Tuesday, 28 February 2017

अंक ज्योत‌िष से --जन्मत‌िथ‌ि से आर्थ‌िक परेशानी दूर करने के उपाय

 अंक ज्योत‌िष से --जन्मत‌िथ‌ि से आर्थ‌िक परेशानी दूर 

करने के उपाय 

ank jyotish se -jnm tithi se arthik pareshani dur krne ke upay 


Image result for अंक आपके जन्मद‌िन के अनुसार यह अंक ज्योत‌िष के उपाय हैं जो न स‌िर्फ आपका मनोबल बढ़ाने का काम करेंगे बल्क‌ि आपकी आर्थ‌िक उन्नत‌ि में भी सहायक होंगे।
आपकी जन्मत‌िथ‌ि क‌िसी भी महीने में 1, 10, 19, 28 तारीख को है तो आप मूलांक एक से प्रभाव‌ित व्यक्त‌ि हैं। आपको अपनी क‌िस्मत चमकाने और आर्थ‌िक उन्नत‌ि के ल‌िए रव‌िवार के द‌िन मीठा खाना चाहि‌ए। सूर्य यंत्र आपके ल‌िए लाभप्रद रहेगा। हर सुबह ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः मंत्र का जप करें। सोमवार के द‌िन दूध में जल म‌िलाकर भगवान श‌िव का अभ‌िषेक करें।
जन्मद‌िन 2, 11, 20, 29 इन तारीखों में है तो आपका मूलांक 2 है। सोमवार के द‌िन आपको व्रत रखना चाह‌िए अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो इस द‌िन कोश‌िश करें क‌ि नमक नहीं खाएं। भाग्य को चमकाने के ल‌िए आप मोती या चंद्रकांत मण‌ि चंद्र यंत्र धारण कर सकते हैं। सोमवार के द‌िन सफेद वस्‍त्र धारण करना भी आपके ल‌िए शुभ रहेगा। मंत्रों से भाग्य जगाना चाहते हैं तो ‘ओम स्रां स्रीं सौं सः चन्द्रमसे नमः’ का जप करें।
आपकी जन्मत‌िथ‌ि 3, 12, 21, 30 इनमें कोई भी है तो आपका मूलांक 3 है। आपको अपनी क‌िस्मत चमकाने के ल‌िए गुरुवार के द‌िन पीला वस्‍त्र धारण करना चाह‌िए। भगवान व‌‌िष्‍णु की पूजा और व‌‌िष्‍णु सहस्रनाम का पाठ करें। आपके ल‌िए गुरु यंत्र  धारण करना शुभ रहेगा। मंत्रों से लाभ पाना चाहते हैं तो ‘ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः’ मंत्र का जप करें।
आपका जन्मद‌िन क‌िसी भी महीने में 4, 13, 22, 31 तारीख को है तो आप मूलांक 4 से प्रभाव‌ित हैं। आपको गणेश जी की पूजा करनी चाह‌िए। अगर हर द‌िन नहीं कर पाएं तो बुधवार के द‌िन जरूर करें। आपके ल‌िएराहू यंत्र  धारण करना लाभप्रद रहेगा। मंत्रों से क‌िस्मत चमकाना चाहें तो ‘ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः मंत्र का जप करें।
जन्मद‌िन 5, 14, 23 तारीख है तो आप मूलांक 5 से प्रभाव‌ित होंगे। बुधवार के द‌िन गाय को हरी घास ख‌िलाना चाह‌िए। गणेश स्तोत्र का पाठ लाभप्रद रहेगा। आपके ल‌िए बुध यंत्र धारण करना शुभ है। मंत्रों से लाभ पाना चाहते हैं तो ‘ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ मंत्र का जप करें।
जन्मत‌िथ‌ि 6, 15, 24 तारीख है तो आप मूलांक 6 से प्रभाव‌ित हैं। शुक्रवार के द‌िन मीठा भोजन करें और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। आप फ‌िरोजा रत्न धारण कर सकते हैं। मंत्रों से क‌िस्मत चमकाना चाहते हैं तो आपको ‘ओम द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’ मंत्र का जप करें।
आपकी जन्मत‌िथ‌ि 7,16,25 इनमें से कोई है तो आपका मूलांक 7 है आपको अपनी क‌िस्मत चमकाने के ल‌िए काले कुत्ते को रोटी ख‌िलाना चाह‌िए। न‌ियम‌ित भगवान श‌िव का जलाभ‌िषेक करें।  आपके ल‌िएकेतू यंत्र  लाभ द‌िलाने वाला है। मंत्रों की बात करें तो आपको ‘क्रां, क्रीं, कौं, सः केतवे नमः’ का न‌ियम‌ित जप करना चाह‌िए।
8,17,26 इन त‌िथ‌ियों में जन्म है तो आपको शन‌िवार के द‌िन पीपल में जल देना चाह‌िए। शन‌ि महाराज को दीप द‌िखाएं। शन‌िवार के द‌िन मांस, मद‌िरा के सेवन से बचें। रत्नों में जामुन‌िया एवं  शनि यंत्रआपके ल‌िए शुभ रहेगा। । मंत्रों की बात करें तो आपको ‘प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ का जप करना चाह‌िए।

