ग्रहों के दोष दूर करना है तो इन मंत्रों का जाप करें,
grho ke dosho kodur krne in mantro ka jap
ज्योतिष में नौ ग्रह बताए गए हैं और सभी ग्रहों का अलग-अलग असर होता है। कुंडली में जिस ग्रह की स्थिति अशुभ होती है, उससे शुभ फल पाने के लिए कई उपाय हैं। इन्हीं उपायों में से एक उपाय ये है कि अशुभ ग्रह के मंत्र का जाप किया जाए। ग्रहों के मंत्र जाप से अशुभ असर कम हो सकता है। किस ग्रह के लिए कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए...
मंत्र जाप कीसामान्य विधि: जिस ग्रह के लिए मंत्र जाप करना चाहते हैं, उस ग्रह की विधिवत पूजा करें। पूजा में सभी आवश्यक सामग्रियां चढ़ाएं। पूजा में संबंधित ग्रह के मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग किया जा सकता है।
सूर्यमंत्र- ऊँ सूर्याय नम:। सूर्य अर्घ्य देकर इस मंत्र के जाप से पद, यश, सफलता, तरक्की सामाजिक प्रतिष्ठा, स्वास्थ्य, संतान सुख प्राप्त हो सकता है और इस मंत्र से दरिद्रता दूर हो सकती है।
चंद्रमंत्र- ऊँ सोमाय नम:। इस मंत्र जाप से मानसिक परेशानियां दूर होती हैं। पेट व आंखों की बीमारियों में राहत मिल सकती है।
मंगलमंत्र-ऊँ भौमाय नम:। इस मंत्र जाप से भूमि, संपत्ति व विवाह बाधा दूर होने के साथ ही सांसारिक सुख मिल सकते हैं।बुधमंत्र- ऊँ बुधाय नम:। यह मंत्र जाप बुद्धि व धन लाभ देता है। घर या कारोबार की आर्थिक समस्याएं को घटाता है और निर्णय क्षमता बढ़ाता है।
गुरुमंत्र- ऊँ बृहस्पतये नम:। इस मंत्र जाप से सुखद वैवाहिक जीवन, आजीविका व सौभाग्य प्राप्त होता है।
शुक्रमंत्र- ऊँ शुक्राय नम:। यह मंत्र जाप वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाता है। वैवाहिक जीवन में कलह व अशांति को दूर करता है।शनिमंत्र- ऊँ शं शनैश्चराय नम:। ये मंत्र तन, मन, धन से जुड़ी तमाम परेशानियां दूर करता है। भाग्यशाली बनाता है।
राहुमंत्र- ऊँ राहवे नम:। यह मंत्र जाप मानसिक तनाव, विवादों का अंत करता है। आध्यात्मिक सुख भी देता है।
केतुमंत्र - ऊँ केतवे नम:। यह मंत्र जाप हर रिश्तों में तनाव दूर कर सुख-शांति देता है।
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