Friday, 31 March 2017
दुर्गा सप्तशती पाठ से हर मनोकामना पूरी रखें 21 बातों का ध्यान
दुर्गा सप्तशती पाठ से हर मनोकामना पूरी रखें 21 बातों का ध्यान
durgasaptshti path me rkhe21bato ka dhyan
दुर्गा सप्तशती पाठ में रखें 21 बातों का ध्यान-पहले, गणेश पूजन, कलश पूजन,,नवग्रह पूजन और ज्योति पूजन करें।
-श्रीदुर्गा सप्तशती की पुस्तक शुद्ध आसन पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें।
-माथे पर भस्म, चंदन या रोली लगाकर पूर्वाभिमुख होकर तत्व शुद्धि के लिये 4 बार आचमन करें।
-श्री दुर्गा सप्तशति के पाठ में कवच, अर्गला और कीलक के पाठ से पहले शापोद्धार करना ज़रूरी है।
-दुर्गा सप्तशति का हर मंत्र, ब्रह्मा,वशिष्ठ,विश्वामित्र ने शापित किया है।
-शापोद्धार के बिना, पाठ का फल नहीं मिलता।
-एक दिन में पूरा पाठ न कर सकें, तो एक दिन केवल मध्यम चरित्र का और दूसरे दिन शेष 2 चरित्र का पाठ करे।
-दूसरा विकल्प यह है कि एक दिन में अगर पाठ न हो सके, तो एक, दो, एक चार, दो एक और दो अध्यायों को क्रम से सात दिन में पूरा करें।
-श्रीदुर्गा सप्तशती में श्रीदेव्यथर्वशीर्षम स्रोत का नित्य पाठ करने से वाक सिद्धि और मृत्यु पर विजय।
-श्रीदुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले और बाद में नवारण मंत्र ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे का पाठ करना अनिवार्य है।
-संस्कृत में श्रीदुर्गा सप्तशती न पढ़ पायें तो हिंदी में करें पाठ।
-श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ स्पष्ट उच्चारण में करें लेकिन जो़र से न पढ़ें और उतावले न हों।
-पाठ नित्य के बाद कन्या पूजन करना अनिवार्य है।
-श्रीदुर्गा सप्तशति का पाठ में कवच, अर्गला, कीलक और तीन रहस्यों को भी सम्मिलत करना चाहिये। दुर्गा सप्तशति के - पाठ के बाद क्षमा प्रार्थना ज़रुर करना चाहिये
-देवी पुराण में प्रातकाल पूजन और प्रात में विसर्जन करने को कहा गया है। रात्रि में घट स्थापना वर्जित है।
-श्रीदुर्गा सप्तशती के प्रथम,मध्यम और उत्तर चरित्र का क्रम से पाठ करने से, सभी मनोकामना पूरी होती है। इसे महाविद्या क्रम कहते हैं।
-दुर्गा सप्तशती के उत्तर,प्रथम और मध्य चरित्र के क्रमानुसार पाठ करने से, शत्रुनाश और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। इसे महातंत्री क्रम कहते हैं।
-संस्कृत में श्रीदुर्गा सप्तशती न पढ़ पायें तो हिंदी में करें पाठ।
-कन्या पूजन करते समय देवी भाव मन मे रखे
Thursday, 30 March 2017
Tuesday, 28 March 2017
Monday, 27 March 2017
Friday, 24 March 2017
विदेश यात्रा का योग तो नहींआपकी हथेली में जाने
विदेश यात्रा का योग तो नहींआपकी हथेली में जाने
videsh yatra ka yog jane hatheli se
हाथ में विदेश यात्रा का योग है या नहीं। किसी को विदेश की यात्रा करना पसंद होता है तो किसी को वहां जाकर नौकरी करना। हमारे हाथों की लकीरें इन यात्राओं के योग को दर्शाती हैं। इस तरह की यात्राओं के लिए चन्द्र ग्रह और चन्द्र पर्वत का मुख्य योगदान है। पुराने ज्योतिष और हस्त सामुद्रिक शास्त्र में चन्द्र को समुद्री यात्रा या जल का कारक मानते थे।
चन्द्रमा को मन का कारक भी मानते हैं। यदि हमारी हथेली में चन्द्रमा की स्थिति अच्छी नहीं है तो व्यक्ति विचलित रहता है। उसके मन में उथल-पुथल लगी रहती है। चन्द्रमा बदलाव भी देता है। ऐसा व्यक्ति कोई भी कार्य टिककर नहीं कर सकता। वह जल्दी ऊब जाता है।
हथेली में विदेश यात्रा का योग देखने के लिये हम चन्द्र पर्वत को महत्व देते हैं। देखिये आपकी हथेली में इसकी स्थिति कैसी है। अगर चन्द्र पर्वत विकसित है और अन्य रेखाएं शुभ हैं तो व्यक्ति की विदेश जाने की इच्छा पूर्ण होती है।
चन्द्रमा को मन का कारक भी मानते हैं। यदि हमारी हथेली में चन्द्रमा की स्थिति अच्छी नहीं है तो व्यक्ति विचलित रहता है। उसके मन में उथल-पुथल लगी रहती है। चन्द्रमा बदलाव भी देता है। ऐसा व्यक्ति कोई भी कार्य टिककर नहीं कर सकता। वह जल्दी ऊब जाता है।
