Wednesday, 19 September 2018
Saturday, 15 September 2018
महालक्ष्मी व्रत में धन लाभ की इच्छा रखते हों तो दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक
महालक्ष्मी व्रत में धन लाभ की इच्छा रखते हों तो दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक
mahalaxmi vrat and poojan
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक महालक्ष्मी व्रत किया जाता है। इन 15 दिनों में रोज माता लक्ष्मी की पूजा विधि-विधान से की जाती है। इस बार ये व्रत 16 सितंबर, रविवार से शुरू हो रहा है जो 2 अक्टूबर, मंगलवार तक किया जाएगा। इस व्रत के दौरान महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय इस प्रकार हैं...
1 -इन 15 दिनों कभी भी कमल गट्टे की माला देवी लक्ष्मी को अर्पित करें और बाद में ये माला अपनी तिजोरी में रख लें।
2 देवी पुराण के अनुसार यदि आप धन लाभ की इच्छा रखते हों तो महालक्ष्मी का श्रृंगार सोने, चांदी आदि के आभूषणों से करें।
3 देवी महालक्ष्मी की पूजा में कौड़ी अर्पित करें और बाद में इसे अपने धन स्थान जैसे- तिजोरी या लॉकर में रख लें।
4 महालक्ष्मी व्रत के दौरान श्रीयंत्र या महालक्ष्मी यंत्र अपने पूजा स्थान पर स्थापित करें और रोज इसकी पूजा करें।
महालक्ष्मी व्रत के दौरान रोज देवी लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करें। इससे भी धन लाभ के योग बनते हैं।
5 महालक्ष्मी व्रत के दौरान रोज दक्षिणावर्ती शंख में गाय का कच्चा (बिना उबला) दूध लेकर देवी लक्ष्मी की मूर्ति का अभिषेक करें।
6 महालक्ष्मी व्रत के दौरान रोज किसी लक्ष्मी मंदिर में कमल के फूल अर्पित करें। इससे भी देवी लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी।
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Thursday, 13 September 2018
ऋषि पंचमी व्रत 2018
ऋषि पंचमी व्रत कथा 2018
Rishi Panchami Fast 2018
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी ऋषि पंचमी के रुप में मनाई जाती है. इस व्रष ऋषि पंचमी व्रत 14 सितंबर 2018 के दिन किया जाना है. ऋषि पंचमी का व्रत सभी के लिए फल दायक होता है. इस व्रत को श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया जाता है. आज के दिन ऋषियों का पूर्ण विधि-विधान से पूजन कर कथा श्रवण करने का बहुत महत्व होता है. यह व्रत पापों का नाश करने वाला व श्रेष्ठ फलदायी है. यह व्रत और ऋषियों के प्रति श्रद्धा, कृतज्ञता, समर्पण एवं सम्मान की भावना को प्रदर्शित करने का महत्वपूर्ण आधार बनता है.
ऋषि पंचमी पूजन
पूर्वकाल में यह व्रत समस्त वर्णों के पुरुषों के लिए बताया गया था, किन्तु समय के साथ साथ अब यह अधिकांशत: स्त्रियों द्वारा किया जाता है. इस दिन पवित्र नदीयों में स्नान का भी बहुत महत्व होता है. सप्तऋषियों की प्रतिमाओं को स्थापित करके उन्हें पंचामृत में स्नान करना चाहिए. तत्पश्चात उन पर चन्दन का लेप लगाना चाहिए, फूलों एवं सुगन्धित पदार्थों, धूप, दीप, इत्यादि अर्पण करने चाहिए तथा श्वेत वस्त्रों, यज्ञोपवीतों और नैवेद्य से पूजा और मन्त्र जाप करना चाहिए.
