Thursday, 21 February 2019

शनिदेव के प्रकोप बचनेकरे शनिबार के उपाय

शनिदेव के  प्रकोप बचनेकरे शनिबार  के उपाय shanidev ke prkop se bachne kre ye upay 

कई बार जन्मकुंडली में शनि ग्रह के अशुभ फल होने, शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या होने के कारण या फिर जातक द्वारा लगातार बुरे कर्म करने के कारण शनि ग्रह अशुभ फल देने लगता है। शनि देव को हमेशा से ही अनिष्टकारक, अशुभ और दुख प्रदान करने वाला माना जाता है लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं। शनि देव अगर किसी से एक बार प्रसन्न हो जाएं तो उसकी जिंदगी को खुशियों से भर देते हैं।
ऐसे लोगों की हर मनोकामना पूर्ण होती है और घर हमेशा धन से भरा रहता है।
शनि सूर्य पुत्र हैं और अपने पिता सूर्य से अत्यधिक होने के कारण प्रकाशहीन हैं इसलिए शनि ग्रह के बारे में नकारात्मक छवि बनाई गई है लेकिन विशेष परिस्थिति में शनि सुख सुविधाएं, वैभव और मोक्ष प्रदान करते हैं।
उपाय
शनि देव की अच्छी दृष्टि के लिए कुछ सरल उपाय हैं जिसे प्रयोग कर हम लाभ उठा सकते हैं।
-शनिवार को काले रंग की चिड़िया खरीदकर उसे दोनों हाथों से आसमान में उड़ा दें। आपके जीवन में जितनी भी तकलीफ होगी सब दूर हो जाएगी।
-शनिवार के दिन लोहे का त्रिशूल महाकाल शिव, महाकाल भैरव या महाकाली मंदिर में अर्पित करें। शत्रुओं का नाश होगा।
-शनि दोष के कारण अगर विवाह में देरी हो रही है तो शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को 250 ग्राम काली राई, नए काले कपड़े में बांधकर पीपल के पेड़ की जड़ में रख आएं और शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें।
-शनिचरी अमावस्या के दिन पुराना जूता चौराहे पर रख कर लौट आएं।
-धन लाभ के लिए शनिवार के दिन गेहूं पिसवाएं और उसमें कुछ काले चने भी मिला दें।
-किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार को 10 बादाम लेकर हनुमान मंदिर में जाएं। 5 बादाम वहां रख दें और 5 बादाम लाकर किसी लाल वस्त्र में बांधकर धन के स्थान पर रख दें। कुछ ही दिनों में धन वृद्धि होने लगेगी।
-शनिवार के दिन बंदरों को काले चने, गुड़, केला खिलाएं सरसों के तेल का छाया पत्र दान करें।
-बहते पानी में नारियल विसर्जित करें।
-शनिवार को काली उड़द की दाल पीसकर उसके आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं।
-प्रत्येक शनिवार को आक के पौधे पर 7 लोहे की कीलें चढ़ाएं।
-लगातार 5 शनिवार शमशान घाट में लकड़ी का दान करें।
-शनिवार की रात सरसों का तेल हाथ और पैरों के नाखूनों पर लगाएं।
-शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
-चीटियों को 7 शनिवार काले तिल, आटा, शक्कर मिलाकर खिलाएं
-शनि शांति के लिए ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः या ऊँ शनैश्चराय नमः का जप करें।
-शनि शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
-सात मुखी रुद्राक्ष भी शनि शांति के लिए धारण कर सकते हैं।

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