Wednesday, 6 March 2013

dunia ke tap ya dukhyo se mukti karane vale sirf ye tine log

dunia ke tap ya dukhyo  se  mukti karane  vale  sirf ye tine log




 दुनिया के ताप या 

दुखों से मुक्ति कराने वाले सिर्फ ये तीन लोग 





 दुनिया के ताप या दुखों से मुक्ति कराने वाले सिर्फ ये तीन लोग

जीवन के दो पहलु हैं सुख और दुख। या तो कोई व्यक्ति सुखी हो सकता है या दुखी। हमारा पूरा जीवन इन्हीं दो अवस्थाओं के बीच ही चलता रहता है। यदि कोई व्यक्ति दुखी है तो उन्हें किन लोगों से सुख प्राप्त हो सकता है, इसका उत्तर दिया आचार्य चाणक्य ने-


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि...
संसार तापदग्धानां त्रयो विश्रान्तिहेतव:।
अपत्यं च कलत्रं च सतां संगतिरेव च।।
आचार्य कहते हैं संसार या इस दुनिया के ताप या दुखों से मुक्ति कराने वाले सिर्फ ये तीन लोग हो सकते हैं। ये तीन लोग हैं- पुत्र, आसपास के सज्जन लोग और पत्नी।

इस जीवन की चाहे जैसी भी परेशानी हो या दुख हो उसका हल निकाला जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति किसी समस्या में उलझा हुआ है तो उसकी पत्नी उसे सही रास्ता दिखा सकती है या उसका इंसान पुत्र कुछ मदद कर सकता है। इनसे भी बात न बने तो उस व्यक्ति के आसपास रहने वाले उसके शुभ चिंतक कोई मदद कर सकते हैं। ये तीन लोग हर समस्या का समाधान कर सकते हैं और व्यक्ति को सुख प्रदान करते हैं। किसी व्यक्ति की पत्नी यदि समझदार, गुणी और विनम्र स्वभाव से है तो उसे हर कदम मजबूत सहयोग प्राप्त होगा। साथ ही अच्छे मित्र और शुभ चिंतक रिश्तेदार भी बुरा समय दूर करने में सहायक हो सकते हैं।

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