9,18,27 तारीख को जन्मद‌िन है तब आपका मूलांक 9 है। आपको मंगलवार के द‌िन हनुमान जी की पूजा करना चाह‌िए। इस द‌िन मांस, मद‌िरा के सेवन से बचें। मंगल यंत्र धारण करना लाभप्रद रहेगा। मंत्रों से लाभ पाना चाहते हैं तो ‘ ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं सः भौमाय नमः’ मंत्र का जप करें।


Friday, 24 February 2017

कालसर्प योगके बाराह प्रकार क्या है

कालसर्प योगके बाराह प्रकार क्या है 

kall sarp yog ke12 prkaae




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१) अनंत कालसर्प योग
जब कुंडली मे प्रथम एवंम सप्तम स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को अनंत कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ती के चिंता, न्युनगंड, जलसे भय आदी प्रकारसे नुकसान होता है। 
२) कुलिक कालसर्प योग
जब कुंडली मे दुसरे एवंम आठवे स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को कुलिक कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ती को आर्थिक हानी, अपघात, वाणी मे दोष, कुटुंब मे कलह, नर्व्हस ब्रेक डाउन आदी
आपतीयोंका सामना करना पडता है। 
३) वासुकि कालसर्प योग
जब कुंडली मे तीसरे एवंम नवम स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को वासुकि कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ती को भाई बहनोंसे हानी, ब्लडप्रेशर, आकस्मित मृत्यु तथा रिश्तेदारोंसे नुकसान होता है। 
४) शंखपाल कालसर्प योग
जब कुंडली मे चौथे एवंम दसवे स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को शंखपाल कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्तीके माता को पिडा, पितृसुख नही, कष्टमय जिवन, नोकरी मे बडतर्फी, परदेश जाकर
बुरी तरह मृत्यु आदी। 
५) पद्दम कालसर्प योग
जब कुंडली मे पांचवे एवंम ग्यारहवे स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को पद्दम कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्तीके विध्याअध्ययन मे रुकावट, पत्नी को बिमारी, संतान प्राप्ती मे विलंब, मित्रोंसे हानी होती है। 
६) महापद्दम कालसर्प योग
जब कुंडली मे छ्ठे एवंम बारहवे स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को महापद्दम कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ती को कमर की पिडा, सरदर्द्, त्वचारोग्, धन की कमी, शत्रुपीडा यह सब हो सकता है 
७) तक्षक कालसर्प योग
जब कुंडली मे सातवे एवंम पहले स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को तक्षक कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ती के दुराचारी, व्यापार मे हानी, वैवाहिक जीवन मे दु:ख, अपघात, नौकरीमे परेशानी
होती है। 
८) कर्कोटक कालसर्प योग
जब कुंडली मे आठवे एवंम दुसरे स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को कर्कोटक कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ती को पितृक संपत्ती का नाश, गुप्तरोग, हार्ट अटैक, कुटुंब मे तंटे और जहरीले जनवरोंसे
डर रहता है। 
९) शंखचुड कालसर्प योग
जब कुंडली मे नवम एवंम तीसरे स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को शंखचुड कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ती धर्म का विरोध, कठोर वर्तन, हाय ब्लड प्रेशर, सदैव चिंता, संदेहास्पद चरीत्रवाला
होता है। 
१०) पातक कालसर्प योग
जब कुंडली मे दशम एवंम चौथे स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को पातक कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ती दुष्ट, दुराचारी लो ब्लड प्रेशर जीवन मे कष्ट, घर मे पिशाच्च पीडा, चोरी की
संभावना होती है।

११) विषधर कालसर्प योग
जब कुंडली मे ग्यारहवे एवंम पांचवे स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को विषधर कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ती को अस्थिरता, संततीसंबंधी चिंता, जेल मे कैद होने की संभावना होती है। 
१२) शेषनाग कालसर्प योग
जब कुंडली मे बारहवे एवंम छ्ठे स्थान मे राहू, केतु होते है। तब इस योग को शेषनाग कालसर्पयोग कहते है।
इस योग के प्रभाव से व्यक्ती अपयश, ऑंख की बिमारी, गुप्त शत्रुअओंकी पिडा, तंटे बखेडे आदी मुकाबला करना पडता है।
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Monday, 20 February 2017

पूर्णिमा के दिन इन उपायो को करने से माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है..

