Saturday, 29 December 2018
Thursday, 27 December 2018
Sunday, 23 December 2018
गणेश रुद्राक्ष का महत्व और उसके लाभ, प्रयोग विधि
गणेश रुद्राक्ष का महत्व और उसके लाभ, प्रयोग विधि
ganesha-rudraksha benefits-importance
रुद्राक्ष को भगवान शिव का स्वरूप कहा जाता है। भगवान शंकर के भक्त रुद्राक्ष को माला के रूप में धारण करते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव की आंखों से गिरे आंसुओं से ही रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई है। मनुष्य अपने जीवन में आई समस्याओं के निपटारे के लिए भगवन का सहारा लेते है| यही नहीं लोग चमत्कारी रत्नो का सहारा भी लेते है| एक और चीज है जिसके बारे में शायद आप जानते होंगे वो है रुद्राक्ष जो भगवन शिव के सबसे करीब माना जाता है|रुद्राक्ष अलग-अलग प्रकार के पाए जाते है| सबसे श्रेष्ठ गणेश रुद्राक्ष को माना जाता है|
भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश को देवों में सबसे श्रेष्ठ देव का स्थान मिला हुआ है| ऐसा माना जाता है की रुद्राक्ष को धारण करने से सभी परेशानी से निजात मिल जाती है| इसको धारण करने से मनुष्य का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है| ऐसा कहा जाता है की गणेश रुद्राक्ष को धारण करने से किसी भी काम में निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है| भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है, यही कारन है की छात्रों के लिए गणेश रुद्राक्ष काफी लाभकारी साबित को सकता है|
गणेश रुद्राक्ष के लाभ
- गणेश रुद्राक्ष को धारण करने से सभी तरह के क्लेशों से मुक्ति मिलती है। विशेष फलदायी यह रुद्राक्ष कई समस्याओं का समाधान स्वत: ही कर देता है।
- गणेश रूद्राक्ष पहने हुए एक व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में से सफलता प्राप्त होती है।
- भगवान गणेश भगवान शिव के पुत्र हैं इसलिए भगवान शिव का और देवी पार्वती (महा देवी) जी का भी आशिर्वाद प्राप्त होता है।
- गणेश रुद्राक्ष को धारण करने से केतु के अशुभ प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है।
गणेश रुद्राक्ष की प्रयोग विधि
इसे गणेश चतुर्थी के दिन धारण किया जाए तो यह और भी शुभ फलदायक होता है। गणेश रुद्राक्ष को सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।गणेश रुद्राक्ष को मोक्ष की प्राप्ति के लिए काफी अच्छा माना जाता है| गणेश रुद्राक्ष पर भगवन गणेश की आकृति बनी हो और उनकी सूंड की आकृति बनी हुई हो, इस प्रकार के रुद्राक्ष को गणेश रुद्राक्ष माना जाता है|गणेश रुद्राक्ष को लाल धागे, सोने या फिर चाँदी की चेन के साथ भी धारण कर सकते है|- call kre -- +917697961597
Saturday, 15 December 2018
Friday, 14 December 2018
Wednesday, 12 December 2018
जीवन मे सफल होने से कोई नहीं रोकेगा- अगर करेंगे ये उपाय
जीवन मे सफल होने से कोई नहीं रोकेगा- अगर करेंगे ये उपायtips-success-in hindi
भाग्य साथ नहीं देगा तो कितनी भी मेहनत कर लें सफलता नहीं मिलती। इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व, ये तीन बातें सफलता तय करती है।
इच्छाशक्ति मजबूत करने के लिए क्या करें----
सबसे पहले तो आपको धैर्य से काम लेना होगा। असफलता हाथ लगे तो निराश न हों।
कोई आध्यात्मिक गुरु बनाएं और उनसे मार्गदर्शन लें।
सकारात्मक ऊर्जा वाले लोगों के पास बैठें, नकारात्मकता से दूर रहें। ऐसे लोगों से दूर रहें जो सिर्फ दूसरों की बुराई करते हों, दूसरों के दोष देखते हों।
ध्यान करें और बीज मंत्र हूं का जाप करते रहें।
शनिवार के दिन तांबे या सोने की अंगूठी में मध्यमा अंगुली में एमेथिस्ट धारण करें। लेकिन किसी ज्योतिष को कुंडली दिखा लें।
शनि यदि मारकेश हो तो एमेथिस्ट धारण न करें।
सोमवार के दिन चांदी ब्रेसलेट या माला के रूप में स्फटिक पहन सकते हैं। इच्छाशक्ति इससे बहुत तेजी से बढ़ती है।
यदि असली एक मुखी रूद्राक्ष लिए जाए तो सोने या चांदी के पेंडेंट में पहनें।
आत्मविश्वास कैसे बढ़ाएं-----आध्यात्मिक गुरु से मार्गदर्शन लें।
मानसिक रूप से ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें।
एकाग्रता बढ़ाने के लिए लाल बिंदु पर ध्यान लगाकर मेडिटेशन करें। आठ मुखी या 11 मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
Thursday, 6 December 2018
वार्षिक राशिफल 2019क्या बोलते है ग्रह--
वार्षिक राशिफल 2019क्या बोलते है ग्रह-- Rashifal 2019.
