जामुनिया या एमेथेस्ट स्टोन के चमत्कारी फायेदे
jamuniya ya t Amethyst Stone ke chamatkari phayede
इसका रंग जामुन के रंग जैसा होता है इसलिए इसका नाम जामुनिया(कठेला)पड़ा। यह बैंगनी रंग का पत्थर है जोकि सेमीप्रीसियस स्टोन्स की कैटेगरी में आता है।अंग्रेजी में इसे एमेथेस्ट कहते हैं।
कठेला शनि से संबंधित है और शनि के रत्न नीलम के उपरत्न के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। नीलम की तरह ही यह कुंभ (एक्वेरियन) और मकर (कैपरिकॉन) का रत्न है। इसलिए जामुनिया को धारण करने से शनि के दोषों और गलत प्रभावों से छुटकारा मिलता है और पहनने वाले को धन, सम्मान और अच्छी सेहत मिलती है
जामुनियासे लाभ: कठेला शनि का रत्न है जो कि ‘न्याय’ और ‘मानवता’ का ग्रह है। अत: इस रत्न को पहनने से धन, सम्मान और मानसिक शांति मिलती है। शनि ढइया, शनि साढ़े साती और शनि महादशा के समय में इसके गलत प्रभावों से बचाने के लिए नीलम के स्थान पर जामुनिया धारण किया जा सकता है।
कठेला धारण करने से कार्य क्षेत्र में भी प्रगति होती है क्योंकि यह निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है जिससे प्राप्त अवसरों का ज्यादा लाभ उठाया जा सकता है। यह रत्न मेहनती बनाता है और ऐसा देखा गया है कि इसके धारण करने से व्यक्ति काम के प्रति ज्यादा डेडिकेटेड हो जाता है और अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझता है।
शनि से संबंधित अंगो जैसे घुटना, रीढ़ की हड्डी और कन्धे की तकलीफें भी कठेला पहनने से कम होती हैं।
खरीदने समय ध्यान देने योग्य बातें:ज्योतिष विज्ञान के अनुसार कठेला पहनने वाले व्यक्ति को यह रत्न उसके वजन के दसवें हिस्से के बराबर ही धारण करना चाहिए। और उन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए जो किसी भी रत्न को खरीदने समय होनी चाहिए जैसे रत्न की चमक अच्छी होनी चाहिए, वो कहीं से टूटा या उसमें किसी प्रकार का स्क्रेच न हो, उसके साथ किसी भी प्रकार की छेड़-छाड़ न की गई हो
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