Wednesday, 13 February 2013

sury rekha aor jiven mai bhrpur man- samman aor paesa





sury rekha  aor jiven mai bhrpur man- samman aor paesa 




 सूर्य रेखा और जीवन में भरपूर मान-सम्मान और पैसा 





sury rekha  aor jiven mai bhrpur man- samman aor paesa 






 सूर्य रेखा और जीवन में भरपूर मान-सम्मान और पैसा 


हाथों में दिखाई देने वाली रेखाएं और हमारे भविष्य का गहरा संबंध है।
मान-सम्मान और पैसों की स्थिति बताने वाली रेखा सूर्य रेखा कहलाती है। यह रेखा अनामिका अंगुली के ठीक नीचे वाले भाग सूर्य पर्वत पर होती है। इसी वजह से इसे सूर्य रेखा कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में ये रेखा दोष रहित हो तो उसे जीवन में भरपूर मान-सम्मान और पैसा प्राप्त होता है। सामान्यत: ये रेखा सभी के हाथों में नहीं होती हैकई परिस्थितियों में ये रेखा होने के बाद भी व्यक्ति को पैसों की तंगी भी झेलना पड़ सक ती है।

सूर्य रेखा रिंग फिंगर यानि अनामिका अंगुली के नीचे वाले हिस्से पर होती है। हथेली का ये भाग सूर्य पर्वत कहलाता है। यहां खड़ी रेखा हो तो वह सूर्य रेखा कहलाती है। यह रेखा सूर्य पर्वत से हथेली के नीचले हिस्से मणिबंध या जीवन रेखा की ओर जाती है। सूर्य  रेखा यदि अन्य रेखाओं से कटी हुई हो या टूटी हुई हो तो इसका शुभ प्रभाव समाप्त हो सकता है।
यदि किसी व्यक्ति के हाथों में जीवन रेखा से निकलकर सूर्य रेखा अनामिका अंगुली की ओर जाती है तो व्यक्ति को भाग्यशाली बनाती है। ऐसे लोग जीवन में सभी सुख और सुविधाओं के साथ मान-सम्मान भी प्राप्त करते हैं।
जिनके हाथों में सूर्य रेखा बृहस्पति पर्वत (इंडेक्स फिंगर के नीचे वाला भाग बृहस्पति पर्वत कहलाता है।) तक जाती है। बृहस्पति पर्वत पर पहुंचकर सूर्य रेखा के अंत में यदि किसी तारे का चिह्न बना हो तो ऐसा व्यक्ति किसी राज्य का बड़ा अधिकारी हो सकता है। 
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में सूर्य पर्वत (अनामिका की अंगुली यानी रिंग फिंगर के ठीक नीचे वाला भाग सूर्य पर्वत कहलाता है।) पर पहुंचकर सूर्य रेखा की एक शाखा शनि पर्वत (मीडिल फिंगर के नीचे वाला भाग शनि पर्वत कहलाता है।) की ओर तथा एक शाखा बुध पर्वत (सबसे छोटी अंगुली के ठीक नीचे वाला भाग बुध पर्वत होता है।) की ओर जाती हो तो ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान, चतुर, गंभीर होता है। ऐसे लोग समाज में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं और बहुत पैसा कमाते हैं।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य रेखा लहरदार होती है तो व्यक्ति किसी भी कार्य को एकाग्रता के साथ नहीं कर पाता है। यह रेखा यदि बीच में लहरदार हो और सूर्य पर्वत पर सीधी एवं सुंदर हो गई हो तो व्यक्ति किसी कार्य में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त कर लेता है।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य रेखा न हो तो इसका मतलब यह नहीं माना जा सकता है कि व्यक्ति जीवन में सफल नहीं होगा। सूर्य रेखा कुछ लोगों के हाथों में नहीं होती है। सूर्य रेखा जीवन में व्यक्ति की सफलता को आसान बनाती है
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य के साथ ही एक या एक से अधिक खड़ी समानांतर रेखाएं चल रही हों तो यह सूर्य रेखा का शुभ प्रभाव और अधिक बढ़ा देती हैं। इस प्रकार की रेखाओं के कारण व्यक्ति समाज में प्रसिद्ध होता है और धन-ऐश्वर्य प्राप्त करता है।हथेली में सूर्य रेखा जितनी लंबी और स्पष्ट होती है उतना अधिक अच्छा प्रभाव देती है। यदि यह रेखा अन्य रेखाओं से कटी हुई हो या बीच-बीच में टूटी हुई हो तो यह दुष्प्रभाव देती है। लंबी, साफ-स्पष्ट सूर्य रेखा होने पर व्यक्ति बुद्धिमान होता है। यदि सूर्य रेखा पर कोई द्विप चिह्न हो या क्रॉस का निशान हो तो व्यक्ति को यह दुख देने वाले संकेत होते हैं। ऐसे लोग कठिनाइयों के साथ कार्य को पूरा करते हैं और फिर भी इन्हें उचित प्रतिफल प्राप्त नहीं हो पाता है।यदि सूर्य रेखा की छोटी-छोटी शाखाएं निकल रही हों और वे ऊपर अंगुलियों की ओर जा रही हो तो यह शुभ लक्षण होता है। इसके विपरित यदि सूर्य रेखा से छोटी-छोटी शाखाएं निकलकर नीचे की ओर जा रही हो तो यह सूर्य रेखा को कमजोर करती हैं।
सूर्य रेखा पर बिंदु के चिह्न हो तो व्यक्ति को अशुभ प्रभाव दर्शाते हैं। ऐसे रेखा वाले इंसान की बदनामी होने का भय बना रहता है। बिंदु यदि अधिक गहरे हों तो यह समाज में अपमान होने का संकेत हो सकता है। अत: ऐसी रेखा वाले इंसान को सावधानी पूर्वक कार्य करना चाहिए।सूर्य रेखा पर बिंदु के चिह्न हो तो व्यक्ति को अशुभ प्रभाव दर्शाते हैं। ऐसे रेखा वाले इंसान की बदनामी होने का भय बना रहता है। बिंदु यदि अधिक गहरे हों तो यह समाज में अपमान होने का संकेत हो सकता है। अत: ऐसी रेखा वाले इंसान को सावधानी पूर्वक कार्य करना चाहिए।यदि किसी व्यक्ति के हाथ में ये रेखा न हो तो उसे समाज में मान-सम्मान बड़ी कठिनाइयों से प्राप्त होता है। साथ ही पैसा कमाने में भी कड़ी मेहनत करना पड़ती है। सूर्य रेखा का संबंध सूर्य देव से है। सूर्य मान-सम्मान का कारक ग्रह है। अत: सूर्य रेखा के दोषों को दूर करने के लिए सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए।

No comments:

Post a Comment