राशिफल 2019
साल 2019 की शुरुआत में शनि – धनु राशि, गुरु – वृश्चिक राशि और राहु 6 मार्च, 2019 को मिथुन राशि में रहेगा। वहीं केतु धनु राशि, गुरु राशि परिवर्तन कर 30 मार्च को धनु राशि और फिर 25 अप्रैल को वृश्चिक राशि में गोचर कर 5 नवंबर को वापिस धनु राशि में गोचर करेगा। ये 10 अप्रैल को वक्री होकर 11 अगस्त को मार्गी होगा। शनि 30 अप्रैल को वक्री होकर 18 सितंबर को मार्गी होगा।
मेष राशिफल
गुरु वक्री होकर मार्गी होगा जिस वजह से आपके लिए मुसीबतें खड़ी होंगीं। आपको दूसरों के साथ तालमेल बनाकर चलने की जरूरत है। 6मार्च तक आपके करियर में परेशानियां आ सकती हैं। ग्रहों की अनुकूल दशा के कारण आपको प्रगति मिलेगी लेकिन मार्च के बाद सब कुछ ठीक नहीं रहेगा। करियर में उतार-चढ़ाव आते रहेंगें। आप प्रयास कुछ करेंगें और आपको उसका फल कुछ और ही मिलेगा। नौकरी बदलने के लिए ये साल ठीक नहीं है। अगले साल आपको कई अच्छे अवसर मिल सकते हैं।मार्च के बाद आपको थोड़ी-बहुत परेशानी आ सकती है और आपको असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी।जांघों, पैर, और जोड़ों एवं कंधों में दर्द की शिकायत हो सकती है गुरु के उपाय करे पीली हकीक माला पहने |
वृषभ राशिफल
राहु के राशि परिवर्तन करने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं। तनाव बढ़ेगा। आपका स्वभाव थोड़ा चिड़चिड़ा हो जाएगा। अपनी गलतियों का जिम्मेदार दूसरों को ठहरा सकते हैं। परिवार में किसी सदस्य के साथ गंभीर मतभेद होने की प्रबल संभावना है।आपकी सभी उम्मीदें धरी रह जाएंगीं। सही काम करने पर भी उसका श्रेय नहीं मिल पाएगा। इस साल नौकरी में परिवर्तन के बारे में बिलकुल ना सोचें। अपने दोस्तों के साथ समय बिताएं और धैर्य रखें। राहु की दशा से गुज़र रहे जातकों को हर क्षेत्र में तरक्की मिलेगी।हर काम के आखिरी मिनट पर कोई ना कोई परेशानी आ जाएगी जिसकी वजह से आप परेशान रहेंगें।इस साल आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहने वाली है।त्वचा विकार होने की संभावना है। फूड प्वाइज़निंग से बचकर रहें। ब्लड शुगर से कष्ट की संभना है सावधानी रखे उपाय सफेद हकीक पहने |
मिथुन राशिफल
निजी जीवन में थोड़ी स्थिरता आ सकती है। परिवार के साथ मिले-जुले संबंध रहेंगें। मार्च के बाद पारिवारिक संबंधों में आपसी समझ बढ़ेगी। परिवार में आपका सम्मान बढ़ेगा और आपको मदद मिलेगी।नौकरी मिलने की भी संभावना है। प्रमोशन मिल सकती है। अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए मेहनत करेंगें। प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है लेकिन आपको आगे बढ़ते जाना है।व्यापार बढिया रहने वाला हैमार्च के बाद से सावधान रहें क्योंकि आपके प्रतिद्वंदी इस समय आपको परेशान कर सकते हैं।मार्च तक आपके जीवन में समस्याएं बनी रहेंगीं उपाय 6 हकीक पास मे रखे |
कर्क राशिफल
जीवन सामान्य रूप से चलता रहेगा। परिवार के सदस्यों के बीच बेहतर तालमेल बनेगा।मानसिक तनाव भी रहेगासमय के साथ आपको अपने करियर में तरक्की मिलती जाएगी। आपको बेहतर अवसर मिल पाएंगें और आप प्रगति करेंगें। अच्छी नौकरी मिल सकती है या नौकरी में परिवर्तन के योग भी बने हुए हैं। नौकरी में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगें बिजनेस में किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचें और सावधान रहें।गुरु के स्वराशि धनु में आने पर आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है। आपका बैंक बैलेंस बढ़ सकता है। पैसा कमाने के साथ-साथ बचत भी कर पाएंगें। रक्त विकार, हार्मोनल असंतुलन, अपच, से आप परेशान रह सकते हैं।चरम रोग विकार होने की भी संभावना है।सफेद हकीक धरण करे |
सिंह राशिफल
आपको करियर मं तेजी से सफलता मिलेगी। पंचम भाव आपके करियर में परेशानियां उत्पन्न कर सकता है। वर्तमान नौकरी बदलनी पड़ सकती है। आपके काम में भी बदलाव किया जा सकता है। नौकरी में तनाव बढ़ जाएगा।शनि की कुदृष्टि के कारण आपकी राह मुश्किल होने वाली है। पारिवारिक जीवन पर भी इसका असर पड़ेगा। कई तरह से आपके लिए मुश्किल समय है। खर्चों, सेहत संबंधी समस्या और पड़ोसियों के कारण परेशानी उठानी पड़ सकती है। परेशान रहने के बावजूद आप कुछ नहीं कर पाएंगें।आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं। मार्च के बाद थोड़ी बहुत परेशानियां आ सकती हैं आपको अपने प्रयासों का मनचाहा फल नहीं मिल पाएगा। आपके प्रतिद्वंदियों का आपसे ज्यादा फायदा होगा। प्रतिस्पर्धा के चक्कर में आपको पैसों का नुकसान हो सकता है। अपने किसी गलत निर्णय के कारण आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।पैर, कंधे, नसों और ह्रदय संबंधित परेशानी हो सकती है। इस वजह से आप परेशान रह सकते हैं। लाल हकीक माला पहनेकन्या राशिफल
