Saturday, 30 May 2020
Thursday, 28 May 2020
राशिफल-- जून 2020 मासिक राशिफल 12 राशियो मे क्या होगा
राशिफल-- जून 2020 मासिक राशिफल 12 राशियो मे क्या होगा
Rashifal June 2020
चन्द्रराशि के आधार पर लिखा गया है। जन्मकुंडली में चन्द्रमा जिस राशि में होता है व्यक्ति का राशि वही होता है आपको अपना राशिफल अथवा भविष्यफल इसी राशि के अनुसार देखे। जून 2020 का राशिफल अवश्य ही आपको योजनाओ को बनाने में सहायता प्रदान करेगा।
मेष राशिफल इस समय आपके राशि वालों के लिए लाभेश सूर्य उत्तरार्द्ध में लग्न में होगा अतः लाभ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। विषम परिस्थितियों के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे । अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें । शारिरिक कष्ट तथा मानसिक तनाव के शिकार हो सकते हैं। गुप्त चिंता के कारण पेट में परेशानी हो सकती है। रक्त विकार के कारण शरीर में कष्ट हो सकता है।
उपाय
दुर्गा सप्तशती का पाठ करे मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
वृष राशिफल इस माह व्यवसाय के क्षेत्र में धीरे-धीरे सुधार होगा। मान सम्मान तथा पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है। कार्यस्थल पर उच्च प्रतिष्ठित लोगों से संपर्क में बढ़ोतरी होगी। धन तथा भाग्य वृद्धि के लिए भरपूर मेहनत करेंगे। प्यार में रोमांस बढ़ेगा। संतान पक्ष से शुभ समाचार मिल सकता है।दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा।पिता का सहयोग मिलेगा।
उपाय
शुक्रवार का व्रत करे या श्री सूक्त का पाठ करना शुभ रहेगा ।
मिथुन राशिफल इस माह बनते कामों में अड़चनें आएगी। परिवारिक चिंता और मानसिक तनाव बना रहेगा। धन की कमी महसूस करेंगे। धन की प्राप्ति होगी शनि के अढ़ैया के कारण शारीरिक कष्ट तथा मानसिक तनाव का योग बन रहा है। आपको अनेक प्रकार के उलझनों का सामना करना पर सकता है। आप अपने व्यवसाय या नौकरी को लेकर परेशान रह सकते हैं अतः सावधानी बरतें।
उपाय
श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे शुभफल की प्राप्ति होगी।
कर्क राशिफल इस माह धन का व्यय अपेक्षा से अधिक हो सकता है। कोई बिगड़े हुए कार्य के बन जाने से आपके तथा परिवार मे खुशी का माहौल बनेगा । किसी भी प्रकार के वाद विवाद एवं झगड़े से दूर रहें ।कार्यस्थल पर किसी उच्च अधिकारी से विरोध के कारण परिवार में तनाव हो सकता है। यात्रा की योजना बन सकती है।
उपाय
शिवस्तोत्र या शिवजी के पंचाक्षरी मंत्र का मानसिक जप करें ।
सिंह राशिफल
माह के पूर्वार्ध में सूर्य के कर्म भाव में होने से सोचें हुए सभी कार्य सम्पन्न होंगे।क्रय-विक्रय के कार्यों से लाभ के योग हैं । स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखें। उत्तरार्ध में दिनांक 18 से विभिन्न आर्थिक योजनाओं को क्रियान्वित करने के संकेत मिल रहे हैं। कार्य को लेकर लघु यात्रा करनी पर सकती है। सुख साधनों में वृद्धि होगी।
उपाय
सूर्य भगवान् को अर्घ्य प्रदान करे
कन्या राशिफल जून माह यात्राएं, स्थान परिवर्तन तथा अनियोजित खर्च हो सकता है । आय के साधन में कमी से आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकता है धैर्य धारण करें निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। इस समय आप असंतुष्ट एवं परेशान नजर आएंगे। मास के आरम्भ में कुछ सोची योजनाओं में प्रगति तथा रुके हुए कार्यों में पूरा हो सकता है। पुनः धन आगमन का योग बन रहा है।
