कुंडली मे कही ये योग तो नहीं जो आप को पूरे जीवन परेशान करे जाने
kundli me khi ye yog to nahi jo aap ko pure jivan pareshan kre
1).चांडाल योग=गुरु के साथ राहु या केतु हो तो जातक बुजुर्गों का एवम् गुरुजनों का निरादर करता है ,मोफट होता है,तथा अभद्र भाषा का प्रयोग करता है.यह जातक पेट और श्वास के रोगों से पीड़ित हो सकता है
2).सूर्य ग्रहण योग=सूर्य के साथ राहु या केतु हो तो जातक को हड्डियों की कमजोरी, नेत्र रोग, ह्रदय रोग होने की संभावना होती है ,एवम् पिता का सुख कम होता है
3). चंद्र ग्रहण योग=चंद्र के साथ राहु या केतु हो तो जातक को मानसिक पीड़ा एवं माता को हानि पोहोंचति है
4).श्रापित योग -शनि के साथ राहु हो तो दरिद्री योग होता है सवा लाख महा मृत्युंजय जाप करें.
5).पितृदोष- यदि जातक को 2,5,9 भाव में राहु केतु या शनि है तो जातक पितृदोष से पीड़ित है.
6).नागदोष - यदि जातक को 5 भाव में राहु बिराजमान है तो जातक पितृदोष के साथ साथ नागदोष भी है.
7).ज्वलन योग- सूर्य के साथ मंगल की युति हो तो जातक ज्वलन योग(अंगारक योग) से पीड़ित होता है
8).अंगारक योग- मंगल के साथ राहु या केतु बिराजमान हो तो जातक अंगारक योग से पीड़ित होता है.
9).सूर्य के साथ चंद्र हो तो जातक अमावस्या का जना है(अमावस्या शान्ति करें).
10).शनि के साथ बुध = प्रेत दोष.
11).शनि के साथ केतु = पिशाच योग.
12).केमद्रुम योग- चंद्र के साथ कोई ग्रह ना हो एवम् आगे पीछे के भाव में भी कोई ग्रह न हो तथा किसी भी ग्रह की दृष्टि चंद्र पर ना हो तब वह जातक केमद्रुम योग से पीड़ित होता है तथा जीवन में बोहोत ज्यादा परिश्रम अकेले ही करना पड़ता है.
13).शनि + चंद्र=विषयोग शान्ति करें
14).एक नक्षत्र जनन शान्ति -घर के किसी दो व्यक्तियों का एक ही नक्षत्र हो तो उसकी शान्ति करें.
15).त्रिक प्रसव शान्ति- तीन लड़की के बाद लड़का या तीन लड़कों के बाद लड़की का जनम हो तो वह जातक सभी पर भारी होता है
16).कुम्भ विवाह= लड़की के विवाह में अड़चन या वैधव्य योग दूर करने हेतु.
17).अर्क विवाह = लड़के के विवाह में अड़चन या वैधव्य योग दूर करने हेतु.
18).अमावस जन्म- अमावस के जनम के सिवा कृष्ण चतुर्दशी या प्रतिपदा युक्त अमावस्या जन्म हो तो भी शान्ति करें
19).यमल जनन शान्ति=जुड़वा बच्चों की शान्ति करें.
No comments:
Post a Comment