पूर्णिमा के दिन इन उपायो को करने से माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है..

laxmi kikrpa barsati hai purnima ko



Image result for पूर्णिमापूर्णिमा के दिन आसमान में चंद्रमा पूरा गोल नज़र आता है.
शास्त्रों की मानें तो धन की देवी लक्ष्मी माता को पूर्णिमा का दिन सबसे ज्यादा प्रिय है.
इस पूर्णिमा के दिन जिस किसी ने भी माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर लिया, उस पर लक्ष्मी मां की विशेष कृपा बरसती है..
1 – कहा जाता है कि हर महीने की पूर्णिमा को सुबह के वक्त पीपल के वृक्ष पर माता लक्ष्मी का आगमन होता है.  इस दिन अपने नित्य कर्मों से निवृत्त होकर जो भी इंसान पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा रखकर, जल अर्पित करता है और धूप-दीप और अगरबत्ती से मां लक्ष्मी की पूजा करता है उसपर मां लक्ष्मी की खास कृपा होती है.
2 – पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें. अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें.
इस तरह से हर पूर्णिमा के दिन इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी से निकालकर माता के सामने रखें, उनपर फिर से हल्दी से तिलक करें फिर अगले दिन उन्हें लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें.
हर पूर्णिमा के दिन इस अचूक टोटके को आज़माने से आप पर लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहेगी.
3 – हर पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के मंदिर में जाकर, उन्हें इत्र और सुगंधित अगरबत्ती अर्पित करना चाहिए.
इत्र अर्पित करने के बाद अगरबत्ती जलाकर माता लक्ष्मी से अपने घर में स्थायी रुप से निवास करने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.
4 – सुख, ऐश्वर्य और धन-संपत्ति की कामना करने वाले हर इंसान को घर के मंदिर में श्री यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल, दक्षिणावर्ती शंख जैसी माता को अतिप्रिय वस्तुओं को रखना चाहिए.
इन सभी चीजों को अक्षत के ऊपर स्थापित करना चाहिए. और हर पूर्णिमा को इन चावलों बदलकर उसकी जगह नए चावल को रख देना चाहिए. पुराने चावलों को बहते हुए पानी में प्रवाहित कर देना चाहिए.
5 – जो भी इंसान धन संबंधी परेशानियों से जूझ रहा है, उसे पूर्णिमा के दिन चंद्र उदय होने पर चंद्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए.
अर्घ्य देते समय ‘ओम स्त्रां स्त्रीं स्त्रों स: चंद्रमसे नम:’ या फिर ‘ओम ऐं क्लीं सोमाय नम:’  मंत्र का जप करना चाहिए.
ऐसा करने से आर्थिक परेशानियां धीरे-धीरे कम होने लगती हैं.
6 – हर पूर्णिमा को चंद्रमा के उदय होने के बाद साबूदाने की खीर बनाकर उसमें मिश्री मिला लें और मां लक्ष्मी को उसका भोग लगाने के बाद उसे प्रसाद के रुप में बांट दे.
ऐसा करने से धन आगमन के रास्ते खुलेंगे.
7 – पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर शहद, कच्चादूध, बेलपत्र और फल चढाने से भगवान शिव की प्रसन्न होते हैं.
इसके साथ घिसे हुए सफेद चंदन में केसर मिलाकर भगवान शंकर को अर्पित करने से घर से कलह और अशांति दूर होती है और सुख-संपत्ति का घर में आगमन होता है.
8 – पूर्णिमा के दिन किसी भी तरह की तामसिक चीजों के सेवन से बचना चाहिए.
इस दिन जुए और शराब से जितना हो सकते उतना दूर रहना चाहिए. बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और भूलकर भी किसी स्त्री का अपमान नहीं करना चाहिए
बहरहाल अगर आप भी माता लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने की लालसा रखते हैं तो फिर इन टोटकों को ज़रूर आज़माकर देखिए.
हो सकता है कि माता लक्ष्मी आप पर प्रसन्न हो जाएं और सुख-संपत्ति से आपका घर भर जाए

Sunday, 19 February 2017

हस्तरेखा से जाने आप बनेंगे सरकारी, प्राइवेट अफसर या बिजनेसमैन

हस्तरेखा से जाने आप बनेंगे सरकारी, प्राइवेट अफसर या बिजनेसमैन HASTREKHA SE JAANE SARKARI PRIVATE YA BUSINESS

Image result for हस्तरेखा चित्रहाथ की इस रेखा से जाने उच्च पद योग 



जिन लोगो की चाहे स्त्री हो या पुरुष हाथ में सूर्य रेखा मस्तक रेखा से मिलती हो साथ ही गहरी व गाढ़ी हो  और गुरु पर्वत पर चतुष्कोण बनाती हो तो ऐसे लोगो को उच्च पद प्राप्त होता है.

