pratake budhvar kare saphlata ke liya ganpati aaradhana
प्रत्येक बुधवार करे सफलता के लिए गणपति आराधना
श्री गणेश
हिन्दू धर्म में नाकामियों से बचने के लिए आस्था और श्रद्धा के साथ हर काम की शुरूआत विघ्रहर्ता श्रीगणेश की उपासना से की जाती है। श्रीगणेश विनायक नाम से भी पूजनीय है। विनायक पूजा और उपासना कार्य बाधा और जीवन में आने वाली शत्रु बाधा को दूर कर शुभ व मंगल करती है।
यही वजह है हर बुधवार को श्रीगणेश की उपासना बड़े से बड़े या मुश्किल काम की सफलता के लिए बहुत ही शुभ मानी गई है। जानिए बुधवार के दिन श्रीगणेश उपासना का एक सरल उपाय, जो कोई भी अपनाकर हर कार्य को सफल बना सकता है -
- बुधवार को सुबह और शाम दोनों ही वक्त यह उपाय किया जा सकता है।
- स्नान कर भगवान श्रीगणेश को कुमकुम, लाल चंदन, सिंदूर, अक्षत, अबीर, गुलाल, फूल, फल, वस्त्र, जनेऊ आदि पूजा सामग्रियों के अलावा खास तौर पर 21 दूर्वा चढ़ाएं। दूर्वा श्रीगणेश को विशेष रूप से प्रिय मानी गई है।
- विनायक को 21 दूर्वा चढ़ाते वक्त नीचे लिखे 10 मंत्रों को बोलें यानी हर मंत्र के साथ दो दूर्वा चढ़ाएं और आखिरी बची दूर्वा चढ़ाते वक्त सभी मंत्र बोलें। जानिए ये मंत्र -
ॐ गणाधिपाय नम:। ॐ विनायकाय नम:। ॐ विघ्रनाशाय नम:।
ॐ एकदंताय नम:। ॐ उमापुत्राय नम:। ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नम:।
ॐ ईशपुत्राय नम:। ॐ मूषकवाहनाय नम:। ॐ इषवक्त्राय नम:।
ॐ कुमारगुरवे नम:।
- मंत्रों के साथ पूजा के बाद यथाशक्ति मोदक का भोग लगाएं। 21 मोदक का चढ़ावा श्रेष्ठ माना जाता है। इनमें से 5 गणेशजी के लिए छोड़ें, 5 ब्राह्मणों को दान करें व बाकी सभी परिजनों व भक्तों में बांटने चाहिए।
- अंत में श्री गणेश आरती कर क्षमा प्रार्थना करें। काम में विघ्र बाधाओं से रक्षा की कामना करें।
यही वजह है हर बुधवार को श्रीगणेश की उपासना बड़े से बड़े या मुश्किल काम की सफलता के लिए बहुत ही शुभ मानी गई है। जानिए बुधवार के दिन श्रीगणेश उपासना का एक सरल उपाय, जो कोई भी अपनाकर हर कार्य को सफल बना सकता है -
- बुधवार को सुबह और शाम दोनों ही वक्त यह उपाय किया जा सकता है।
- स्नान कर भगवान श्रीगणेश को कुमकुम, लाल चंदन, सिंदूर, अक्षत, अबीर, गुलाल, फूल, फल, वस्त्र, जनेऊ आदि पूजा सामग्रियों के अलावा खास तौर पर 21 दूर्वा चढ़ाएं। दूर्वा श्रीगणेश को विशेष रूप से प्रिय मानी गई है।
- विनायक को 21 दूर्वा चढ़ाते वक्त नीचे लिखे 10 मंत्रों को बोलें यानी हर मंत्र के साथ दो दूर्वा चढ़ाएं और आखिरी बची दूर्वा चढ़ाते वक्त सभी मंत्र बोलें। जानिए ये मंत्र -
ॐ गणाधिपाय नम:। ॐ विनायकाय नम:। ॐ विघ्रनाशाय नम:।
ॐ एकदंताय नम:। ॐ उमापुत्राय नम:। ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नम:।
ॐ ईशपुत्राय नम:। ॐ मूषकवाहनाय नम:। ॐ इषवक्त्राय नम:।
ॐ कुमारगुरवे नम:।
- मंत्रों के साथ पूजा के बाद यथाशक्ति मोदक का भोग लगाएं। 21 मोदक का चढ़ावा श्रेष्ठ माना जाता है। इनमें से 5 गणेशजी के लिए छोड़ें, 5 ब्राह्मणों को दान करें व बाकी सभी परिजनों व भक्तों में बांटने चाहिए।
- अंत में श्री गणेश आरती कर क्षमा प्रार्थना करें। काम में विघ्र बाधाओं से रक्षा की कामना करें।
muktajyotishs@gmail. com
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