मार्च के बाद करियर में परेशानियां आ सकती हैं। आपको नौकरी छोड़नी पड़ सकती है। स्थान परिवर्तन के योग भी बने हुए हैं। शहर बदलना पड़ सकता है। बेहतर नौकरी मिलने की भी प्रबल संभावना है। सीनियर्स का साथ मिलेगा और आपको अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी।जीवन सामान्य रहेगा। रोज़मर्रा के जीवन में आपके कई तरह की परेशानियां आएंगीं। बहस या मतभेद हो सकते हैं लेकिन ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। धीमी गति से चीज़ें चलेंगीं इसलिए आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।आपके वैवाहिक जीवन में भी समस्याएं आ सकती हैं। व्यापार में बहुत कुछ अच्छा होने वाला है। केतु और शनि की दशा से गुज़र रहे लोगों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत हैसांस शुगर से संबंधित कोई मामूली परेशानी हो सकती है हारा हकीक धरण करे |
तुला राशिफल
आपकी आर्थिक स्थिति बढिया रहने वाली है। पैसों को लेकर किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। रिश्तेदारों और दोस्तों से मदद मिलेगी। आर्थिक रूप से ये साल आपके लिए बढिया रहने वाला है।परिवार में कोई उत्सव या समारोह का आयोजन किया जा सकता है जोकि आपके लिए यादगार रहेगा। परिवार के सदस्यों के साथ कहीं घूमने जा सकते हैं। इस साल आपके घर मेहमानों का आना-जाना लगा रहेगा। शादी या बच्चे का जन्म भी हो सकता है।इस साल कोई नया काम शुरु कर सकते हैं। मार्च के बाद आपके काम में तेजी आएगी और आपको काम में सफलता मिलेगी।कमर दर्द, पैरों में दर्द या छाती में कोई परेशानी हो सकती है। स्फिट्क माला धरण करे |वृश्चिक राशिफल
आपको कोई नया काम मिल सकता है। नए दोस्त या कोई नया बिजनेस आपके दिमाग में चलता रहेगा। लोगों का सहयोग मिलेगा। राहु केतु आपके करियर को प्रभावित करे गे आपके लग्न भाव में बैठा गुरु पारिवारिक जीवन को सुखमय बना रहा है। इस साल आप अपने जीवन के कई यादगार पल बना पाएंगें। दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ कहीं घूमने निकल सकते हैं। इस साल पुत्र की प्राप्ति हो सकती है। सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है। रोग चोट से कष्ट परेशानी हो सकती है लाला हकीक पहने |धनु राशिफल
अशुभ ग्रहों की वजह आपको मनोकामना पूर्ति मे बाधा। कुछ बड़ा हासिल करने के चक्कर में आप गलतियां कर सकते हैं। आपको ये बात समझनी चाहिए कि आप रातोंरात कोई बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। छोटे-छोटे प्रयासों से आपको सफलता मिल सकती है इसलिए धैर्य से काम लें।इस साल अपने वैवाहिक जीवन में कोई खुशी मिल पाएगीसाल आपके लिए बहुत मुश्किल साबित होगा। आपके ऊपर हर तरफ से परेशानियां आएंगी। आप इन्हें सुलझाने की बहुत कोशिश करेंगें लेकिन एक के बाद एक परेशानियां आती रहेंगीं। किसी भी तरह के पैसों से संबंधित अवसर को ना ठुकराएं शारीरिक कष्ट होगे पीला हकीक पहने |मकर राशिफल
पारिवारिक जीवन से असंतुष्ट रहेंगें। घर पर जो कुछ भी हो रहा है उससे आप तनाव में रहेंगें और रोज़मर्रा के कामों की वजह से आपकी एनर्जी कम होती जाएगी। आप परिस्थिति को बेहतर करने की कोशिश करेंगें लेकिन ऐसा हो नहीं पाएगा। बहस, विवाद या गलतफहमी की संभावना है। कई बार आप खीझ भी उठेंगें। प्रयास करते रहें। मार्च के बाद परिस्थिति और भी ज्याैदा खराब हो जाएगी।मार्च के बाद इसमें और खुशहाली आएगी। थोड़ी बहुत परेशानियां आ सकती हैंगोचर के अशुभ प्रभाव का असर आपके व्यापपार पर भी पड़ेगा। नुकसान उठाना पड़ सकता है। आर्थिक समस्यािएं आ सकती हैं।पेट या जोड़ों में दर्द रोग दुर्घटना आदि की वजह से परेशान हो सकते हैंशनि कवच धरण करे |काला हकीक पहने |कुम्भ राशिफल
व्यापारियों के लिए अच्छा समय है खूब पैसा कमाएंगें। लाभ प्राप्त होगा। किसी नई जगह या देश में अपने व्यापार को बढ़ा सकते हैं।आपको कई नए अवसर प्राप्त होंगें। आपके करियर के लिए बहुत अच्छा समय है। अपने क्षेत्र में खूब नाम कमाएंगें।कुल मिलाकर ये साल आपके लिए बढिया रहेगा पेट जोड़ो के दर्द से परेशान हो सकते हैं दीप दान करे |मीन राशिफल
मार्च के बाद आपको बेहतर अवसर प्राप्त होंगें। करियर में प्रगति होगी। गुरु के धनु राशि में गोचर करने पर आपके करियर में प्रगति होगी।व्यापार के क्षेत्र में आपको मिलेजुले परिणाम मिलेंगें। पैसा कमाने का मौका मिलेगा। शांति से काम लें और जल्दबाज़ी में आकर अपने पैसे को बर्बाद ना करें।आपको सेहत का ध्यान रखने की जरूरत है। वायु या सांस संबंधित रोग हो सकता है।पीला हकीक धरण करे |Sunday, 2 December 2018
नए साल 2019 में करें ये उपाय, मिलेगी हर काम में सफलता
नए साल 2019 में करें ये उपाय, मिलेगी हर काम में सफलता
-new-year-2019नए साल 2019 में
दुर्भाग्य या बुरे समय से परेशान लोगों के लिए यह अच्छा मौका है, अपनी किस्मत बदलने का। जिन लोगों के जीवन में काफी समय से परेशानियां और असफलताएं मिल रही है, उन्हें नए साल में कुछ खास उपाय करना चाहिए।1 उगते हुए सूर्य को ताबें के बर्तन में जल में गुड़ और सिंदूर मिलाकर अर्पित करें. यह उपाय आपकी नौकरी में कामयाबी के लिए शुभ रहेगा.
