Monday, 11 September 2017

मालाएं जो आपका भाग्य बदल दे


मालाएं जो आपका भाग्य बदल दे malaye jo aapka bhagy badlde 


मालाएं कई प्रकार की होती हैं जैसे रत्नों की, बीज कीएवं धातुओं की आदि। कुछ को हम आभूषण के रूप में धारण करते हैं तो कुछ को मन एवं एकाग्रता के लिए न केवल गले में धारण करते हैं हाथों से जाप करने के प्रयोग में भी लाते हैं। माला आपका भाग्य बदल भी सकती है और भाग्य का नाश भी कर सकती है। आपको माला कौन सी और कब धारण करना चाहिए,तो आप इन विशेष प्रकार की मालाओं के ये उपाय अपनाकर अपना भाग्य बदल सकते हैं।
  कौन सी माला पहने का क्या  लाभहोता है ---
रुद्राक्ष की माला
 रुद्राक्ष की माला एक से लेकर चौदहमुखी रुद्राक्ष की माला बनाई जाती है।  108 दानों की माला पहनने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। पद्म पुराण, शिव महापुराण अनुसार इसे पहनने वाले को शिवलोक मिलता है।
Image result for मालाएंशिवपुराण में कहा गया है-
यथा च दृश्यते लोके रुद्राक्ष: फलद: शुभ:।
न तथा दृश्यन्ते अन्या च मालिका परमेश्वरि।।
अर्थात : विश्व में रुद्राक्ष की माला की तरह दूसरी कोई माला फल देने वाली और शुभ नहीं है।
श्रीमद् देवी भागवत में लिखा है-
रुद्राक्ष धारणच्च श्रेष्ठ न किचदपि विद्यते।
अर्थात : विश्व में रुद्राक्ष धारण से बढ़कर कोई दूसरी चीज नहीं है। रुद्राक्ष की माला श्रद्धा से पहनने वाले इंसान की आध्याामित्मक तरक्की होती है।
रुद्राक्ष
यह सर्वकल्याणकारी, मंगल प्रदाता एवं आयुष्यवद्र्धक है। पंचमुखी रुद्राक्ष मेष, धनु, मीन, लग्न के जातकों के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है। यह माला सामान्यत: सभी मंत्रों के जप के लिए उपयोगी मानी गई है। रुद्राक्ष की छोटे दानों की माला अधिक शुभ मानी जाती है।
मूंगे की माला
Image result for मूंगा मालामूंगे के पत्थरों से बनाई गई इस माला से मंगल ग्रह की शांति होती है, विशेषकर मेष और वृाqश्चक राशि के जातकों के लिए उपयोगी मानी गई है। मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है अर्थात मूंगा धारण करने से मंगल ग्रह से संबंधित सभी दोष दूर हो जाते हैं। मूंगा धारण करने से रक्त साफ होता है तथा रक्त से संबंधित सभी दोष दूर हो जाते हैं। मूंगा धारण करने से मान-स्वाभिमान में वृद्धि होती है एवं मूंगा धारण करने वाले पर भूत-प्रेत तथा जादू-टोने का असर नहीं होता। मूंगा धारण करने वाले की व्यापार या नौकरी में उन्नति होती है। मूंगे को सोने या तांबे में पहनना अच्छा माना जाता है।
नवरत्न की माला
Image result for नवरत्न मालाज्योतिष शास्त्र की भारतीय पद्धति में सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु को ही मान्यता प्राप्त है। असली नवरत्न माला में अनेक गुण पाए जाते हैं। इसे धारण करने मात्र से अनेक सफलता एवं सिद्धियां प्राप्त होती हैं। प्रत्येक ग्रह को नवग्रहों में से किसी एक ग्रह विशेष से संबद्ध किया गया है। इस माला में सारे ग्रहों के रत्नों को समाहित किया गया है। इस माला को धारण करने से अनेक लाभ हैं, जैसे यश, सम्मान, वैभव, भौतिक समृद्धि में लाभ के अलावा कफ रोग, शीत रोग, ज्वर रोग आदि रोगों में भी लाभ मिलता है।

