नवरात्रि मां दुर्गा की पूजन विधि 2017 कैसे करे
Navratri Puja Vidhi 2017
नवरात्र जिसमें मां दुर्गा का पूजन किया जाता है। नवरात्र का अर्थ है नौ रातों का समूह, जिसमें मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है। शक्ति के लिए देवी आराधना की सुगमता का कारण मां की करुणा, दया, स्नेह का भाव किसी भी भक्त पर सहज ही हो जाता है। ये कभी भी अपने बच्चे (भक्त) को किसी भी तरह से अक्षम या दुखी नहीं देख सकती है। उनकासबसे पहले भगवान रामचंद्र ने समुंद्र के किनारे नौ दिन तक दुर्गा मां का पूजन किया था और इसके बाद लंका की तरफ प्रस्थान किया था। फिर उन्होंने युद्ध में विजय भी प्राप्त की थी, इसलिए दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है और माना जाता है कि अधर्म की धर्म पर जीत, असत्य की सत्य पर जीत के लिए दसवें दिन दशहरा मनाते हैं। नवरात्रों में मां दुर्गा का पूजन करके भक्त मनोवांछित फल पाते हैं। पुराणों में नवरात्रों की महिमा का बहुत सुंदर गुणगान मिलता है। स्वयं ब्रह्मदेव ने मां के नवरात्रों की महिमा बृहस्पति देव को बताते हुए उस ब्राह्मण पुत्री के बारे में कथा सुनाई जिसने सबसे पहले देवी दुर्गा के नवरात्र का उपवास रखा था। नवरात्रों में घर पर पूजा करने का विशेष विधान होता है, इन दिनों कुछ बातों का ध्यान रखने से मां दुर्गा जल्द ही प्रसन्न हो जाती हैं और अपने भक्तों पर आशीर्वाद बनाए रखती हैं।
अपने घर के मंदिर में मां दुर्गा की एक मूर्ति रखें। मां की मूर्ति के ऊपर उनके पसंदीदा फूलों की माला पहनानी चाहिए। इसके बाद हल्दी, सिंदूर, लाल फूल, बेलपत्र और पीले चावल चढ़ाएं। अब आप किसी साफ बर्तन में अच्छे जगह की मिट्टी को डालें। उस मिट्टी से भरे बर्तन में जौ के बीज डालें। अब आप कलश स्थापना करें।अब उस कलश में सिक्के, कशेली और उसके ऊपर आम के पत्ते यानि की छोटी सी टहनी डाल दें। कर एक मिट्टी के प्लेट से ढंक दें। अब इस प्लेट में जौं या धान डालकर इसके ऊपर रखें। अब एक सूखे नारियल के ऊपर लाल कपड़े लपेंटे और उसे इसके ऊपर रखें। साथ ही कलश के नीचे दिया जलाएं, ध्यान रहे दिए के निचे थोड़े से रंगे हुए पीले चावल जरूर डाल दें। कलश के मुंह के ऊपर लाल धागे (मौली) को लपेटें। अब आप नौं दिन तक उस कलश को मां के मूर्ति के सामने रहने दें। अब वहां गंगाजल छिड़कें। अब आप एक अखंड दीप जलाएं जो पूरे नौ दिन तक और रात जलने चाहिए। मां के सामने मिठाई, फल, और घर का बना नवरात्र का व्यंजन रखें। इसके अलावा, मां के सामने देवी स्तुति और दुर्गा कवच पढ़े। बाद में पान के पत्ते पर कपूर डालकर मां दुर्गा की आरती करें। मां को भोग लगाए हुए प्रसाद को घर के सभी लोगों को खिलाएं।
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