उपाय
दुर्गा सप्तशती के सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का नियमित पाठ करें।
तुला राशिफल जून माह में अपने कार्यों के लेकर दौड़-धूप बना रहेगा । निकट बंधुओं के साथ तनाव का माहौल बना रहेगा ।परिवारिक शांति बनी रहेगी फिर भी बुद्धि और विवेक का परिचय देते हुए कोई भी कार्य करना श्रेष्ठकर रहेगा। दिनांक 12 से अचानक यात्रा की संभावना बन रही है।
उपाय
दुर्गा सप्तशती का पाठ करें आपका कल्याण होगा।
वृश्चिक राशिफल जून महीना में किसी प्रिय बंधुओं से मेलजोल होगा। तीर्थ यात्रा का योग बन रहा है। इस महीने अपने स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान दे। शादी की बात चल सकती है। आर्थिक रूप से कठिन परिस्थितियों का सामना करना पर सकता है फिर भी निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे । अनियोजित खर्च से बचने की कोशिश करें।
उपाय
श्री दुर्गा कवच का नियमित पाठ करना शुभ रहेगा ।
धनु राशिफल --इस माह प्रॉपर्टी को को लेकर पारिवारिक कलह संभव है। इस माह धन लाभ की स्थिति बन रही है अचानक रुका हुआ धन वापस मिल सकता है। यात्रा का भी योग बन रहा है। रुके हुए कार्य पूरा हो सकता है। व्यवसाय तथा भूमि जायदाद संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होंगी परन्तु उसका निराकरण हो जायेगा।यदि स्त्री की कुंडली है और आप गर्भवती है तो सावधानी बरते।
मकर राशिफल -लग्नेश शनि की दृष्टि लग्न के ऊपर है अतः कार्य क्षेत्र में स्थिति संतोषजनक रहेगी। यदि स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई परेशानी पहले से चल रही है तो चलती रहेगी। धनार्जन के लिए अत्यधिक परिश्रम करने की जरूरत है। मासांत में पारिवारिक सहयोग से बिगड़े हुए कार्य में सुधार होगा।
उपाय
शानिस्तोत्र का नियमित पाठ करें।
कुंभ राशिफल- इस माह आपका प्रतिष्ठित लोगों से संपर्क बढ़ेगा। आप अनावश्यक दौड़-धूप से परेशान नजर आएंगे। आकस्मिक धन का अपव्यय अधिक होगा । परिवार में मतभेद उभर कर सामने आ सकती है। क्रोध से बचें। स्वभाव में उत्तेजना का संचार बढ़ेगा। स्वास्थ्य में परेशानी का योग बन रहा है ।
उपाय
शनिवार को पीपल की प्रदक्षिणा करें तथा दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करे आपके लिए कल्याणकारी होगा।
मीन राशिफल-- जून माह में व्यवसाय को लेकर व्यस्तताएं बढ़ेंगे।कोई नवीन कार्य की योजना बनेगी। दिनांक 16 से क्रोध एवं उत्तेजना के साथ साथ आपके अन्दर कोई डर बना रह सकता है। अपने स्वास्थ्य को लेकर परेशान रह सकते हैं। कोई बना हुआ कार्य बिगड़ सकता है । बन्धु बांधव से मनमुटाव हो सकता है। कैरियर में विघ्नों का सामना होगा।
उपाय -विष्णु सहस्त्र नाम का नियमित जप करे लाभ होगा।
Wednesday, 27 May 2020
Tuesday, 26 May 2020
Monday, 25 May 2020
Sunday, 24 May 2020
Friday, 22 May 2020
Thursday, 21 May 2020
शुक्रवार, 22 मई को शनि जयंती पर प्र्सन्न करे शनि देव को
शुक्रवार, 22 मई को शनि जयंती पर प्र्सन्न करे शनि देव को
ये हैं शनि के 10 नाम
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
