Friday, 24 March 2017

विदेश यात्रा का योग तो नहींआपकी हथेली में जाने

 विदेश यात्रा का योग तो नहींआपकी हथेली में जाने
videsh yatra ka yog jane hatheli se



does the lines of your palms indicate foreign tour


हाथ में विदेश यात्रा का योग है या नहीं। किसी को विदेश की यात्रा करना पसंद होता है तो किसी को वहां जाकर नौकरी करना। हमारे हाथों की लकीरें इन यात्राओं के योग को दर्शाती हैं। इस तरह की यात्राओं के लिए चन्द्र ग्रह और चन्द्र पर्वत का मुख्य योगदान है। पुराने ज्योतिष और हस्त सामुद्रिक शास्त्र में चन्द्र को समुद्री यात्रा या जल का कारक मानते थे। 

चन्द्रमा को मन का कारक भी मानते हैं। यदि हमारी हथेली में चन्द्रमा की स्थिति अच्छी नहीं है तो व्यक्ति विचलित रहता है। उसके मन में उथल-पुथल लगी रहती है। चन्द्रमा बदलाव भी देता है। ऐसा व्यक्ति कोई भी कार्य टिककर नहीं कर सकता। वह जल्दी ऊब जाता है।

हथेली में विदेश यात्रा का योग देखने के लिये हम चन्द्र पर्वत को महत्व देते हैं। देखिये आपकी हथेली में इसकी स्थिति कैसी है। अगर चन्द्र पर्वत विकसित है और अन्य रेखाएं शुभ हैं तो व्यक्ति की विदेश जाने की इच्छा पूर्ण होती है।

दोष युक्त चन्द्र पर्वत और रेखाएं इच्छापूर्ति में बाधक होती हैं। चन्द्र पर्वत पर छोटी छोटी रेखाएं छोटी और कम लम्बी यात्राएं बताती हैं। यह यात्राएं देश-विदेश दोनों में हो सकती है। कलाई से चन्द्र पर्वत पर जाने वाली रेखाएं विदेश यात्रा बताती हैं।

अगर हमारी हथेली में मत्स्य (मछली) का चिन्ह है तो विदेश से धन मिलता है। चन्द्र पर्वत पर मत्स्य का चिन्ह विदेश से आय आने के संकेत देता है।



जीवन रेखा से निकलकर चन्द्र पर्वत की ओर जाने वाली रेखा हो तो व्यक्ति विदेश में व्यापार या नौकरी करता है। लेकिन आखिर में देश में वापस आ जाता है। 


यात्रा रेखा में चतुष्कोण हो तो भी व्यक्ति विदेश जाकर बसता है। अगर ये रेखाएं निर्दोष और लंबी हो तो उसकी विदेश से आजीविका कमाने की लालसा पूरी होती है। दोषपूर्ण रेखाएं अड़चनें और परेशानियां बताती हैं।

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