हाथ की इस रेखा से जाने पीसीएस या आई एस योग 

जिन लोगो के हाथ में सूर्य पर्वत और गुरु पर्वत उभरे हुए होते है, शनि पर्वत पर त्रिशूल का निसान दिखाही दे और जिन लोगो की भाग्य रेखा हथेली के बीच से शुरू होकर एक शाखा गुरुपर्वत को और एक शाखा सूर्य पर्वत को जाए तो ऐसे लोगो के जीवन में पीसीएस और आई एस के योग प्रबल होते है.

हाथ की यह रेखा बताती है पायलट बनने के योग 
जिसके हाथ की चंद्र रेखा जीवन रेखा के बराबर होती है और जिन लोगो का बुध पर्वत और गुरु पर्वत ऊँचा हो तो ऐसे लोग पायलट बनते है.
हाथ की यह रेखा दर्शाती है ड्राइवर योग
जिन लोगो की हथेलियां वर्गाकार हो नाखून लंबे हो और चंद्र पर्वत उभरा हुआ हो और जिनकी सूर्य रेखा हृदय रेखा को छूती हो ऐसे लोगो के ड्राइवर बनने के योग बहुत बड़ जाते है.  

हाथ की यह रेखा दर्शाती है वकील बनने के योग
जिन लोगो के हाथ की शनि रेखा और गुरु रेखा पूरी होती है और साथ ही चमकदार हो तो ऐसे लोगो के जीवन में वकील बनने के योग बड़ जाते है.

हाथ की इस रेखा से जाने पुलिस की सेवा के योग 

जिन लोगो के हाथ में मंगल पर्वत और सूर्य पर्वत पर कोई रेखा स्पर्श न करे तो ऐसे लोग पुलिस की सेवा में जाते है.

हाथ की इस रेखा से जाने नर्स या सेविका बनने का योग
जिन लड़कियों या महिलाओं की कलाई गोल हाथ लंबे व सुन्दर होते है और बुध पर्वत पर कड़ी रेखाए हो ऐसी लड़कियां नर्स या सेविका बनती है.

हाथ की इस रेखा से जाने ज्योतिषीय बनने के योग

जिन लोगो के गुरु पर्वत के नीचे मुद्रिका या फिर शनिपर्वत,शुक्र पर्वत और बुध पर्वत उभार लिए हुए होते है तो ऐसे लोगो ज्योतिषी बनते है. 

धन रेखा कहा होती है,उसका जीवन से सम्बन्ध व असर

धन रेखा कहा  होती है,उसका जीवन से सम्बन्ध व असरmoney line

धन रेखा– हमारे जीवन में हस्त रेखा का बहुत महत्व होता है हस्तरेखा से मनुष्य जीवन से सम्बन्थित रहस्य का पता लगने में समर्थ होता है,धन रेखा धन की जीवन में स्थिति बताती है 
धन रेखा(Money Line) कौन सी होती है-
धन रेखा छोटी अंगुली के आधार से सीधी रेखा को कहते है।
Image result for धन रेखा
धन रेखा का सम्बन्ध-
धन रेखा का सम्बन्ध जातक के जीवन में धन का निवेश,बचत और धन के प्राप्ति के योग को दर्शाता है।
धन रेखा का जीवन में असर-
धन रेखा गहरी स्पष्ट और सीधी हो– अगर धन रेखा गहरी स्पष्ट और सीधी हो तो आप एक अच्छे स्मार्ट निवेशक होते है और साथ में कई बड़े लोग जीवन में मदद करते है।
धन रेखा लहरदार हो– अगर धन रेखा लहरदार होती है तो जीवन में धन के लिए आपका भाग्य स्थिर नहीं है,आपको अपने करियर व  व्यवसाय में बहुत मुशिबतों का सामना करना पड़ेगा,यदि आप सफलता हासिल करना चाहते है तो आपको अपने को साबित करने के लिए बहुत मेहनत की आवश्यकता होती है।
धन रेखा रुक-रुक कर हो– रुक-रुक कर धन रेखा बुरे धन भाग्य का संकेत देती है,आपको अपने जीवन में बहुत सी परेशानियां मिलती है और अगर आप साथ में चिड़चिड़े व्यवहार के है तो ऐसे व्यक्ति अपनी धन कमाने की क्षमता खो देते है।