ऋषि पंचमी कथा प्रथम
एक समय विदर्भ देश में उत्तक नाम का ब्राह्मण अपनी पतिव्रता पत्नी के साथ निवास करता था. उसके परिवार में एक पुत्र व एक पुत्री थी. ब्राह्मण ने अपनी पुत्री का विवाह अच्छे ब्राह्मण कुल में कर देता है परंतु काल के प्रभाव स्वरुप कन्या का पति अकाल मृत्यु को प्राप्त होता है, और वह विधवा हो जाती है तथा अपने पिता के घर लौट आती है. एक दिन आधी रात में लड़की के शरीर में कीड़े उत्पन्न होने लगते है़
अपनी कन्या के शरीर पर कीड़े देखकर माता पिता दुख से व्यथित हो जाते हैं और पुत्री को उत्तक ॠषि के पास ले जाते हैं. अपनी पुत्री की इस हालत के विषय में जानने की प्रयास करते हैं. उत्तक ऋषि अपने ज्ञान से उस कन्या के पूर्व जन्म का पूर्ण विवरण उसके माता पिता को बताते हैं और कहते हैं कि कन्या पूर्व जन्म में ब्राह्मणी थी और इसने एक बार रजस्वला होने पर भी घर बर्तन इत्यादि छू लिये थे और काम करने लगी बस इसी पाप के कारण इसके शरीर पर कीड़े पड़ गये हैं.
शास्त्रों के अनुसार रजस्वला स्त्री का कार्य करना निषेध है परंतु इसने इस बात पर ध्यान नहीं दिया और इसे इसका दण्ड भोगना पड़ रहा है. ऋषि कहते हैं कि यदि यह कन्या ऋषि पंचमी का व्रत करे और श्रद्धा भाव के साथ पूजा तथा क्षमा प्रार्थना करे तो उसे अपने पापों से मुक्ति प्राप्त हो जाएगी. इस प्रकार कन्या द्वारा ऋषि पंचमी का व्रत करने से उसे अपने पाप से मुक्ति प्राप्त होती है.
एक अन्य कथा के अनुसार यह कथा श्री कृष्ण ने युधिष्ठर को सुनाई थी. कथा अनुसार जब वृजासुर का वध करने के कारण इन्द्र को ब्रह्म हत्या का महान पाप लगा तो उसने इस पाप से मुक्ति पाने के लिए ब्रह्मा जी से प्रार्थना की. ब्रह्मा जी ने उस पर कृपा करके उस पाप को चार बांट दिया था जिसमें प्रथम भाग अग्नि की ज्वाला में, दूसरा नदियों के लिए वर्ष के जल में, तीसरे पर्वतों में और चौथे भाग को स्त्री के रज में विभाजित करके इंद्र को शाप से मुक्ति प्रदान करवाई थी. इसलिए उस पाप को शुद्धि के लिए ही हर स्त्री को ॠषि पंचमी का व्रत करना चाहिए.
Tuesday, 11 September 2018
Monday, 10 September 2018
Tuesday, 4 September 2018
बुध का कन्या राशि में गोचर के 12 राशि पर फल - 19 सितंबर 2018
बुध का कन्या राशि में गोचर के 12 राशि पर फल - 19 सितंबर 2018
बुध ग्रह के गोचर की अवधि लगभग 14 दिनों की होती है। बुध का गोचर हमारी जन्म कुंडली में स्थित लग्न राशि से दूसरे, चौथे, छठे, आठवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में शुभ फल देता है। 19 सितंबर 2018, बुधवार को प्रातः 4:23 बजे बुध ग्रह कन्या राशि में गोचर करेगा और 6 अक्टूबर 2018, शनिवार दोपहर 12:51 तक इसी राशि में स्थित रहेगा। इस अवधि में बुध ग्रह सभी राशियों को प्रभावित करेगा।मेष
बुद्धि और वाणी का कारक बुध ग्रह आपकी राशि से 6 भाव संचरण करेगा। इसके प्रभाव से मेष राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति में मजबूती देखने को मिलेगी, साथ ही धन लाभ होने के योग भी बनेंगे। आपकी खान-पान में भी सकारात्मक बदलाव होगा। बुध के प्रभाव से विरोधी पक्ष आपके सामने कमजोर रहेगा। आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ व प्रसन्न रहेंगे। यदि आप वाद्य यंत्र या लेखन से जैसे कलात्मक कार्यों से जुड़े हैं, बुध के इस गोचर के दौरान बड़े-बुज़ुर्गों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें।
वृषभ
