अरविन्दकेजरीवाल की कुंडली ज्योतिष के आईने में
Arvind kejriwal horoscope vishleshnn
जातक का जन्म वृषभ लग्न में हुआ स्वामीशुक्र है |राशि भी वृषभ है|
जीवन मे योग कैसे काम करते है ये हम जातक की कुंडली से जान सकते है
केदरयोग –सभी ग्रह चार स्थान में रहने से बनता है जातक भूमि से जुड़ा इंसान,सभी
सुखो से युक्त नोकरी का लाभ होता है यह सत्य है जातक ने नोकरी की बाद में छोड़दी |
विद्या उत्तम लेकिन बाधाओंका सामना करना पड़ता है |
प्रेम विवाह योग -----पंचमेश व सप्तमेश का लग्नेश से सम्बन्ध होने से प्रेम विवाह होता है |
अरिष्ट योग -----लग्नेश , षष्टेश,अष्टमेश के साथ रहने से ये योग बनता
है स्वास्थ्य नरम-गरम बना रहता है व शरीर
को रोग ग्रसित बनता है ग्रह अनुकल उपाय से लाभ होता है |
राज योग –चार ग्रह एक साथ चतुर्थ भाव में रहने से जो जनता का भाव का
भी भाव है राजयोग बनता है जो जातक को यशस्वी धनी जनता से लाभ उच्च पद प्राप्त करता
है |{फल दीपिका }
नीच भंग राज योग -----मंगल एवम शनि के द्वारा निर्मित है राज चिन्ह से
शोभित,नगर या क्षेत्र का स्वामी होता है राजा की तरह जीवन यापन होता है ग्रह
बलबानहै तो फल पूर्णत:लागु होता है |
{गुरु महा दशा 17 -8-2004 से 17 -8-2020 तक चलेगी }
गज केशरी योग ---गज—हाथी,जो धन वैभव मान सम्मान प्रतिष्ठा का प्रीतक
है केशरी –शेर की तरह सर्वोपरी,शत्रु हन्ता बनता है |जातक राज क्षत्रे में धीरे -2
उन्नति को प्राप्त करता है कीर्ति अकक्षुणरहती है वर्तमान में गुरु की महादशा चल
रही है गुरु लाभेश व अष्टमेश होकर चतुर्थ
भाव में स्थित रहने से गुप्त रूपसे या अचानक लाभ पद की सम्भवना देता है वर्तमान
में गुरु में शुक्र की अंतर दशा में राहु का प्रत्यंतर 13-7-2013 से चला राहु लाभ
में गुरु की राशि में है राहु अचानक लाभ हानी के योग बनता है राहु राजनीति का कारक
{कालसर्प योग भी बना रहा है }इसी दशा ने राजनीति में प्रवेश करवाया कालसर्प योग
गुरु की राशि में रहने से शुभ फल करी है इस कुंडली में [पद्म नामक कालसर्प योग बना है पंचम से लाभ में
केतु राहु है फल संतान चिंता विद्या में बाधा गुप्त शत्रु लाभ में हानी भय जीवन
संघर्षमयबनता है लेकिन मैंने कई कालसर्प योग बाले जातको को उच्च पदपर आसीन देखा है
यह योग अशुभग्रह की दशा में अशुभ फल एवम शुभ ग्रह की दशा में शुभ फल देता है }
जातक की कुंडली में शुभ फल करी हुआ और अति सघर्ष के बाद उच्च पद पर पहुचा दिया | कुंडली में अष्टक वर्ग केनिरीक्षण में गुरु की
अंतर दशा शुक्र को 8 अंक प्राप्त है फल ---राजकीय पद मान सम्मान यश उन्नति दिलवाता है गुरु में शुक्र
की अंतर दशा में केतु का प्रत्यंतर 1-2-2015 से 30 -3-2015 तक चलेगा |केतु विजय का
प्रतीक है और सम्पूर्ण कुंडली के अध्ययन में बलबन है इसी ने विजय श्री दिलवाई |
इस प्रकार ग्रह सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करते है यदि हम इनकी गति
समझ जाये तो अपने जीवन को नई दिशा दे सकते है |
यदि आप अपने जीवन का सम्पूर्ण फलादेश जानना चहते है तो सम्पर्क करे |
मो .+917697961597 gmail-----muktajyotishs@gmail.com
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