Image result for वैजयंती के बीजों की मालावैजयंती के बीजों की माला
वैजयंती का बहुत ही सौभाग्यशाली वृक्ष होता है। मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में वैजयंती के बीजों की माला धारण करना बहुत ही शुभ फलदायक है। इस माला को धारण करने के बाद ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव खत्म हो जाता है, खासकर शनि का दोष समाप्त हो जाता है। इसको धारण करने से नई शक्ति तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। मानसिक शांति प्राप्त होती है जिससे व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में मन लगाकर कार्य करता है। इस माला को किसी भी सोमवार अथवा शुक्रवार को गंगाजल या शुद्ध ताजे जल से धोकर धारण करना चाहिए।
Image result for कमल के बीजों की मालाकमल के बीजों की माला
कमल के फूल का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। कमल पुष्प के बीजों की माला को कमल गट्टे की माला कहा जाता है। इस माला को धारण करने वाला शत्रुओं पर विजयी होता है। मां काली की उपासना के लिए काली हल्दी अथवा नीलकमल की माला का प्रयोग करना चाहिए। माता लक्ष्मी की उपासना के लिए कमल गट्टे की माला शुभ मानी गई है। इसको धारण करने से लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अक्षय तृतीया, दीपावली, अक्षय नवमी के दिन इस माला से कनकधारा स्तोत्र का जप करने वाले को धनलाभ के अवसर मिलते रहते हैं।
Image result for तुलसी के बीजों की मालातुलसी के बीजों की माला
तुलसी के बीजों की माला बहुत ही लाभदायक होती है। तुलसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। श्यामा तुलसी और रामा तुलसी। श्यामा तुलसी अपने नाम के अनुसार ही श्याम वर्ण की होती है तथा रामा तुलसी हरित वर्ण की होती है। तुलसी और चंदन की माला विष्णु, राम और कृष्ण से संबंधित जपों की सिद्धि के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसके लिए मंत्र ‘ॐ विष्णवै नम:’ का जप श्रेष्ठ माना गया है। मांसाहार आदि तामसिक वस्तुओं का सेवन करने वाले लोगों को तुलसी की माला धारण नहीं करनी चाहिए।

तुलसी के बीजों की माला के अन्य लाभ
तुलसी की माला में विद्युत शक्ति होती है। इस माला को पहनने से यश, र्कीित और सौभाग्य बढ़ता है। शालिग्राम पुराण में कहा गया है कि तुलसी की माला भोजन करते समय शरीर पर होने से अनेक यज्ञों का पुण्य मिलता है। जो भी कोई तुलसी की माला पहनकर नहाता है, उसे सारी नदियों में नहाने का पुण्य मिलता है। तुलसी की माला पहनने से बुखार, जुकाम, सिरदर्द, चमड़ी के रोगों में भी लाभ मिलता है। संक्रामक बीमारी और अकाल मौत भी नहीं होती, ऐसी र्धािमक मान्यता है। तुलसी माला पहनने से व्यक्ति की पाचन शक्ति, तेज बुखार, दिमाग की बीमारियों एवं वायु संबंधित अनेक रोगों में लाभ मिलता है।
Image result for लाल चंदन की मालालाल चंदन की माला
चंदन २ प्रकार के पाए जाते हैं- रक्त एवं श्वेत। चंदन का गुण शीतल है। यदि आपको सर्दी की शिकायत रहती है तो इसे धारण न करें। मां दुर्गा की उपासना रक्त चंदन की माला से करना चाहिए। इससे मंगल ग्रह के दोष भी दूर होते हैं। तुलसी और चंदन की माला विष्णु, राम और कृष्ण से संबंधित जपों की सिद्धि के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसके लिए मंत्र ‘ॐ विष्णवै नम:’ का जप श्रेष्ठ माना गया है। चंदन की माला धारण करने से नौकरीपेशा में उन्नति तो होती ही है, सभी लोग ऐसे व्यक्ति से खुश रहते हैं और सभी उसके मित्र बने रहते हैं। ऐसे व्यक्ति को सभी ओर से सहयोग प्राप्त होता रहता है। चंदन कई रोगों को शांत करता है, जैसे तृषा, थकान, रक्तविकार, दस्त, सिरदर्द, वात पित्त, कफ, कृमि और वमन आदि।
Image result for लाल चंदन की मालासफेद  चंदन की माला
 सफेदचंदन की माला से महासरस्वती, महालक्ष्मी मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जप करना विशेष शुभ फलप्रद होता है। इसके अतिरिक्त इस माला को मानसिक शांति एवं लक्ष्मी प्रााqप्त के लिए भी गले में धारण करने से लाभ होता है।