बुध का यह गोचर आपके लिए ज्यादा अनुकूल सिद्ध नहीं होगा। क्योंकि बुध ग्रह आपकी राशि से5 भाव में संचरण कर रहा है, अतः इस दौरान आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक और व्यावसायिक जीवन में भी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। इस दौरान घर में जीवनसाथी और बच्चों से विवाद होने की संभावना भी बनेगी, इसलिए थोड़ा संयम बरतने की जरुरत होगी। अच्छी बात है कि बुध के इस गोचर के दौरान विद्या, वाणिज्य, गणित और सांख्यिकी जैसे विषयों में आपकी रुचि बढ़ेगी, साथ ही नये-नये लोगों से आपके संपर्क बनेंगे। आमदनी में उतार-चढ़ाव देखने को भी मिल सकते हैं।
मिथुन
बुध का यह गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए आर्थिक रूप से बहुत अच्छा रहने की संभावना व्यक्त कर रहा है। बुध आपकी राशि से4 भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आप धन की बचत करने में सफल रहेंगे। आय बढ़ने से आर्थिक स्थिति प्रबल होने की संभावना बढ़ेगी। घर-परिवार में शांति और सद्भाव बना रहेगा। इसके अलावा नौकरी और बिजनेस में बड़े व्यापारी व अधिकारियों से आपके संबंध बनेंगे,
कर्क
आपकी राशि से बुध ग्रह का3 भाव में गोचर करना, अच्छे संकेत नहीं दे रहा है। इसकी वजह से आपके साहस में कमी आने की संभावना है, साथ ही किसी बात को लेकर आपके मन में एक अनजान सा भय बना रह सकता है। आर्थिक दृष्टि से भी बुध का यह गोचर आपके लिए ज्यादा अनुकूल नहीं दिखाई दे रहा है, इसलिए इस अवधि में पैसों का निवेश और लेन-देन सोच-समझकर करें। काम से समय निकालकर आप मित्रों के साथ कहीं घूमने-फिरने जा सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि किसी भी विवाद से बचने की कोशिश करें।
सिंह
बुध का यह गोचर सिंह राशि वाले जातकों के जीवन में खुशियों के नये रंग भर देगा। बुध आपकी राशि से 2 भाव में संचरण करेगा। इस दौरान आप अपने परिजनों के साथ बेहतरीन पल बिताएंगे। आर्थिक दृष्टि से भी यह समय आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान धन लाभ होने की प्रबल संभावना है। बुध के प्रभाव से आपकी वाणी में निखार आएगा और आप लोगों को अपनी बातों से प्रभावित करेंगे। बुध के इस गोचर के प्रभाव से छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में बड़ी सफलता मिलने के योग बनेंगे।
कन्या
बुध ग्रह आपकी राशि में गोचर करेगा और यह आपके लग्नभाव स्थित रहेगा। बुध का प्रथम भाव में स्थित होना आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस दौरान आपको मोर्चों पर संघर्ष करना पड़ेगा। विशेषकर बोलचाल के समय विशेष रूप से संयम बरतें। क्योंकि आपके द्वारा कही गई बात किसी को बुरी लग सकती है। आर्थिक दृष्टि से भी यह समय चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। धन हानि होने की संभावना रहेगी इसलिए पैसों का इस्तेमाल सोच-समझकर करें। यदि ज्यादा जरूरी न हो तो, यात्रा को टालने की कोशिश करें।
तुला
बुध का गोचर आपकी राशि से 12 भाव में होगा। आर्थिक दृष्टि से बुध की यह स्थिति बेहतर नहीं कही जा सकती है, अतः इस अवधि में धन का लेन-देन और निवेश सोच-समझकर करें। बुध के गोचर की इस अवधि में आपको अपने विरोधियों से बेहद सावधान रहने की जरुरत होगा। क्योंकि वे आपको किसी तरह से मुसीबत में डालने की कोशिश करेंगे।इस अवधि में छात्रों को अपनी पढ़ाई-लिखाई पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना होगा।
वृश्चिक
बुध ग्रह वृश्चिक राशि से 11 भाव में गोचर करेगा। एकादश भाव में बुध की उपस्थिति कई सौगात लेकर आएगी। क्योंकि एकादश भाव को ज्योतिष में लाभ और आमदनी का भाव कहा जाता है। इसके फलस्वरुप धन लाभ होने के योग बनेंगे। पारिवारिक जीवन में खुशियां आएंगी और आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी। परिवार, रिश्तेदार या दोस्तों के साथ मिलकर आप कहीं घूमने-फिरने जा सकते हैं। दान-पुण्य समेत परोपकारी कार्यों करने की इच्छा होगी। बुध का यह गोचर आपके लिए विशेष रूप से लाभकारी रहने वाला है।