इस मंत्र में शनि के 10 नाम बताए गए हैं। ये नाम हैं कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद और पिप्पलाद। आप चाहे तो इन नामों का जाप सुबह कर सकते हैं या शाम को सूर्योस्त के बाद कर सकते हैं। घर के मंदिर में या किसी अन्य मंदिर में भगवान की पूजा करें। पूजा में शनिदेव का ध्यान करें। धूप-दीप जलाएं। फूल-प्रसाद चढ़ाएं। इसके बाद शनि के 10 नाम वाले मंत्र का जाप 108 बार करें। अगर मंत्र का उच्चारण ठीक से नहीं कर पा रहे हैं तो शनि के 10 नाम भी 108 बार बोल सकते हैं। जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग कर सकते हैं। शनि को नीले फूल चढ़ाएं। जरूरतमंद लोगों को काले तिल और तेल का दान करें।
शनि जयंती पर हनुमानजी की पूजा भी जरूर करें। हनुमानजी की पूजा से भी शनि के दोष दूर हो सकते हैं। हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मकर राशि में वक्री है शनि
इस समय शनि मकर राशि में स्थित है और वक्री है। अपनी राशि में शनि के रहते शनि जयंती मनाई जाएगी। ये एक शुभ योग है। मकर राशि के शनि की वजह से धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती है। मिथुन और तुला राशि पर शनि का ढय्या है। इन लोगों को अपने काम पूरी ईमानदारी से करना चाहिए। किसी का अहित न करें, अन्यथा शनि की वजह से हानि हो सकती है।
Wednesday, 20 May 2020
Tuesday, 19 May 2020
Monday, 18 May 2020
वट सावित्री व्रत व्रत की कथा:
वट सावित्री व्रत व्रत की कथा:
Vat Savitri Vrat 2020
हिंदु पंचांग के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है। पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनें वट सावित्री व्रत रखती हैं। इस साल यह व्रत 22 मई को है। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करते हैं। कहते हैं कि इस पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों देवताओं का वास होता है। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष के नीचे बैठकर कथा पढ़ती है और वट वृक्ष को रक्षा सूत्र बांधती है। पूजा के बाद सौभाग्यवती महिला अपनी सास को वस्त्र और श्रृंगार का देकर उसके पैर छूकर आशीर्वाद लेती है।
व्रत की कथा:
बहुत पहले की बात है अश्वपति नाम का एक सच्चा ईमानदार राजा था। उसकी सावित्री नाम की बेटी थी। जब सावित्री शादी के योग्य हुई तो उसकी मुलाकात सत्यवान से हुई। सत्यवान की कुंडली में सिर्फ एक वर्ष का ही जीवन शेष था। सावित्री पति के साथ बरगद के पेड़ के नीचे बैठी थी। सावित्री की गोद में सिर रखकर सत्यवान लेटे हुए थे। तभी उनके प्राण लेने के लिये यमलोक से यमराज के दूत आये पर सावित्री ने अपने पति के प्राण नहीं ले जाने दिए। तब यमराज खुद सत्यवान के प्राण लेने के लिए आते हैं।
सावित्री के मना करने पर यमराज उसे वरदान मांगने को कहते हैं। सावित्री वरदान में अपने सास-ससुर की सुख शांति मांगती है। यमराज उसे दे देते हैं पर सावित्री यमराज का पीछा नहीं छोड़ती है। यमराज फिर से उसे वरदान मांगने को कहते हैं। सावित्री अपने माता पिता की सुख समृद्धि मांगती है। यमराज तथास्तु बोल कर आगे बढ़ते हैं पर सावित्री फिर भी उनका पीछा नहीं छोड़ती है। यमराज उसे आखिरी वरदान मांगने को कहते हैं तो सावित्री वरदान में एक पुत्र मांगती है। यमराज जब आगे बढ़ने लगते हैं तो सावित्री कहती हैं कि पति के बिना मैं कैसे पुत्र प्राप्ति कर सकती हूं। इसपर यमराज उसकी लगन, बुद्धिमत्ता देखकर प्रसन्न हो जाते हैं और उसके पति के प्राण वापस कर देते हैं।
Sunday, 17 May 2020
Saturday, 16 May 2020
ज्योतिष शेयर बाजार कोमोडिटी मे सफलता के कुंडली मे योग