Friday, 17 February 2017

लाल किताब के 51 अचूक सिद्ध टोटके

लाल किताब के 51 अचूक सिद्ध टोटके 

lalkitab ke saiddh totke 

Image result for lal kitab1 शनि दोष दूर करने के लिये
उड़द की दाल के 4 बड़े शनिवार को प्रात: सिर से 3 बार एंटी क्लाकवाइज (उलटा) घुमाकर कौओं को खिलाएं। (सात शनिवार करो)।
2 शनि कृपा पाने के लिये शनिवार के दिन आठ नंबर का जूता (लैदर का) शनि का दान मांगने वाले को ‘ऊँ सूर्य पुत्राय नम:’  आठ बार कहकर दें। 3
ऊपरी बाधायें दूर करने के लिये। काले घोड़े को 1-1/4 किलो काले चने शुक्रवार को खिलाओ तथा शनिवार को उसके पिछले दायें पैर की नाल लेकर शनिवार को ही अपने घर के प्रवेश द्वार पर U इस आकार में लगाएं
4 लक्ष्मी प्राप्ति करने के लिये शुक्रवार को अंधविद्यालय में 27 संतरे अंधे बच्चों को खिलाएं।
5 बच्चों की पढ़ाई में अधिक अंक पाने हेतु किसी अंधे बच्चे या लड़की को अपना पुत्र या बेटी मानते हुए पुस्तकों का दान करो या वस्त्र तथा फीस देकर मदद करें।
6 नजर टोना-टोटका दूर करने के लिये एक नींबू लेकर रोगी के ऊपर सात बार उलटा घुमाकर उतारें (शनिवार) एक चाकू सिर से पैर तक धीरे-धीरे स्पर्श करते हुए नींबू को बीच से काट दें। दोनों टुकड़े दक्षिण दिशा की ओर संध्या समय फेंक दें।
7 ऊपरी प्रेत बाधा दूर करने के लिये। बाजरे का दलिया 1-1/4 किलो लेकर बनाएं। पाव भर गुड़ मिलाकर मिट्टी की हांडी में रखें। सिर से पैर तक सात बार उतार कर चौराहे पर सायं को रख दें मुड़कर न देखें न बात करें। वापिस घर आ जाओ। (तीन शनिवार करो)।
8 शनि ढैया या साढ़ेसाती के दोष से मुक्ति पाने के लिए। काले चनें 1-1/4 किलो शुक्रवार रात्रि पानी में भिगी दें। शनिवार प्रात: पानी वाली हंडिया में अपना चेहरा देखकर चने काले घोड़े को खिलाएं व पानी पीपल के पेड़ पर डाल दें।
9 जोड़ों के दर्द व वायू दोष दूर करने हेतु। शनिवार को 1-1/4 किलो आलू व बैंगन की सब्जी सरसों के तेल में बनाएं। इतनी ही पूरियां सरसों के तेल में बनाएं। रविवार को अंधे लगंड़े व गरीब लोगों को यह भोजन खिलाएं।
10 शनि कृपा प्राप्त करन के लिए 27 किलो गुलाब जामुन पर एक लौंग फूल वाली चोभोकर शनिवार को जमुना नदी में प्रवाहित करें।
11 मनोवांच्छित ट्रांसफर पाने के लिये सूर्य को जल तांबे के बर्तन में 22 दिन तक लगातार दें। 22 लाल मिर्च के बीज पानी में डालकर प्रात: सूर्य को जल दें।
12 रोग दूर करने के लिये पानी का नारियल सिर से तीन बार उलटा घुमाकर सूर्य की ओर रोगी देखें व सामने देखें व सामने ही फोड़े दे।
13 सरदर्द व वायरल बुखार से मुक्ति हेतु 11 पानी वाले नारियल सिर से उलटा घुमाकर शिवजी के मंदिर जायें, वहीं शिवलिंग के पास जमीन पर फोड़कर जल (नारियल का) शिवलिंग पर चढ़ा दें।
14 मनोवांच्छित वर या वधु पाने के लिए पांच पीठे पान बनवाकर शिव मंदिर में पहले गणेश जी को दे फिर मां पार्वती को दे तीसरा पान स्वामी कार्तिकेय का व चौथा पान नंदी जी को दे। 5वां पान शिवलिंग पर चढ़ा दें।
15 लक्ष्मी प्राप्ति के लिए दूध में घी, शहद व दही मिलाकर शिवलिंग पर एक आंवला रखें ऊपर से दूध चढ़ा दें। आंवले का मुरब्बा एक पीस शिवलिंग पर रखें व ऊपर से दूध चढ़ाएं।
16 पढ़ाई में अच्छे नंबर पाने के लिए। बच्चे मोर मुकुट का चांदा अपनी पुस्तकों में रखें। NE दिशा में एक बांसुरी लटकायें बांसुरी पर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय। रौली व सिंदूर से लिखें।
