संतान से जुड़ी ये 4 बातें गर्भ में ही निर्धारित हो जाती है,
chanakya neeti
चाणक्य की नीति आज के इस भौतिक युग में भी अहम है। चाणक्य को दुनियां का महान नीतिकार माना जाता है। चाणक्य की नीतियों को जिसने भी अपने जीवन में उतार लिया, उसका जीवन धन्य हो जाएगा।
चाणक्य की नीति जीवन के हर पहलू और हर संबंध पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। स्त्रियों को लेकर चाणक्य के विचार विवाद का हिस्सा रहे हैं। लेकिन हम आपको चाणक्य के कुछ ऐसे विचार बता रहे हैं जो आपको वास्तव में प्रभावित करेगा। आचार्य चाणक्य के अनुसार माता के गर्भ में ही संतान से जुड़ी ये चार बातें निर्धारित हो जाती हैं।
शिशु की उम्र
चाणक्य के अनुसार माता के गर्भ में ही शिशु की उम्र का निर्धारण हो जाता है। वह कितने दिनों तक धरती पर सुख भोगेगा, कितने वर्षों तक जीवित रहेगा, यह सब पूर्व ही निर्धारित हो जाता है।
सफलता
मां के गर्भ में पल रहे शिशु किस कार्य में निपुण होगा और किस कार्य में असफल होगा इसका निर्धारण भी शिशु के जन्म से पूर्व ही हो जाता है।
धनवान
माता के गर्भ में पल रहा शिशु कितना अधिक धनवान होगा यह बात भी शिशु के गर्भ में रहते हुए ही निर्धारित हो जाता है।
प्राण
इसके अलावा शिशु किस दिन और किन हालातों में अपने प्राण त्यागेगा, यह बात भी उसके जन्म से पहले यानि कि गर्भ में रहते हुए ही निर्धारित हो जाती है।
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