2 किसी गाय की भी घास या रोटी खिला सकते है
3 वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो शिवलिंग पर इत्र चढ़ाएं
4 किसी गरीब व्यक्ति को अन्न दान करें
6 तांबे के लोटे में पानी भरे और उसमें थोड़ा सा केसर भी डाल लें. इसके बाद ये पानी शिवलिंग पर चढ़ाएं
7 अपने गल्ले या पैसे रखने की अलमारी को कुछ इस तरह रखें कि उसका मुंह उत्तर की दिशा की ओर हो। उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की है, ऐसा करने से आपकी आय में वृद्धि होगी।
Saturday, 1 December 2018
Thursday, 29 November 2018
Tuesday, 27 November 2018
Friday, 23 November 2018
Tuesday, 20 November 2018
बेड रूम का गलत वस्तु ---वैवाहिक जीवन में परेशानियां उत्पन्न करसकता है
बेड रूम का गलत वस्तु ---वैवाहिक जीवन में परेशानियां उत्पन्न करसकता है
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जबनींद अच्छी आती है, तो अगले दिन की शुरुआत अच्छी होती है। हर काम में मन लगा रहता है। जो लोग गहरी नींद में सोते हैं, उठने के बाद उनकी ऊर्जा उतनी ही अधिक होती हैजिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है या रात को बार-बार नींद टूटती है, उन्हें अगले दिन ऊर्जा में कमी लगती है। नींद का आपके बिस्तर से गहरा संबंध होता है।वास्तु में इससे जुड़े कुछ टिप्स-----
बेड को यदि गलत दिशा में रखा जाए, तो यह घर में वास्तुदोष भी उत्पन्न कर सकता है। साथ ही इस पर सोने वाले व्यक्ति को ठीक से नींद भी नहीं आती है, जिससे मानसिक तनाव होता है। वैवाहिक जीवन में परेशानियां व बीमारियां भी इसकी वजह से हो सकती हैं।
बेड का सिरहाना पूर्व या दक्षिण की ओर होना चाहिए। जबकि गेस्ट रूम में बेड का सिरहाना पश्चिम की ओर हो सकता है। अगर बेड लकड़ी का है तो और भी अच्छा है। धातु का बेड नकारात्मक ताकतें पैदा करता है। प्यार बढ़ाने के लिए एक कपल को सिंगल मेटरेस पर सोना चाहिए और दो अलग-अलग मेटरेस को आपस में जोड़ना नहीं चाहिए।
बेड के ठीक सामने ऐसा शीशा नहीं होना चाहिए। यह पति-पत्नी के रिश्तों पर बुरा असर डालता है। यदि पलंग के सामने ऐसा कांच हो, जिसमें प्रतिबिंब दिखाई देता हो, तो उस पर कपड़ा डालकर सोना चाहिए।
यदि आपके पलंग के ठीक ऊपर छत का बीम है, तो पलंग को वहां से शिफ्ट कर लेना चाहिए। बीम के नीचे सोने पर आपके मस्तिष्क पर भार पड़ता है। नींद ठीक से नहीं आती है और तनाव बढ़ता है, थकान दूर नहीं होती है।
कमरे के दरवाजे के ठीक सामने पलंग नहीं रखना चाहिए। यदि दरवाजे के सामने पलंग लगा है, तो इससे वास्तुदोष उत्पन्न होते हैं। इससे आर्थिक समस्या, मानसिक तनाव, बीमारी आदि समस्या बनी रहती हैं। यदि पलंग का स्थान बदल पाना संभव न हो, तो दरवाजे पर पर्दा डालकर रखें।
Sunday, 18 November 2018
ऋणमोचक मंगल स्तोत्र karj mukti hetu
ऋणमोचक मंगल स्तोत्र karj mukti hetu
यदि आपके ऊपर ऋण वा कर्ज का बोझ अधिक बढ़ गया है और आप उस कर्ज को चाह कर भी नहीं उतार पा रहे है तब यदि आप ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का नियमित पाठ करते है तो निश्चित ही धीरे धीरे आपका ऋण उतर जाएगा। जैसा की आप जानते है मंगल का सम्बन्ध हनुमानजी से है और हनुमानजी सर्वबाधामुक्ति प्रदाता है यह श्लोक भी हनुमान जी की ही आराधना के रूप में प्रतिष्ठित है।
कैसे आरम्भ करे ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ
इस पाठ को प्रारम्भ करने के लिए सर्वप्रथम आपको किसी शुभ तिथि का चयन भारतीय पञ्चाङ्गानुसार कर लेना चाहिए। यह पाठ मंगलवार को ही शुरू करना चाहिए अन्य दिन को नही। इस पाठ को करने से पूर्व लाल वस्त्र बिछाकर मंगल यन्त्र व महावीर हनुमान जी को स्थापित करना चाहिए , सिंदूर व चमेली के तेल का चोला अर्पित कर अपने बाये हाथ की तरफ देशी घी का दीप व दाहिने हाथ की तरफ तिल के तेल का दीप स्थापित करना चाहिए। इसके बाद हनुमान जी को गुड़, चने व बेसन का भोग लगाना चाहिए।
मंगल देव (मंगल यन्त्र को प्राण प्रतिष्ठित कर) व हनुमान जी के सामने ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ, लाल वस्त्र धारण कर के हीआरम्भ करना चाहिए। यह पाठ अपनी श्रद्धा अनुसार 1, 3, 5, 9 , अथवा 11 पाठ 43 दिन तक नित्य करना चाहिए | इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से निश्चित ही कर्ज, ऋण व आर्थिक बाधा से मुक्ति मिलती है |