17 स्मृति तेज करने के लिये। बच्चों को प्रात: एक आंवले का मुब्बा रोज खाने को दें। ऊपर से दूध पीये। क्रोध कम होगा व पढ़ाई में ध्यान बढ़ेगा।
18 ऊपरी बाधा दूर करने के लिए। अंडा लेकर रोगी के ऊपर से 11 बार घुमाकर (उलटा) उतारें। अंडे पर काली स्याही से मकड़ी का जाला बनायें। अंडा नदी में बहा दें।
19 मिरगी का दौरा दूर करने के लिए। एक तौला असली हींग काले कपड़े में सीकर ताबीज जैसा बनाकर शनिवार के दिन गले में पहनने से मृगी (मिरगी) का दौरा नहीं पड़ाता है। ऊपरी बाधाएं भी शांत हो जाती हैं।
20. हार्ट अटैक दूर करने के लिये। हृदय होग निवारण (दूर) के लिये माणिक्य RING FINGER में दांये हाथ में तथा पन्ना 6 रत्ती का लाकेट बनाकर गले में बुधवार को धारण करें। मानसिक बीमारियां भी ठीक हो जाएगी।
21 अपना घर बनाने के लिये। मकान बनवाने या खरीदने से पूर्व भैंसा का दान करें, तथा पुष्य नक्षत्र में ही मकान की नींव रखें या निर्माण करें। वास्तु पूजन अवश्य करायें।
22 हृदय रोग दूर कनरे के लिए। हृदय रोग निवारण के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष गले में धारण करें। पांच मुखी रुद्राक्ष, एक लाल रंग का हकीक पत्थर, ½ मीटर लाल कपड़ा, 8 लाल मिर्चें-इन सबकों कपड़े में रखकर रोगी के सिर से तीन बार घुमाकर बहते पानी में रविवार को वहा दें।
23 आशीर्वाद फलीभूत होने के लिये भूलकर भी बच्चों को गालियां न दें। न ही कोसें। अक्सर माता-पिता बच्चों को उनकी आज्ञा न मानने पर, पढ़ाई न पढ़ने पर कहते है कि तू न ही होता तो अच्छा था, या घर से चला जा, मर ही जाये तो अच्छा था। यह विनाशकारी श्राप भूल से भी न दें। याद रखें 10 आशीर्वादों को मात्र एक श्राप नष्ट कर देता है।
24 कोर्ट-कचहरी में मुकद्दमा जीतने के लिये। मुकद्दमे में जीत के लिए NORHT-EAST कोने में मंदिर बनाकर मुकद्दमें की फाइलें पूजा के स्थान पर ही रखें। यदि आप सच्चें हैं तो मुकद्दमें का फैसला आपके पक्ष में ही होगा।
25 शीघ्र विवाह करने हेतु पुखराज पांच रत्ती चांदी या गोल्ड की अंगूठी में INDEX FINGER में गुरुवार को पहने। तथा फिरोज सात रत्ती चांदी में मढ़वाकर शुक्रवार को दाहिने हाथ की छोटी अंगुली में पहने। शीघ्र विवाह होने के अवसर होंगे।
26 मनचाहा विवाह करने हेतु ‘केले की जड़’ का टुकड़ा, एकादशी तिथि को ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र से 108 बार बोलकर गले में ‘ताबीज’ बनाकर बुधवार को प्रात: पहने। विवाह मनपसंद होगा।
27 मंगलीक दोष दूर करने मंगलीक दोष दूर करने के लिये प्रत्येक मंगलवार को वट वृक्ष की जड़ पर मीठा दूध चढ़ायें। भीगी मिट्टी से माथे में तिलक लगायें।
28 पढ़ाई में अच्छे नंबर व सफलता पाने हेतु पढ़ाई में अच्छे नंबर व सफलता के लिये करे ये प्रयोग बंदर को मीठी रोटी, केले व गुड़ चना मंगलवार को खिलाएं। NORHT-EAST कोण में एक बांसुरी रौली व तिलक लगाकर लगायें। पांच रत्ती का मूंगा लाकेट बनाकर मंगलवार को बच्चे के गले में पहनायें। गरीब बच्चों को मुफ्त पुस्तकें बांटे।
29 परस्पर प्रेम वृद्धि के लिए पति-पत्नी के कलेश दूर करने के लिये तथा प्रेम की वृद्धि के लिये पति दायें हाथ की RING FINGER में हीरा 30 CENT या सफेद पुखराज पांच रत्ती का शुक्रवार व बृहस्पतिवार को पहने। पत्नी बायें हाथ की RING FINGER में पांच रत्ती का मोती चांदी या गोल्ड में सोमवार को पहने।
