Wednesday, 28 December 2016

13 mukhi rudraksh ke labh

13 मुखी रुद्राक्ष के लाभ 13 mukhi rudraksh

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13 मुखी रुद्राक्षयह रुद्राक्ष काम, रस-स्वभाव, धातुओं तथा अर्थ की सिद्धि देने मे सक्षम है, इसे साक्षात् कामदेव का प्रतीक माना जाता है, इसे धारण करने से व्यक्ति को इन्द्र देव व कामदेव का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे समस्त प्रकार की सांसारिक इच्छाओं (यश, मान, स्नेह, प्रेम, धन, पद-प्रतिष्ठा) की प्राप्ति होती है .

Friday, 23 December 2016

संतान प्राप्ति के सरल उपाय


संतान प्राप्ति के सरल उपाय santa prapti ke saral upay 




Image result for संतानसंतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी दोनों सुबह स्नान कर पूरी पवित्रता के साथ इस मंत्र का जप तुलसी की माला से करें-

संतान प्राप्ति गोपाल मन्त्र -

" ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।"

इस मंत्र का बार रोज 108 जाप करे और मंत्र जप के बाद भगवान से समर्पित भाव से निरोग, दीर्घजीवी, अच्छे चरित्रवाला, सेहतमंद पुत्र की कामना करें-

अपने कमरे में श्री कृष्ण भगवान की बाल रूप की फोटो लगाये या लड्डू गोपाल को रोज माखन मिसरी की भोग अर्पण करे-

कई बार प्रायः देखने में आया है की विवाह के वर्षो बाद भी गर्भ धारण नहीं हो पाता या बार-बार गर्भपात हो जाता है, ज्योतिष में इस समस्या या दोष का एक प्रमुख कारण पति या पत्नी की कुंडली में संतान दोष  है, जिसके कारण गर्भ धारण नहीं हो पाता या बार-बार गर्भपात हो जाता है-

पुत्र-प्राप्ति गणपति मन्त्र-

श्री गणपति की मूर्ति पर संतान प्राप्ति की इच्छुक महिला प्रतिदिन स्नानादि से निवृत होकर एक माह तक बिल्ब फल चढ़ाकर इस मंत्र की 11 माला प्रतिदिन जपने से संतान प्राप्ति होती है-

 'ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नम:'

पुत्र-प्राप्ति शीतला-षष्ठी ब्रत-

माघ शुक्ल षष्ठी को संतानप्राप्ति की कामना से शीतला षष्ठी का व्रत रखा जाता है कहीं-कहीं इसे 'बासियौरा' नाम से भी जाना जाता हैं इस दिन प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर मां शीतला देवी का षोडशोपचार-पूर्वक पूजन करना चाहिये- इस दिन बासी भोजन का भोग लगाकर बासी भोजन ग्रहण किया जाता है-

शीतला-षष्ठी व्रत-कथा-

एक ब्राह्मण के सात बेटे थे। उन सबका विवाह हो चुका था, लेकिन ब्राह्मण के बेटों को कोई संतान नहीं थी। एक दिन एक वृद्धा ने ब्राह्मणी को पुत्र-वधुओं से शीतला षष्ठी का व्रत करने का उपदेश दिया। उस ब्राह्मणी ने श्रद्धापूर्वक व्रत करवाया। वर्ष भर में ही उसकी सारी वधुएं पुत्रवती हो गई-

