don"t make these 5 mistak
सफलता चाहें तो न करें ये 5 गलतियां
कौन सी 5 गलतियां न करें। शास्त्रों में लिखा गया है कि -
अविद्यास्मितारागद्वेषाभिनिवेशा: क्लेशा:।।
मतलब है कि इन पांच गलत बातों के सोच-विचार पर हावी होते ही गलतियां व पाप होते हैं, ये पांच क्लेश भी कहलाते हैं-
अविद्या - अज्ञानता का रूप है। सरल शब्दों में समझें तो हर स्थिति और विषय को लेकर सही समझ का अभाव। इससे बुरे कर्म या सोच में भी सुख और सुकून मिलता है, इसके नतीजे पाप के रूप में सामने आते हैं।
अस्मिता - मैं या अहं भाव। इसे मन, मस्तिष्क व विचारों को जकडऩे वाला माना गया है। रावण, हिरण्यकशिपु या कंस भी इस दोष की वजह से पाप कर्म में लिप्त होकर दुर्गति को प्राप्त हुए।
राग - आसक्ति का ही एक नाम, जो अच्छे-बुरे की समझ से दूर कर इंद्रिय असंयम का कारण बन पाप करवाती है।
द्वेष - मनचाहा न होने पर दु:खी और क्रोधित होने का भाव, जिससे कर्म, विचार और व्यवहार में दोष पैदा होता है।
अभिनिवेश - मौत का डर। हर इंसान यह जानते हुए भी कि मृत्यु अटल है, इससे बचने के लिए किसी न किसी रूप में तन, मन या धन का गलत उपयोग कर पाप कर्म करता है।
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