30 दरिद्रता दूर व कर्जा मुक्ति हेतु दरिद्रता दूर करने के लिए, कर्जा उतारने के लिये पुरुष दायें हाथ की INDEX अंगुली में ‘पीला पुखराज’ पहने तथा बायें हाथ की छोटी अंगुली में मोती पांच रत्ती का चांदी में सोमवार को पहने। व एक माला जाप करें। ‘ऊँ श्रीं श्रियै नम:’।
31 कोर्ट-कचहरी व मुकद्दमा में विजय हेतु मुकद्दमा में विजय के लिये यदि आप सच्चे हैं तो दायें हाथ की RING FINGER में माणिक्य RUBY 6 रत्ती का रविवार को पहने व ‘पीला पूखराज’ लाकेट गले में पहने।
32 नौकरी में प्रमोशन व राजनीतिक जीत हेतु नौकरी में प्रमोशन व राजनीतिक जीत के लिये दायें हाथ की छोटी अंगुली में 6 रत्ती का पन्ना चांदी या गोल्ड में पहने। (बुधवार को) गले में माणिक्य 6 रत्ती का लॉकेट बनाकर पहने। (रविवार को प्रात:) एक माला स्फटिक की माला से ‘ऊँ आदित्याय नम:’ जप करें।
33 मीडिया व मॉडलिंग में सफलता प्राप्त हेतु मीडिया क्षेत्र में, मॉडलिंग के क्षेत्र में या फिल्म के क्षेत्र में अपार सफलता के लिये दाये हाथ की RING FINGER में हीरा 30 CENT शुक्रवार को चांदी या गोल्ड में पहने। तथा ‘ऊँ राधेकृष्णाय नम:’ की एक माला जाप रोज करें।
34 शत्रुता के मित्रता बदलने हेतु शत्रुता को मित्रता में बदलने के लिये शनिवार को भोजपत्र पर लाल रौली से शत्रु का नाम लिखकर शहद की शीशी में डूबो देना चाहिये।
35 संतान व सुख प्राप्ति हेतु संतान सुख की प्राप्ति के लिये पुरुष दायें हाथ INDEX FINGER में 6 रत्ती का पुखराज बृहस्पतिवार को पहने।
36 विद्या प्राप्ति हेतु विद्या की प्राप्ति के लिए व मंगलीक प्रभाव दूर करने के लिये एक पाव कच्चा दूध सिर से 3 बार उलटा घुमाकर मिट्टी के बर्तन में डालकर काले, लाल किसी भी कुत्ते को मंगल को खिलाएं।
37 हृदय रोग से बचने हेतु हृदय रोग से बचाव के लिये पांच मुखी रुद्राक्ष, काले डोरे में डालकर गले में ‘ऊँ जूं स:’ 108 बार बोलकर सोमवार को धारण करें। पांच मुखी रुद्राक्ष, एक लाल हकीक, एक मीटर लाल कपड़े में बांधकर रोगी के सिर से 21 बार उलटा घुमाकर रविवार को बहते पानी में बहायें ।
38 शनि की साढे-साती दूर करने हेतु मोरपंख का चंदोबा रवि-पुष्य नक्षत्र में काटकर अपनी जेब में रखने से मान-सम्मान में वृद्धि व दरिद्रता दूर होती है तथा शनि का साड़े-साती का प्रभाव दूर होता है।
39 लक्ष्मी की वृद्धि हेतु नये मकान के प्रवेश द्वार पर कौड़ियों का तोरण द्वार लटकाने से ऊपरी बाधायें दूर होती हैं। नजर-टोना नहीं होता है। लक्ष्मी की वृद्धि होती है।
40 मांगलिक दोष दूर हेतु हाथी दांत के गणपति की सदैव पूजा करने से मांगलीक दोष दूर होता है। आर्थिक संपन्नता बढ़ती है। विद्या के क्षेत्र में विशेष लाभ होता है।
41 आधा सीसी का दर्द दूर करन हेतु आधा सीसी का दर्द काली मिर्च के 12 बीज, नीम की पत्तियां-12, चावल के-12 दाने। इनको सिलवटे पर 3 या 4 बूंद पानी मिलाकर दवा बनायें। सूर्योदय से पूर्व 5 मिनट तक इस दवा को सूंघे। 12 दिन तक यह प्रयोग करने से आधा-सिर का दर्द हमेशा के लिये दूर हो जाता है।
