Wednesday, 7 December 2016

कहां होती है भाग्य रेखा


कहां होती है भाग्य रेखा

bhagya rekha

भाग्य रेखा सामान्यत: जीवन रेखा, मणिबंध, मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा या चंद्र पर्वत से प्रारंभ होकर शनि पर्वत (मध्यमा उंगली के नीचे वाला भाग शनि पर्वत कहलाता है) की ओर जाती है।

भाग्य रेखा का फलादेश

यदि किसी व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा मणिबंध से प्रारंभ होकर शनि पर्वत तक गई हो और दोष रहित है तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है। ऐसे लोग जीवन में सफलताएं प्राप्त करते हैं।
यदि हथेली में भाग्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो तो व्यक्ति खुद की मेहनत से काफी अधिक धन प्राप्त करता है।
जिन लोगों की हथेली में भाग्य रेखा चंद्र क्षेत्र से प्रारंभ हुई है, वे दूसरों की मदद या प्रोत्साहन से सफलता प्राप्त करने वाले हो सकते हैं।
यदि चंद्र पर्वत से निकलकर कोई अन्य रेखा भाग्य रेखा के साथ-साथ चले तो व्यक्ति की शादी अत्यंत धनी परिवार में होती है। वह व्यक्ति किसी स्त्री की मदद से सफलताएं प्राप्त करता है।
यदि भाग्य रेखा हथेली को पार करते हुए मध्यमा उंगली (मिडिल फिंगर) तक जा पहुंचे तो यह अशुभ योग दर्शाती है। ऐसा व्यक्ति खुद की गलतियों से हानि उठाता है।
यदि भाग्य रेखा किसी स्थान पर जीवन रेखा को काट दे तो उस आयु में व्यक्ति को कोई अपमान या कलंक झेलना पड़ सकता है।
भाग्य रेखा हथेली के प्रारंभ से जितनी अधिक दूरी से शुरू होती है, व्यक्ति का भाग्योदय उतने ही विलंब से होता है।
भाग्य रेखा टूटी हुई या अन्य रेखाओं से कटी हुई हो तो यह भाग्यहीनता का संकेत है।
भाग्य रेखा हृदय रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति प्रेम संबंध के कारण असफलताएं प्राप्त करता है, लेकिन यह रेखा हृदय रेखा के साथ गुरु पर्वत तक जा पहुंचे तो वह व्यक्ति प्रेम संबंध से सफलताएं प्राप्त करता है।
हथेली में दो भाग्य रेखाएं बहुत शुभ होती है।
यदि भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति खुद की गलती से असफलताएं प्राप्त करता है।

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