धनु
बुध आपकी राशि से 10 भाव में गोचर करेगा। दसवें भाव में बुध की उपस्थिति एक शुभ संकेत देते हुए नज़र आ रही है। इस अवधि में कार्यक्षेत्र में आपको शुभ समाचार मिलेंगे। यदि आप प्रमोशन व सैलरी इंक्रीमेंट का इंतजार कर रहे हैं तो आपको कोई नई सौगात मिल जाए। वहीं अगर आप बिजनेस करते हैं तो आपके बिजनेस में विस्तार होने की संभावना बनेगी। आप किसी नये प्रोजेक्ट पर भी काम कर सकते हैं। आपके विरोधी और शत्रु आपसे दबकर रहेंगे।
मकर
बुध ग्रह आपकी राशि से 9 भाव में संचरण करेगा। इस भाव में बुध की स्थिति अच्छी नहीं मानी गई है, इसलिए इस अवधि में आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक परेशानी की वजह से मानसिक तनाव भी रहेगा। धन संबंधी मामलों में सोच-समझकर फैसले लेना बेहतर होगा अन्यथा कोई बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। भाई-बहनों से भी मधुर संबंध बनाकर रखने होंगे, इसलिए विवादों से बचने की कोशिश करें। किसी यात्रा के दौरान आपको कोई नुकसान हो सकता है इसलिए विशेष रूप से सावधानी बरतें।
कुंभ
आपकी राशि से 8 भाव में बुध का गोचर होने से लाभ की संभावनाएँ बढ़ेंगी। विशेष रूप से आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र में मुनाफा होने की संभावना प्रबल होगी। आपको अपनी कड़े परिश्रम का फल सफलता के रूप में मिलेगा। बुध के प्रभाव से शत्रु पक्ष आपसे भयभीत रहेगा और आपके सामने घुटने टेक देगा। घर-परिवार में बच्चे बेहद प्रसन्न रहेंगे।
मीन
बुध का गोचर आपकी राशि से 7 भाव में होगा।धन हानि की संभावना बन रही है इसलिए पैसों का लेन-देन और निवेश सावधानी से करें। बिजनेस करने वाले जातकों के लिए यह गोचर शुभ परिणाम लेकर आएगा। वहीं इस अवधि में यात्राएं भी आपके लिए लाभकारी रहेंगी। बुध का सप्तम भाव में स्थित होना स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इस दौरान आप शारीरिक रूप से स्वयं को कमजोर महसूस करेंगे। सेहत संबंधी समस्याओं से परेशानी हो सकती है। वहीं आर्थिक दृष्टि से भी यह गोचर आपके लिए अधिक लाभकारी नहीं दिखाई दे रहा है।
chanakya neeti संतान से जुड़ी ये 4 बातें गर्भ में ही निर्धारित हो जाती है,
संतान से जुड़ी ये 4 बातें गर्भ में ही निर्धारित हो जाती है,
chanakya neeti
चाणक्य की नीति आज के इस भौतिक युग में भी अहम है। चाणक्य को दुनियां का महान नीतिकार माना जाता है। चाणक्य की नीतियों को जिसने भी अपने जीवन में उतार लिया, उसका जीवन धन्य हो जाएगा।
चाणक्य की नीति जीवन के हर पहलू और हर संबंध पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। स्त्रियों को लेकर चाणक्य के विचार विवाद का हिस्सा रहे हैं। लेकिन हम आपको चाणक्य के कुछ ऐसे विचार बता रहे हैं जो आपको वास्तव में प्रभावित करेगा। आचार्य चाणक्य के अनुसार माता के गर्भ में ही संतान से जुड़ी ये चार बातें निर्धारित हो जाती हैं।
शिशु की उम्र
चाणक्य के अनुसार माता के गर्भ में ही शिशु की उम्र का निर्धारण हो जाता है। वह कितने दिनों तक धरती पर सुख भोगेगा, कितने वर्षों तक जीवित रहेगा, यह सब पूर्व ही निर्धारित हो जाता है।
सफलता
मां के गर्भ में पल रहे शिशु किस कार्य में निपुण होगा और किस कार्य में असफल होगा इसका निर्धारण भी शिशु के जन्म से पूर्व ही हो जाता है।
धनवान