ज्योतिष शेयर बाजार कोमोडिटी मे सफलता के कुंडली मे योग
vyapar bhavishy teji madi
ज्योतिष की दृष्टि से किस व्यक्ति विशेष के लिए शेयर बाजार लाभदायक व सफलतादायक होगा या नहीं।यदि जन्मकुंडली में जन्म लग्न या चंद्र लग्न से भाव 3, 6, 10 या 11 में शुभ ग्रह हों और भाग्येश केंद्र या त्रिकोण में हो, तो जातक को अकस्मात् धन की प्राप्ति हो सकती है।
यदि भाव 1, 2, 5, 9, 10 या 11 में नीच या नीचांश के बिना धनेश और लग्नेश या धनेश और लाभेश या भाग्येश और दशमेश अथवा धनेश और पंचमेश का योग हो, तो जातक को लाॅटरी, शेयर, सट्टे से लाभ मिलता है।
लग्न से ग्रह भाव 1, 2, 5, 7, 8, 10 और 11 में हों तथा कहीं भी दो ग्रहों से अधिक की युति न हो, तो शेयर मार्केट या सट्टे से असीम धन की प्राप्ति की संभावना रहती है।
मकर का सूर्य से रहित चंद्र लग्न में हो, चतुर्थ और सप्तम में गुरु हो, अस्त नीच और नीचांश रहित शनि शुभ स्थान में हो, तो भी अकस्मात् धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
मेष लग्न की कुंडली में लग्न से चतुर्थ भाव में गुरु, सप्तम में शनि, अष्टम में शुक्र, नवम में गुरु, दशम में मंगल तथा पंचम में चंद्र हो, तो लाॅटरी, शेयर या सट्टे से धन लाभ के योग बनते हैं।
प्रथम, चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव में शुभ बली ग्रह हों तो शेयर या सट्टे से धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
पंचम भाव में गुरु और लग्नेश हों तो अनायास धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
यदि कुंडली के पंचम भाव में चंद्र हो और उसे शुक्र देख रहा हो तो उस स्थिति में भी जातक को अनायास धन की प्राप्ति होती है।
कर्क लग्न की जन्मकुंडली में अष्टम भाव में कुंभ राशिस्थ बुध और शुक्र हों और किसी शुभ भाव में चंद्र तथा मंगल की युति हो, तो उस स्थिति में भी अकस्मात् धन प्राप्ति की संभावना रहती है।
यदि सिंह लग्न की कुंडली में लग्न में पूर्ण चंद्र और सप्तम में शनि हो तथा एकादश में गुरु और मंगल का योग हो, तो भी अकस्मात् धन लाभ की संभावना रहती है।
मीन लग्न की कुंडली में 5वें भाव में बुध या 11वें भाव में शनि हो, तो लाॅटरी, शेयर या सट्टे से लाभ की संभावना रहती है।
यदि कुंडली में पंचमेश और लग्नेश का योग हो या लग्नेश बली हो और राहु व बुध कारक हों, तो अकस्मात् धन प्राप्ति की संभावना रहती है।
दो ग्रहों का एक राशि में योग हो तथा दोनों 5 अंश से कम पर हों तो धन लाभ के उत्तम योग बनते हैं।
धनेश और लाभेश चतुर्थ भाव में हों और चतुर्थ भाव का स्वामी शुभ ग्रहों से युत या दृष्ट हो अकस्मात् धन की प्राप्ति हो सकती है।
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Wednesday, 13 May 2020
रत्न ज्योतिष: पुखराज बनाता है अमीर
रत्न ज्योतिष: पुखराज बनाता है अमीर
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पुखराज, बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। यह पीले रंग का एक बहुत मूल्यवान रत्न है जिसकी कार्य क्षमता कई गुना प्रचलित है। पुखराज धारण करने से विशेषकर आर्थिक परेशानियां कम हो जाती हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति पुखराज धारण करता है उसे आर्थिक लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