एक बार ब्राह्मणी ने व्रत की उपेक्षा करके गर्म जल से स्नान किया। भोजना ताजा खाया और बहुओं से भी वैसा करवाया। उसी रात ब्राह्मणी ने भयानक स्वप्न देखा। वह चौंक पड़ी। उसने अपने पति को जगाया; पर वह तो तब तक मर चुका था। ब्राह्मणी शोक से चिल्लाने लगी। जब वह अपने पुत्रों तथा बधुओं की ओर बढ़ी तो क्या देखती है कि वे भी मरे पड़े हैं। वह धाड़ें मारकर विलाप करने लगी। पड़ोसी जाग गये। उसे पड़ोसियों ने बताया- ''ऐसा भगवती शीतला के प्रकोप से हुआ है।'' ऐसा सुनते ही ब्राह्मणी पागल हो गई। रोती-चिल्लाती वन की ओर चल दी। रास्ते में उसे एक बुढ़िया मिली। वह अग्नि की ज्वाला से तड़प रही थी। पूछने पर मालूम हुआ कि वह भी उसी के कारण दुखी है। वह बुढ़िया स्वयं शीतला माता ही थी। अग्नि की ज्वाला से व्याकुल भगवती शीतला ने ब्राह्मणी को मिट्टी के बर्तन में दही लाने के लिए कहा। ब्राह्मणी ने तुरन्त दही लाकर भगवती शीतला के शरीर पर दही का लेप किया। उसकी ज्वाला शांत हो गई। शरीर स्वस्थ होकर शीतल हो गया-

ब्राह्मणी को अपने किए पर बड़ा पश्चाताप हुआ। वह बार-बार क्षमा मांगने लगी। उसने अपने परिवार के मृतकों को जीवित करने की विनती की। शीतला माता ने प्रसन्न होकर मृतकों के सिर पर दही लगाने का आदेश दिया। ब्राह्मणी ने वैसा ही किया। उसके परिवार के सारे सदस्य जीवित हो उठे। तभी से इस व्रत का प्रचलन हुआ। ऐसी मान्यता है-

जनवरी माह वर्ष 2017 के व्रत, पर्व और त्योहार

जनवरी माह वर्ष 2017 के व्रत, पर्व और त्योहार


01 जनवरी (रविवार) – अंग्रेज़ी नव वर्ष
02 जनवरी (सोमवार) – विनायक चतुर्थी
03 जनवरी (मंगलवार) – स्कन्द षष्ठी
05 जनवरी (बृहस्पतिवार) – गुरु गोबिन्द सिंह जयन्ती
06 जनवरी (शुक्रवार) – मासिक दुर्गाष्टमी, शाकम्भरी उत्सवारम्भ
08 जनवरी (रविवार) – पौष पुत्रदा एकादशी, तैलंग स्वामी जयन्ती, मासिक कार्तिगाई
09 जनवरी (सोमवार) – गौण पौष पुत्रदा एकादशी, वैष्णव पौष पुत्रदा एकादशी, कूर्म द्वादशी
10 जनवरी (मंगलवार) – प्रदोष व्रत, रोहिणी व्रत
11 जनवरी (बुधवार) – अरुद्र दर्शन
12 जनवरी (बृहस्पतिवार) – पौष पूर्णिमा, शाकम्भरी पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास
13 जनवरी (शुक्रवार) – माघ प्रारम्भ "उत्तर, लोहड़ी
14 जनवरी (शनिवार) – पोंगल, मकर संक्रान्ति
15 जनवरी (रविवार) – संकष्टी चतुर्थी, सकट चौथ, माघ बिहु
19 जनवरी (बृहस्पतिवार) – स्वामी विवेकानन्द जयन्ती, कालाष्टमी
23 जनवरी (सोमवार) – षटतिला एकादशी, सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती
25 जनवरी (बुधवार) – प्रदोष व्रत, मेरु त्रयोदशी
26 जनवरी (बृहस्पतिवार) – मासिक शिवरात्रि, 68 वाँ गणतन्त्र दिवस
27 जनवरी (शुक्रवार) – माघ अमावस्या, दर्श अमावस्या, मौनी अमावस, थाई अमावसाइ
28 जनवरी (शनिवार) – गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ
29 जनवरी (रविवार) – चन्द्र दर्शन
31 जनवरी (मंगलवार) – विनायक चतुर्थी, गणेश जयन्ती 

Thursday, 22 December 2016

shree sarvottm hindi panchang 2017with teji mandi



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श्री सर्वोत्त्म हिन्दी पंचांग 2017 तेजी मंदीके साथ 

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Wednesday, 21 December 2016

लक्ष्य पर अनमोल विचार-जो दे जीवन को दिशा


लक्ष्य पर अनमोल विचार-जो दे जीवन को दिशा 

laksh par anmol vichar -jo de jivan ko disha


लक्ष्य को, हर हाल में पाना है !

 उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.

 स्वामी विवेकानंद

 लक्ष्य के बारे में सबसे ज़रूरी चीज है कि वह होना चाहिए.

 जेफ्फ्री ऍफ़ ऐबेर्ट

कोई लक्ष्य ना होने कि दिक्कत यह है कि आप अपनी ज़िन्दगी मैदान में इधर – उधर दौड़ते हुए बिता देंगे पर एक भी गोल नहीं कर पाएंगे.


 बिल कोपलैंड

फुटबाल की तरह ज़िन्दगी में भी आप तब-तक आगे नहीं बढ़ सकते जब तक आपको अपने लक्ष्य का पता ना हो.

 अर्नोल्ड एच ग्लासगो
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जब हम ऐसे लक्ष्य से प्रेरित होते हैं जिनका गहरा अर्थ हो, ऐसे सपनो से प्रेरित होते हैं जिनके पूर्ण होने की चाहत हो, और ऐसे प्रेम से  प्रेरित होते हैं जिसको व्यक्त करने की ज़रुरत हो तो हम वाकई में ज़िन्दगी जीते हैं.

 ग्रेग एनड्रसन
ज़िन्दगी में हम जो चाहते हैं उसके ना मिलने की एक ही वजह है- हमारा उन कारणों के बारे में सोचना कि हम वो चीजें क्यों नहीं पा सकते.
टोनी रोब्बिन्स
यदि आप खुद अपनी ज़िन्दगी की योजना नहीं बनाते हैं तो संभव है कि आप किसी और की योजना के अंतर्गत आ जायें. और ज़रा सोचिये उन्होंने आपके लिए क्या योजना बनाई होगी? ज्यादा कुछ नहीं.

जिम रौन

हर चीज का सृजन दो बार होता है, पहली बार दिमाग में दूसरी बार वास्तविकता में.

एक लक्ष्य एक समय सीमा के साथ देखा गया एक सपना है.
 नेपोलीयन  हिल

एक घर बनाने के लिए एक योजना की आवश्यकता होती है. ज़िन्दगी बनाने के लिए यह और भी ज़रूरी हो जाता है कि हमारे पास एक योजना हो, एक लक्ष्य हो.

 जिग जिगलर
जीवन की त्रासदी ये नहीं है कि आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाए. त्रासदी तो यह है कि आपके पास पहुँचने को कोई लक्ष्य ही नहीं था.

 बेंजामिन मेस

वह लोग जो जिनके स्पष्ठ, लिखित लक्ष्य होते हैं, वह कम समय में दुसरे लोग जितना सोच भी नहीं सकते उससे कहीं ज्यादा  सफलता प्राप्त करते हैं



Sunday, 18 December 2016

अमीर बनने के लिए अपनाएं अरबपति वारेन बफे के इन 10 मन्त्रों को

अमीर बनने के लिए अपनाएं अरबपति वारेन बफे के  इन 10 मन्त्रों को 




दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार वारेन बफे को कौन नही जानता? वो न केवल शेयर मार्केट के बादशाह हैं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े दानी भी हैं। उन्होंने अपने

दुनिया का सबसे महान निवेशक – वारेन बफे

जीवन में कमाई हुयी अधिकतर सम्पति को दान कर दिया है जिसके कारण उन्हें 21वी सदी का सबसे बड़ा दानवीर कहा जाता है।

बचपन से ही उनको पैसे कमाने की इतनी ललक थी कि वो साइकिल से रोज सुबह अख़बार बेचने जाते थे। जब वो केवल 15 वर्ष के थे तब वो अख़बार बांटकर 175 डॉलर हर महीने कमाते थे और उन पैसो को उन्होंने निवेश में लगा दिया था। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि वारेन बफे ने कॉलेज पूरा होने से पहले 90,000 डॉलर कमा लिए थे। इसके बाद उन्हें महसूस हो गया था कि निवेश से ही पैसा बनाया जा सकता है और इसी मंत्र के बलबूते पर उन्होंने अपना multi billion dollar साम्राज्य खड़ा कर दिया। आज हम उसी दुनिया के सबसे सफल निवेशक वारेन बफे के धन कमाने के 10 जादुई मन्त्र आप को बता   रहे हैं।

