प्रियंका गांधी की कुंडली के बारे में विश्लेषण
priyanka-gandhi- Horoscope
मैं आपको यहां पर प्रियंका गांधी की कुंडली के बारे में विश्लेषण कर रही हूं जन्म तारीख समय स्थान की जानकारी इंटरनेट से प्राप्त है प्रियंका का जन्म 12 जनवरी 1972 को हुआ है। उनके जन्म के समय मिथुन का उदय हो रहा था जो आध्यात्मिक और विशिष्ट रूप से बुद्धिमत्ता का प्रतिनिधित्व करता है। मिथुन लग्न का स्वामी बुध सप्तम स्थान पर बैठा हुआ है औरर गुरु बुध और सूर्य की दृष्टि लग्न पड़ रही है मंगल की दृष्टि पड़ रही है ऐसे में लग्न को मजबूत बनाती है तो ऐसा जो जाति का रहती है मजबूत साहसी पराक्रमी कार्यक्षेत्र में चतुर और कार्यों मे यश प्राप्त करने वाली होती है वृश्चिक राशि है जिस शनि की साढ़ेसातीका अंतिम दौर चल रहा है कुंडली के अनुसार किस प्रकार फलित होता हैबुद्ध गुरुसूर्य के साथ7 भाव मे है वर्तमान मे शुक्र महादशा चल रही है शुक्र महादशा जो है 2003 से चल रही है और यह 2023 तक चलेगी लेकिन अर्थात शुक्र महादशा में जो शनि का अंतर चल रहा हैशनि कुंडली में भाग्य और 8 भाव का स्वामी होकर के 12वीं स्थान पर वक्री होकर बैठा है ऐसी स्थिति में शनि की दृष्टिभाग्य पर पड़ रही है भाग्य व्र्धि के साथ कष्ट भी देता है 10 भाव स्वामी जो है मंगल हैवर्तमान मे मंगल मीन राशि पर चल रहा है इसलिए अचानक से पद की बढ़ोतरी कर दी मंगल जो कुंडली में भी बलवान स्थिति में बैठा हुआ है जिसका सीधा संबंध में जनता के कारण क्षेत्र वालों से भी है साथ ही साथ इसका प्रभाव पड़ रहा है और मंगल का प्रभाव पंचम स्थान पर हुई है4 भाव पर तो ऐसी स्थिति में जब मंगल का प्रभाव क्षेत्र में हो जाता है तो राजनीति में सफलता के योग बना देता है साथ ही साथ गुरु की दृष्टि पड़ रही है लाभ पर पड़ रही है और पराक्रम स्थान पर पड़ रही है राजनीति क्षेत्र को मजबूती प्रदान करता है और ऐसे भी करता है सप्तम स्थान का स्वामी गुरु है गुरु का व्यापार क्षेत्र को उत्पन्न करने वाला स्वराशि का 7 स्थान पर बैठा हुआ है ऐसे में बैठा रहता है पति की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत रहती है साथ ही साथजीवन दशा अनुसार अशांति की उत्पत्ति हो जाती हैपति की सुख संपत्ति बड़ी होती है पराक्रम को बढ़ाने वाला एक प्रकार से सहयोग और मदद करने वाला हो जाता है गुरु दशम श कुंडली मे 10 भाव पर है जो है क्षेत्र पर बैठा हुआ है और राहु के साथ है तो ऐसी स्थिति में राजनीति में सफलता प्रदान करने वाला हो जाता है क्योंकि राहु का संबंध के बिना राजनीति में बहुत अधिक सफलता की संभावना नहीं रहती है साथ ही साथ राहु की दृष्टि किसी प्रकार से राजनीति में सफलता देने वालों के साथ हो जाती है तो सफलता की प्राप्ति होती है
सूर्य सप्तम स्थान पर बैठा हुआ है और पराक्रम का अर्थ है सूर्य सप्तम स्थान में बैठने से कार्य व्यापार स्वतंत्र कार्य से संबंधित राज्य से संबंधित सफलता के योग बनाता है उसका स्वामी जो है उसे बैठा हुआ है तो यहां पर नीच भंग राज योग बन रहा है नीच भंग राजयोग का मतलब है मान-सम्मान से युक्त हो जाता है साथ ही साथ को हम देखते हैं संगीत कार्य आदि में रुचि रहने वाला हो जाता है गुरु भी मान सम्मान और पूज्यनीय बनाने वाला ग्रह है जो बलवान है शनि शत्रुओं से लाभ दिला दिलाता है क्योंकि शनि की दृष्टि 6 भाव पड़ रही है 2 स्थान पर भी है और भाग्य पर भी है लेकिन कहा जाता है कि जहां से सनी पर शनि की दृष्टि पड़ती है उसे स्थान की हानि होती है तो ऐसी स्थिति में कुछ ना कुछ जो है कमी बेशी की संभावना बनी रहती है राहु जो है विद्वान बनाता है और अनेक गुणों से संपन्न बनाकर के मान-सम्मान दिलवाने वाला हो जाता है