स्फटिक माला
Image result for मालाएंस्फटिक पत्थर देखने में कांच जैसा प्रतीत होता है। स्फटिक पत्थर से विशेष किंटगदार मनके बनाकर मालाएं भी बनाई जाती हैं, जो अत्यंत आकर्षक होने के बावजूद अल्प मोली होती हैं। स्फटिक की माला धारण करने से शुक्र ग्रह दोष दूर होता है। माता लक्ष्मी की उपासना के लिए स्फटिक की माला शुभ मानी गई है। स्फटिक पंचमुखी ब्रह्मा का स्वरूप है। इसके देवता कालााqग्न हैं। इसके उपयोग से दु:ख और दारिद्र नष्ट होता है। पुण्य का उदय होता है शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त होता है एवं यह पाप का नाशक है।सोमवार को स्फटिक माला धारण करने से मन में पूर्णत: शांति की अनुभूति होती है एवं सिरदर्द नहीं होता। शनिवार को स्फटिक माला धारण करने से रक्त से संबंधित बीमारियों में लाभ होता है। 
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मोती, सीप या शंख माला
Image result for मोती, सीप या शंख मालामोती, शंख या सीप की माला धारण करने वाले को संसार के समस्त प्रकार के लाभ मिलते हैं। इसके पहनने से चन्द्रमा संबंधी सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। यह माला विशेषकर कर्क  राशि के जातकों के लिए उपयोगी मानी जाती है।
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जामुन की गुठली की माला
जामुन की माला प्राय: मकर व कुम्भ  राशि के जातकों के लिए उपयोगी मानी गई है। माना जाता है कि इसको धारण करने से शनि से संबंधित सभी दोष नष्ट हो जाते हैं।


हल्दी की माला
Image result for हल्दी की मालाइस माला को हरिद्रा की गांठ से र्नििमत किया जाता है। इस माला का विशेष उपयोग पीतांबरा देवी, बगलामुखी मंत्र के जप-अनुष्ठान में किया जाता है। हल्दी की माला विशेषकर धनु एवं मीन राशि वाले जातकों के लिए उपयोगी मानी गई है। हल्दी की माला भाग्य दोष का हरण करती है। हल्दी की माला धन एवं कामना र्पूित और आरोग्यता के लिए श्रेष्ठ है। ऐसा माना जाता है कि पीलिया से पीड़ित व्यक्ति को हल्दी की माला पहनाने से पीलिया समाप्त हो जाता है। यदि गुरु को बलवान बनाना है तो यह माला धारण करें। इसको धारण करने से गुरु ग्रह संबंधित सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। भगवान गणेश की उपासना के लिए हल्दी और दूब की माला लाभकारी होती है और बृहस्पति के लिए हल्दी की माला का प्रयोग करें। शत्रु बाधा निवारण के लिए इस माला पर बगलामुखी देवी के मंत्र का जाप किया जाता है। बृहस्पति ग्रह के मंत्र का जाप करने से भी शुभ फल प्राप्त होता है।

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