पैसे कमाने के 10 मंत्र

1) लाभ का निवेश करें

बूंद बूंद से ही सागर बनता है इसलिए अगर छोटी-छोटी रकम की बचत की जाए तो एक समय यह एक बड़ी सम्पति के रूप में तब्दील हो जायेगी। बहुत से लोग लाभ का निवेश करने के बजाय उसे अपनी जरूरत में लगा देते है जबकि वारेन बफे का मन्त्र ये है कि अगर लाभ का 50 प्रतिशत हिस्सा फिर से निवेश किया जाए तो इससे आपके व्यवसाय मे काफी बढ़ोतरी होगी। अगर आपने मुनाफ़े की आदत डाल दी तो चक्रवृद्धी ब्याज का जादू आपको अमीर बनाता जाएगा।

2) लीक से हटकर चलें

शेयर मार्केट या अपने व्यवसाय में अगर आप लीक से हटकर चलेंगे तो आपको बहुत फायदा होगा क्योंकि उससे आपकी एक अलग पहचान विकसित होगी। लीक से हटकर चलने के लिए आपको अपनी मौलिक सोच को विकसित करना होगा। इसके लिए आप झुंड का हिस्सा ना बने। निवेश का कोई भी निर्णय दूसरों के कहने पर लेने की जगह अपने विवेक के आधार पर लें जिससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और आपको आपनी सोच के बारे में भी पता चलेगा कि किस जगह आप सही या गलत कर रहे हैं।

3) दुविधा से बचें

जो लोग दुविधा की स्तिथि में फंसे रहते है वो आसानी से सुनहरे अवसर को भी गँवा बैठते है। निवेश का फैसला तेजी से लें और इसके लिए उपलब्ध सूचनाओं की पड़ताल करें। निवेश के लिए शुरुवात में आपको जल्दी फैसले लेने में दिक्कत होगी लेकिन जल्द ही आप शीघ्र फैसले लेने के फायदे को समझ जायंगे।


4) निर्णय लेने से पहले सौदे को समझ लें

कोई भी निर्णय लेने से पहले सौदे को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए। सौदे से आपको किस तरह का फायदा हो सकता है इस बात पर अच्छी तरह से विचार कर लें। किसी भी कागज पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे अच्छी तरह पढ़ लें। निर्णय करने की जल्दबाजी में लोग कुछ महत्वपूर्ण चीजो को फिर से चेक करना भूल जाते हैं। इसमें निवेश के कार्य में आपको जल्दबाजी के साथ विवेक का भी उपयोग् करना होगा जो आपको अनुभव के साथ आता जाएगा।

5) छोटे खर्चो पर नियन्त्रण रखें

अगर आपको ऐसा लगता है कि आप बड़े खर्चों को नियन्त्रण में लाकर निवेश में सफल हो सकते हैं तो आपकी ये अवधारणा गलत है क्योंकि बहुत बार छोटे-छोटे खर्चे आपके लिए अधिक नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। कोई भी खर्च करने से पहले विचार करें कि क्या ऐसा करना उचित रहेगा या नही। जिस तरह बूंद-बूंद से सागर भर सकता है उसी तरह बूंद-बूंद निकलने से सागर खाली भी हो सकता है! छोटे-छोटे खर्च मिलकर इतने बड़े हो जाते हैं कि वे आपके अमीर बनने के सपनो को कभी पूरा नहीं होने देते।

6) कर्ज को नियंत्रित करें

अगर आप कर्ज और क्रेडिट कार्ड के सहारे जीने की आदत डालोगे तो कभी अमीर नही बन पाओगे। कर्ज के जरिये भले ही आप अपनी जीवन शैली में सुधार लाने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन कर्ज के बोझ तले दबकर आप अपनी वित्तीय स्तिथि में सुधार नही ला सकते हैं। कई निवेशक खूब सारा पैसा बैंको से उधार ले लेते है लेकिन बाद में उनको केवल उधार चुकाने में सारा जीवन निकल जाता है। उधार उतना ही लें जितना आप एक निश्चित समय में चुका सकें।

