श्रीयंत्र स्थापित जहा हो -वहां कभी नहीं रहता धन का अभाव
sphatik shree yantra benefits
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की। इसका सरल एवं उत्तम साधन है स्फटिक श्री यंत्र। श्री का अर्थ है धन और यंत्र का अर्थ है साधन अर्थात धन प्राप्त करने का साधन है श्री यंत्र। श्री यंत्र उत्त्प्रेरक रूप में उर्जा के कंडक्टर का काम करता है। श्री यंत्र शुक्रवार के दिन घर या ऑफिस में विधि-विधान से स्थापित करना चाहिए। श्री यंत्र को शुभ मुहूर्त में साफ़ पानी से धो कर पंचामृत एवं गंगाजल से स्नान करवाकर पूजा स्थल पर पीले कपड़े में रखना चाहिए तत्पश्चात कच्ची हल्दी व फुल चढ़ाएं, अष्टगंध का टीका लगाकर शुद्ध घी का दीपक जलाकर अगरबत्ती जलाकर श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए।यंत्रों के बिना देवपूजा निष्फल हो जाती है। इसलिए श्रीनाथ मंदिर में सुदर्शन चक्र, जगन्नाथपुरी में भैरवी चक्र तथा तिरुपति में श्रीयंत्र स्थापित है।
प्रत्येक शुक्रवार को नियमित रूप से श्री यंत्र की पूजा करें। श्री यंत्र ऐसा माध्यम है जिससे मनुष्य के जीवन की समस्त नकारात्मकता समाप्त हो जाती है और उसकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करने की शक्ति मिलती है। यंत्रराज श्री यंत्र स्वयं में मानव शरीर का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। तांत्रिक साहित्य में जितना अधिक श्रीयंत्र पर लिखा गया है, उतना अन्य किसी विषय पर नहीं। श्रीयंत्र पूजन की दक्षिणमार्गी और वाममार्गी विधियों का वर्णन त्रिपुरतापिनी और त्रिपुरा उपनिषदों में मिलता है। कहते हैं कि श्रीयंत्र का अतिभाव से नित्यपूजन करने, दर्शन करने तथा उसके समक्ष श्री सूक्त का पाठ करने से अथाह धन संपत्ति प्राप्त होती है।
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