हथेली में विदेश यात्रा का योग देखने के लिये हम चन्द्र पर्वत को महत्व देते हैं। देखिये आपकी हथेली में इसकी स्थिति कैसी है। अगर चन्द्र पर्वत विकसित है और अन्य रेखाएं शुभ हैं तो व्यक्ति की विदेश जाने की इच्छा पूर्ण होती है।
दोष युक्त चन्द्र पर्वत और रेखाएं इच्छापूर्ति में बाधक होती हैं। चन्द्र पर्वत पर छोटी छोटी रेखाएं छोटी और कम लम्बी यात्राएं बताती हैं। यह यात्राएं देश-विदेश दोनों में हो सकती है। कलाई से चन्द्र पर्वत पर जाने वाली रेखाएं विदेश यात्रा बताती हैं।
अगर हमारी हथेली में मत्स्य (मछली) का चिन्ह है तो विदेश से धन मिलता है। चन्द्र पर्वत पर मत्स्य का चिन्ह विदेश से आय आने के संकेत देता है।
जीवन रेखा से निकलकर चन्द्र पर्वत की ओर जाने वाली रेखा हो तो व्यक्ति विदेश में व्यापार या नौकरी करता है। लेकिन आखिर में देश में वापस आ जाता है।
यात्रा रेखा में चतुष्कोण हो तो भी व्यक्ति विदेश जाकर बसता है। अगर ये रेखाएं निर्दोष और लंबी हो तो उसकी विदेश से आजीविका कमाने की लालसा पूरी होती है। दोषपूर्ण रेखाएं अड़चनें और परेशानियां बताती हैं।
हथेली की ऐसी जीवनरेखा तो बनेंगे मालामाल
हथेली की ऐसी जीवनरेखा तो बनेंगे मालामाल
life line babaye malamal
आपकी हथेली में कई आड़ी तिरछी रेखाएं होंगी। समुद्रशास्त्र के अनुसार हथेली में मौजूद सभी रेखाओं का कुछ न कुछ महत्व होता है लेकिन इन सभी में जीवनरेखा का सबसे अधिक महत्व है। आमतौर पर यह माना जाता है कि जीवनरेखा व्यक्ति की उम्र के बारे में ही बताती है लेकिन ऐसा नहीं है; इस रेखा से व्यक्ति को जीवन में मिलने वाले सुख, धन, स्वास्थ्य और जीवन के कई रहस्यों को भी जाना जा सकता है।
गुलाबी रंग की जीवनरेखा गोलाई में हथेली को घेरते हुए मणिबंध तक जाए और इसे कोई रेखा काट नहीं रही है तो यह व्यक्ति के लिए बहुत ही शुभ फलदायी होता है। ऐसे व्यक्ति अपने नौकरी और व्यवसाय में बहुत ही कामयाब होते हैं और खूब धन कमाते हैं। इनकी सेहत भी अच्छी रहती है और जीवन का भरपूर आनंद लेते हैं।
समुद्रशास्त्र के अनुसार जीवनरेखा को देखकर यह भी जान सकते हैं कि व्यक्ति को उम्र के किस मोड़ पर धन दौलत और सुख की प्राप्ति होगी। अगर आप भी अपनी जीवनरेखा से धन दौलत और सुख के बारे में जानना चाहते हैं तो हथेली में मौजूद जीवनरेखा को गौर से देखिए। अगर आपकी जीवनरेखा से कोई रेखा निकलकर चन्द्र पर्वत तक जा रही है तो यह संकेत है कि आपको जीवन का अधिकांश भाग घर से दूर बिताना पड़ेगा लेकिन जीवन के अंतिम भाग में आपके पास काफी धन होगा और बुढापा आराम से गुजरेगा।
हथेली में जीवनरेखा गुरू पर्वत तक जाती है तो व्यक्ति के ज्ञानी और सफल होने का सूचक है। ऐसे व्यक्ति अपनी बुद्धि और ज्ञान से निर्णय लेने वाले होते हैं और नौकरी में उच्च पद प्रतिष्ठिा प्राप्त करते हैं।
दुनिया में बहुत कम लोग होते हैं जिनकी हथेली में दो जीवनरेखाएं होती हैं। समुद्रशास्त्र के अनुसार जिनकी हथेली में दो जीवनरेखाएं होती है वह बहुत ही तकदीर वाले होते हैं। ऐसे लोगों को जीवन में कम जोखिम और संकटों का सामना करना पड़ता है। भाग्य इन्हें जीवन में कामयाब बनाता है। ऐसे व्यक्ति को सुंदर और सुयोग्य जीवनसाथी एवं संतान की प्राप्ति होती है। धन और सुख भी इनका उम्र के साथ बढ़ता रहता है।
हथेली में कोई रेखा जीवनरेखा से ऊपर जा रही है तो यह बहुत ही शुभ संकेत है। ऐसी रेखा जिनकी हथेली में होती है वह नौकरी करें या व्यवसाय जिस भी क्षेत्र में होते हैं उसमें बहुत ही कामयाब होते हैं। ऐसे लोग नौकरी करते हों तो इन्हें जल्दी-जल्दी पदोन्नति और लाभ का अवसर मिलता रहता है।
Friday, 17 March 2017
श्री गणेश जी का मन्नत पूरी करने वाला ये चमत्कारी मंत्र
mannt puri kre ganesh mantr
श्री गणेश जी का मन्नत पूरी करने वाला ये चमत्कारी मंत्र
हमारी मन्नतों को पूरा करने के लिए कई मंत्र लिखे हुए हैं इसमें से एक है भगवान श्री गणेश जी का महामंत्र। श्री गणेश जी को सुख-समृद्धिदायक और विद्या को देने वाला कहा गया है।
ओम् श्री ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वरदे नमः