7) निरन्तरता बनाये रखें

अगर आप ऐसा सोचते है कि जो काम आप कर रहे है वो महत्वपूर्ण और सही है तो निरन्तरता बनाये रखें। अपने लक्ष्य की दिशा में मजबूती के साथ कदम बढ़ाते रहें। निरंतरता जीवन के हर व्यवसाय या कार्य में जरुरी है। जब तक कोई तार्किक या बड़ी वजह ना हो चीजों कि बीच में ही नहीं छोड़ देना चाहिए, ऐसा करने से कुछ हासिल नहीं होता, बल्कि आपने पहले से जो समय और धन लगाया वो भी नुक्सान हो जाता है।

8) नुकसान से दूर रहें  

किसी भी निवेश के दौरान जब आपको लगे कि नुकसान हो रहा है तो तुरंत उससे अलग हो जाने का निर्णय बना लें। हाथ पर हाथ धरे रहकर बैठने का अर्थ है ओर अधिक नुकसान का सामना करना। कई निवेशक अंतिम समय तक इंतजार करते हैं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है इसलिए नुकसान के सौदे में समय से पहले ही हाथ खड़े कर देने चाहिए।

9) जोखिम का आंकलन करे

जब भी आप निवेश का कोई निर्णय लेना चाहे तो सबसे पहले भावी परिणामो के बारे में विचार करे। जोखिम का आंकलन करे क्योंकि जोखिम का आकलन करने पर ही आप उचित निर्णय ले सकते हैं। हर इंसान की जोखिम लेने की अपनी क्षमता होती है, आप दूसरों को देखकर अपने निवेश का फैसला न करें बल्कि अपनी risk appetite के हिसाब से इन्वेस्ट करें।

10) सफलता का सही अर्थ समझें

प्रत्येक व्यक्ति के लिए सफलता के अलग अलग मायने होते हैं। केवल पैसे जमा करना ही सफलता नही है। जिन बातो से जीवन अर्थपूर्ण बनता है उन बातो की तरफ ध्यान देना भी सफलता का अहम हिस्सा है। आप जिन लोगो का प्यार पाना चाहते है उनमे से कितने लोग वास्तव में आपको प्यार करते है इसी बात से सच्ची सफलता का मतलब समझा जा सकता है। आप अपने निवेश को अपनी सफलता से जोड़ कर देखें और अपनी investment strategy में लगातार सुधार करते हुए सफलता प्राप्त करें।

द्वादशमुखी रुद्राक्ष

द्वादशमुखी रुद्राक्ष

  12mukhi rudraksh

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द्वादशमुखी रुद्राक्षयह रुद्राक्ष द्वादश आदित्य व द्वादश ज्योर्तिलिंग (महाकाल, रामेश्वरम, सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, त्रयम्बेश्वर, औंकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, नागेश्वर, विश्वेश्वर, केदारेश्वर, धुरमेश्वर) का स्वरूप है,  इसे धारण करने से व्यक्ति चिंता, कष्ट, भूत, प्रेत, पिशाच आदि से मुक्ति मिलती है, साथ ही ब्रह्मचर्य की रक्षा होती है व तेज बढ़ता है 

Friday, 9 December 2016

पारद शिव लिंगकी पूजादेती है -- समृद्धि-धन-संपत्ति

  पारद शिव लिंगकी पूजादेती है -- समृद्धि-धन-संपत्ति -यश-कीर्ति -विवाह बाधा से मुक्ति
parad shiv ling ki puja deti hai samrdhidhan yash karti rog mukti 




Image result for shiv ling parad पारद शब्द की उत्पत्ति भोले नाथ शिव के वीर्य से हुई है- 

