Saturday, 16 May 2020

ज्योतिष शेयर बाजार कोमोडिटी मे सफलता के कुंडली मे योग

ज्योतिष  शेयर बाजार कोमोडिटी  मे सफलता के कुंडली मे योग 


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ज्योतिष की दृष्टि से किस व्यक्ति विशेष के लिए शेयर बाजार लाभदायक व सफलतादायक होगा या नहीं।

यदि जन्मकुंडली में जन्म लग्न या चंद्र लग्न से भाव 3, 6, 10 या 11 में शुभ ग्रह हों और भाग्येश केंद्र या त्रिकोण में हो, तो जातक को अकस्मात् धन की प्राप्ति हो सकती है।

यदि भाव 1, 2, 5, 9, 10 या 11 में नीच या नीचांश के बिना धनेश और लग्नेश या धनेश और लाभेश या भाग्येश और दशमेश अथवा धनेश और पंचमेश का योग हो, तो जातक को लाॅटरी, शेयर, सट्टे से लाभ मिलता है।
लग्न से ग्रह भाव 1, 2, 5, 7, 8, 10 और 11 में हों तथा कहीं भी दो ग्रहों से अधिक की युति न हो, तो शेयर मार्केट या सट्टे से असीम धन की प्राप्ति की संभावना रहती है।

मकर का सूर्य से रहित चंद्र लग्न में हो, चतुर्थ और सप्तम में गुरु हो, अस्त नीच और नीचांश रहित शनि शुभ स्थान में हो, तो भी अकस्मात् धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

मेष लग्न की कुंडली में लग्न से चतुर्थ भाव में गुरु, सप्तम में शनि, अष्टम में शुक्र, नवम में गुरु, दशम में मंगल तथा पंचम में चंद्र हो, तो लाॅटरी, शेयर या सट्टे से धन लाभ के योग बनते हैं।

प्रथम, चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव में शुभ बली ग्रह हों तो शेयर या सट्टे से धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

पंचम भाव में गुरु और लग्नेश हों तो अनायास धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

यदि कुंडली के पंचम भाव में चंद्र हो और उसे शुक्र देख रहा हो तो उस स्थिति में भी जातक को अनायास धन की प्राप्ति होती है।

कर्क लग्न की जन्मकुंडली में अष्टम भाव में कुंभ राशिस्थ बुध और शुक्र हों और किसी शुभ भाव में चंद्र तथा मंगल की युति हो, तो उस स्थिति में भी अकस्मात् धन प्राप्ति की संभावना रहती है।

यदि सिंह लग्न की कुंडली में लग्न में पूर्ण चंद्र और सप्तम में शनि हो तथा एकादश में गुरु और मंगल का योग हो, तो भी अकस्मात् धन लाभ की संभावना रहती है।

मीन लग्न की कुंडली में 5वें भाव में बुध या 11वें भाव में शनि हो, तो लाॅटरी, शेयर या सट्टे से लाभ की संभावना रहती है।

यदि कुंडली में पंचमेश और लग्नेश का योग हो या लग्नेश बली हो और राहु व बुध कारक हों, तो अकस्मात् धन प्राप्ति की संभावना रहती है।

दो ग्रहों का एक राशि में योग हो तथा दोनों 5 अंश से कम पर हों तो धन लाभ के उत्तम योग बनते हैं।

 धनेश और लाभेश चतुर्थ भाव में हों और चतुर्थ भाव का स्वामी शुभ ग्रहों से युत या दृष्ट हो अकस्मात् धन की प्राप्ति हो सकती है।

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