Wednesday, 29 October 2014

funny time

                        funny time      


                   लड़की की शादी     

लड़की की शादी में उसका पुराना बॉयफ्रेंड सज-धजकर आया था।

एक बच्चे ने उसे देखकर पूछा- क्या आप दूल्हे हो?

उसने जवाब दिया- नहीं, मैं तो सेमीफाइनल में बाहर हो गया था। फाइनल 


देखने आया हूं...

                                                                 शराब 

पत्नी (गुस्से में): आपने बोला था बिना कारण शराब नहीं 

पिएंगे?



पति: कारण है न

.दिवाली आ रही है



रॉकेट चलाने के लिए खाली बोतल चाहिए।

                               समोस  
  

3 सरदार पिकनिक पर गए। वहां जाकर याद आया कि पेप्सी तो घर पर ही

 भूल आए। तीनों ने फैसला किया कि सबसे छोटा सरदार जाकर पेप्सी लेकर

 आएगा। 

छोटा सरदार: मैं एक शर्त पर जाऊंगा। तुम दोनों मेरे आने तक समोसे नहीं 

खाओगे। 

दोनों ने शर्त मान ली और छोटा सरदार चला गया। 

2 घंटे गुजर गए... 

4 घंटे गुजर गए... 

8 घंटे गुजर गए... लेकिन छोटा सरदार नहीं आया। 

दोनों ने सोचा कि अब समोसे खा लेने चाहिए। छोटे सरदार को जाने कितनी

 देर हो जाए। 


जैसे ही दोनों ने एक-एक समोसा उठाया कि पेड़ के पीछे से छोटा सरदार

 निकलकर बोला, देखो, तुम लोग ऐसे करोगे तो मैं नहीं जाऊंगा। 

Wednesday, 22 October 2014

diwali pujan muhurt 23 octcbre 2014

diwali pujan muhurt 23 octcbre 2014

दिवाली पूजन के शुभ मुहूर्त  23 अक्टूबर 2014   
दिवाली पूजा में शुभ  मुहूर्त में पूजन करने से महालक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है स्थिर लग्न एवम शुभ चौघड़िया में पूजन करने से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है और स्थिर लक्ष्मी प्राप्त होती जो वर्ष भर महालक्ष्मी की क्रपा से धन सुख एश्वर्या यश प्राप्त होता है यहाँ पर चौघड़िया द्वारा शुभ मुहूर्त एवम ज्योतिष के आधार पर अति शुभ मुहूर्त प्रस्तुत है |

चौघड़िया के शुभ मुहूर्त 
10.30 से दोपहर 01.30 (लाभ-अमृत) 

03.00 से 04.30 (शुभ), 
रात्रि- 07.30 से 09.00 (लाभ) 
रात्रि 10.00 से 12.00 तक। 
देर रात्रि पूजन करने वालों के लिए 
रात्रि 12.00 से 01.30 तक।

लग्न  के  अनुसार शुभ मुहूर्त 
सुबह 06.44 से 09.01 (वृश्चिक-लग्न),
09.01 से 11.06 (धनु-लग्न),
दोपहर 12.54 से 02.26 (कुंभ-लग्न),
03.57 से शाम 05.37 (मेष-लग्न),
05.37 से 08.36 (वृषभ-लग्न) 
सिंह लग्न में पूजन का समय है रात्रि 12.06 से 02.18 तक। 



Friday, 10 October 2014

दिवाली में करे व्यापार वृधि मन्त्र का जप



diwali me vyapar  mntr ka jap 
                            दिवाली में करे व्यापार वृधि मन्त्र का जप                                                                          विधि --दिवाली के दिन रात में आसन पर बैठ कर इस मन्त्र का 21 हजार   जप  कर हवन करे और प्रतिदिन 108 बार कमल गट्टा की माला से जाप करते रहे |                                                                                                      

diwali pujan syam kre







diwali pujan syam kre 
दिवाली पूजन स्वयं करे 

दिवाली पूजन की सम्पूर्ण अति सरल विधान इस पुस्तक में है इसमे धन तेरस से भाई दूज तक पाच दिन की पूजा का विधान उपलव्ध है आप प्राप्त कर सकते है |
   