ओम् श्री ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वरदे नमः। इस मंत्र को जपने के लिए आपकों कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। बुधवार के दिन आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। बुधवार श्री गणेश जी का वार होता है।
ओम् श्री ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वरदे नमः। इस मंत्र को जपने के लिए आपकों कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। बुधवार के दिन आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। बुधवार श्री गणेश जी का वार होता है।
मंत्र जपने की विधि
सुबह नहाने के बाद घर या मंदिर की पूर्व दिशा की तरफ मुख करके किसी पीले रंग के आसन पर बैठ जाएं।
लकड़ी की चैकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर चावल, कमल, हरी दूब और श्रीगणेश जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित कर लें।
श्री गणेश जी को पीले रंग के लड्डू , धूप ,दीप और चंदन अर्पित करें।
गाय के घी से भगवान श्री गणेश जी के सामने दीप जलाएं।
लकड़ी की चैकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर चावल, कमल, हरी दूब और श्रीगणेश जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित कर लें।
श्री गणेश जी को पीले रंग के लड्डू , धूप ,दीप और चंदन अर्पित करें।
गाय के घी से भगवान श्री गणेश जी के सामने दीप जलाएं।
ओम् श्री ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वरदे नमः। मंत्र का संकल्प लें। और कम से कम 108 बार जाप करें। इस उपाय को हर बुधवार को कुछ दिनों तक नियमित करें। यह एक सरल उपाय है जिसे आप अपनाकर अपनी कोई भी मनोकामना आसानी से सिद्ध कर सकते हो।
Friday, 10 March 2017
होली पर्व --- होलिका दहन तिथि व मुहूर्त 2017
होली पर्व --- होलिका दहन तिथि व मुहूर्त 2017holi puja muhurt 2017
होली पूजा का महत्व
आदि के लिये महिलाएं इस दिन होली
की पूजा करती हैं। होलिका दहन के लिये
लगभग एक महीने पहले से तैयारियां शुरु कर दी जाती हैं। कांटेदार झाड़ियों या लकड़ियों को इकट्ठा किया जाता है फिर होली वाले दिन शुभ मुहूर्त में होलिका का दहन किया जाता है।
होली 2017
12 मार्च
भद्रा पूंछ- 04:11 से 05:23
भद्रा मुख- 05:23 से 07:23
रंगवाली होली- 13 मार्च
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 20:23 (11 मार्च)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 20:23 (12 मार्च)
होली के दिन स्वयं को ही भगवान मान बैठे हरिण्यकशिपु ने भगवान की भक्ति में लीन अपने ही पुत्र प्रह्लाद को अपनी बहन होलिका के जरिये जिंदा जला देना चाहा था लेकिन भगवान ने भक्त पर अपनी कृपा की और प्रह्लाद के लिये बनाई चिता में स्वयं होलिका जल मरी। इसलिये इस दिन होलिका दहन की परंपरा भी है। होलिका दहन से अगले दिन रंगों से खेला जाता है इसलिये इसे रंगवाली होली और दुलहंडी भी कहा जाता है।
Thursday, 9 March 2017
आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए करे ये उपाय
आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए करे ये उपाय
arthik hani ko dur krne ke upay
काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उसार कर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें, धनहानि बंद होगी।
घर की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए घर में सोने का चौरस सिक्का रखें। कुत्ते को दूध दें। अपने कमरे में मोर का पंख रखें।
देवी लक्ष्मी के चित्र के समक्ष नौ बत्तियों का घी का दीपक जलाए¡। उसी दिन धन लाभ होगा।
अगर आप सुख-समृद्धि चाहते हैं, तो आपको पके हुए मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसके मुख पर मोली बांधकर तथा उसमें जटायुक्त नारियल रखकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।
अखंडित भोज पत्र पर 15 का यंत्र लाल चन्दन की स्याही से मोर के पंख की कलम से बनाएं और उसे सदा अपने पास रखें।
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