गणेश रुद्राक्ष का महत्व और उसके लाभ, प्रयोग विधि
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रुद्राक्ष को भगवान शिव का स्वरूप कहा जाता है। भगवान शंकर के भक्त रुद्राक्ष को माला के रूप में धारण करते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव की आंखों से गिरे आंसुओं से ही रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई है। मनुष्य अपने जीवन में आई समस्याओं के निपटारे के लिए भगवन का सहारा लेते है| यही नहीं लोग चमत्कारी रत्नो का सहारा भी लेते है| एक और चीज है जिसके बारे में शायद आप जानते होंगे वो है रुद्राक्ष जो भगवन शिव के सबसे करीब माना जाता है|रुद्राक्ष अलग-अलग प्रकार के पाए जाते है| सबसे श्रेष्ठ गणेश रुद्राक्ष को माना जाता है|
भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश को देवों में सबसे श्रेष्ठ देव का स्थान मिला हुआ है| ऐसा माना जाता है की रुद्राक्ष को धारण करने से सभी परेशानी से निजात मिल जाती है| इसको धारण करने से मनुष्य का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है| ऐसा कहा जाता है की गणेश रुद्राक्ष को धारण करने से किसी भी काम में निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है| भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है, यही कारन है की छात्रों के लिए गणेश रुद्राक्ष काफी लाभकारी साबित को सकता है|
गणेश रुद्राक्ष के लाभ
- गणेश रुद्राक्ष को धारण करने से सभी तरह के क्लेशों से मुक्ति मिलती है। विशेष फलदायी यह रुद्राक्ष कई समस्याओं का समाधान स्वत: ही कर देता है।
- गणेश रूद्राक्ष पहने हुए एक व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में से सफलता प्राप्त होती है।
- भगवान गणेश भगवान शिव के पुत्र हैं इसलिए भगवान शिव का और देवी पार्वती (महा देवी) जी का भी आशिर्वाद प्राप्त होता है।
- गणेश रुद्राक्ष को धारण करने से केतु के अशुभ प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है।
गणेश रुद्राक्ष की प्रयोग विधि
इसे गणेश चतुर्थी के दिन धारण किया जाए तो यह और भी शुभ फलदायक होता है। गणेश रुद्राक्ष को सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।गणेश रुद्राक्ष को मोक्ष की प्राप्ति के लिए काफी अच्छा माना जाता है| गणेश रुद्राक्ष पर भगवन गणेश की आकृति बनी हो और उनकी सूंड की आकृति बनी हुई हो, इस प्रकार के रुद्राक्ष को गणेश रुद्राक्ष माना जाता है|गणेश रुद्राक्ष को लाल धागे, सोने या फिर चाँदी की चेन के साथ भी धारण कर सकते है|- call kre -- +917697961597
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