पा = विष्णु 
आ =कालिका 
द = ब्रह्मा के बीज अक्षर  है
  1. प्राचीन तांत्रिक ग्रंथो के अनुसार करोड़ो शिवलिंगो की पूजा से जो फल मिलता है उस से भी कई गुना फल पारद शिव लिंग के दर्शन पूजन और अभिषेक से सहज ही प्राप्त हो जाता है-
  2. पारद जिसे अंग्रेजी में एलम भी कहते हैं एक तरल पदार्थ होता है और इसे ठोस रूप में लाने के लिए विभिन्न अन्य धातुओं जैसे कि स्वर्ण, रजत, ताम्र सहित विभिन्न जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया जाता है इसे बहुत उच्च तापमान पर पिघला कर स्वर्ण और ताम्र के साथ मिला कर और फिर उन्हें पिघला कर आकार दिया जाता है-
  3. पारद शिव लिंग के नियमित पूजन से आप के घर के समस्त वास्तु दोष-ज़मीन के नीचे के दोष-तांत्रिक बंधन से मुक्ति- शांति-समृद्धि-धन-संपत्ति -यश-कीर्ति -विवाह बाधा से मुक्ति-सुख की प्राप्ति होती है तथा असाध्य रोगो से भी मुक्ति मिल जाती है-

पारद शिवलिंग  के लाभ

  1. घर में पारदेश्वर विग्रह(की नियमित आराधना करने से समस्त रोग-दोष आदि का नाश होता है-ऐसी अद्भुत महिमा है पारे के शिवलिंग की- आप भी इसे अपने घर में स्थापित कर घर में समस्त दोषों से मुक्त हो सकते हैं- लेकिन ध्यान अवश्य रहे कि साथ में शिव परिवार को भी रख कर पूजन करें-
  2. ऐसा माना जाता है कि 100 अश्वमेध यज्ञ, चारों धामों में स्नान, कई किलो स्वर्ण दान और एक लाख गौ दान से जो पुण्य मिलता है वो बस पारे के बने इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही उपासक को मिल जाता है-
  3. यदि योग और ध्यान में आपका मन लगता हो और मोक्ष की प्राप्ति की इच्छा हो तो आपको पारद शिव लिंगकी उपासना करनी चाहिए-ऐसा करने से आपको मोक्ष की प्राप्ति भी हो जाती है-
  4. पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतीक भी माना गया है रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता है-रावण को रस सिद्ध योगी भी माना गया है, और इसी पारद शिवलिंगका पूजन कर उसने अपनी लंका को स्वर्ण की लंका में तब्दील कर दिया था-
  5. कुछ ऐसा ही वर्णन बाणासुर राक्षस के लिए भी माना जाता है उसे भी पारद शिवलिंगकी उपासना के तहत अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने का वर प्राप्त हुआ था-
  6. पारद एक ऐसा शुद्ध पदार्थ माना गया है जो भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है इसकी महिमा केवल शिवलिंग से ही नहीं बल्कि पारद के कई और अचूक प्रयोगों के द्वारा भी मानी गयी है-
  7. आपको जीवन में कष्टों से मुक्ति नहीं मिल रही हो और हर तरफ से निराश हो-बीमारियों से आप ग्रस्त रहते हों या फिर लोग आपसे विश्वासघात कर देते हों-बड़ी-बड़ी बीमारियों से ग्रस्त हों तो पारद के शिवलिंगको यथाविधि शिव परिवार के साथ पूजन करें-ऐसा करने से आपकी समस्त परेशानियां ख़त्म हो जाएंगी और बड़ी से बड़ी बीमारियों से भी मुक्ति मिल जाएगी-
  8. अगर आपको धन सम्पदा की कमी बनी रहती है तो आपको पारे से बने हुए लक्ष्मी और गणपति को पूजा स्थान में स्थापित करना चाहिए-ऐसा माना जाता है कि जहां पारे का वास होता है वहां माँ लक्ष्मी का भी वास हमेशा रहता है-उनकी उपस्थिति मात्र से ही घर में धन लक्ष्मी का हमेशा वास रहता है|
  9. पूजित पारद शिव लिंग  प्राप्ति करे |