पुखराज धारण करने के बाद अच्छा स्वास्थ्य, आर्थिक लाभ, लंबी उम्र और मान प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। जिन कन्याओं के विवाह में देरी हो रही हो उन्हें पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए। जिस दंपति को पुत्र की लालसा हो उन्हें भी पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए क्योंकि बृहस्पति पति और पुत्र दोनों कारक होता है, लेकिन इसका ध्यान अवश्य रखा जाए कि किसी भी रत्न को धारण करने से पहले कुंडली दिखा सलाह अवश्य लें।
पुखराज धारण करने की विधि
यदि आप बृहस्पति देव के रत्न, पुखराज को धारण करना चाहते है, तो 3 से 5 कैरेट के पुखराज को स्वर्ण या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर किसी भी शुक्ल पक्ष के गुरुवार को सूर्य उदय होने के बाद इसकी प्राण प्रतिष्ठा करवाकर धारण करें। इसके लिए सबसे पहले अंगुठी को दूध, गंगाजल, शहद और शक्कर के घोल में डाल दें, फिर पांच अगरबत्ती ब्रहस्पतिदेव के नाम जलाएं और प्रार्थना करें कि हे बृहस्पति देव मै आपका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आपका प्रतिनिधि रत्न पुखराज धारण कर रहा/रहीं हूं, कृपया करके मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करे !
इसके बाद अंगूठी को निकालकर 108 बारी अगरबत्ती के ऊपर से घुमाते हुए ॐ ब्रह्म बृह्स्पतिये नम: का जाप करे तत्पश्चात अंगूठी विष्णु जी के चरणों से स्पर्श कराकर तर्जनी में धारण करे! बृहस्पति के अच्छे प्रभावों को प्राप्त करने के लिए उच्च कोटि का सिलोनी पुखराज ही धारण करें,अच्छे प्रभाव के लिए पुखराज का रंग हल्का पीला और दाग रहित होना चाहिए, पुखराज में कोई दोष नहीं होना चाहिए अन्यथा शुभ प्रभाओं में कमी आ सकती है।
सुनहला भी हो सकता है पुखराज का विकल्प
अगर किसी व्यक्ति के पास पैसों की समस्या है तो वह सुनहला भी धारण कर सकता है, हालांकि ये पुखराज जैसा असर तो नहीं दिखाएगा लेकिन काफी सारी समस्याओं का निदान करता है। पीतल या तांबे की धातू में सुनहला को जड़वाकर पुखराज जैसी विधि से ही पहनने से यह लगभग पुखराज जैसा काम करता है। माना तो यहां तक जाता है कि अगर जातक को सुनहला सूट करेगा तो कुछ ही दिन में स्वयं ही व्यक्ति की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी तो हो ही जाएगी कि वह असली पुखराज सोने में जड़वाकर पहन सकता है। हालांकि यह किवदंति ही है लेकिन मानों तो गंगाजल और न मानों तो बहता पानी।
अगर किसी व्यक्ति के पास पैसों की समस्या है तो वह सुनहला भी धारण कर सकता है, हालांकि ये पुखराज जैसा असर तो नहीं दिखाएगा लेकिन काफी सारी समस्याओं का निदान करता है। पीतल या तांबे की धातू में सुनहला को जड़वाकर पुखराज जैसी विधि से ही पहनने से यह लगभग पुखराज जैसा काम करता है। माना तो यहां तक जाता है कि अगर जातक को सुनहला सूट करेगा तो कुछ ही दिन में स्वयं ही व्यक्ति की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी तो हो ही जाएगी कि वह असली पुखराज सोने में जड़वाकर पहन सकता है। हालांकि यह किवदंति ही है लेकिन मानों तो गंगाजल और न मानों तो बहता पानी।
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Tuesday, 12 May 2020
Monday, 11 May 2020
Sunday, 10 May 2020
व्यापार भविष्य मई 2020 देनिक तेजी मंदी रिपोर्ट सोना चाँदी अनाजों मे
व्यापार भविष्य मई 2020 देनिक तेजी मंदी रिपोर्ट सोना चाँदी अनाजों मे
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तारीख 1
अनाज धातुओं में घटा चले
तारीख 2