ऋणमोचक मंगल स्तोत्र
मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः ॥1॥
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥2॥
अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः॥3॥
एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्॥4॥
धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम्॥5॥
स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्॥6॥
अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय॥7॥
ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा॥ 8 ||
अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात्॥9॥
विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः॥10॥
पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः॥11॥
एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा॥12॥
|| इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ||
ऋणमोचक मंगलयंत्र
प्राण प्रतिष्ठित यंत्र प्राप्त करे मो.+ 91-7697961597 |
Saturday, 17 November 2018
Friday, 16 November 2018
Thursday, 15 November 2018
Tuesday, 13 November 2018
घर में तुलसी जी का विवाह की विधि और तुलसी विवाह की कथा एसे करे विवाह -------
घर में तुलसी जी का विवाह की विधि और तुलसी विवाह की कथा एसे करे विवाह -------
कार्तिक महीने की देवउठनी एकादशी को पूरे चार महीने तक सोने के बाद जब भगवान विष्णु जागते हैं तो सबसे पहले तुलसी से विवाह करते हैं. भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय हैं और केवल तुलसी दल अर्पित करके श्रीहरि को प्रसन्न किया जा सकता है. जो लोग तुलसी विवाह संपन्न कराते हैं, उनको वैवाहिक सुख मिलता है.
राक्षस कन्या वृंदा को दिए एक आशीर्वाद के अनुसार, भगवान विष्णु ने वृंदा से विवाह करने के लिए शालिग्राम के अवतार में जन्म लिया. प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने शालिग्राम के अवतार में तुलसी से विवाह किया था. इसीलिए हर साल प्रबोधिनी एकादशी को तुलसी पूजा की जाती है. आगे जानिए, वृंदा नाम की राक्षस कन्या कैसे बनी तुलसी और कैसे हुआ विष्णु के साथ तुलसी का विवाह...
हिंदू धर्मग्रन्थों के अनुसार, वृंदा नाम की एक कन्या थी. वृंदा का विवाह समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए जलंधर नाम के राक्षस से कर दिया गया. वृंदा भगवान विष्णु की भक्त के साथ एक पतिव्रता स्त्री थी जिसके कारण उसका पति जलंधर और भी शक्तिशाली हो गया.
यहां तक कि देवों के देव महादेव भी जलंधर को पराजित नहीं कर पा रहे थे. भगवान शिव समेत देवताओं ने जलंधर का नाश करने के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थनी की. भगवान विष्णु ने जलंधर का भेष धारण किया और पतिव्रता स्त्री वृंदा की पवित्रता नष्ट कर दी.
जब वृंदा की पवित्रता खत्म हो गई तो जालंधर की ताकत खत्म हो गई और भगवान शिव ने जालंधर को मार दिया. वृंदा को जब भगवान विष्णु की माया का पता चला तो वह क्रुद्ध हो गई और उन्हें भगवान विष्णु को काला पत्थर बनने (शालिग्राम पत्थर) श्राप दे दिया.
वृंदा ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि वह अपनी पत्नी से अलग हो जाएंगे. राम के अवतार में भगवान सीता माता से अलग होते हैं.
भगवान को पत्थर का होते देख सभी देवी-देवता में हाकाकार मच गया, फिर माता लक्ष्मी ने वृंदा से प्रार्थना की तब वृंदा ने जगत कल्याण के लिये अपना श्राप वापस ले लिया और खुद जलंधर के साथ सती हो गई.
फिर उनकी राख से एक पौधा निकला जिसे भगवान विष्णु ने तुलसी नाम दिया और खुद के एक रुप को पत्थर में समाहित करते हुए कहा कि आज से तुलसी के बिना मैं प्रसाद स्वीकार नहीं करुंगा. इस पत्थर को शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा. कार्तिक महीने में तुलसी जी का शालिग्राम के साथ विवाह भी किया जाता है.
जो लोग तुलसी विवाह संपन्न कराते हैं, उनको वैवाहिक सुख मिलता है. देवोत्थान एकादशी पर केवल तुलसी विवाह ही नहीं होता है. इस व्रत के शुभ प्रभाव से शादी में आ रही सारी रुकावटें दूर होने लगती हैं और शुभ विवाह का योग जल्दी ही बन जाता है.
