श्रीनरेन्द्र मोदी कुंडली विश्लेषण
Narendar Modi kundli
श्रीनरेन्द्र मोदी का जन्म सन् 1950 में एक छोटे से शहर मेहसाना में हुआ था। श्री नरेन्द्र मोदी की जन्म कुंडली के अनुसार उनका जन्म शनि की महादशा में हुआ था जोकि सन् 1961 तक उनके जीवन को प्रभावित करती रही।
इस शनि की महादशा ने उनको तेज दिमाग, चतुर, चालाक व अपने काम के प्रति अति निपुणता प्रदान की परंतु शनि के साथ शुक्र के मेल ने उनकी किस्मत को चार चाँद लगा दिए क्योकि दसवे घर में बैठा शनि शुक्र का मेल इन्सान को एक अच्छी सोच का मालिक बनाता है और साथ ही साथ दुनिया में अपना नाम प्रसिद्ध करता है।
श्री नरेन्द्र मोदी की जन्म कुंडली के पहले घर में बैठे चंद्र मंगल के योग ने इनको देश के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करवाया और मेहनती बनाया तथा इसी शनि की महादशा और राहु की युति जोकि पाँचवे घर की है जिसकी वजह से पिता को अति कष्टों का सामना करवाया साथ ही श्री नरेन्द्र मोदी को अपने पिता की चाय की दुकान का काम भी करवाय।
श्री नरेन्द्र मोदी को बिलकुल भी ज्ञात नहीं था की आने वाली बुध की दशा सन् 1961-1978 तक उनके जीवन में क्या मोड़ लेकर आएगी। 17 साल की आयु में उनका विवाह सम्पन हुआ क्योकि उनकी जन्म कुंडली के अनुसार अनेक योग जैसे बुध की महादशा व शुक्र की अंतरदशा सन् 1965 से 1968 तक रही परंतु उनका विवाह जन्म कुंडली के अनुसार 28 वर्ष की उम्र के बाद ही सुखमय होता तथा वो ही हुआ की उनका विवाह सुखमय नहीं रहा वह कुछ माह ही अपने वैवाहिक जीवन का सुख भोग पाये थे कि उन्होंने देश के प्रति अपनी जागरूकता को प्रस्तुत करने का फैसला किया और अपना घर त्याग दिया।
सन् 1985 - 2005 तक उनके जीवन में शुक्र की महादशा रही जिसने उनके जीवन में यश की प्राप्ति करवाई और साथ ही सन् 2001 में गुजरात का मुख्य मंत्री भी बनवाया। जोकि शनि शुक्र के योग में उनको ये पद प्राप्त हुआ तथा इसी के चलते कठनाईयाँ भी उनके जीवन ने आई और सन् 2002 में उनको कार सैनिकों की मौत का आरोप भी लगाया गया क्योकि बुध, सूर्य, केतु का मेल ग्यारवे घर का और राहु की दृष्टि के कारन उनको सरकारी मामलों में तथा मान सम्मान की कमी व बदनामी का सामना करवाया परंतु श्री नरेंद्र मोदी की कुंडली के अनुसार वह ऐसे बिलकुल भी नही थे। यह योग था जो उनको कष्ट पहुचने के लिए आया था।
इस वर्ष 2019 भारतीय राजनीति का कारक ग्रह शनि और आश्चर्य के कारक ग्रह केतु के योग ने नरेंद्र मोदी जी की जन्म कुंडली मे रोजयोग निर्मित किया है और वे इस राजयोग के दौरान यानि की 30 मई के दिन गुरुवार शाम 7 बजे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की शपथ लेने जा रहे है l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के समय वृश्चिक लग्न का उदय हो रहा है जो की संयोग से उनका जन्म लग्न और जन्म राशि भी है l वृश्चिक लग्न की कुंडली में गुरु पंचमेश है और उस पर सातवें भाव से दशमेश सूर्य और अष्टमेश बुध की दृष्टि से अच्छे फल मिलने की पूर्ण संभावना बनी हुई है l
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