सोना चांदी बाजार में सभी वस्तुओं में तेजी
तारीख 3
बाजार सामान्य रहे
तारीख 4
सभी वस्तुओं में घर चले
तारीख 5
मूंगफली तेल तेल में तेजी
तारीख 6 सोना चांदी मूंग उड़द में तेजी
तारीख
7वस्तुओं में घट बढ़ के बाद मंदी
तारिक 8
सरसों तेल तेल गेहूं धातुओं में मंदी
तारीख 9
मंडी के योग
तारीख 10
बाजार सामान्य रहे
तारीख 11
पीतल गेहूं चना मेहंदी मंदी
तारीख 12
सोना चांदी तांबा पीतल वस्त्रों में तेजी
तारीख 13
सोना चांदी सरसों में मंदी
तारीख 14
तिल तेल सरसों मूंगफली में तेजी
तारीख 15
सोना तांबा रूई खंड में मंदी
तारीख 16 सामान्य तेजी
तारीख 17
बाजार सामान्य रहे
तारीख 18
चांदी आदि धातुओं में मंदी
तारीख 19 बाजार
में घटवाड़ चले
तारीख 20
अनाजों में मंदी
तारीख 21
धातुओं में मंदी अनाजों में साधारण तेजी
तारीख 22
सभी वस्तुओं में साधारण तेजी
तारीख 23
बाजार सम रहे
तारीख 24
बाजार सामान्य रहे
तारीख 25
सोना रुई कपास सरसों मूंगफली में मंदी
तारीख 26
सोना चांदी लोहा तांबा में तेजी तारीख 27
तारीख 27
गेहूं और चना उड़द मूंग में मंदी
तारीख 28
मूंगफली गेहूं चांदी गुडमंडी
तारीख 29
बाजार में भारी परिवर्तन के योग
तारीख 30
मंडी चले
तारीख 31
बाजार सामान्य रहे
यह गणना ज्योतिष ग्रह के अनुसार है व्यापारी मार्केट का रुख देख कर ही कार्य करे
क्या आपके हथेली पर भी बने हैं तरक्की और सुख समृद्धि लक्ष्मी के पांच निशान
क्या आपके हथेली पर भी बने हैं तरक्की और सुख समृद्धि लक्ष्मी के पांच निशान
हस्तरेखा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हथेलियों पर बनने वाले तरह-तरह के निशानों और आकृतियों से भविष्य के बारे में जानकारियां हासिल की जाती हैं। हथेली पर कुछ ऐसे ही निशानों और रेखाएं से जानिए व्यक्ति के सुख-समृद्धि
हथेली की लकीरें और आर्थिक स्थिति
1. हथेली पर बनी भाग्यरेखा ही व्यक्ति के भाग्य का निर्धारण करती हैं। अगर भाग्य रेखा हथेली के अंतिम छोर से यानी मणिबंध से आरंभ होकर शनि पर्वत पर जाकर मिलती हो व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। ऐसा व्यक्ति जीवन का हर सुख प्राप्त करता है। नौकरी और व्यवसाय में हमेशा तरक्की करता है।
2. हथेलियों की उंगलियों की बनावट से भी व्यक्ति के भाग्यशाली होने का संकेत मिलता है। अगर किसी व्यक्ति की हथेली भारी, उंगलियां कोमल और लंबी होती तो ऐसा व्यक्ति धनवान होता है।
3. अगर किसी व्यक्ति की हथेली में शनि पर्वत में उभार होता है तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा व्यक्ति बहुत ही धनवान होता है और उसके मान सम्मान में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आती।
4. शनि पर्वत जोकि मध्यमा उंगली के नीचे बना होता है अगर वहां पर दो खड़ी हुई रेखाएं बनती हो तो व्यक्ति के जीवन में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होती।
5. हथेली पर त्रिकोण का निशान होने पर व्यक्ति बहुत समृद्धिशाली होता है।
Saturday, 9 May 2020
Friday, 8 May 2020
Wednesday, 6 May 2020
Tuesday, 5 May 2020
Monday, 4 May 2020
Sunday, 3 May 2020
Taji Mandi today | vyapar bhavishy |
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vyapar bhavishy today 5-4-2020
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त्राटक विधि, लाभ और सावधानियां Taratak Meditation
त्राटक विधि, लाभ और सावधानियां
Taratak Meditation
त्राटक क्या है ?