तुलसी जी का विवाह---
* शाम के समय सारा परिवार इसी तरह तैयार हो जैसे विवाह समारोह के लिए होते हैं।
* तुलसी का पौधा एक पटिये पर आंगन, छत या पूजा घर में बिलकुल बीच में रखें।
* तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं।
* तुलसी देवी पर समस्त सुहाग सामग्री के साथ लाल चुनरी चढ़ाएं।
* गमले में सालिग्राम जी रखें।
* सालिग्राम जी पर चावल नहीं चढ़ते हैं। उन पर तिल चढ़ाई जा सकती है।
* तुलसी और सालिग्राम जी पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं।
* गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें।
* अगर हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक आता है तो वह अवश्य करें।
* देव प्रबोधिनी एकादशी से कुछ वस्तुएं खाना आरंभ किया जाता है। अत: भाजी, मूली़ बेर और आंवला जैसी सामग्री बाजार में पूजन में चढ़ाने के लिए मिलती है वह लेकर आएं।
* कपूर से आरती करें। (नमो नमो तुलजा महारानी, नमो नमो हरि की पटरानी)
* प्रसाद चढ़ाएं।
* 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें।
* प्रसाद को मुख्य आहार के साथ ग्रहण करें।
* प्रसाद वितरण अवश्य करें।
* पूजा समाप्ति पर घर के सभी सदस्य चारों तरफ से पटिए को उठा कर भगवान विष्णु से जागने का आह्वान करें-
उठो देव सांवरा, भाजी, बोर आंवला, गन्ना की झोपड़ी में, शंकर जी की यात्रा। >
इस लोक आह्वान का भोला सा भावार्थ है - हे सांवले सलोने देव, भाजी, बोर, आंवला चढ़ाने के साथ हम चाहते हैं कि आप जाग्रत हों, सृष्टि का कार्यभार संभालें और शंकर जी को पुन: अपनी यात्रा की अनुमति दें।
Monday, 12 November 2018
Thursday, 8 November 2018
Sunday, 4 November 2018
Wednesday, 31 October 2018
Tuesday, 30 October 2018
धनतेरस 2018 --का शुभ पूजा खरीदार मुहूर्त
धनतेरस 2018 --का शुभ पूजा खरीदार मुहूर्त
Dhanteras 2018 Shubha Muhurat:
दिवाली का पर्व 7 नवंबर को मनाया जाएगा लेकिन ठीक उससे दो दिन पूर्व यानि 5 नवंबर धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन खासतौर पर उनकी पूजा की जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की भी पूजा होती है। ज्योतिष के अनुसार धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी जीवन में ढेर सारी सफलता और समृद्धि लेकर आती है। इस दिन लोग बर्तन और गहनों की खरीदारी करते हैं। यदि इस खास पर्व पर शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए तो घर में धन की वर्षा हो सकती है। इस साल धनतेरस के दिन पूजा करने के लिए 1 घंटा 55 मिनट तक का वक्त रहेगाधनतेरस में पूजा करने का शुभ मुहूर्त:
धनतेरस 2018 का शुभ मुहूर्त-
- धनतेरस पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त: शाम 6.05 बजे से 8.01 बजे तक का है
- शुभ मुहूर्त की अवधि: 1 घंटा 55 मिनट
- प्रदोष काल: शाम 5.29 से रात 8.07 बजे तक
- वृषभ काल: शाम 6:05 बजे से रात 8:01 बजे तक
- त्रयोदशी तिथि आरंभ: 5 नवंबर को सुबह 01:24 बजे
- त्रयोदशी तिथि खत्म: 5 नवंबर को रात्रि 11.46 बजे
धनतेरस के दिन इस मुहूर्त में करें खरीदार
- दोपहर 01:00 से 02:30 बजे तक
- रात 05:35 से 07:30 बजे तक
नरक चतुर्दशी 2018: कथा, पढ़ने या सुनने मात्र से घोर नरकों की यातनाओं से मिलती है मुक्ति
नरक चतुर्दशी 2018: कथा, पढ़ने या सुनने मात्र से घोर नरकों की यातनाओं से मिलती है मुक्ति
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दिवाली से एक दिन पहले यानी छोटी दिवाली के दिननरक चतुर्दशी मनाई जाती है।कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी अमावस्या से एक दिन पहले आती है। इस साल 6 नवम्बर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी।
इस दिन द्वापर में भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था और सौलह हजार एक सौ कन्याओं को उनके प्रार्थना करने पर अपनाया था। बाद में यही कन्याएं भगवान श्री कृष्ण की सौलह हजार एक सौ रानियां बनी थी।
नरक चतुर्दशी की कथा-
नरक चतुर्दशी कथा
एक समय की बात है रंति देव नामक एक पुण्यात्मा और धर्मात्मा राजा थे। उन्होंने जाने-अनजाने में भी कभी कोई पाप नहीं किया। हमेशा वो संसार के भले के लिए कार्य करने में तत्पर रहा करते थे। लेकिन सदैव सात्विक जीवन जीने के बावजूद भी जब मृत्यु का समय आया तो उनके समक्ष यमदूत आ खड़े हो गए। यमदूत को सामने देख राजा अचंभित हो गए। राजा बोले हे ईश्वर मैंने तो कभी कोई पाप कर्म नहीं किया। कभी गलती से भी किसी का दिल नहीं दुखाया फिर आप मुझे लेने क्यों आए हो क्योंकि आपके यहां आने का मतलब है कि मुझे नरक जाना होगा। आप मुझ पर कृपा करें और बताएं कि मेरे किस अपराध के कारण मुझे नरक जाना पड़ रहा है।