मो+91 76 97 96 15 97




Wednesday, 8 October 2014

hath se bhojan krne ke phayade

हाथ से भोजन करने के फयादे

hath se bhojan krne ke phayade


चम्मच, छूरी या कांटे के बजाय खाते वक्त सीधे हाथ से खाना सेहत के लिए कई फायदों की वजह हो सकता है। आयुर्वेद में हाथ से भोजन करने के कई फायदे माने गए हैं। भोजन करने से पूर्व यह मन्त्र बोलना चाहिए|

भोजन मन्त्र ---
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् । 
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना ।।



आयुर्वेद के अनुसार, शरीर पांच तत्वों से बना है - धरा, वायु, आकाश, जल और अग्नि। इन पांचों तत्वों में होने वाला असंतुलन शरीर में कई बीमारियों का कारण होता है। 

हाथ से कौर बनाते वक्त जो मुद्रा बनती है उससे शरीर में पांच तत्वों का संतुलन बरकरार रहता है और ऊर्जा बनी रहती है।
स्पर्श दिमाग के लिए सबसे प्रगाढ़ संवेदना है। खाने को सीधे हाथ से उठाते वक्त इसके स्पर्श से दिमाग सक्रिय होता है और खाने से पहले ही पेट को पाचन के लिए सक्रिय होने के संकेत देता है जिससे पाचन में मदद मिलती है।
हाथ से भोजन करते वक्त आपको भोजन कितना गर्म है इसका एहसास स्पर्श से ही हो जाता है जिसकी वजह से मुंह नहीं जलता। वहीं चम्मच या कांटे के इस्तेमाल से दिमाग को यह संकेत नहीं पहुंच पाता की भोजन कितना गर्म है।

jyotish sastr me upari hvaao ke yog

ज्योतिष शास्त्र में उपरी हवाओं के योग
jyotish sastr me upari hvaao ke yog 
  • ज्योतिष शास्त्र में उपरी हवाओं के योग ----->ज्योतिष के ग्रंथो में कुछ योग बतालेये गये है यदि ये योग पत्रिक में पाए जाते है तो जातक को ग्रहों की दशा अंतर दशा में कष्ट की सम्भावना रहती है|
  • यदि लग्न, पंचम, षष्ठ, अष्टम या नवम भाव पर राहु, केतु, शनि, मंगल, क्षीण चंद्र आदि का प्रभाव हो, तो जातक के ऊपरी हवाओं से ग्रस्त होने की संभावना रहती है। यदि उक्त
     ग्रहों का परस्पर संबंध हो, तो जातक प्रेत आदि से पीड़ित हो सकता है।
  • यदि पंचम भाव में सूर्य और शनि की युति हो, सप्तम में क्षीण चंद्र हो तथा द्वादश में गुरु हो, तो इस स्थिति में भी व्यक्ति प्रेत बाधा का शिकार होता है।
  • यदि लग्न पर क्रूर ग्रहों की दृष्टि हो, लग्न निर्बल हो, लग्नेश पाप स्थान में हो अथवा राहु या केतु से युत हो, तो जातक जादू-टोने से पीड़ित होता है।
  • लग्न में राहु के साथ चंद्र हो तथा त्रिकोण में मंगल, शनि अथवा कोई अन्य क्रूर ग्रह हो, तो जातक भूत-प्रेत आदि से पीड़ित होता है।
  • यदि षष्ठेश लग्न में हो, लग्न निर्बल हो और उस पर मंगल की दृष्टि हो, तो जातक जादू-टोने से पीड़ित होता है। यदि लग्न पर किसी अन्य शुभ ग्रह की दृष्टि न हो, तो जादू-टोने से पीड़ित होने की संभावना प्रबल होती है। षष्ठेश के सप्तम या दशम में स्थित होने पर भी जातक जादू-टोने से पीड़ित हो सकता है।
  • यदि लग्न में राहु, पंचम में शनि तथा अष्टम में गुरु हो, तो जातक प्रेत शाप से पीड़ित होता है।