त्राटक शब्द का उत्पत्ति ‘त्रा’ से हुआ है, जिसका अर्थ है मुक्त करना। यह क्रिया आँखों को साफ करने एवम नेत्रों की रोशनी बढ़ाने के लिए की जाती है। इस क्रिया में आप नेत्रों को सामान्य रूप से किसी निश्चित वस्तु पर केंद्रित करते हैं जो दीपक या जलती हुई मोमबत्ती की लौ हो सकती है। चुनी हुई वस्तु को तब तक देखते रहें जब तक आंखों में पानी नहीं आ जाए या आपके आँख दर्द न करने लगे। जब पानी आ जाए या दर्द करने लगे तो आँखों को बंद करे और फिर सामान्य स्थिति में आकर इसे खोलें। अगर सही माने में देखा जाए तो आँखों को सेहतमंद रखने के लिए यह एक उम्दा योगाभ्यास है।
त्राटक मैडिटेशन त्राटक योगाभ्यास का एक उच्चतर स्तर है। यहाँ पर भी आप बेशक किसी निश्चित बिंदु पर अपना ध्यान को केंद्रित करते हैं। दुनिया की चीजों को अपने तन मन से निकाल कर आप सिर्फ एवं सिर्फ उस खास बिंदु को फोकस करते हैं। आप अपने शरीर के मांसपेशियों तथा नसों को आराम कराते हुए उस खास बिंदु पर अपने ध्यान को ज़माने की कोशिश करते है और धीरे धीरे इस प्रक्रिया की गहराई पर जाने की कोशिश करते हैं। त्राटक मैडिटेशन से आप सिर्फ अपने आँखों को ही ठीक नहीं करते बल्कि पुरे शरीर को बीमारियों से दूर रखते हैं।
त्राटक योग की विधि
- सबसे पहले आप सिर, गर्दन एवं पीठ को सीधा रखते हुए किसी अंधेरे कमरे में ध्यान की मुद्रा में बैठें और आँखों को बंद कर लें।
- जिस वस्तु पर ध्यान केंद्रित करना हो उसे नेत्रों के समांतर ऊंचाई पर रखा होना चाहिए। आप मिट्टी के दीपक में घी से जली ज्योति को प्रकाश ऊर्जा के स्रोत के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
- जलती हुई मोमबत्ती अथवा जलते हुए मिट्टी के दीपक को आंखों से लगभग डेढ़ गज अथवा ढाई फुट की दूरी पर आंखों के ही समांतर ऊंचाई पर रखीं होनी चाहिए।
अब आप बंद आखों को खोलें और जलते हुए मिट्टी के दीपक की ज्योति को तब तक देखते रहे जब तक आंखें थक नहीं जातीं या आंसू नहीं निकल आते। अब आंखें बंद कर लें और विश्राम करें। - इस क्रिया को 3 या 4 बार दोहराएं, जब तक कि व्यक्ति बिना पलक झपकाए 10 या 15 मिनट के लिए दृष्टि जमाने का अभ्यस्त नहीं हो जाता।
- ध्यान रहे जब आप ज्योति को देखते हैं तो पलक को नहीं झपकनी चाहिए।
त्राटक के लाभ
- हठप्रदीपिका के अनुसार त्राटक से नेत्र के सभी विकार, थकान एवं सुस्ती दूर होती है और यह भी कहा गया है कि इसे किसी खजाने की तरह सावधानीपूर्वक गोपनीय रखना चाहिए। इसके बहुत सारे लाभ हैं लेकिन यहां पर कुछ महत्वपूर्ण फायदे का जिक्र किया जा रहा है।
- यह आंखों को साफ और चमकदार बनाता है।
- नेत्र विकारों की चिकित्सा में यह उपयोगी है।
- यह आंख की सुस्ती दूर करने में मददगार है।
