मकान की नीव खुदने पर नीव मे क्या क्या डालना चाहिए makan ki niv khudne pr niv me kya kya dalana chahiye
आप जब भी अपने नए मकान का आरम्भ करवाये और उसकी नीव खुदवाना आरम्भ करे तो सर्वप्रथम किसी से शुभ मुहूर्त निकलवाने के साथ यह अवश्य ध्यान दे कि जिस और से नीव खोदने का कार्य आरम्भ करना बताया है, उस स्थान पर गोचरवश कालपुरुष के पैर होने चाहिए। जब नीव खुदने के बाद आप पूजन करे तो किसी ताम्बे के पात्र में चांदी अथवा स्वर्ण का अपनी सामर्थ्य अनुसार नाग - नागिन का जोड़ा, एक चांदी का चौकोर पत्तर,पांच लग्नमंडप सुपारी, साबुत हल्दी की सात गांठे, कुमकुम व केसर आदि वस्तुओ को पात्र में रखकर गंगाजल भरकर किसी पीले वस्त्र से बंद कर दबा दे। साथ ही पांच पत्थर भी दबाए। ईशान कोण पर एक अभिमंत्रित 'श्री श्रीयंत्र', ग्यारह गोमती चक्र पीले वस्त्र में बांधकर रखे। नेतृत्य कोण पर 'वास्तुदोष निवारण यन्त्र' दबा कर नीव भरवाना आरम्भ करे। जब निवास का कार्य पूर्ण हो जाये तो मुख्यद्वार पर दिशा अनुसार कोई अभिमंत्रित यन्त्र व अभिमंत्रित काले घोड़े की नाल अवश्य लगवाये। इसमें आप 'श्री गणेश प्रतिमा' व 'श्रीनवदुर्गे बीसा यंत्र' भी लगवा सकते है। अन्य यंत्र जैसे 'श्री भैरो यन्त्र' अथवा 'श्री हनुमान यंत्र' आदि दक्षिणमुखी द्वार पर अधिक लाभ देते है। आप एक बात का अवश्य ध्यान दे कि मुख्यद्वार पर जैसी "श्री गणेश जी" की तस्वीर, मूर्ति या टाइल्स लगवाते है वैसी ही एक अंदर की और लगवाये। जिसकी पीठ बाहर वाली प्रतिमा से मिली हो क्योकि श्री गणेश जी के नेत्रो में समृद्धि व पीठ में दरिद्रता होती है। इसीलिए आप किसी भी प्रकार से पीठ अंदर की और न होने दे। इसके साथ ही कई लोग सलाह देते है कि मुख्यद्वार पर श्री लक्ष्मी - गणेश की मूर्ति लगवा दे परन्तु आप ऐसी भूल न करे क्योकि यदि आप माँ लक्ष्मी को ही अपने निवास से बाहर बैठा देंगे तो आपको समृद्धि कैसे मिलेगी ? आप मुख्यतः इतना समझे कि मुख्यद्वार पर जिनकी भी तस्वीर लगाए उनका कोई न कोई रूप रक्षक अथवा विघ्नहर्ता के रूप में अवश्य हो। इस प्रकार से आप जब तक उस निवास में रहेंगे, तब तक आपको किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आयेगी।
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