यह सुनकर यमदूत ने कहा कि- हे राजन् एक बार आपके द्वार से एक ब्राह्मण भूखा लौट गया था, यह उसी पाप कर्म का फल है। वजह के बारे में पता चलने के बाद राजा ने यमदूत से प्रार्थना की कि प्रभु कृपा कर मुझे एक वर्ष का समय दे दीजिए मैं अपने पाप कर्मों का धरती पर ही प्रायश्चित करना चाहता हूं।
तब यमदूतों ने राजा को एक वर्ष का समय दे दिया। राजा अपनी नरक लोक को जाने की समस्या लेकर ऋषियों के पास पहुंचे और उन्हें अपनी सारी कहानी सुनाकर उनसे इस पाप से मुक्ति का उपाय पूछा।
तब ऋषि ने उन्हें बताया कि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी आने पर आप उसका व्रत करें। उस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवा कर। उनकी सेवा करें। और उनके प्रति हुए अपने अपराधों के लिए क्षमा याचना करें। राजा ने वैसा ही किया जैसा ऋषियों ने उन्हें बताया था।
इस प्रकार राजा पाप मुक्त हुए और यमदूतों और नरक से दूर हो। विष्णु लोक अथार्त बैकुण्ठ लोक में स्थान प्राप्त हुआ। उस दिन से पाप और नर्क से मुक्ति हेतु भूलोक यानी पृथ्वी पर कार्तिक चतुर्दशी के दिन का व्रत प्रचलित हो गया।
नरक चतुर्दशी कथा सभी पापों को हर कर घोर नरकों से दूर करने वाली है। इसको पढ़ने-सुनने से मनुष्य नरक लोक से मुक्ति पा जाता है। नरक चतुर्दशी कथा का महत्व इतना अधिक है कि इसके निमित्त दीप प्रज्जवलित कर लेने से भी व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते है।
Sunday, 28 October 2018
Saturday, 27 October 2018
Friday, 26 October 2018
Thursday, 25 October 2018
श्रीयंत्र स्थापित जहा हो -वहां कभी नहीं रहता धन का अभाव
श्रीयंत्र स्थापित जहा हो -वहां कभी नहीं रहता धन का अभाव
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मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की। इसका सरल एवं उत्तम साधन है स्फटिक श्री यंत्र। श्री का अर्थ है धन और यंत्र का अर्थ है साधन अर्थात धन प्राप्त करने का साधन है श्री यंत्र। श्री यंत्र उत्त्प्रेरक रूप में उर्जा के कंडक्टर का काम करता है। श्री यंत्र शुक्रवार के दिन घर या ऑफिस में विधि-विधान से स्थापित करना चाहिए। श्री यंत्र को शुभ मुहूर्त में साफ़ पानी से धो कर पंचामृत एवं गंगाजल से स्नान करवाकर पूजा स्थल पर पीले कपड़े में रखना चाहिए तत्पश्चात कच्ची हल्दी व फुल चढ़ाएं, अष्टगंध का टीका लगाकर शुद्ध घी का दीपक जलाकर अगरबत्ती जलाकर श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए।यंत्रों के बिना देवपूजा निष्फल हो जाती है। इसलिए श्रीनाथ मंदिर में सुदर्शन चक्र, जगन्नाथपुरी में भैरवी चक्र तथा तिरुपति में श्रीयंत्र स्थापित है।
प्रत्येक शुक्रवार को नियमित रूप से श्री यंत्र की पूजा करें। श्री यंत्र ऐसा माध्यम है जिससे मनुष्य के जीवन की समस्त नकारात्मकता समाप्त हो जाती है और उसकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करने की शक्ति मिलती है। यंत्रराज श्री यंत्र स्वयं में मानव शरीर का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। तांत्रिक साहित्य में जितना अधिक श्रीयंत्र पर लिखा गया है, उतना अन्य किसी विषय पर नहीं। श्रीयंत्र पूजन की दक्षिणमार्गी और वाममार्गी विधियों का वर्णन त्रिपुरतापिनी और त्रिपुरा उपनिषदों में मिलता है। कहते हैं कि श्रीयंत्र का अतिभाव से नित्यपूजन करने, दर्शन करने तथा उसके समक्ष श्री सूक्त का पाठ करने से अथाह धन संपत्ति प्राप्त होती है।
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Tuesday, 23 October 2018
शरद पूर्णिमा 24 अक्टूबर 2018 कथा व्रत विधि शुभ मुहूर्त खास मंत्र
शरद पूर्णिमा 24 अक्टूबर 2018 कथा व्रत विधि शुभ मुहूर्त खास मंत्र
इस साल 24 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। शरद पूर्णिमा से ही शरद ऋतु यानि सर्दियों की शुरुआत मानी जाती है। माना जाता है इस दिन चंद्रमा सोलह संपूर्ण कलाओं से युक्त होकर अमृत बरसाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा करके व्रत रखा जाता है। इस व्रत की कथा और पूजा विधि...