42 नौकरी व प्रमोशन प्राप्त करने तथा अच्छें अंक प्राप्त करने के लिये माता-पिता को पार्वती व शिव जानकर उन्हें बैठायें। हाथ में पुष्प लेकर माता-पिता के तीन चक्कर लगायें। स्वयं को गणेश का रूप समझकर उनके चरणों में पुष्प चढ़ायें व नौकरी प्राप्त करन का, प्रमोशन प्राप्त करने का तथा विद्या के क्षेत्र में अच्छे नंबर प्राप्त करने के लिये दंडवत प्रणाम करें।
43 मिरगी का दौरा पड़ना बंद करने हेतु गाय के बायें सींग की या जंगली सूअर के नाखून की अंगूठी बनाकर दाहिने हाथ की छोटी अंगुली में पहनने से मिरगी का दौरा पड़ना बंद हो जाती है।
44 मोटापा कम करने हेतु रांगा धातु की अंगूठी दाहिने हाथ की बड़ी अंगुली में पहनने से मोटापा कम हो जाता है। चर्बी कम बनती हैं।
45 ग्राहक अधिक आने व दरिद्रता दूर हेतु शनिवार की शाम दायें हाथ में एक साबुत सुपारी व तांबे का सिक्का पीपल के पेड़ के नीचे रखें। रविवार को उसी पीपल का एक पत्ता लाकर रौली से पत्ते पर ‘श्रीं’ लिखें व अपनी गद्दी के नीचे रखें या सेफ में रखें। ग्राहक अधिक आयेंगे। दरिद्रता दूर होगी।
46 टोने-टोटके से मुक्ति हेतु काले घोड़े की नाल या अंगूठी ‘कृत्तिका नक्षत्र’ वालें दिन घर के प्रवेश द्वार या अंगुली में धारण करने से किसी के किये टोने-टोटके से मुक्ति प्राप्त होती है।
47 आर्थिक लाभ प्राप्ति हेतु पीतल के लोटे में जल व गाय का दूध मिलाकर शुक्ल पक्ष में सिरहाने रखकर सो जायें। प्रात: यह दूध मिश्रित जल पीपल वृक्ष पर श्रद्धापूर्वक चढ़ा दें। यह उपाय 11 दिन तक लगातार करें। सोमवार से यह प्रयोग आरंभ करें आर्थिक लाभ निश्चित होगा।
48 नौकरी प्राप्ति व व्यापार में लाभ हेतु पीतल के लोटे में गंगा जल भरकर ‘चांदी’ व सोने की धातुए डालकर सिर से ऊपर के स्थान पर NORTH+ EAST (ईषान) स्थान पर रखें। तथा ‘ऊँ गंगाधराय नम:’ मंत्र को 11 बार बोलें। ऊपरी बाधायें दूर होती है धन की वृद्धि होती है। नौकरी के अवसर मिलते है व्यापार में लाभ होता है।
49 घुटनों के दर्द व वायु विकार दूर करने हेतु शुद्ध पेट्रोल लेकर, दोनों हथेलियों के बीच पेट्रोल डालकर, दोनों घुटनों पर हथेलियों से मलते हुए 11 बार निम्न मंत्र बोलने से 40 दिन के अंतर समस्त घुटनों के दर्द, वायु विकार दूर हो जाता है। मंत्र- नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत् वीरा।
50 पढ़ाई में एकाग्रता, ऊपरी बाधाओं मुक्ति व स्वास्थ्य लाभ प्राप्ति के लिए मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर से सिंदूर का चोला चढ़ायें तथा मंदिर के ऊपर एक झंडा लाल रंग का लगा दें। झंडे के बीच में सिंदूर से लिखें ‘श्रीराम’। तथा नीचे सिंदूर से लिखें ‘बल बुद्धि विद्या देहु, मोरि हरक कलेश विकार’। पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ेगी, ऊपरी बाधायें दूर होगी। स्वास्थ्य लाभ होगा।
51  शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार से साढ़ेसाती का दुश्प्रभाव कम करने के लिए 1-1/4 किलो काले चने लोहे की नयी बाल्टी में डाल दें। पानी से भर दें। शुक्रवार की रात्रि यह प्रयोग करें। शनिवार की प्रात: उस पानी वाली बाल्टी में अपनी छाया देखें। पानी घर के बाहर पीपल के पेड़ पर डालें। चनें बहुत शुद्ध पानी में, 1 मुट्ठी ‘ऊँ सूर्य पुत्राय नम:’ कहकर प्रवाहित करें। जब तक चने समाप्त न हो यह प्रयोग जारी रखें। बाल्टी किसी शनि के दान मागने वाले का 1-1/4 किलो सरसों के तेल डालकर, कुछ सिक्के डालकर दान करें।