- यह आध्यात्मिक शक्तियों का विकास करती है एवं मस्तिष्क के विकास में लाभकारी होती है।
- यह आंतरिक ज्योति को प्रज्वलित करती है।
- यह स्मृति एवं एकाग्रता बढ़ाती है।
- इसके अभ्यास से अल्फा तरंगें बढ़ती हैं, जो मस्तिष्क के विश्रामावस्था में होने का संकेत हैं। इस अवस्था में मस्तिष्क के निश्चित भाग काम करना बंद कर देते हैं तथा मस्तिष्क की प्रक्रियाएं रुक जाती हैं, इस प्रकार मस्तिष्क को अत्यावश्यक विश्राम प्राप्त होता है।
त्राटक की सावधानियां
- ध्यान रहे इस योग की अभ्यास किसी योग्य योग शिक्षक के निर्देशन में की जानी चाहिए।
- इस क्रिया के लिए अंधेरे एवं शांत कमरे को चुनना चाहिए।
- जिन्हें आंख की समस्या हो वैसे व्यक्तियों को इसके अभ्यास से पूर्व चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।
- ज्योति स्थिर होनी चाहिए और उसे फड़फड़ाना नहीं चाहिए।
Saturday, 2 May 2020
कुंडली में जब शनि अशुभ स्थिति मे करे ये उपाय
कुंडली में जब शनि अशुभ स्थिति मे करे ये उपाय
कुंडली में जब शनि अशुभ स्थिति में हो तो समझ लीजिए की बुरा वक्त शुरू हो गया है। शनि के प्रभाव में आए जातकों का शनि फौरन न्याय करता है। ऐसे जातकों के सभी अच्छे-बुरे कर्मों का फैसला शनि फौरन करता है और उन्हें उचित फल देता है। अनिष्ट शनि ग्रह के प्रभाव से बचने के लिए कुछ खास उपाय --
संध्या के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें और पवनपुत्र को बेसन के लड्डू का भोग अवश्य लगाएं। इसके साथ ही काली हाय की सेवा करें और हर शनिवार को गौ माता के मस्तर पर रोली लगाकर सींगों में कलावा बांध कर धूप करें। इसके बाद परिक्रमा करके गाय को बूंदी के चार लड्डू खिलाएं।
शनिवार को व्रत रखें और भगवान हनुमान की पूजा करें। सूर्यास्त से पहले वट या पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इस दिन बंदरों को केला, गुड़ और काले चने खिलाए। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होंगे और जातक इसके बुरे प्रभाव से काफी हद तक बच सकेंगे।
शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या को दूर करने के लिए भोजन से पहले परोसी हुई थाली में से सभी चीजें थोड़ी-थोड़ी अलग निकाल दें और इसे कौओं को खिलाएं।
शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए राई का तेल या तिल का तेल दान करें। शनि के खराब असर से जूझ रहे हैं तो सुरमें की जली लेकर जमीन में गाड़ दें। इतना ही नहीं रात को सोते समय दूघ न पिएं।
सप्तम स्थान में शनि हो तो मदिरा पान न करें अन्यथा आर्थिक और शारीरिक कमजोरी झेलनी पड़ेगी। इसके असर से बचने के लिए किसी जरूरतमंद को शनिवार वाले दिन काले तिल, तेल और काले कपड़े का दान करें।
Friday, 1 May 2020
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