शरद पूर्णिमा की कथा
मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा को प्राप्त करने के लिए एक साहूकार की दोनों बेटियां हर पूर्णिमा को व्रत किया करती थीं। इन दोनों बेटियों में बड़ी बेटी पूर्णिमा का व्रत पूरे विधि-विधान से और पूरा व्रत करती थी। वहीं छोटी बेटी व्रत तो करती थी लेकिन नियमों को आडंबर मानकर उनकी अनदेखी करती थी। विवाह योग्य होने पर साहूकार ने अपनी दोनों बेटियों का विवाह कर दिया। बड़ी बेटी के घर समय पर स्वस्थ संतान का जन्म हुआ। संतान का जन्म छोटी बेटी के घर भी हुआ लेकिन उसकी संतान पैदा होते ही दम तोड़ देती थी।दो-तीन बार ऐसा होने पर उसने एक ब्राह्मण को बुलाकर अपनी व्यथा कही और धार्मिक उपाय पूछा। उसकी सारी बात सुनकर और कुछ प्रश्न पूछने के बाद ब्राह्मण ने उससे कहा कि तुम पूर्णिमा का अधूरा व्रत करती हो, इस कारण तुम्हारा व्रत फलित नहीं होता और तुम्हें अधूरे व्रत का दोष लगता है। ब्राह्मण की बात सुनकर छोटी बेटी ने पूर्णिमा व्रत पूरे विधि-विधान से करने का निर्णय लिया। लेकिन पूर्णिमा आने से पहले ही उसने एक बेटे को जन्म दिया। जन्म लेते ही बेटे की मृत्यु हो गई। इस पर उसने अपने बेटे के शव को एक पीढ़े पर रख दिया और ऊपर से एक कपड़ा इस तरह ढक दिया कि किसी को पता न चले।
मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा को प्राप्त करने के लिए एक साहूकार की दोनों बेटियां हर पूर्णिमा को व्रत किया करती थीं। इन दोनों बेटियों में बड़ी बेटी पूर्णिमा का व्रत पूरे विधि-विधान से और पूरा व्रत करती थी। वहीं छोटी बेटी व्रत तो करती थी लेकिन नियमों को आडंबर मानकर उनकी अनदेखी करती थी। विवाह योग्य होने पर साहूकार ने अपनी दोनों बेटियों का विवाह कर दिया। बड़ी बेटी के घर समय पर स्वस्थ संतान का जन्म हुआ। संतान का जन्म छोटी बेटी के घर भी हुआ लेकिन उसकी संतान पैदा होते ही दम तोड़ देती थी।दो-तीन बार ऐसा होने पर उसने एक ब्राह्मण को बुलाकर अपनी व्यथा कही और धार्मिक उपाय पूछा। उसकी सारी बात सुनकर और कुछ प्रश्न पूछने के बाद ब्राह्मण ने उससे कहा कि तुम पूर्णिमा का अधूरा व्रत करती हो, इस कारण तुम्हारा व्रत फलित नहीं होता और तुम्हें अधूरे व्रत का दोष लगता है। ब्राह्मण की बात सुनकर छोटी बेटी ने पूर्णिमा व्रत पूरे विधि-विधान से करने का निर्णय लिया। लेकिन पूर्णिमा आने से पहले ही उसने एक बेटे को जन्म दिया। जन्म लेते ही बेटे की मृत्यु हो गई। इस पर उसने अपने बेटे के शव को एक पीढ़े पर रख दिया और ऊपर से एक कपड़ा इस तरह ढक दिया कि किसी को पता न चले।
फिर उसने अपनी बड़ी बहन को बुलाया और बैठने के लिए वही पीढ़ा दे दिया। जैसे ही बड़ी बहन उस पीढ़े पर बैठने लगी, उसके लहंगे की किनारी बच्चे को छू गई और वह जीवित होकर तुरंत रोने लगा। इस पर बड़ी बहन पहले तो डर गई और फिर छोटी बहन पर क्रोधित होकर उसे डांटने लगी कि क्या तुम मुझ पर बच्चे की हत्या का दोष और कलंक लगाना चाहती हो! मेरे बैठने से यह बच्चा मर जाता तो?
इस पर छोटी बहन ने उत्तर दिया, यह बच्चा मरा हुआ तो पहले से ही था। दीदी, तुम्हारे तप और स्पर्श के कारण तो यह जीवित हो गया है। पूर्णिमा के दिन जो तुम व्रत और तप करती हो, उसके कारण तुम दिव्य तेज से परिपूर्ण और पवित्र हो गई हो। अब मैं भी तुम्हारी ही तरह व्रत और पूजन करूंगी। इसके बाद उसने पूर्णिमा व्रत विधि पूर्वक किया और इस व्रत के महत्व और फल का पूरे नगर में प्रचार किया। जिस प्रकार मां लक्ष्मी और श्रीहरि ने साहूकार की बड़ी बेटी की कामना पूर्ण कर सौभाग्य प्रदान किया, वैसे ही हम पर भी कृपा करें।
शरद पूर्णिमा व्रत विधि
- पूर्णिमा के दिन सुबह इष्ट देव का पूजन करना चाहिए।
- इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए।
- ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए।
- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है। इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
- रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
- पूर्णिमा के दिन सुबह इष्ट देव का पूजन करना चाहिए।
- इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए।
- ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए।
- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है। इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
- रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
- मंदिर में खीर आदि दान करने का विधि-विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है।
- शरद पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालु गंगा व अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाएंगे। स्नान-ध्यान के बाद गंगा घाटों पर ही दान-पुण्य किया जाएगा।
शरद पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त
चंद्रोदय का समय: 23 अक्टूबर 2018 की शाम 05 बजकर 20 मिनट
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 23 अक्टूबर 2018 की रात 10 बजकर 36 मिनट
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 24 अक्टूबर की रात 10 बजकर 14 मिनट
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 23 अक्टूबर 2018 की रात 10 बजकर 36 मिनट
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 24 अक्टूबर की रात 10 बजकर 14 मिनट
चंद्रमा को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का उच्चारण करें
ॐ चं चंद्रमस्यै नम:
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
ॐ श्रां श्रीं
ॐ चं चंद्रमस्यै नम:
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
ॐ श्रां श्रीं
शरद पूर्णिमा के दिन खीर का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं ये युक्त होकर रात 12 बजे धरती पर अमृत की वर्षा करता है. शरद पूर्णिमा के दिन श्रद्धा भाव से खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखी जाती है और फिर उसका प्रसाद वितरण किया जाता है.
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