माता के गर्भ में पल रहा शिशु कितना अधिक धनवान होगा यह बात भी शिशु के गर्भ में रहते हुए ही निर्धारित हो जाता है।
प्राण
इसके अलावा शिशु किस दिन और किन हालातों में अपने प्राण त्यागेगा, यह बात भी उसके जन्म से पहले यानि कि गर्भ में रहते हुए ही निर्धारित हो जाती है।
कछुआ, किस धातु का क्या असर करता है किस दिशा में रखें जाने
कछुआ, किस धातु का क्या असर करता है किस दिशा में रखें जाने tortoise ke benefits
फेंगशुई की मानें तो घर में कछुए की प्रतिमा को रखना शुभ माना जाता हैं। इसी के चलते अधिकांश घरों में कई तरह के कछुए की प्रतिमा को रखने का चलन चल गया हैं। यहां तक की लोगों ने अच्छी किस्मत के लिए कछुए की डिजाइन की बनीं रिंग भी अंगुलियों में पहनना शुरू कर दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौनसा कछुआ शुभ हैं और कौनसा अशुभ।
घर में हमेशा ही क्लेश, लड़ाई- झगड़ों आदि का माहौल रहने पर कछुए का जोड़ा रखने से माहौल सकारात्मक होता हैं।
अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो आपको कोई दूसरा नहीं, बल्कि क्रिस्टल से बना हुआ कछुआ रखना चाहिए। इसे घर या आॅफिस की उत्तर दिशा में रखें और मुंह अंदर की तरफ रहे। ध्यान रहे इसे किसी सूखे स्थान पर रखने की बजाय बर्तन में पानी भरकर रखें।
अगर आपने अभी अभी कोई नया व्यापार शुरू किया हैं तो आपको चांदी से बना हुआ कछुआ रखना चाहिए जो आपके व्यापार को सफलता तक पहुंचाने में मदद कर सके।
नौकरी में अगर आपको लंबे समय से कोई प्रमोशन नहीं मिल रहा हैं और अभी मिलने की भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही हैं तो आज से ही पीतल का बना कछुआ अपने आस-पास रखना शुरू कर दें।
अगर आपको संतान की प्राप्ति चाहिए तो किसी और कछुए की तरफ ध्यान ना दें। इसके लिए घर में ऐसा कछुआ रखें, जिसकी पीठ पर बच्चे वाला कछुआ हो।
कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी अगर आपको कैरियर में सफलता नहीं मिल रही हैं तो आपको अपने आस- पास मेटल से बना हुआ कछुआ रखना चाहिए जो कैरियर के लिए शुभ माना जाता हैं।
घर में आए दिन सदस्यों का बीमार पड़ना और किसी भी प्रकार की दवाईयों का कोई खास असर ना होने की स्थिति में घर में मिट्टी से बना हुआ कछुआ रखें।
बांस का पौधा, दिलाएगा नाम और दौलत
बांस का पौधा, दिलाएगा नाम और दौलत
Bamboo plant in feng shui bring good luck
फेंगशुई के अनुसार घर में बैंबू यानि बांस का पौधा रखने से समृद्धि और खुशहाली आती है। इसके बारे में मान्यता है कि जिस घर में यह पौधा होता है उस घर के लोगों को सेहत से जुड़ी परेशानियां नहीं होती। और क्या कहता है फेंगशुई इसके बारे में और कहां लगाना चाहिए,
बैंबू का पौधा अंदर से खोखला होता है जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार अच्छे से होता है। पौधा अपने साथ यह ऊर्जा लाता है और पूरे घर से नकारात्मकता चली जाती है।
इसमें जिंदगी से जुड़े पांचों तत्व होते हैं। पौधा खोखला होता है और इसे पानी में रखा जाता है। इसपर लाल रंग का रिब्बन बंधा होता है जो आग दर्शाता है। पौधे को जिस बर्तन में रखा जाता है उसमें कुछ पत्थर भी रखे जाते हैं।
पौधा अगर हरा-भरा रहता है तो यह शुभ संकेत है। लेकिन अगर उसके पत्ते पीले पड़ रहे हैं तो यह अशुभ माना जाता है। इसके लिए ध्यान रखें कि पौधे में हर 15 दिन पर पानी बदलें और साफ पानी डालें।
पौधे को अगर पूरब दिशा में रखा जाए तो इससे परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। वहीं अगर यह पौधा घर के पूरब-दक्षिण दिशा में रखा जाए तो इससे दौलत और शौहरत आती है।
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