Saturday, 4 January 2014

Maker sankrantiparv 14 january 2014

                               मकर संक्रान्ति पर्व                                                                 14 जनवरी 2014  


Maker sankrantiparv  14  january  2014
14 जनवरी: इस दिन धरती पर आएंगे देवी-देवता भी, करिए ये खास उपाय


14 जनवरी 2014 को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होता है तो उसे 'मकर संक्रांन्ति' कहते हैं। इसी दिन से सूर्य उत्तरायण भी हो जाता है। ग्रंथों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन के समय को देवताओं की रात्रि कहा गया है। इस प्रकार मकर संक्रान्ति देवताओं का प्रभात काल है। 
इस दिन स्नान, दान, जप, तप, श्राद्ध तथा अनुष्ठान आदि का अत्यधिक महत्व है। कहते हैं कि इस अवसर पर किया गया दान सौ गुना होकर पुन: प्राप्त होता हैमाघे मासि महादेव यो दद्यात् घृतकम्बलम्।
स भुक्त्वा सकलान भोगान् अन्ते मोक्षं च विन्दति।।
माघ मासे तिलान यस्तु ब्राहमणेभ्य: प्रयच्छति।
सर्व सत्त्व समाकीर्णं नरकं स न पश्यति।।  (महाभारत अनुशासनपर्व)
मकर संक्रान्ति के दिन गंगाजल सहित शुद्ध जल से स्नानादि के उपरान्त भगवान चतुर्भुज का पुष्प-अक्षत एंव विभिन्न द्रव्यों के अर्ध्य सहित पूजन करके मंत्र जप विष्णु सहस्त्र नाम स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इस दिन घी-तिल-कम्बल-खिचड़ी के दान का विशेष महत्व है। इसका दान करने वाले व्यक्ति को सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है और पैसों की तंगी से मुक्ति मिलती है।  इस दान से मोक्ष की प्राप्त होती है।
 मकर संक्रान्ति के दिन गंगा स्नान तथा गंगा तट पर दान की विशेष महिमा है। तीर्थ राज प्रयाग में मकर संक्रान्ति मेला तो सारे विश्व में विख्यात है। इसका वर्णन करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी श्री रामचरित मानस में लिखा है-
माघ मकर गत रवि जब होई। तीरथ पतिहिं आव सब कोइ।।
देव दनुज किंनर नर श्रेनीं। सादर मज्जहिं सकल त्रिबेनी।।
स्पष्ट है कि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर तीर्थ राज प्रयाग में 'मकर संक्रान्ति' पर्व के दिन सभी देवी-देवता अपना स्वरूप बदल कर स्नान के लिए आते हैं। अतएव वहां मकर संक्रान्ति पर्व के दिन स्नान करना अनन्त पुण्यों को एक साथ प्राप्त करना माना जाता है।
मकर संक्रान्ति पर्व पर इलाहाबाद (प्रयाग) के संगम स्थल पर प्रतिवर्ष लगभग एक मास तक माघ मेला लगता है। यहां बारह वर्ष में एक बार कुम्भ मेला लगता है यह भी लगभग एक माह तक रहता है। इसी प्रकार छह वर्षों में अर्ध कुम्भ मेला भी लगता है। मकर संक्रान्ति पर्व प्राय: प्रतिवर्ष 14 जनवरी को पड़ता है।इस वर्ष विक्रम संवत् 2070 में पौष शुक्ला चतुर्दशी मंगलवार को दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर भगवान भुवन भास्कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। धर्मशास्त्रीय व्यवस्थाओं के अनुसार मध्याह्न में यदि सूर्य का संक्रमण मकर राशी पर होता है तो उत्तरायण संक्रान्ति का पुण्य काल सूर्योदय से ही माना जाता है। 
'यदा तु सूर्यास्तात्पूर्व संक्रान्ति र्मवति तदोभयगते पूर्वमेव पुण्यकाल: (कालमाधव)
फलस्वरूप मंगलवार 14 जनवरी 2014 को मकर संक्रान्ति सारे देश में मनाई जाएगी। 

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