Monday, 5 December 2016

राहु और केतु कैसे जन्मे


राहु और केतु कैसे जन्मे
rahu aur ketu kaise jnme



Image result for राहु केतुश्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार महर्षि कश्यप की पत्नी दनु से विप्रचित्ति नामक पुत्र हुआ जिसका विवाह हिरण्यकशिपु की बहन सिंहिका से हुआ। राहु का जन्म सिंहिका के गर्भ से हुआ इसीलिए राहुु का एक नाम सिंहिकेयभी है।  जब भगवान विष्णु की प्रेरणा से देव दानवों ने क्षीर सागर का मंथन किया तो उसमें से अन्य रत्नों के अतिरिक्त अमृत की भी प्राप्ति हुई। भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवों व दैत्यों को मोह लिया और अमृत बांटने का कार्य स्वयं ले लिया तथा पहले देवताओं को अमृत पान कराना आरम्भ कर दिया। राहु को संदेह हो गया और वह देवताओं का वेश धारण करके सूर्यदेव तथा चन्द्रदेव के निकट बैठ गया। विष्णु जैसे ही  राहु को अमृतपान कराने लगे सूर्य व चन्द्र ने  विष्णु को उनके बारे में सूचित कर दिया। क्योंकि वे राहु को पहचान चुके थे। भगवान विष्णु ने उसी समय सुदर्शन  चक्र द्वारा राहु के मस्तक को धड से अलग कर दिया। पर इस से पहले अमृत की कुछ बूंदें राहु के गले में चली गयी थी जिस से वह सर तथा धड दोनों रूपों में जीवित रहा। सर को राहु तथा धड को केतु कहा जाता है।   

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