसी को जीतने की इच्छा करता है, न किसी के साथ बैर करता है और न कष्ट देता है, वह हर्ष व शोक से परे हो जाता है।
जो अपनी उन्नति चाहता है, वह उत्तम पुरुषों की सेवा करे। समय आने पर मध्यम पुरुषों की भी सेवा करे, लेकिन कभी भी अधम पुरुषों की सेवा न करे।








































Tuesday, 11 February 2014

वैलेंटाइन्स डे.

                           happy,happy,happy                                                                  

                                  वैलेंटाइन्स डे.






फरवरी क्यों होती हैखास   क्योकि  प्रत्यके डे होता  है खास  जाने ...
.
7 फरवरी - रोज डे, निकल गया....
 
8 फरवरी - प्रोपोज डे, अब तो अगले साल ही आएगा
 
9 फरवरी - चॉकलेट डे, मना लिया होगा
 
10 फरवरी - टेडी डे, ये भी सेलिब्रेट कर लिया होगा
 
11 फरवरी - प्रॉमिस डे...आज ही है  खूब प्रॉमिस करें वादे होते ही हैं तोड़ने के लिए......
 
12 फरवरी - आलिंगन दिवस...HUG DAY... चेतावनी- जरा सोच समझकर भैया
 
हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी........अपने रिस्क पर
 
13 फरवरी - KISS DAY किस डे.. इमरान हाशमी का ध्यान करके फिर हिम्मत करें
 
ये भी रिस्की हो सकता है....
 
14 फरवरी - वैलेंटाइन्स डे...खास पावन पर्व...
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.15 फरवरी- पॉकेट खाली डे.....
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अर्ज़ किया है:
मत निकालो मेरा जनाज़ा उसकी गली से यारों;
वर्ना
उसकी माँ कहेगी कि
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"कमीना मरते-मरते भी एक राउंड लगा गया"।
शुभ वैलेंटाइन्स डे
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जब संजय दत्त को 30 दिन की पैरोल मिलने की ख़बर पढ़ी तो माँ बोली: "यह देखो आज कल जेल में भी छुट्टी मिलती है, तुम ऐसी कौन सी कंपनी में काम करते हो जिसमे छुट्टी मिलती ही नहीं।"

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टीचर: किसी ऐसी जगह का नाम बताओ जहाँ बहुत सारे लोग हों, फिर भी आप अकेला महसूस करते हो?
पप्पू: परीक्षा भवन!




























Monday, 10 February 2014

हस्त रेखा में ऊँगलीयो से फलादेश



 हस्त रेखा   में ऊँगलीयो  से फलादेश





 तर्जनी उंगली ----
हमारी हथेली में अंगूठे से पहली उंगली यानी इंडेक्स फिंगर को ही तर्जनी उंगली कहा जाता है। इस उंगली के नीचे गुरु पर्वत स्थित होता है, इसी वजह से इसे गुरु की उंगली भी कहते हैं। सामान्यत: इस उंगली के आधार पर व्यक्ति की नेतृत्व क्षमता यानी व्यक्ति किसी टीम का नेतृत्व कर सकता है या नहीं और व्यक्ति की महत्वकांक्षा पर विचार किया जाता है।

 यदि किसी व्यक्ति के हाथों में इंडेक्स फिंगर (तर्जनी उंगली) मीडिल फिंगर (मध्यमा उंगली) के बराबर हो यानी सामान्य से थोड़ी लंबी हो तो वह व्यक्ति अन्य लोगों पर राज या हुकुमत करने वाला होता है। 
- यदि ऐसी उंगली वाले हाथ के अन्य लक्षण भी अच्छे हो तो वह व्यक्ति हजारों लोगों पर राज करने वाला होता है। ये लोग थोड़े घमंडी स्वभाव के होते हैं।

यदि हथेली में इंडेक्स फिंगर मीडिल फिंगर से अधिक लंबी हो तो व्यक्ति अत्यधिक घमंड करने वाला होता है। ऐसे लोग खुद को अधिक श्रेष्ठ समझते हैं और इनका स्वभाव तानाशाही करने वाला होता है।
- यदि किसी व्यक्ति के हाथों में तर्जनी उंगली की लंबाई सामान्य लंबाई से छोटी है तो इंसान महत्वकांक्षी नहीं होता  है|
यदि इंडेक्स फिंगर (तर्जनी उंगली) रिंग फिंगर (अनामिका उंगली) से बड़ी हो तो व्यक्ति अति महत्वकांक्षी होता है। ऐसे लोग कभी-कभी अति उत्साह में कार्य बिगाड़ भी लेते हैं, जिससे इन्हें धन हानि का भी सामना करना पड़ता है।
- यदि किसी व्यक्ति की हथेली में रिंग फिंगर और इंडेक्स फिंगर दोनों एक समान हैं तो व्यक्ति अधिक पैसा और मान-सम्मान प्राप्त करने की इच्छा रखता है। यदि इंडेक्स फिंगर रिंग फिंगर से थोड़ी छोटी हो तो व्यक्ति हर परिस्थिति में संतुष्ट रहने वाला होता है।

मध्यमा उंगली -----यह उगली सबसे बड़ी होती है |सभी उगली में 3 पर्व होते है \यदि मध्यमा का पहला पोर लम्बा व चौड़ा हो तो वे व्यक्ति  दानी चतुर गंभीर स्वभाव होते है |दूसरापोर लम्बा व चौड़ा हो तो वे व्यक्ति पैसा की पूजा करने वाला होता है |विद्या  में ध्यान कम होता है |

अनामिकाउगली ----अनामिका- मध्यमा के सामान हो तो व्यक्ति हर जोखिम उठा करपैसा कमाने  का प्रयत्न करता है सट्टा आदि में भी रूचि रखता है नोकरी भी देती हैअनामिका का  पहला   पोर लम्बा व चौड़ा हो कला में रूचि चतुर वक्ता होता है |

कनिष्ठका ऊँगली ---- पहला पोर लम्बा व चौड़ा हो तो वे व्यक्तिकिसी न किसी हुनर में होशियारहो आपने विचारो को दूसरो के सामने प्रकट करने में सक्षम हो ता है -कनिष्ठका ऊँगली  दूसरा     पोर लम्बा व चौड़ा हो तो वे व्यक्ति  डाक्टर ,वकील इंजीनियरिंग में रूचि रखता है |


                                                                                                                                                                                                                                            यदि आप अपनी  हस्त रेखा से फल जानना चाहते है तो इस न.पर सम्पर्क कर सकते है |
मो.+91 76 97 96 15 97