यदि हम वर्तमान स्थिति में ग्रहों का अंतर देखें तो शनि में 15- 7- 2016 से शुक्र महादशा में शनि का अंतर चल रहा है और जो है 14- 9 -2019 तक चलेगा अंतर में किस दशा का प्रत्यंतर जो है आने वाला है उसके अनुसार क्या फल घटित होंगे वर्तमान स्थिति हम देखते हैं तो शुक्र महादशा में शनि की अंतर्दशा में जो प्रत्यंतर दशा चल रही है चल रही है राहू की और राहू की प्रत्यंतर दशा चल रही है 2019 तक चल रही है इसके बाद जो है 13-04 -2019 से 10 -9 -2019 तक गुरु का अंतर चलेगा स्थिति में राहु का अध्ययन करते हैं क्योंकि राहु जो है कुंडली के अष्टम स्थान पर स्थित है ऐसे में अधिक परिश्रम से कार्य क्षेत्र में सफलता देने वाला होता है बहुत अधिक परिश्रम सफलता की प्राप्ति होती है जो मैंने आपको प्रियंका जी का जो है चार्ट के अनुसार किया की कुंडली में ऐसे कौन से योग पड़े हुए हैं जीवन में सफलता प्रदान करते हैं और उनकी दशये आती हैं तो जीवन सफल हो जाता है उसे हम देखते हैं तो गुरु के द्वारा पंच महापुरुष नाम का हंस योग बन रहा है जो कि लग्न से केंद्र में सप्तम स्थान पर विराजमान है तो ऐसे में जाति का रहती हैं वह लालिमा मुखड़ी सुंदर और कार्य क्षेत्र में निपुण और कार्य व्यापार में उन्नति करने वाली होती है और दीर्घायु की प्राप्ति होती है राजा राजा के सदस्य अपने बाहुबल से धन यशस्वी अपने गुणों से युक्त राजा ,राज्य मंत्री पद प्राप्त करने वाली होती है चंद्रमा से6 स्थान में रहने से राजा का पुत्र होता है नीच भंग राजयोग चंद्र जो नीच राशि में बैठा हुआ है नीच भंग राजयोग बना रहा है नीच भंग राजयोग स्थिति में होने से सभी भौतिक सुख सुविधा प्रदान करने वाला हो जाता है उनका संबंध लगने का संबंध यदि केंद्र या त्रिकोण से हो जाता है तो केंद्र त्रिकोण राजयोग निर्मित करता है या योगी वैभव भूमि वाहन के सुख प्रदान करने वाला हो जाता है और जैसे भी ग्रहों की दशा अंतर्दशा आती है उसका फल उत्पन्न होता है बना हुआ है इस प्रकार के हैं जीवन में सफलता प्रदान करने वाले होते हैं वर्तमान में मंगल का गोचर चल रहा है वह मीन राशि पर है मंगल है 22 मार्च तक रहेगा इसके बाद मेष राशि में प्रवेश करेगा तो इसका क्या फल होता है यह मैं आपको बतला रहे हैं जो कि दशम स्थान में पिता और गुरु की राशि में बैठा हुआ है गुरु की राशि में बैठ जाता है तो यह क्यों कि कर्म क्षेत्र पिता का स्थान भी कहा जाता है तो पैसों से लाभ के योग बनाता है दशम स्थान पर मंगल बैठता है उत्तम फल प्रदान करने वाला हो जाता है ऐसी स्थिति में राज्य संबंधों में सफलता की प्राप्ति होती है शत्रु पर प्रभाव होता है उनको देखने से भी बलवान बनाता है लेकिन कभी-कभी रोग आदि भी उत्पन्न कर देता है चतुर्थ स्थान को देख रहा है माता का स्थान है जैसे मैं परिश्रमी के कार्यों से सुख साधनों की वृद्धि होती है तुला राशि से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है जब तक मंगल मीन राशि में रहेगा उत्तम सफलता के योग प्रदान करता रहेगा जब मंगल का परिवर्तन मेष राशि पर होगा तो यह भी धन के विशेष मार्ग खुलेगा लेकिन कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है इस प्रकार से जो मंगल वर्तमान में गोचर कर रहा है उसी ने प्रियंका जी को राजनीतिक पद प्रदान किया और वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनी है और इस प्रकार से जो ग्रह रहते हैं अपनी दशा अंतर्दशा के अनुसार जिस भी स्थिति में ग्रह गोचर करते हैं उनकी दशा अंतर्दशा में आती है तो अपना शुभ अशुभ फल प्रदान करते हैं उनसे हम अपने जीवन के संपूर्ण क्षेत्र को जान सकते हैं
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